26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day 2023 Essay in Hindi

essay 26 january in hindi

गणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक साथ मिलकर बहुत ही उत्साह के साथ मनाता है। भारत के लोगों के लिये 26 जनवरी का दिन गणतंत्र का दिन है। यह महत्वपूर्णं इसलिये क्योकि 26 जनवरी 1950 को ही हमारे देश का संविधान लागू किया गया था तब से हर साल हम गणतंत्र दिवस से रूप में मना रहे हैं। आईए इस निबंध के द्वारा अपने बच्चों को हम इससे जुड़े हुए इतिहास के बारे में बताते हैं। आपको बता दें कि ये निबंध बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है जिससे इसको बच्चे आसानी से समझ सकें। साथ ही ये इंटरनेट पर अभिभावकों को विभिन्न शब्द सीमा के साथ मिलेगा। Republic Day Essay in Hindi इस पेज से प्राप्त करें।

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day Essay in Hindi

लंबे समय तक हमारी मातृभूमि भारत पर ब्रिटीश शासन का राज रहा है। और भारत के लोगों ने सालों तक गुलामी की है। जिसके कारण भारत के लोगों को ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों का पालन करना पड़ता था।

लंबे संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिलाई। आजादी के लगभग ढाई साल बाद यानी कि 26 जनवरी 1950 को भारत देश ने अपना संविधान लागू कर दिया। और भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित कर दिया।

भारतीय संविधान को हमारी संसद ने लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को पास किया गया। भारत ने खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित कर दिया। जिसके बाद 26 जनवरी को भारत के लोगों द्वारा गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

लगभग ढाई साल का समय लगने के बाद तैयार हुआ संविधान

आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया था। डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। लगभग तीन साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को खत्म हो गई। और इसको लागू कर दिया गया।

गणतंत्र दिवस मनाना है सम्मान की बात

भारत में रह रहे लोगों और साथ ही विदेश में भी रहने वाले भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना बहुत ही सम्मान की बात है। स्कूलों में, कॉलेजों में, अॉफिस में आदि हर जगह 26 जनवरी को भारत देश का झंडा फहराया जाता है और काफी सारे प्रोग्राम होते हैं, जिनकी तैयारी महीनो पहले से होने लगती हैं। भारत के लोग 26 जनवरी को पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। सुरक्षा कारणों से लोगों की आवाजाही को इंडिया गेट पर रोक दिया जाता है।

पूरा भारत जन गण मन गण से गूंजता है

26 जनवरी के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी एक बडे पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध किया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है। जो कि हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। और अंत में पूरा भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।

गणतंत्र दिवस लेखन हिंदी में

  • गणतंत्र दिवस भाषण
  • गणतंत्र दिवस निबंध
  • गणतंत्र दिवस सन्देश
  • गणतंत्र दिवस शायरियाँ

देश की हर गली में हम तिरंगा फहराएंगे, गणतंत्र दिवस का यह त्यौहार हम शान से मनाएंगे।

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Updated On: September 02, 2024 06:38 pm IST

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गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day)

गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) - 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारत का गणतंत्र दिवस उस तारीख को चिह्नित करता है जब 1950 में भारत के संविधान को लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसलिए इस दिन को हर जाति और संप्रदाय के लोग बड़े सम्मान और उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन स्कूल, कॉलेजों, सरकारी दफ्तर में झण्डारोहण कर गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है। स्कूल-कॉलेजों में बच्चों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम, भाषण आदि भी प्रस्तुत किये जाते है। गणतंत्र दिवस (Republic Day) 26 जनवरी को मनाया जाता है और यह उस दिन को चिन्हित करता है जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसलिए उस दिन से 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह भारत के तीन राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है, अन्य दो गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस हैं। इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस लेख के द्वारा स्कूलों में दिये गये गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) लिखना सीख सकते है अक्सर बच्चों को गणतंत्र दिवस का महत्व समझाने के लिए 26 जनवरी पर निबंध (Essay on 26th January in Hindi) लिखने को कहा जाता है। जिसके द्वारा बच्चों को गणतंत्र दिवस के महत्व (Importance of Republic Day) को समझा सके। ये भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण

गणतंत्र दिवस पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Republic Day in 100 words)

गणतंत्र दिवस पर हिदीं निबंध (Hindi Essay on Republic Day): भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत गर्व और उत्साह के साथ मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। यह उस दिन का प्रतीक है जब भारत वास्तव में स्वतंत्र हुआ और लोकतंत्र को अपनाया। दूसरे शब्दों में, यह उस दिन का जश्न मनाता है जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। आजादी के लगभग 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को हम एक धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गए। ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस पर निबंध भारतीय हर साल 26 जनवरी को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग अपना धर्म, जाति, लिंग भूल कर इस दिवस को मनाते हैं। यह पूरे देश को एक साथ लाता है। यह सचमुच हमारे देश की विविधता को दर्शाता है। भारत की राजधानी, नई दिल्ली, इसे गणतंत्र दिवस परेड के साथ मनाती है जो भारतीय सेना की ताकत और हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। ये परेड अन्य शहरों में भी होती हैं, जहाँ बहुत सारे स्कूल भाग लेते हैं। बच्चों और पेशेवरों को इतना प्रयास करते हुए देखना खुशी की बात है। जिस तरह से वे परेड की शोभा बढ़ाते हैं उससे किसी को भी अपने देश पर गर्व होता है। इस दिन हम राष्ट्रीय ध्वजारोहण भी करते हैं। नई दिल्ली में, भारत के राष्ट्रपति द्वारा हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद, सैन्य बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके अलावा सभी स्कूलों में इस दिन बडें ही धूम-धाम से बच्चों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम, भाषण कवितायें आदि प्रस्तुत किये जाते है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह दिन हर भारतवासियों के लिए बहुत ही गर्व का दिन होता है। हालांकि यह बहुत खुशी का दिन है, हमें स्वतंत्रता के उस संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए जिसमें हमारे पूर्वजों ने भाग लिया था।

गणतंत्र दिवस पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Republic Day in 500 words)

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day in Hindi): भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम भारत जैसे देश के नागरिक हैं जो गणतांत्रिक होने के साथ-साथ लोकतांत्रिक भी है और जहाँ सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं।

गणतंत्र दिवस पर हिदीं निबंध (Hindi Essay on Republic Day) - गणतंत्र दिवस का इतिहास

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day): 15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन से आजादी तो मिल गई, लेकिन हमारे देश में अभी भी एक ठोस संविधान का अभाव था। इसके अलावा, भारत के पास कोई विशेषज्ञ और राजनीतिक शक्तियाँ भी नहीं थीं जो राज्य के मामलों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करतीं। तब तक, 1935 के भारत सरकार अधिनियम को मूल रूप से शासन करने के लिए संशोधित किया गया था। हालांकि, वह अधिनियम औपनिवेशिक शासन की ओर अधिक झुका हुआ था। इसलिए, एक विशेष संविधान बनाने की सख्त जरूरत थी जो भारत के सभी विचारों को प्रतिबिंबित करें। इस प्रकार, डॉ. बीआर अंबेडकर ने 28 अगस्त, 1947 को एक संवैधानिक मसौदा समिति का नेतृत्व किया। मसौदा तैयार करने के बाद, इसे 4 नवंबर, 1947 को उसी समिति द्वारा संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया। यह पूरी प्रक्रिया बहुत विस्तृत थी और इसमें 166 दिन लग गए। इसके अलावा, समिति द्वारा आयोजित सत्र जनता के लिए खुले रखे गए थे। चुनौतियों और कठिनाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारी संवैधानिक समिति ने सभी के अधिकारों को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसका उद्देश्य सही संतुलन बनाना था ताकि देश के सभी नागरिक अपने धर्म, संस्कृति, जाति, लिंग, पंथ और अन्य से संबंधित समान अधिकारों का आनंद ले सकें। आख़िरकार उन्होंने 26 जनवरी 1950 को देश के सामने आधिकारिक भारतीय संविधान प्रस्तुत किया।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) - गणतंत्र दिवस समारोह

26 जनवरी का दिन भारत के लिए गौरवमय दिन है। इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं। विद्‌यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है। बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं। विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं। लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। देशवासी देश की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बताता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ता है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ। इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे। गणतंत्र दिवस के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी एक बड़े पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध किया जाता है औक बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है। जो कि हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। अंत में पूरे भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।

गणतंत्र दिवस के दिन हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने भारत देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे तथा हमेशा एकजुट होकर रहेंगे। भारत को विश्वव्यापी ताकत बनाने का जो सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था उसे हमें हर हाल में पूरा करना होगा। ये ही गणतंत्र की असली पहचान होगी।

26 जनवरी पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Republic Day in 10 Lines)

  • भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ।
  • भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना गया है।
  • गणतंत्र दिवस राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र ध्वज का ध्वजारोहण होता है।
  • भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है।
  • 26 जनवरी को विद्यालयों और अन्य शिक्षण और सरकारी संस्थानों में झंडा फहराया जाता है।
  • 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है।
  • इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं व अपने तरीके से गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाते है।
  • इस दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर का अवकाश होता है।
  • हमे अपने गणतंत्र और देश के कानून का सम्मान करना चाहिए।

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भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य के जन्म के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी 'गणतंत्र दिवस' समारोह 26 जनवरी, 2024 को गौरवपूर्ण ढंग से आयोजित करने तथा राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रातः 10:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया है।

75वें गणतंत्र दिवस 2024 की थीम हैं: 'विकसित भारत' और 'भारत – लोकतंत्र की मातृका' है।

26 जनवरी 1950 के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में भारत का 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।

इस वर्ष देश में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।

26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक थे।

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essay 26 january in hindi

भारत के लिए गौरवमय दिन “गणतंत्र दिवस” पर निबंध

26 January Republic Day Essay in Hindi

26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस – Republic Day के रुप में मनाते हैं। इस दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और उसी दिन से  हमारा भारत देश एक लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु और समाजवादी गणराज्य बन गया था, इसलिए इस दिन को सभी भारतीय मिलजुल कर राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस का दिन सभी भारतीयों के लिए बेहद सम्मानजनक एवं गौरवशाली दिन है। वहीं इस दिन की महत्वता को आज की युवा पीढ़ी को समझाने के लिए गणतंत्र दिवस के विषय पर स्कूलों में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –

भारत के लिए गौरवमय दिन “गणतंत्र दिवस” पर निबंध – 26 January Republic Day Essay in Hindi

26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन से हमारे देश में नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। गणतंत्र दिवस के इतिहास (Republic day History) और इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे आज हम आपको गणतंत्र दिवस पर लिखे गए निबंध (Gantantra Diwas par Nibandh) के द्धारा बताएंगे।

26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था संविधान – Constitution of India

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के काफी संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था, इससे पहले भारतीयों को अंग्रेजी शासकों के अत्याचार का दंश झेलना पड़ता था और ब्रिटिश शासकों की गुलामी करनी पड़ती थी।

ब्रिटिश शासक जो भी नियम कानून बनाते थे, भारतीय जनता को मजबूरीवश उनका पालन करना पड़ता था, जिसको देखते हुए हमारे देश के वीर सपूतों ने काफी वर्षों तक आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राणों की भी आहुति दे दी।

जिसके परिणामस्वरूप हमारा भारत देश, अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हो सका। लेकिन, आजादी के बाद भी भारत एक स्वशासित देश नहीं था। स्वतंत्रता के करीब ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने खुद का संविधान लागू किया और भारत ने खुद को एक प्रजातांत्रिक, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।

भारतीय संविधान को हमारी संसद ने करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को पास किया और उसी दिन से हमारा देश भारत को सम्पूर्ण प्रमुख समाजवादी, लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित कर दिया गया।

इस घोषणा के बाद 26 जनवरी को हर साल भारत के लोग गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं।

संविधान तैयार करने में लगा करीब ढाई साल का समय – Time Taken for Constitution of India

भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में विभाजित है। आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया था।

डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। करीब ढ़ाई साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और काफी इंतजार के बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया।

हमारे संविधान ने देश के हर नागिरक को समान अधिकार दिए हैं, स्त्री-पुरुष में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया। सभी को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार दिया, इसके साथ ही समाज में फैली छुआछूत जैसे समस्या को जड़ से खत्म किया।

महिलाओं को अधिकार दिलवाए और देशवासियों को सर्वोच्च शक्ति प्रदान की। भारतवासियों को अपने राजनेता को चुनने का अधिकार दिया, जिससे सही दिशा में देश का विकास हो सके।

26 जनवरी के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत होता है वातावरण – Republic Day celebration

गणतंत्र दिवस के पावन मौके पर कई सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में ध्वजारोहण होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है, भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।

इसके साथ ही इस मौके पर भारत के वीर सपूतों और महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को याद किया जाता है और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली दी जाती है। इस दिन पूरा भारत राष्ट्रगान ‘ जन-गण-मन ‘ से गूंजता है।

इसके साथ ही वंदे मातरम , जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।

गणतंत्र दिवस परेड का होता है आयोजन – Republic day Parade

भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के मौके पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। वहीं भारत की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर शहीद ज्योति की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं और उन्हें श्रद्धांजली दी जाती है।

खास तौर पर 26 जनवरी के दिन दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती है, जिसमें देश और विदेश के गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है।

इस परेड में तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल और नभ) के प्रमुख, द्धारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है। इसके अलावा सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाता है।

परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है। इसके अलावा इस दौरान दिल्ली के राज-पथ पर अलग-अलग राज्यों की झाकियां भी निकाली जाती हैं। पुरस्कार वितरण होता है, मार्च पास्ट आदि क्रियाएं भी होती है। इसकी तैयारियां काफी दिन पहले से ही होने लगती है।

गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और हर भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है। बच्चों में इस दिन को लेकर खास उत्साह होता है।

इस दिन आयोजित कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थ‍ियों का सम्मान एवं पुरस्कार भी दिया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है।

इन दिन को लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं और देश के वीर सपूतों को याद करते हैं। वहीं इस सम्मान के दिन पर हर भारतीय यह प्रण लेते है कि वो अपने संविधान की रक्षा करेंगे और देश की समरसता, शांति और सद्भाव बनाये रखेंगे और देश के विकास में अपना सहयोग करेंगे, जिससे हमारा देश भारत, सफलता की नई ऊंचाइंयों को छुए और दुनिया का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली देश बने।

जय हिन्द, जय भारत !

गणतंत्र दिवस पर निबंध – Gantantra Diwas Par Nibandh

26 जनवरी के दिन ही हमारे भारत देश का संविधान लागू हुआ था और हमारा देश एक स्वतंत्र, लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था। इसलिए इस दिन को सभी भारतवासियों द्धारा गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले पर देश के राष्ट्रपति द्धारा झंडा फहराया जाता है एवं दिल्ली के राजपथ पर भारत की तीनों सेनाओं द्धारा विशाल परेड का आयोजन किया जाता है। यह दिन देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में भी मद्द करता है।

गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाते हैं – Why We Celebrate Republic Day

26 जनवरी को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन साल 1950 में हमारे भारत देश में डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद समेत देश के कई महान नेताओं के काफी प्रयासों के बाद संविधान लागू किया गया था यानि कि भारत में कानून राज की शुरुआत हुई थी।

इसी दिन भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक, प्रजातांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित किया था। भारतीय संसद में दुनिया के इस सबसे बड़े हस्तलिखित भारतीय संविधान को करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन के बाद इसी दिन साल 1950 में पास किया गया था, तब से लेकर आज तक इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।  

वहीं 26 जनवरी के दिन से जुड़ा यह ऐतिहासिक तथ्य भी काफी महत्वपूर्ण है कि दिसंबर, साल 1929 में लाहौर में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।

कांग्रेस के इस अधिवेशन में इस बात की घोषणा की गई कि अगर ब्रिटिश हुकूमत द्धारा 26 जनवरी, 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन (डोमीनियन स्टेटस) नहीं दिया जाता तो, इसके बाद भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगा।

लेकिन बावजूद इसके 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने इस मुद्दों को लेकर जब कोई जवाब नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन से पूरी तरह से आजाद होने के लक्ष्य के साथ अंग्रेजों के खिलाफ अपने क्रांतिकारी और सक्रिय आंदोलन की शुरुआत कर दी।

26 जनवरी के दिन ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रावि नदी के तट पर तिरंगा फहराया था। जिसके बाद भारत में 26 जनवरी 1930 को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया गया था और उस दिन से 1947 तक देश को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्रता मिलने तक 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता रहा।

इसके बाद जब 15 अगस्त,1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ, तब 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।

वहीं भारतीय संविधान 26 नवंबर, साल 1949 तक बनकर पूरी तरह तैयार हो गया था, लेकिन भारतीय राजनेताओं ने 26 जनवरी के दिन के महत्व को समझते हुए दो महीने और रुकने का फैसला लिया।

इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया और तभी से इस दिन को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में मनाए जाने लगा।

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व – Republic Day National Festival

गणतंत्र दिवस को हमारे देश में राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि यह राष्ट्र का एक पावन पर्व है, जिसे देश में सभी जाति, लिंग, पंथ, संप्रदाय और धर्म के लोगों द्धारा मनाया जाता है।

इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और सभी भारतीयों को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ था। इस दिन देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के त्याग, बलिदान और समर्पण को याद किया जाता है और उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है, जिन्होंने देश की आजादी के लेकर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए बेहद गौरवशाली और सम्मानजनक दिन है, इसलिए इसे हर भारतीय द्धारा धूमधाम से मनाया जाता है।

दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह – Republic Day Celebration in Rajpath

26 जनवरी के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर कई तरह के रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल दिल्ली के राजपथ पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता है। यह परेड गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आर्कषण का केन्द्र रहती है।

दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक करीब 8 किलोमीटर की परेड आयोजित होती है। इस भव्य परेड के दौरान भारत की जल, थल और वायु तीनों सेनाओं के द्धारा देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति के द्धारा 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

इसके साथ ही इस दौरान भारतीय सेना के द्धारा इस्तेमाल किए जाने वाले उनके शक्तिशाली हथियारों का तो प्रदर्शन किया ही जाता है, साथ ही उनके शौर्य और पराक्रम को भी दिखाया जाता है। 

आपको बता दें कि 26 जनवरी, 1950 को पहले गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ में नहीं बल्कि इर्विन स्टेडियम में हुई थी, जो कि अब नेशनल स्टेडियम के रुप में जाना जाता है।

उस दौरान इर्विन स्टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी, हालांकि, उसके पीछे लाल किला स्पष्ट दिखाई देता था। देश में संविधान होने के करीब 4 साल बाद तक 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कोई जगह निश्चित नहीं की गई थी, यह परेड कभी दिल्ली के लाल किले तो कभी रामलीला मैदान में होती थी।

फिर साल 1955 में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए राजपथ को चुना गया और तब से लेकर आज तक दिल्ली के राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है।

गणतंत्र दिवस की गरिमा हर भारतीय को समझना चाहिए। यह पर्व सभी भारतीयों को एकसाथ जोड़ने का काम करता है। इसके साथ ही यह भारतीयों को अपने देश के प्रगति और विकास में समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। इस दिन देश के प्रत्येक नागरिक को अपने संविधान की सुरक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

26 जनवरी पर निबंध – Republic Day Par Nibandh

प्रस्तावना-

26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में सदभाव एवं सम्मान की भावना के साथ प्रत्येक भारतवासी बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाता है।

इस दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके तहत देश के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ था। इस दिन से हमारा देश एक लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरेपक्ष गणराज्य बना था।  

इसके साथ ही एक नए युग का सूत्रपात हुआ था। इसलिए 26 जनवरी का दिन हर भारतवासी के लिए बेहद गौरवमयी दिन है।

गणतंत्र दिवस का महत्व – Importance Of Republic Day

गणतंत्र दिवस का पर्व हम सभी भारतीयों के लिए बेहद खास और सम्मानजनक पर्व है। इस पर्व को सभी भारतवासी राष्ट्रीय त्योहार के रुप में मनाते हैं। यह पर्व हम सभी भारतीयों को देश के संविधान के महत्व को तो समझाने में तो मद्द करता ही है, इसके साथ ही देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

यह सभी भारतीयों के लिए एक बेहद गौरवमयी दिन है। संविधान लागू होने के बाद ही हमारा देश एक स्वतंत्र, लोकतंत्रात्मक, समाजवादी एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था और तभी से भारतवासियों को अपनी मनमर्जी से स्वतंत्र रुप से कोई भी फैसला लेने एवं किसी भी तरह की अव्यवस्था एवं कुरीति के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार प्राप्त हुआ था।

गणतंत्र दिवस के दिन ही भारतीयों को अपने देश के संविधान के तहत  समानता, शिक्षा, अभिव्यक्ति की आजादी समेत 7 मौलिक अधिकार प्राप्त हुए थे एवं देश में कानून राज की शुरुआत हुई थी, इसलिए यह दिन सभी भारतीयों को अपने अधिकारों की भी याद दिलवाता है। इसलिए भी इस दिन का सभी भारतीयों के लिए अत्यंत महत्व है।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाते है? – How We Celebrate Republic Day

हमारे देश में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। देश में रहने वाले सभी जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग के लोग इस पर्व को बेहद हर्षोल्लास एवं धूमधाम से साथ मनाते हैं।

इस मौके पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन स्कूलों, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों आदि में कई तरह के सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है एवं तिरंगा फहराया जाता है।

26 जनवरी के मौके पर वंदे मातरम, जन-गण-मन, जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष हर तरफ गूंजायमान रहते हैं एवं ज्यादातर लोग देशभक्ति में डूबे नजर आते हैं। इस दिन पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत रहता है।

गणतंत्र दिवस के मौके परसबसे भव्य आयोजन दिल्ली में होता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति द्धारा पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, फिर देश के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी ” अमर जवान ज्योति ” पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं।

इस मौके पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों एवं वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और समर्पण को भी याद किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली विशाल परेड मुख्य आर्कषण का केन्द्र रहती है।

इसमें भारत की तीनों सेनाओं द्धारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है। इसके साथ ही इस परेड के माध्यम से भारतीय सेना की शौर्य, पराक्रम और अदम्य शक्ति के प्रदर्शन के साथ सेना के सशस्त्र बलों की ताकत का भी प्रदर्शन किया जाता है।

इसके साथ ही इस दौरान राजपथ पर देश के अलग-अलग राज्यों की खूबसूरत झांकियां भी निकलती हैं, जिसमें सभी राज्य अपने राज्य की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपरा को प्रदर्शित करते हैं। इस मौके पर राजपथ पर भारतीय संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है।  

गणतंत्र दिवस को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियां होने लगती हैं। इस दिन को लेकर बच्चों में खासकर काफी उत्साह रहता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के मौके पर न सिर्फ देश की सीमा में तैनात जवानों के हौसला अफजाई और उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है।

बल्कि इस दिन प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शऩ के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इस तरह हमारे देश में लोग गणतंत्र दिवस का जश्न अपने-अपने तरीके से मनाते हैं एवं देश की संविधान का सम्मान करने एवं देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में अपना सहयोग देने का प्रण लेते हैं, साथ ही देश के विकास और तरक्की की कामना करते हैं।

हम सभी भारतीय बेहद सौभाग्यशाली हैं कि हमें भारत जैसे लोकतंत्रात्मक, संप्रभु, समजावादी एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य में रहने का मौका मिला है। जहां हम अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपनी सरकार चुन सकते हैं एवं किसी भी तरह के फैसले लेने को लेकर हम पूरी तरह स्वतंत्र है।

इसलिए हमें अपने राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए साथ ही अपने अपने संविधान के महत्व को समझना चाहिए और इस पर्व को आदर-सम्मान के साथ मनाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध – Essay On Republic Day

गणतंत्र दिवस को पूरे देश में हर साल बेहद जोश, उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है। इस दिन साल 1950 में हमारे भारत देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था।

इसलिए यह दिन देश के हर नागरिक के लिए बेहद खास दिन है। यह पर्व किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं बल्कि राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ है, इस पर्व को देश में सभी जाति, धर्म, जाति, लिंग और संप्रदाय के लोगों द्धारा राष्ट्रीयता के पर्व के रुप में मनाया जाता है।

26 जनवरी का पर्व भारतीयों को एकजुट में रहने में भी मद्द करता है। इसके साथ ही यह पर्व हमें अपने संविधान, मौलिक अधिकारों और गणतंत्र का महत्व बताता है।

गणतंत्र दिवस से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें – Facts About Republic Day

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं –

  • 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाने का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि इसी दिन साल 1930 में कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था, वहीं इस दिन की गरिमा को बनाए रखने के लिए 26 जनवरी के दिन ही हमारे देश का संविधान लागू किया गया था और इसके बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को देश के पहले राष्ट्रपति के रुप में चुना गया था।
  • गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति के द्धारा दिल्ली के राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है, जबकि भारत के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर देश की रक्षा के लिए मर मिटने वाले शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित की जाती है एवं देश के महान क्रांतिकारियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, समर्पण और बलिदान की गाथा को याद किया जाता है।
  • गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाले विशाल परेड के दौरान भारत के राष्ट्रपति को भारत की तीनों सेनाओं द्धारा 21 तोपों की सलामी दी जाती हैं। पहली सलामी राष्ट्रगान की शुरुआत में दी जाती है, जबकि 52 सेकेंड के बाद राष्ट्रगान के खत्म होने पर आखिरी सलामी दी जाती है। यह सलामी वास्तव में भारतीय सेना की 7 तोपों द्धारा दी जाती है,इन्हें पौन्डर्स के नाम से जाना जाता है। वहीं हर तोप से तीन राउंड फायरिंग होती है। आपको बता दें कि यह तोपें साल 1941 में बनाई गईं थ। आमतौर पर सेना के सभी मुख्य कार्यक्रमों में इन तोपों को भी शामिल किया गया है।
  • गणतंत्र दिवस की परेड के आखिरी में हर साल “अबाईड विथ मी” (”Abide With Me”)’ नाम का एक क्रिश्चयन गाना बजाया जाता है। जिसे बजाने की पीछे यह मान्यता है कि, यह गाना गांधी जी के प्रिय गानों में से एक था।
  • भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल किसी न किसी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या फिर शासक को मुख्य अतिथि के तौर पर निमंत्रण दिया जाता है। वहीं देश के पहले गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी, साल 1950 में इंडोनिशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी।
  • दिल्ली के राजपथ पर साल 1955 में गणतंत्र दिवस परेड का पहली बार आयोजन किया गया था, उस समय राजपथ को ‘किग्सवे के नाम से जाना जाता था। वहीं तब से लेकर आज तक हर साल दिल्ली के राजपथ गणतंत्र दिवस के भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है और यह गणतंत्र दिवस पर आयोजन का स्थाई स्थल बन गया है।

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान – Constitution Of India

हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में विभाजित है। 

महान समाज सुधारक एवं अर्थशास्त्री भीमराव अंबेडकर द्धारा इसे तैयार करने में करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। आपको बता दें कि  संविधान के निर्माण में कुल 22 समितियां थी, जिसमें प्रारुप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) सबसे  महत्वपूर्ण समिति थी और संविधान सभा के प्रमुख अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर जी थे, जबकि जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद , सरदार वल्लभ भाई पटेल इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।

भीमराव अंबेडकर जी द्धारा 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान सौंप दिया गया था। इसके बाद संविधान में कई बदलाव किए गए।

इसके बाद संविधान सभा के करीब 308 सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को संविधान के दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए और फिर 26 जनवरी के दिन की गरिमा को समझते हुए संविधान को 26 जनवरी,  साल 1950 में पूरे देश में लागू कर दिया गया, तब से 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।

26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे देश के प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह पर्व देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में मद्द करता है।

इसके साथ ही यह हमारे गणतंत्र का महत्व का तो एहसास करवाता ही है साथ ही संविधान की सुरक्षा एवं देश के लिए हमारे कर्तव्यों का बोध करवाता है।

इसलिए इस पर्व की गरिमा को समझते हुए हमें इस पर्व को सद्भाव और सम्मान की भावना के साथ मनाना चाहिए एवं देश के प्रगति एवं विकास में अपना सहयोग करने की शपथ लेनी चाहिए।

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Jai Ho, TAHNKS…….

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26 January Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में – Essay on Republic Day in Hindi

26 January Essay in Hindi | Gantantra Diwas Essay in Hindi – दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर हिंदी में निबंध पढ़ेंगे। हम सभी भारतीय लोग हर साल 26 जनवरी को अपने देश में Gantantra Diwas के रूप में मनाते हैं।

इसलिए अगर आप गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में , republic day essay in hindi, Essay on Republic Day in Hindi पढ़ना चाहते हैं तो आज के इस पोस्ट को पूरा पढ़िए। जिसमे आप गणतंत्र दिवस के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

इस पोस्ट में आप यह भी जान सकते हैं की आख़िरकार 26 जनवरी को ही हर साल गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता हैं तो अब हम आज का यह पोस्ट शुरू करते हैं।

26 January Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 जनवरी हमारे राष्ट्र – भारत गणराज्य के लिए एक गौरवशाली तिथि है। इसके पीछे देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर गाथा निहित है, जो भावी पीढ़ी को अमर संदेश देकर सदैव प्रेरणा का अमोघ स्त्रोत बनी रहेगी।

15 अगस्त, 1947 को हमें राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान पूरे देश में लागू हुआ।

इसलिए वास्तव में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शुभ तिथि है। यह तिथि हमारे सामने अनन्त बलिदानों की पवित्र स्मृति के साथ प्रकट होती है।

‘गणतंत्र दिवस’ हर साल 26 जनवरी को ही मनाया जाता है। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना है, देश के प्रमुख राजनीतिक नेताओं, मनीषियों और देशभक्तों ने मिलकर 26 जनवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया था कि “हमारा उद्देश्य पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है।”

सभी देशभक्तों ने पवित्र सलिला रावी के पावन तट पर यह संकल्प लिया कि जब तक हम पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त नहीं कर लेते तब तक न तो चैन से बैठेंगे और न ही शत्रु को बैठने देंगे।

तभी से यह दिन देश के कोने-कोने में स्वराज्य दिवस के नाम से मनाया जाने लगा। वर्ष 1950 में जब भारतीय संविधान तैयार किया गया था तब यह सोचा गया था कि इस तिथि को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उस दिन राष्ट्रपति दिल्ली में इंडिया गेट के प्रांगण में तिरंगा फहराते हैं। उस दिन दिल्ली में जुलूस निकाला जाता है।

इस दिन की खूबसूरती को देखने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। इस अनोखे नजारे को देखने के लिए हर साल दुनिया का कोई न कोई मुखिया दिल्ली आता है।

इस दिन जल, थल, वायु सेना की एनसीसी की टुकड़ियों और छात्रों ने इंडिया गेट के मैदान में राष्ट्रपति को सलामी दी।

31 तोपें दागी जाती हैं। सैनिक वाद्य यंत्र बजाते हैं और राष्ट्रपति अपने भाषण में राष्ट्र के लिए कल्याणकारी संदेश देते हैं।

विभिन्न राज्यों की सुंदर झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। देश के अन्य राज्यों में भी इस दिन तरह-तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इस दिन हमारे राज्यपाल गांधी मैदान में तिरंगा झंडा फहराते हैं। इस तरह यह दिन हमें नई चेतना का शुभ संदेश देता है।

इस पर्व को अधिक से अधिक हर्षोल्लास एवं हर्षोल्लास के साथ मनाना हमारा परम कर्तव्य है, अपने मन में असामाजिक एवं साम्प्रदायिक विचारों को प्रवेश न करने दें। ऐसे में हमें गणतंत्र दिवस को सच्चे मन से मनाना चाहिए। republic day essay in hindi, Essay on Republic Day in Hindi

Final Thoughts –

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गणतन्त्र दिवस पर निबंध । Essay on Republic Day in Hindi Language

essay 26 january in hindi

Here is a compilation of Essays on ‘Republic Day’ for the students of the class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12 as well as for teachers. Find paragraphs, long and short essays on ‘Republic Day’ (National Festival) especially written for Teachers and School Students in Hindi Language.

List of Essays on Republic Day

Essay Contents:

  • गणतंत्र दिवस | Essay on Republic Day for Teachers in Hindi Language (National Festival)

1. गणतन्त्र दिवस । Essay on Republic Day in Hindi Language (National Festival)

1. प्रस्तावना ।

2. गणतन्त्र दिवस का महत्त्व ।

3. मनाने की रीति ।

4. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

हमारे देश में सामाजिक एवं धार्मिक त्योहारों के साथ-साथ कुछ ऐसे त्योहार भी हैं, जो हमारे राष्ट्रीय संघर्ष, राष्ट्रीय चेतना एवं जागरण के प्रतीक हैं । इन त्योहारों को हम राष्ट्रीय त्योहार कहते हैं ।

हमारे देश के दो प्रसिद्ध त्योहार हैं 15 अगस्त और जनवरी  26 जनवरी को हम गणतन्त्र दिवस के नाम से पुकारते हैं । यह पर्व हम अपने देश में अत्यन्त उल्लास, उमंग एवं उत्साह से मनाते हैं । प्रत्येक भारतवासी को इस दिवस पर बेहद गर्व है ।

2. गणतन्त्र दिवस का महत्त्व:

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतन्त्र हुआ था, किन्तु हमें वास्तविक आजादी मिली थी 26 जनवरी, 1950 को; क्योंकि इस दिन हमारे देश में लागू हुआ था-हमारा अपना कानून और हमारा अपना संविधान । इस संविधान में भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकरान्त्रात्मक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी गणराज्य घोषित किया गया था ।

ADVERTISEMENTS:

26 जनवरी का दिन ही संविधान के लिए क्यों चुना गया ? इस दिन का विशेष महत्त्व है । इसके पीछे स्वतन्त्रता प्राप्ति के दृढ़ संकल्प की एक महान् घटना छिपी हुई है । 26 जनवरी, 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पण्डित नेहरू के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार के समक्ष पूर्ण स्वराज्य की मांग रखी गयी थी ।

जब तक पूर्ण स्वराज्य प्राप्त नहीं कर लेंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, ऐसा संकल्प लिया गया था । 26 जनवरी, 1930 को राष्ट्रीय झण्डा फहराकर पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति की प्रतिज्ञा के दिन को ही देश का संविधान लागू करने के लिए चुना गया था ।

26 जनवरी, 1930 में रविवार के दिन सारे भारत में राष्ट्रध्वज हाथ में लेकर जुलूस निकाले गये, सभाएं की गयीं और इस बात की प्रतिज्ञा की गयी कि जब तक पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त नहीं होगी, आन्दोलन चलता

रहेगा । यह 26 जनवरी सभी के लिए प्रेरणा तिथि व राष्ट्रीय संघर्ष की तिथि बन गयी ।

26 जनवरी, 1950 को लागू हुए संविधान के अनुसार-पण्डित नेहरू ने प्रधानमन्त्री का पद संभाला । डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति बने । भारत की संसद ने इसी दिन अपना सही रूप पाया और प्रान्तों में विधानसभाओं का महत्त्व संसदीय प्रणाली में हो गया ।

भारतीय नागरिकों को सर्वप्रमुख मानते हुए लोकतान्त्रिक सरकार, अर्थात् जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की सरकार बनायी गयी तथा संसदीय प्रणाली के तहत न्यायपालिका, व्यवस्थापिका एवं कार्यपालिका की स्थापना की गयी ।

नागरिकों के लिए कुछ मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का प्रावधान किया गया । राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्वों के साथ केन्द्र एवं राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया । भारतीय संघ-व्यवस्था स्थापित की गयी । कठोर एवं लचीली संवैधानिक व्यवस्था ने भारतीय लोकतन्त्र को और अधिक मजबूती प्रदान की ।

इस दिन का महत्त्व हमारे लिए इसलिए भी है; क्योंकि लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी सूझबूझ एवं दूरदर्शिता से लगभग सात सौ रियासतों को भारतीय संघ में विलय करने को तैयार कर लिया । देश का सर्वोच्च शासक एवं तीनों सेनाओं का सेनापति राष्ट्रपति माना जाता है ।

3. मनाने की रीति:

26 जनवरी को हम एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं । राजधानी दिल्ली में यह पर्व विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है । पूरे भारत से लाखों की संख्या में लोग इस उत्सव को देखने के लिए एकत्रित होते हैं ।

कुछ लोग तो इतने उत्साही होते हैं कि 25 जनवरी की रात से राजपथ के दोनों ओर आकर बैठ जाते हैं, ताकि राजपथ से होकर गुजरने वाली परेड को वह प्रारम्भ से देख सकें । विजय चौक से प्रारम्भ होकर लालकिले तक जाने वाली परेड इस समारोह का मुख्य आकर्षण होती है । राष्ट्रपति आठ घोड़ों की बग्घी में बैठकर विजय चौक पधारते हैं । वहां सेना के तीनों अंगों की सलामी स्वीकार करते हैं ।

इसके पश्चात् तीनों सेनाओं द्वारा प्रस्तुत की गयी शोभायात्रा का निरीक्षण करते हैं । सेनाओं की टुकड़ियां मार्च पास्ट करती हुईं राष्ट्रपति का अभिवादन करती हैं । इसी क्रम में युद्ध विषयक विविध सामग्रियों, अस्त्र-शस्त्रों का भव्य प्रदर्शन होता है तथा विभिन्न प्रदेशों द्वारा शानदार झांकियां निकाली जाती हैं ।

इन झांकियों में प्रत्येक प्रदेश अपने आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक विकास व प्रगति का आकर्षक प्रदर्शन करते हैं । केन्द्रशासित प्रदेशों द्वारा राष्ट्र के विकास, विज्ञान, कला एवं संस्कृति की विभिन्न उपलब्धियां दिखाई जाती हैं । फिर बच्चों के साथ राज्यों के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए निकलते हैं ।

सैनिक सलामी का अन्तिम चरण अत्यन्त ही विमोहित कर देने वाला होता है । वायुसेना के 21 विमान आकाश में तिरंगा धुआ फेंकते हुए विभिन्न करतब दिखाते हैं । इस उत्सव का आनन्द उठाने के लिए विदेशी मेहमान भी आते हैं । इस दिन सायंकाल रामलीला मैदान में आतिशबाजी का प्रदर्शन होता है । सायकाल सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है । सभी प्रदेशों के सरकारी कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है ।

स्कूलों तथा कॉलेजों में विद्यार्थी देशभक्तिपूर्ण गीत, भाषण, नृत्य आदि का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं । 26 जनवरी का दिन हमें याद दिलाता है कि उन अमर शहीदों-मंगलपाण्डे, भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु बिस्मिल, खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आजाद, वीर सावरकर, सुभाषचन्द्र बोस जैसे अमर सेनानियों की; गांधी, नेहरू, तिलक, पटेल की राष्ट्रीय आन्दोलनों में सक्रिय भूमिका रही है, जिनके प्रयत्नों से हमें ब्रिटिश उपनिवेशवादी शक्तियों से आजादी मिली ।

हम अनाम शहीदों को भी याद करते हैं । 26 जनवरी का दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि राष्ट्र के प्रति हमें अपने हर कर्तव्य को पूरी ईमानदारी के साथ पूर्ण करना चाहिए । आवश्यकता पड़े, तो अपना सर्वस्व बलिदान करने से भी नहीं आना चाहिए । राष्ट्रहित ही सर्वोपरि है । वस्तुत: यह दिन हमारे लिए अत्यन्त पवित्र एवं महान है ।

4. उपसंहार:

किसी ने ठीक ही कहा है कि आजादी पाने की अपेक्षा उसकी रक्षा करना सबसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है । भारतीय गणतन्त्र अपने महान उद्देश्यों एवं संकल्पों के साथ जनता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखे हुए है । हमारे गणतन्त्र को खतरा है उन आतंकवादी गतिविधियों से, देशद्रोहियों से, सम्प्रदायवाद से, धार्मिक संकीर्णता से, भष्ट्राचार से ।

हम भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि देश की रक्षा एवं अखण्डता के लिए हम अपना सब कुछ बलिदान कर दें । हमें प्रत्येक परिस्थिति में देश की रक्षा करनी ही है । यह सत्य है कि विभिन्नता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है । यही हमारे लोकतन्त्र के चिरस्थायी होने का महत्वपूर्ण आधार भी है ।

2. गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी) | Paragraph on Republic Day: 26th of January, for School Students in Hindi Language (National Festival)

हमारे राष्ट्रीय त्योहारों में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का स्थान स्वाधीनता दिवस (15 अगस्त) के बाद महत्त्वपूर्ण है । आज ही के दिन हमने अपने राष्ट्र के विकास के एक विशेष संविधान को तैयार करके इसे कार्य-रूप में लागू करने के लिए सब प्रकार की तैयारी और योजना पूरी की थी ।

यह संविधान महामतिमान बाबा डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर की अपार बुद्धि और विवेक के द्वारा तैयार हुआ था । इस संविधान को लागू करके हमने अपने राष्ट्र को पूर्ण स्वायत्त गणतन्त्र का स्थान दिया था । इसलिए 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ कहा जाता है ।

26 जनवरी का दिन हमारी स्वाधीनता के लिए एक अत्यन्त महत्त्व एवं हर्ष का दिन है । 26 जनवरी, 1930 को रावी नदी के तट पर नेहरू जी की अध्यक्षता में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रस्ताव काँग्रेस अधिवेशन में पास हुआ । संघर्ष चलता रहा ।

निरीह जनता स्वतंत्रता की बलिवेदी पर चढ़ती रही । अंतत: शहीदों का खून रंग लाया और देश स्वतंत्र हुआ । लौह पुरुष सरदार पटेल की योग्यता और साहस ने भारत की सात सौ रियासतों को मिलाकर तिरंगे झण्डे के नीचे ला दिया ।

26 जनवरी को रावी-तट पर किए गए ऐतिहासिक निर्णय की याद में 26 जनवरी, 1950 को अखण्ड भारत का संविधान लागू कर दिया गया । इस दिन भारत को सर्वोच्च सम्पूर्ण प्रभुता गणराज्य घोषित किया गया । राष्ट्रपति को देश का सर्वोच्च शासक माना गया । तभी से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में माना जाता है ।

26 जनवरी को हम एक महान राष्ट्रीय पर्व के रूप में मानते हैं । राजधानी दिल्ली में यह पर्व विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है । विजय चौक से प्रारम्भ होकर लाल किले तक जाने वाली परेड इस समारोह का मुख्य आकर्षण होती है ।

इस  परेड़ को देखने के लिए लोग बहुत सबेरे से ही इकट्‌ठे हो जाते हैं । लगभग प्रात: आठ बजे राष्ट्रपति की सवारी विजय चौक पर पहुँच जाती है । प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करते हैं । इसके बाद तीनों सेनाओं के सैनिक राष्ट्रपति को सलामी देते हैं ।

सैनिकों के बाद स्कूलों के बच्चों की टोलियां आती हैं, जो तरह-तरह के आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं । बच्चों की ये क्रियाएँ दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर देती हैं । इसके बाद विभिन्न प्रदेशों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की आकर्षक झाँकिया निकलती हैं ।

उनमें राष्ट्र के विकास के प्रमाण चिह्न विज्ञान, कला, संस्कृति की विभिन्न उपलब्धियाँ दिखाई जाती हैं । पंक्ति बद्ध बैठे हुए दर्शक सामने से गुजरती हुई इन झांकियों को देखकर विशेष गर्व का अनुभव करते हैं । 26 जनवरी के दिन विभिन्न स्थलों पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम  अपनाएं और आयोजित किए जाते हैं ।

इस देश के प्राय: सभी नागरिक इस महत्त्वपूर्ण त्योहार का विशेष आनन्द लेने के लिए अनेक प्रकार की कार्यविधियों को स्वतंत्रतापूर्वक अपनाया करते हैं । स्कूलों के बच्चे अपनी रंग-बिरंगी पोशाकों में अपने कौशल दिखाते हुए जलूस में भाग लेते हैं ।

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शित झाँकियों में विभिन्न हथियारों, टैंकों तथा प्रक्षेपास्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है । राज्यों की प्रगति झाँकियों के रूप में दिखाई जाती है, जिससे भारत की उन्नति तथा समृद्धि का अनुभव होता है । ‘विभिन्नता में एकता छिपी है’ की उक्ति से भारत की एकता का ज्ञान होता है ।

इस दिन प्रत्येक प्रान्त की राजधानी में गणतंत्र दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता  है । झाँकियों आदि के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं । कवि सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं । देश के सभी सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है ।

जगह-जगह राष्ट्रीय झण्डों को फहराया जाता है । भारतीय गणतंत्र की वर्षगांठ के साथ हमारा कर्त्तव्य है कि हम प्रण करें कि भारत की स्वतंत्रता तथा संविधान की मर्यादा रखने के लिए जीवन बलिदान कर देंगे, परन्तु इस पर आँच नहीं आने देंगे ।

देश की समृद्धि के लिए हम तन, मन और धन से जायेंगे । इस प्रकार से हमें गणतंत्र दिवस के विशेष महत्त्व पर पूरा ध्यान देते हुए इस परम सौभाग्यपूर्ण दिवस को एक संकल्प में लेकर देशोत्थान में लग जाना चाहिए ।

3. गणतंत्र दिवस-छब्बीस जनवरी । Essay on Republic Day for Teachers in Hindi Language (National Festival)

राष्ट्रीय पर्वों में 26 जनवरी का विशेष महत्व है । स्वतंत्रता से पूर्व इस दिन स्वतंत्र होने की प्रतिज्ञा दोहरायी जाती थी । लेकिन अब स्वतंत्रता मिलने के पश्चात इस दिन हम अपनी प्रगति पर दृष्टि डालते हैं । अखिल भारतीय कांग्रेस के लाहौर में 26 जनवरी, 1929 को हुए अधिवेशन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि ”पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना ही हमारा मुख्य ध्येय है ।”

अखिल भारतीय कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर घोषणा की थी कि यदि ब्रिटिश सरकार औपनिवेशिक स्वराज्य देना चाहे तो इसके लागू होने की घोषणा 31 दिसम्बर, 1929 तक कर दे । अन्यथा 1 जनवरी, 1930 से हमारी मांग पूर्ण स्वाधीनता की होगी । इस घोषणा के बाद कांग्रेस द्वारा तैयार किया गया प्रतिज्ञा पत्र पढ़ा गया ।

पूर्ण स्वतंत्रता के समर्थन में देश भर में 26 जनवरी, 1930 को तिरंगे ध्वज के साथ जुलूस निकाले गये और सभायें की गईं । इनमें प्रस्ताव पास कर प्रतिज्ञा की गयी जब तक हम पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हो जाते हमारा स्वतंत्रता आंदोलन जारी रहेगा । कोई कितनी बड़ी बाधा उत्पन्न क्यों न हो जाये लेकिन हमारा यह आंदोलन अब थमने वाला नहीं ।

इस आंदोलन के तहत स्वतंत्रता की वेदी पर अनेक लालों का रक्त चढ़ा, कइयों ने लाठी व गोली खाई और जेलों में जाना पड़ा । अंतत: पन्द्रह अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हो गया । भारतीयों का स्वतंत्रता का सपना आखिरकार साकार हो गया ।

सन् 1950 में भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया । डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तैयार भारतीय संविधान को लागू करने की तिथि को लेकर काफी विचार विमर्श किया गया । अंतत: 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू कर दिया गया । इस दिन भारत में प्रजातांत्रिक शासन की घोषणा की गई ।

देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिये गये । देश के लिए यह दिन अत्यंत महत्व रखता है । डॉ॰ अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान में 22 भाग, 7 अनुसूचियाँ तथा 395 अनुच्छे हैं । संविधान में स्पष्ट किया गया है कि भारत समस्त राज्यों का एक संघ होगा ।

जनता में उत्साह और प्रेरणा जागृत करने के उद्‌देश्य से गणतंत्र दिवस के अवसर पर केन्द्र सरकार सहित सभी राज्य सरकारों की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । देश की राजधानी में यह समारोह विशेष रूप से मनाया जाता है ।

गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले शाम को राष्ट्रपति देश के नाम संदेश देते हैं । गणतंत्र दिवस की सुबह इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति का अभिवादन कर इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत होती है । अमर जवान ज्योति का अभिवादन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है ।

इसके कुछ देर बाद राष्ट्रपति इस अवसर पर सैनिकों द्वारा निकाले जाने वाली  परेड़ की सलामी लेने के लिए इंडिया गेट के पास ही स्थित मंच पर आते हैं । जहां उनका सेना के तीनों अंगों के सेनाध्यक्षों द्वारा स्वागत किया जाता है । इसके बाद वह मंच पर बना आसन ग्रहण करते हैं । इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा सैनिकों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी करते हैं ।

इसके बाद आरम्भ होती है गणतंत्र दिवस की  परेड़ । इसमें सबसे पहले जल, थल और वायु सेना के वे अधिकारी होते हैं, जिन्हें परमवीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र आदि से सम्मानित किया जाता है । इसके बाद सेना के तीनों अंगों की टुकड़ियां आती हैं ।

सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सहित अन्य अर्द्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां भी परेड में शामिल होती हैं ।  परेड़ में सेना व अन्य अर्द्ध सैनिकों के बैंड भी शामिल होते हैं, जो राष्ट्रीय धुन बजाते हैं । इसके बाद सरकारी उपक्रमों सहित राज्यों की संस्कृति व उपलब्धि को दर्शाती झांकियां निकलती हैं । परेड के अंत में स्कूली बच्चे करतब दिखाते हैं ।

राजपथ से शुरू होने वाली यह  परेड़ पहले इंडिया गेट, कनाट प्लेस, मिन्टो रोड होते हुए लालकिले जाती है । लेकिन पिछले एक-दो वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों एवं सुरक्षा कारणों से इसका रास्ता बदल दिया गया है । अब यह इंडिया गेट से बहादुरशाह जफर मार्ग होते हुए लाल किले पहुंचती है ।  परेड़ के अंत में वायु सेना के विमान तिरंगी गैस छोड़ते हुए विजय चौक के ऊपर से गुजरते हैं ।

कुछ विमानों द्वारा पुष्प वर्षा भी की जाती है । इस अवसर पर संसद भवन सहित प्रमुख भवनों पर विशेष प्रकाश व्यवस्था की जाती है । उन्हें दुल्हन की तरह सजाया जाता है । इस दिन शाम को राष्ट्रपति द्वारा अपने निवास पर सांसदों, राजनीतिज्ञों, राजदूतों तथा अन्य गणमान्य लोगों को भोज दिया जाता है ।

4.  गणतंत्र दिवस (छब्बीस जनवरी) । Essay on Republic Day – 26th of January, for School Students in Hindi Language (National Festival)

देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले शहीदों का खून रंग लाया और भारत 15 अगस्त सन् 1947 के दिन अंग्रेजों की दासता की बेड़ियों से स्वतन्त्र हुआ परतंत्र भारत में ब्रिटिश शासन द्वारा अपने स्वार्थ साधने के लिए बनाया गया संविधान ही चला करता था ।

उस शोषक संविधान के बल पर ही अँग्रेज यहाँ राजकाज चलाया करते थे । अत: स्वतंत्रता प्राप्ति के तत्काल बाद इस कटु तथ्य का अनुभव किया गया । साथ ही यह निर्णय भी किया गया कि भारत जैसे सांस्कृतिक दृष्टि से बहुआयामी देश में ऐसा संविधान लागू होना चाहिए कि जो सामूहिक स्तर पर सभी का हित साधन कर सके ।

भारत की सांस्कृतिक गरिमा और अनेकता के साथ-साथ एकता के तत्वों को भी उजागर कर सके । विशेषज्ञों को गठित समिति द्वारा स्वतत्र भारत का नया संविधान तैयार किया गया । वह संविधान ही छब्बीस जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

26 जनवरी, 1950 को स्वतंत्र भारत का संविधान लागू किया गया । इसी दिन भारत संपूर्ण प्रभुतासंपन्न गणतंत्र घोषित किया गया । इसके साथ ही देश की सर्वोच्च-सत्ता जिस व्यक्ति के पास रहेगी उसे राष्ट्रपति कहा जाएगा पहला राष्ट्रपति कौन होगा यह घोषणा इसी दिन की गई । इन्ही कारणों से सारा भारत वर्ष छब्बीस जनवरी का दिन गणतन्त्र दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व मानकर उत्साह और उल्लास से मनाया करता है ।

26 जनवरी को ही भारत के अपने संविधान लागू करने के पीछे ऐतिहासिक कारण है । 26 जनवरी, 1929 ई. को रावी नदी के तट पर कांग्रेस के अखिल भारतीय लाहौर अधिवेशन में पं॰ जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में यह प्रस्ताव पास किया गया था कि भारत का लक्ष्य पूर्ण स्वराज्य है तथा इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी शर्त पर अग्रेजों से समझौता नहीं हो सकता ।

इस प्रस्ताव के अनुरूप प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस मनाया जाने लगा । यही कारण है कि 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ । तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता

है । गणतंत्र-दिवस पूरे भारत में तथा भारत से बाहर जहाँ भारतीय लोग रहते हैं वहां पर यह पर्व मनाया जाता है ।

एक तो दिल्ली भारत की राजधानी होने और राष्ट्रपति का निवास यहीं पर होने के कारण केन्द्रीय स्तर पर यह पर्व दिल्ली में ही मनाया जाता है । इसकी तैयारी महीनों पहले आरम्भ हो जाती है ।  वहाँ प्राय: प्रत्येक प्रांत के लोक सांस्कृतिक दल अपने-अपने प्रात की संपूर्णता प्रकट करने वाली झांकियाँ बनाने में लग जाया करते हैं ।

नृत्य-सगीत आदि लोक-कलाओं के प्रदर्शन की तैयारियों में जुट जाते हैं । समाचार पत्र इस तैयारी का जायजा तो करने ही लगते हैं लेकिन अपनी जानकारियों के आधार पर यह सब बता देते हैं कि इस बार गणतंत्र पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति के साथ किस देश का व्यक्ति मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगा ।

छब्बीस जनवरी की सुबह प्रधानमन्त्री तीनों सेनापतियों के साथ मिलकर पहले इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति पर पहुँचकर अज्ञात अमर शहीदों को सलामी-श्रद्धांजलि देते हैं, फिर राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित विजय चौक पर आ जाते हैं तब तक अन्य गणमान्य अतिथि दर्शक भी आ जाते हैं ।

इसके बाद विदेशी अतिथि के साथ राष्ट्रपति का आगमन होता है और जनता का अभिवादन करते हुए ध्वाजारोहण और फिर सेना के तीनों अंगों द्वारा इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है । अन्य सैनिक अर्द्धसैनिक बल भी एक-एक करके सलामी देते हुए मंच के सामने से गुजर जाते हैं ।

फिर आधुनिकतम शस्त्रों का प्रदर्शन, तरह-तरह के बैंड, प्रांतों की झांकियाँ और उनके साथ लोक-कलाओं के प्रदर्शन, स्कूलों की छात्र-छात्राओं द्वारा रंग-बिरंगे प्रदर्शन आदि का कार्यक्रम दोपहर तक चलता रहता है । दोपहर बाद परेड-प्रदर्शन करने वाले सभी जन जब मार्च करते लाल किले पर पहुँच जाते हैं । तब दो दिन बाद जब परेड राष्ट्रपति भवन तक पहुँच जाती है तभी गणतंत्र का समापन माना जाता है ।

5. गणतंत्र दिवस | Essay on Republic Day for Teachers in Hindi Language (National Festival)

हमारे देश के राष्ट्रीय पर्वो में से स्वतंत्रता दिवस व गणतत्र दिवस अति महत्त्वपूर्ण पर्व है । इनमे गणतंत्र दिवस की भी अपनी विशेष गरिमा व महिमा है । इस पर्व में हमारा राष्ट्रीय व संवैधानिक गौरव निहित

तात्पर्य व स्वरूप:

गणतंत्र को लोकतंत्र, जनतंत्र व प्रजातंत्र भी कहते है जिसका अर्थ है प्रजा का राज्य या प्रजा का शासन । जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ उस दिन को गणतंत्र दिवस कहते हैं । हमारे देश में सविधान 26 जनवरी, 1950 ई॰ से लागू हुआ इसलिए इस तिथि को गणतंत्र दिवस कहते हैं । हमारा देश 15 अगस्त, 1947 ई॰ को स्वतंत्र हुआ था, उससे पूर्व हमारे देश में राजाओं, सम्राटों व ब्रिटिश सरकार का शासन था ।

स्वतंत्रता के बाद हमारे देश के विद्वान नेताओं ने देश में प्रजातंत्र शासन पद्धति लागू करने के लिए संविधान बनाया जिसको बनाने में लगभग चार वर्ष लग गए । 1946 ई॰ से संविधान बनाना प्रारम्भ हो गया था और दिसम्बर 1949 ई॰ में बनकर यह तैयार हो गया था । इस संविधान को 26 जनवरी, 1950 ई॰ से लागू किया गया । तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हमारे देश मे गणतंत्र दिवस मनाया जाता है ।

ऐतिहासिक महत्त्व:

हमारे लिए 26 जनवरी का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्त्व है । सन् 1950 से पूर्व भी इस तिथि को सन् 1930 से प्रतिवर्ष स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता था । दिसम्बर 1929 ई॰ को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रावि नदी के किनारे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की थी, इसलिए हमारे उन नेताओं ने 26 जनवरी 1930 ई॰ को बसन्त पंचमी के पुण्य अवसर पर स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया ।

तब से प्रति वर्ष 26 जनवरी को स्वा धीनता दिवस मनाया जाता रहा । 15 अगस्त, 1947 ई॰ को देश के स्वतंत्र हो जाने के कारण 15 अगस्त को ही स्वाधीनता या स्वतत्रता दिवस मनाया जाने लगा । लेकिन हमारे नेता 26 जनवरी की गरिमा को बनाये रखना चाहते थे इसलिए हमारे नेताओं ने 26 जनवरी की महिमा व गरिमा को बनाये रखने के लिए 26 जनवरी 1950 ई॰ की तिथि को संविधान लागू करने के लिए निश्चित किया । तब से हम 26 जनवरी को प्रतिवर्ष अपने संविधान का जन्म दिन या अपने गणतंत्र की वर्ष-गाँठ मनाते आ रहे हैं ।

मनाने की परम्परा राष्ट्रीय स्तर पर:

गणतंत्र दिवस समारोह प्रति वर्ष 26 जनवरी को भारत सरकार राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाती है । इसकी तैयारी भारत सरकार कई दिन पूर्व से करना आरम्भ कर देती है । गणतंत्र की पूर्व संध्या पर देश का राष्ट्रपति देश के नाम सन्देश देता है, जिसका प्रसारण सचार माध्यमो द्वारा किया जाता है ।

गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम उस दिन प्रात: शहीद ज्योति के अभिवादन से प्रारम्भ होता है, जिसे. देश के प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर प्रज्जलित शहीद ज्योति का अभिनन्दन कर देश के शहीदो को श्रद्धाजलि अर्पित करते हैं ।

तत्पश्चात् विजय चौक पर निर्मित सलामी मच पर राष्ट्रपति की सवारी शाही सम्मान के साथ पहुंचती है । वहाँ पर प्रधानमंत्री आदि गणमान्य जन उनका अभिनन्दन करते हैं । उसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड़ का शुभारम्भ होता है जो नितान्त दर्शनीय होता है ।

सेना के तीनो अगो के जवानो की कई विभिन्न टुकड़ियों अपने-अपने बैंड की ध्वनियों के साथ पद सचालन करते हुए तथा राष्ट्रपति को अभिवादन करते हुए परेड़ प्रदर्शित करती हैं ।

इसके बाद युद्ध में प्रयुक्त होने वाले अस्त्र-शस्वो की ट्रालियों आती हैं जो सेना में प्रयुक्त विविध रक्षा साधनी से सुसज्जित होती हैं । उसके बाद भारत के विभिन्न प्रान्तो की विभिन्न सांस्कृतिक झाँकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं जो भारत की भिन्नता में एकता प्रदर्शित करती हैं ।

तत्पश्चात्र देश के छात्र-छात्राओं की टुकडियाँ अपने विविध कौशल दिखाते हुई आगे बढती जाती है । अन्त में वायु सेना के लड़ाकू वायुयान भी अपना अनुपम व विचित्र कौशल दिखाते हुए आकाश मे विलीन हो जाते हैं ।

उक्त सारी सवारियाँ विजय चौक से प्रारम्भ होकर लाल किला पहुँचती हैं । उक्त लम्बे पथ पर अपार जनसमूह उमड़ता है जो देश के विभिन्न भागो से आकर गणतत्र दिवस की परेड देखने के लिए दिल्ली पहुंचते हैं ।

दिल्ली के विद्यालयों में:

देश की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को गणतत्र दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के कारण, दिल्ली के विद्यालयो में एक दिन पूर्व ही गणतत्र दिवस का समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । उस दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य सर्वप्रथम ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हैं ।

तत्पश्चात् विद्यालय के छात्र विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं और विभिन्न प्रकार के खेल-कूदो का आयोजन होता है । अन्त में पुरस्कार वितरण व मिष्ठान वितरण के साथ उत्सव का समापन होता है ।

स्वदेश व विदेश में:

26 जनवरी को प्रतिवर्ष देश की प्रातीय राजधानियों में राज्यपाल व मुख्यमत्री ध्वजारोहण के साथ गणतत्र दिवस समारोह का शुभारम्भ करते हैं, फिर दिन भर विविध कार्यक्रम चलते रहते हैं । विद्यालयों व कालेजों में छात्र बड़े हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं ।

शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमो  में  नाटक, प्रहसन, कवि सम्मेलन आदि सम्पन्न होते है । विदेशो में भी गणतत्र दिवस बडी धूम-धाम से मनाया जाता है । प्रत्येक देश में विद्यमान भारत के दूतावासो मे यह पर्व प्रवासी भारतीयों द्वारा बड़े उल्लास से मनाया जाता है । सम्बन्धित देशों के शासनाध्यक्ष भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमत्री को बधाई सदेश भेजते हैं ।

प्रत्येक पर्व का जीवन में बहुत बड़ा महत्त्व होता है । गणतंत्र दिवस जो कि हमारे संविधान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, हमारे लिए बहुत बड़ा सदेश देता है । इसने देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान किए हैं । देश को धर्म-निरपेक्ष, प्रभुता सम्पन्न राष्ट्र का स्वरूप प्रदान किया है इसलिए हमे इस पर्व की रक्षा के लिए सदैव कटिबद्ध रहना चाहिए जिससे हमारा लोकतंत्र सदैव अमर रहे ।

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गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक साथ मिलकर बहुत ही उत्साह के साथ मनाता है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। ऐसे में कई स्कूल-कॉलेज और संस्थानों में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।

हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम भारत जैसे देश के नागरिक हैं जो गणतांत्रिक होने के साथ-साथ लोकतांत्रिक भी है और जहाँ सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं। गणतंत्र दिवस के दिन ही हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, जिसमें हमारे अधिकारों का वर्णन है। अगर आप गणतंत्र दिवस के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आपको इस पेज पर दिया गणतंत्र दिवस का निबंध पूरा पढ़ना होगा। गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार सहित पढ़ने के लिए नीचे देखें।

भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करती है जिसमें इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। सुबह-सुबह ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिये लोग राजपथ पर इकट्ठा होने लगते है। इसमें तीनों सेनाएँ विजय चौक से अपनी परेड को शुरू करती हैं जिसमें तरह-तरह अस्त्र-शस्त्रों का भी प्रदर्शन किया जाता है। आर्मी बैंड, एन.सी.सी कैडेट्स और पुलिस बल भी विभिन्न धुनों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। राज्यों में भी इस उत्सव को राज्यपाल की मौजूदगी में बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता है।

भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहण और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड की जाती है।

भारत में आजादी के बाद “विविधता में एकता” के अस्तित्व को दिखाने के लिये देश के विभिन्न राज्य भी खास झाँकियों के माध्यम से अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रगति को प्रदर्शित करते हैं। लोगों द्वारा अपनी तरफ का लोक नृत्य प्रस्तुत किया जाता है साथ ही गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों को बजाया जाता है।

कार्यक्रम के अंत में तीन रंगों (केसरिया, सफेद, और हरा) के फूलों की बारिश वायु सेना द्वारा की जाती है जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह् प्रदर्शित करता है। शांति को प्रदर्शित करने के लिये कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारों को आकाश में छोड़ा जाता है।

26 जनवरी का क्या महत्व है?

26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला हमारा यह गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे अंदर आत्मगौरव भरने का कार्य करता है तथा हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता है। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस का यह पर्व हम सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वह दिन है जो हमें हमारे संविधान का महत्व समझाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो गया था, परन्तु इसे पूर्ण रूप से स्वतंत्रता की प्राप्ति 26 जनवरी 1950 को मिली क्योंकि यह वह दिन था।

जब हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ और हमारा भारत देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ। आज के समय यदि हम स्वतंत्र रूप से कोई भी फैसला ले सकते हैं या फिर किसी प्रकार के दमन तथा दुर्वव्यस्था के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं, तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरूप के कारण संभव है।

यहीं कारण है कि हमारे देश में गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश का संविधान तथा इसका गणतांत्रिक स्वरूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का कार्य करता है।

यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र पे एक गणतांत्रिक देश के रुप में स्थापित हुआ। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी का यह दिन हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 100 शब्दों में

26 जनवरी पर निबंध- हर साल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी को यह पता होना चाहिए कि 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है? इस दिन भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।

26 जनवरी के दिन संविधान लागू होते ही भारत पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया था। 4 नवंबर 1947 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान का प्रारूप सदन में स्थापित किया गया। भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इस को संपूर्ण भारत में लागू कर दिया गया।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है। यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को एक गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था। इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। यह भारतीय जनता के लिए स्वाभिमान का दिन था। संविधान के अनुसार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने। जनता ने देश भर में खुशियाँ मनाई। तब से 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

26 जनवरी का दिन भारत के लिए गौरवमय दिन है। इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं। विद्‌यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है। बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं। विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं।

लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं। देशवासी देश की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बतलाता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला है।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ता है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ। इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे।

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गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन

1. भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है। 2. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ। 3. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना गया है। 4. 26 जनवरी के दिन ही भारत को गणराज्य का सर्वोत्तम दर्जा प्राप्त हुआ। 5. 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है। 6. इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं व अपने तरीके से गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाते है। 7. गणतंत्र दिवस जैसे अवसर पर भारत के राष्ट्रपति लालकिले से देश को सम्बोधित करते हैं। 8. इस पूरे आयोजन को भारत के राष्ट्रीय चैनल पर प्रकाशित किया जाता है। 9. राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा झंडा फहराने के उपरांत राष्ट्रगान गाया जाता है। 10. 26 जनवरी के दिन वीर चक्र, परमवीर चक्र जैसे राष्ट्रीय सम्मान वितरित किये जाते हैं।

26 जनवरी पर FAQs

प्रश्न – गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है?

उत्तर :- भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को अपनाया गया, जिसके तहत भारत देश को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। इसलिए लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न – भारत एक गणतंत्र देश है कैसे?

उत्तरः दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र का जश्न मनाकर हम स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर क्रांतिकारियों को नमन करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। करीब 18 वर्ष तक 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस (स्वतंत्रता दिवस) मनाया जाता रहा।

प्रश्न- 26 जनवरी 1930 को क्या हुआ था?

उत्तर :- 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, अन्य दो स्‍वतन्त्रता दिवस और गांधी जयंती हैं।

प्रश्न- समय के महत्त्व अथवा गणतंत्र दिवस पर पाँच वाक्यों में अनुच्छेद लिखिए?

उत्तर :- 1. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया था। 2. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 3. 26 जनवरी के दिन ही भारत को गणराज्य का सर्वोत्तम दर्जा प्राप्त हुआ। 4. 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है। 5. यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ।

प्रश्न- 26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?

उत्तरः 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य कार्यक्रम राजपथ पर आयोजित होता है और राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

प्रश्न- 26 जनवरी 1950 को कौन सा दिन था?

उत्तर :- गुरुवार (Thursday)।

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26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Essay On Republic Day in Hindi, 10 lines (कक्षा-3 से 8 के लिए निबंध)

Essay On Republic Day in Hindi

Essay On Republic Day in Hindi: सभी भारतीयों के लिए 26 जनवरी दिवस बहुत महत्व रखता है। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत के इतिहास में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस (26 January Republic Day) बहुत अत्यधिक महत्व है। दरशल भारत ने खुद के संविधान को निर्मित करके 26 जनवरी 1950 को लागू किया। संविधान को लागू होने पर संपूर्ण देश में उत्साह का वातावरण बना। इस दिन को गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas) के रूप में मनाना शुरू किया गया। भारत इस दिन भारतीय अधिनियम एक्ट से आजाद हुआ और संविधान को लागू कर पाया। 26 जनवरी के दिन देश के गौरव लाल किले पर राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। देशहित में संबोधन दिया जाता है। देश के वीर सपूतों को याद किया जाता है। अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वतंत्रता सेनानियों को नमन, भाषण , निबंध, कला साहित्य, नृत्य आदि प्रतियोगिताएं कर देश में हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है। यदि आप भी 26 January Per Nibandh Hindi Me लिखने के लिए कोशिश कर रहे हैं। तो आज आपको हम मदद करने वाले हैं।

आइए जानते हैं, 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में में कैसे लिख सकते हैं? भारत का इतिहास जो कि निबंध में लिखा जा सकता है? 26 जनवरी का महत्व है? 26 जनवरी पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम? भारतीय सेना द्वारा किए जाने वाले शौर्य कार्यक्रम की झलक को कैसे शब्दों में लिखा जा सकता है। इस संबंध में संपूर्ण विवरण आप इस लेख में जानने वाले हैं। अतः नीचे दी गई निबंध लेखन प्रक्रिया (Essay Writing Process) को ध्यानपूर्वक फॉलो करें। आप गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 200 शब्द से अधिक तथा गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 10 लाइन का निबंध भी पढ़ सकेंगे |

26 January Per Nibandh Hindi Me | 26 जनवरी 2024 पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें?

प्रस्तावना:-  भारत में सन 1950 से लेकर अब तक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। भारत में इस दिन राजकीय अवकाश रखता है। संपूर्ण देश में सभी राजकीय एवं प्राइवेट संस्थानों में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत ने 26 जनवरी 1950 को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों अर्थात भारत अधिनियम एक्ट को हटाकर भारत ने खुद का संविधान लागू किया था। इसी दिन को हम सभी भारतीय बड़े गर्व के साथ मनाते हैं। अब भारत स्वयं लोकतांत्रिक गणराज्य देश बन चुका है।

26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज्य की घोषणा | Declaration of complete independence on 26 January 1930

भारत को पूर्ण स्वराज्य की घोषणा करने में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अहम भूमिका रही है। भारत में पहले लाहौर अधिवेशन में यह प्रस्तावना की गई थी कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डेमो नियम का दर्जा नहीं देगा। तो भारत पूर्ण रुप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस बात पर ब्रिटिश सरकार का 1930 तक कोई निर्णय नहीं आने पर भारतीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित कर दिया गया। भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में दिसंबर 1929 में किया गया।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? History of 26 January

15 अगस्त 1947 को संपूर्ण देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। इस दिन को आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। परंतु अब तक भारत में देश का संविधान लागू नहीं था। कुछ अंग्रेजों के अधिनियम के आधार पर ही देश में कानून व्यवस्था सुचारु रुप से जारी थी। कुछ समय बाद 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की गई। इस सभा में निर्णय लिया गया कि भारत का खुद का संविधान होना चाहिए। भारत के संविधान लिखने की जिम्मेदारी बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दी गई।   बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिनों की अथक मेहनत के बाद भारत को अक्षुण संविधान बना कर दिया। 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को देशहित में लागू किया गया। इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष में राष्ट्रीय उत्सव हर्षोल्लास से मनाता है।

भारत का संविधान लिखने में अहम भूमिका (Important role in writing the Constitution of India)

9 दिसंबर 1947 की सभा में देश के लिए संविधान लिखने की बात पर अमल किया जा रहा था। संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया। संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गई। जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक के मुख्य सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरु, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर , सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि सदस्य शामिल थे। भारत का संविधान निर्माण करने में जनता तथा प्रेस को भी शामिल किया गया। भारत का संविधान लिखने की जिम्मेदारी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सौंपी गई। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने अथक मेहनत से 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन के भीतर भारत को गौरवान्वित करने वाला संविधान लिख दिया। जिसे 26 जनवरी 1950 को देश हित में लागू कर दिया गया। भारत का संविधान लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की रही। बाबा साहेब की मेहनत से भारत खुद के संविधान लिखने व लागु करने में सफल हुआ।

26 जनवरी कैसे मनाया जाता है (How is 26 January Celebrated?

26 जनवरी भारत के इतिहास में स्वर्णिम स्थान रखता है। इस दिन संपूर्ण देश में उत्साह का माहौल रहता है। राजकीय कार्यों का अवकाश रखा जाता है। देश हित में राष्ट्रीय पर्व को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। गत 2 वर्षों में महामारी के चलते 26 जनवरी कार्यक्रम को सीमित उपस्थिति में सम्पन्न किया गया। गत 2 वर्षों में विदेशी मेहमानों को सीमित मात्रा में न्योता दिया गया। संपूर्ण देश इस कार्यक्रम को लाल किले से न्यूज़ चैनल के माध्यम से लाइव देखता रहा। 26 जनवरी 2024 को लाल किले पर होने वाले झंडारोहण को राष्ट्रपति द्वारा सम्पन्न किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा देश हित में संबोधन दिया जाता है। इसी के साथ भारत के सम्मानीय प्रधानमंत्री ( नरेंद्र मोदी ) द्वारा भी जनता को संबोधित किया जाता है। इसी के साथ भारत की तीनों सेनाओं (जल-थल-नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेती है, तथा ध्वजारोहण कर रहे राष्ट्रपति को सलामी देती है। भारत की तीनों सेनाओं द्वारा शौर्य का परिचम लहराया जाता है। 26 जनवरी 2024 के दिन सभी प्राइवेट/ निजी संस्थाएं एवं राजकीय दफ्तरों में झंडारोहण किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते है। राष्ट्रगान का उद्घोष किया जाता है।

26 जनवरी 2024 संपूर्ण देश 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन संपूर्ण देश में तिरंगा झंडा लहराता है तथा झंडारोहण के साथ-साथ राष्ट्रीय गान का उद्घोष किया जाता है। भारत का प्रत्येक बच्चा-बच्चा इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेता है। अपने देश में मनाने जाने वाले राष्ट्रीय पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाता है। 26 जनवरी के दिन छोटे बच्चे संस्कृति कार्यक्रम में भाग लेते हैं। हिंदी इंग्लिश तथा अपने क्षेत्रीय भाषाओं में भाषण देते हैं। देश के वीर सपूतों को याद करते हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी के दिन उपस्थित सभी मेहमानों के स्वागत एवं सम्मान में संबोधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat) का आयोजन किया जाता है। इसी के साथ भारत में गणतंत्र दिवस हर साल अन्य देशों से भी मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है।

26 जनवरी 2024 पर निबंध PDF Download

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FAQ’s 26 January Per Nibandh Hindi Me

Q. 26 जनवरी 2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा.

Ans. 26 जनवरी 2024 को भारत में 75वा गणतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। 

Q. गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 के मुख्य अतिथि कौन हैं ?

Ans. भारत 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पांच मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को आमंत्रित किया जा सकता हैं।

Q.  रिपब्लिक डे क्यों मनाया जाता है?

Ans.  भारत में रिपब्लिक डे 26 जनवरी को सेलिब्रेट किया जाता है। आज से 74 साल पहले भारत ने अंग्रेजों के अधिनियम एक्ट को हटाकर खुद का संविधान लागू किया था। 26 जनवरी 1950 का वह ऐतिहासिक दिन भारत के लिए गौरवपूर्ण इतिहास बन चुका  है। उस दिन को आज भी 26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

Q.  भारत का संविधान किसके द्वारा लिखा गया था?

Ans.  भारत का संविधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखा गया था।

Q.  भारत का संविधान लिखने में कितना समय लगा था?

Ans.  भारत का संविधान लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध (Republic Day Parade Essay in Hindi)

गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस मौके पर होने वाली परेड हमारी शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक-चिह्न है। हमारे देश के भव्य आयोजनों में से एक गणतंत्र दिवस परेड की छटा देखने लायक होती है। यह हर वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर सम्पन्न होती है। यहाँ हम आपको अलग-अलग शब्द-सीमाओं में बंधे गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध प्रस्तुत कर रहें है।

26 जनवरी परेड पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Republic Day Parade in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

निबंध  – 1 (250 शब्द).

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जिसका आयोजन प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को होता है। इसी दिन ‘26 जनवरी 1950’ को पूरे देश में संविधान (कानूनी किताब) लागू हुआ था। हमारा देश एक समप्रभुता-सम्पन्न, न्याय-वादी, धर्म-निरपेक्ष, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित हुआ था।

इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाय तो हमें पता चलता है कि इसी दिन, भारत सरकार एक्ट (1935) को हटाकर भारत के संविधान को अपनाया गया था। संविधान तो हमारा 26 नवम्बर 1949 को ही देश के लोगों को सौंप दिया गया था, किन्तु 26 जनवरी 1950 को पूरे मान-सम्मान के साथ लोकतंत्र प्रणाली के साथ अंगीकृत किया गया।

इस वर्ष 2024 में हम अपना 75वाँ गणतंत्र मना रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू राजपथ के ध्वज आरोहण करने के बाद, तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देती है। तत्पश्चात् परेड का आयोजन होता है, जिसमें हमारी सेना और विभिन्न स्कूली बच्चे मार्च पास्ट करते हुए राष्ट्रपति को सेल्यूट करते है।

हमारी राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड होती है। बड़ा ही अद्भुत नजारा होता है, जब सेना के सभी जवान एक साथ कदम-ताल करते हुए एक धुन में परेड करते है। इस मौके पर होने वाले परेड और समारोह को देखने लोग दूर-दूर से आते है। यह परेड राष्ट्रपति-भवन से इंडिया-गेट तक जाती है। उसके बाद तीनों सेनाएँ अपनी-अपनी शक्ति, सामर्थ्य का प्रदर्शन करते है। पूरा अंबर हमारे तिरंगे के रंग में रंग जाता है। यही वो अवसर होता है जब पूरी दुनिया के सामने हम अपना दम-खम दिखा सकते है।

परेड का शुभारंभ झण्डा फहराने के बाद होता है। 26 जनवरी पर राष्ट्रपति के झंडा फहराने के बाद यह श्रृंखला शुरू हो जाती है। झंडारोहण के तुरंत बाद राष्ट्र-गान होता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। रायसीना हिल्स (राष्ट्रपति भवन) से शुरू होकर इंडिया-गेट तक यह कारवाँ गुजरता है।

निबंध  – 2 (300 शब्द)

“ सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा ”

यह गीत कानों में पड़ते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है और सर गर्व से ऊँचा हो जाता है। दिल्ली की परेड का आनंद उठाने देश-विदेश से लोग आते है। खासकर वो लोग, जो देश के बाहर रह रहें हैं। इसी बहाने देश से जुड़ने को मौका मिलता है। देश की कला, संस्कृति के बारे में जानने का अवसर भी मिलता है।

हमारा देश लोकतांत्रिक गणराज्य है। किसी भी देश के लिए उसकी आजादी का दिन सबसे खास होता है। और ये तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब बात उसके संविधान की हो। हमारे तीन राष्ट्रीय पर्व हैं- 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर, जिन्हें हम गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयन्ती के रूप में जानते है। ये तीनों दिवस अपने आप में बहुत खास है। ‘26 जनवरी’ ही वे दिन है, जब हम पूर्णतः एक गणतंत्र राष्ट्र घोषित हुए थे।  इस दिन हमें अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ प्राप्त हुई थी।

गणतंत्र दिवस आयोजन-स्थल

गणतंत्र दिवस का इन्तजार लोगों को कई दिनों से रहता है। इस महोत्सव की तैयारी में महीनों पहले ही जुट जाते है। स्कूल-कॉलेजो में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ परेड की तैयारी भी जोरो-शोरो से की जाती है। सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। आकर्षण का मुख्य केन्द्र राजधानी दिल्ली का भव्य परेड और समारोह होता है। गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजधानी दिल्ली के राजपथ पर होता है। जहाँ हमें देश के विकास और अदम्य साहस देखने को मिलता है।

गणतंत्र दिवस परेड

इस दिन को पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। एक महिने पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती है। 26 जनवरी पर राष्ट्रपति झंडा फहराते है। हमारी तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते है। उसके बाद भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसका साक्षी पूरा विश्व बनता है।

देश के सभी राज्य अपने-अपने तरीके से गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी हो या प्राइवेट सभी जगहों पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। लोग सुबह से ही गणतंत्र दिवस परेड का दिल्ली के राजपथ से सीधा प्रसारण देखने के लिए टी.वी. के सामने बैठ जाते है।

राष्ट्रपति की अध्यक्षता में गणतंत्र दिवस के रंगारंग कार्यक्रम का आगाज़ होता है। राष्ट्रपति राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने देश की उपलब्धियों की चर्चा करते है। इसके बाद परमवीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र जैसे वीरता और शौर्य के पुरस्कारों का वितरण किया जाता है।

निबंध – 3 (400 शब्द)

26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा ध्वजारोहण के साथ ही इस ऐतिहासिक दिन की शुरूआत होती है। भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति पर हमारे अमर शहीदों को याद करते हैं और श्रध्दांजलि देते है।

गणतंत्र दिवस परेड का स्वरूप

गणतंत्र दिवस परेड को राष्ट्रपति लीड करते है। राष्ट्रपति झंडा फहराते है और भारतीय सशस्त्र सेना का कमांडर इन चीफ होने के नाते तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते हैं। झंडारोहण के तुरंत बाद राष्ट्रगान गाया जाता है।

हर वर्ष किसी न किसी मेहमान खास को गणतंत्र दिवस के खास मौके पर आमंत्रित किया जाता है। इस बार भी किया गया था। 2021 के खास मेहमान थे, UK के बोरिस जॉनसन। लेकिन उन्होंने बढ़ते कोविड केसेस को देखते हुए भारत आने से मना कर दिया था।

गणतंत्र दिवस परेड का महत्व

बहुतो के मन में ये बात आ रही होगी कि, यदि संविधान 26 नवंबर को ही बन गया था तो उसे उसी दिन लागू क्यों नहीं किया। इस दिन को चुनने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है। 26 जनवरी 1930 में, लाहौर अधिवेशन के दौरान पंडित नेहरू ने अर्धरात्रि  को रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज की घोषणा कर दी थी।

हमें 15 अगस्त 1947 को ही आजादी मिल गयी। अतः 26 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए और अपनी घोषणा को सम्मान देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन के अविस्मरणीय बनाने का निर्णय लिया। और तभी से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ हो गया।

गणतंत्र दिवस समारोह भारतीय आन-बान-शान का द्योतक होता है। लगभग 400 सालों की गुलामी के बाद हमें यह आजादी का सूरज नसीब हुआ है। यह हमारे देश की विकास-यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक विकास को दर्शाने का एक कुशल प्लैटफॉर्म है।

निबंध – 4 (500 शब्द)

गणतंत्र दिवस का नाम सुनते ही जो पहली छवि उभरती है, वो है परेड। राष्ट्रपति, गैलेंट्री अवार्डस्, राज्यों की भव्य झांकियाँ, तीनों सेनाओं का करिश्माई प्रदर्शन सहसा ही आखों के सामने उभर जाता है।

Essay on Republic Day Parade in Hindi

गणतंत्र दिवस परेड कब और कहाँ आयोजित की जाती है।

गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के सभी 28 राज्यों और 9 केन्द्र-शासित प्रदेशो में यह पर्व अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है। सबकी नज़र दिल्ली के राजपथ पर टिकी रहती है, क्योंकि राष्ट्रपति के राजपथ पर झंडा फहराने के बाद ही सम्पूर्ण राज्य अपने यहाँ झंडा फहरा सकता है।

आज जितना भव्य और वृहद रूप हमारे सामने है, प्रारंभ से ऐसा नहीं है। आज हम अपना 74वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे है। ऐसे में यह जानना बेहद रोमांचकारी है, कि भारत का पहला गणतंत्र कैसे रहा होगा।

आइए इस पक्ष पर थोड़ी नज़र डालते है। आज जहाँ गणतंत्र दिवस परेड होती है, वहाँ पहली बार नही हुई थी। पहली बार दिल्ली के ब्रिटिश स्टेडियम में गणतंत्र दिवस परेड हुआ था। वो दृश्य भले ही साधारण था किन्तु अलौकिक था। हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने पहली बार आजाद भारत में तिरंगा फहराया था। उनके लिए वह पल कितना शानदार होगा, जिसने गुलामी के दंश झेला हो। हमारे कल्पना के भी परे है। तोपो की सलामी से सर्वत्र किला गूंजित हो उठा।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड कैसे की जाती है।

गणतंत्र दिवस पर परेड की परम्परा नवीन नहीं है। अगर किसी से पूछा जाय कि गणतंत्र दिवस परेड कहाँ होता है, तो झट से यही जवाब आता है कि राजपथ। आज के परिपेक्ष्य में सर्वथा उचित है, लेकिन अगर आप पहला भी राजपथ सोच रहे तो आप गलत है। हमारा प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर नही बल्कि दिल्ली के पुराने किले के इर्विन स्टेडियम में हुआ था, जहाँ आज नेशनल स्टेडियम बन गया है।

परेड एक तरह का मार्च-पास्ट होता है। इसे सेना के सारे जवान और अकादमिक बच्चे एक क्रम में कदम-ताल करते हुए करते है। यह राजपथ से शुरू होकर इंडिया गेट तक जाता है। उसके बाद प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर फूल-माला चढ़ाकर अमर शहीदों (देश के लिए मर मिटने वाले जवान) को श्रद्धांजलि देते है।

“ हिन्दी है हम वतन है, हिन्दोस्तां हमारा ”

हमारा राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इससे हमारे देश की गरिमा जुड़ी होती है। इस उपलक्ष्य पर उन वीर बच्चों को भी सम्मानित किया जाता है, जो अपनी ज़ान की परवाह किए बिना दूसरों की ज़ान बचाते है।

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गणतंत्र दिवस | 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में- Republic Day Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Republic Day Essay in Hindi ( Gantantra Diwas | 26 january par nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 800 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Republic Day in Hindi | 5 well written essay on Republic Day in Hindi. गणतंत्र दिवस पर पूरी जानकारी जैसे की इतिहास, महत्व-विशेषता, राष्ट्रीय पर्व का दिन, राजधानी में समारोह  सरकार के प्रयत्न, राजनीतिक सफलता का निवास  अदि के बारे बताया गया है। 

Republic day Essay in Hindi | राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर निबंध

Republic Day Essay in Hindi 10 Lines

1. गणतंत्र दिवस भारत का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है।

2. 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी।

3. इसी दिन भारत में गवर्नर जनरल के पद की समाप्ति हुई थी और शासन का प्रतीक राष्ट्रपति बना था।

4. स्वाधीन होने पर देश के कर्णधारों ने नवीन संविधान का निर्माण किया और 26 जनवरी सन् 1950 को सर्वप्रथम उसे देश पर लागू किया।

5. 26 जनवरी, 1950 को प्रात:काल अंतिम गवर्नर जनरल सी राज गोपालचार्या ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रसाद को कार्य भार सोपा था।

6. इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष आयोजन होता है।

7. भारत के राष्ट्रपति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देशवासियों को संदेश देते हैं।

8. राष्ट्रपति भवन, संसद, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है।

9. गणतंत्र दिवस के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन किये जाते हैं।

10. गणतंत्र दिवस समूचे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Read Also- 10 lines on Republic Day in Hindi

Short Republic Day Essay in Hindi ( 150 words )

पहले हमारे देश पर अंग्रेज शासन करते थे। वे अपने कानून से देश चलाते थे । हमारा देश आजाद हुआ । हमने अपने देश को चलाने के लिए स्वयं कानून बनाया। देश को चलाने वाले कानून को ‘संविधान’ कहते हैं। 26 जनवरी 1950 से संविधान के अनुसार देश का काम-काज होने लगा। संविधान में कहा गया है कि हमारा देश ‘गणतंत्र’ है। तब से 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ मनाते हैं।

विद्यालयों, कॉलेजों, दफ्तरों में झण्डा फहराया जाता है। विद्यालयों में खेल कूद की स्पर्धा होती है| बच्चों में मिठाईयाँ बाँटी जाती हैं।

इस दिन दिल्ली में घूम मची रहती है। देश के राष्ट्रपति लाल किले पर झण्डा फहराते हैं । हर राज्य की झांकी निकलती है । सेना के तीनों कमान की परेड होती है। पाठशाला के बच्चे भी परेड में भाग लेते हैं । शाम में राष्ट्रपतिभवन तथा राजपथ को सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। इस तरह 26 जनवरी को लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं ।

गणतंत्र दिवस |26 जनवरी पर निबंध | 26 January Essay in Hindi ( 300 words )

गणतंत्र दिवस भारत का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस का उत्सव प्रति वर्ष छब्बीस जनवरी को भारत के नगर-नगर और ग्राम-ग्राम में बड़े ही हर्ष, उत्साह और उमंग के वातावरण में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस छब्बीस जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे भी एक विशेष भावना काम कर रही है। स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में लाहौर कांग्रेस के अध्यक्ष पद से 26 जनवरी के दिन ही पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि “यदि ब्रिटिश सरकार हमें औपनिवेशिक स्वराज्य देना चाहें तो उसे 31 जनवरी 1931 से लागू करने की घोषणा करे, अन्यथा 1 जनवरी से हमारी माँग पूर्ण स्वाधीनता होगी। तभी से 26 जनवरी को स्वतन्त्रता दिवस मानकर उस दिन पूर्ण स्वाधीनता की माँग दोहराई जाती थी। यह क्रम भारत के स्वाधीन होने तक चला। उसी ऐतिहासिक भावना को सुरक्षित रखने के लिए छब्बीस जनवरी का दिन ही गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

स्वाधीन होने पर देश के कर्णधारों ने नवीन संविधान का निर्माण किया और 26 जनवरी सन् 1950 को सर्वप्रथम उसे देश पर लागू किया। उसी संविधान के अनुसार देश को गणराज्य घोषित किया गया।

भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष आयोजन होता है।

इस दिन प्रातः नौ बजे के लगभग राष्ट्रपति महोदय विजय चौक पर विशेष रूप से सजे हुए मंच पर उपस्थित होते हैं। इसी समय इक्कतीस तोपें दाग कर राष्ट्रपति का अभिवादन किया जाता है। राष्ट्रपति सैनिकों और अन्य नागरिकों को अलंकरण प्रदान करते हैं और तदनन्तः सैनिक संचलन प्रारम्भ होता है। तक राष्ट्रपति भवन से जल, स्थल और वायु सेना के सौनिक पथ संचलन करते हुए और राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए आगे बढ़ते हैं। यह परेड लाल किले तक जाती है। इस संचलन में सैनिकों के अतिरिक्त एन.सी. सी. के छात्र, दिल्ली के चुने हुए विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ तथा सैनिक बैंड भी होते हैं। इनके साथ ही युद्ध में काम आने वाले शस्त्रास्त्रों का प्रदर्शन भी होता है। इसके पीछे विभिन्न प्रान्तों की सुन्दर झाँकियाँ भी होती हैं।

रात को सरकारी भवनों पर प्रकाश किया जाता है। और आतिशबाजी छोड़ी जाती है।

वस्तुतः यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का दिन है, जो हमको देश भक्ति की नवीन प्रेरणा देता है।

Gantantra Diwas Essay in Hindi ( 500 words )

भूमिका

भारत की पवित्र भूमि पर प्रति वर्ष अनेक पर्व तथा उत्सव मनाए जाते हैं। इन पवों का अपना विशेष महत्व होता है, किंतु धार्मिक तथा सांस्कृतिक पवों के अतिरिक्त कुछ ऐसे पर्व हैं, जिनका संबंध सारे राष्ट्र तथा उस में निवास करने वाले जन-जीवन से होता है, ये राष्ट्रीय पर्वो के नाम से प्रसिद्ध हैं। 26 जनवरी इन्हीं में से एक है।

राजनीतिक सफलता का निवास  

छब्बीस जनवरी राष्ट्रीय पर्वो में महापर्व है, क्योंकि मुक्ति संघर्ष के बाद राष्ट्रीय इतिहास में राष्ट्र को सर्वप्रभुता-संपन्न गणतंत्रात्मक गणराज्य का स्वरूप प्रदान करने का श्रेय इसी पुण्य तिथि की है। भारतीय गणतंत्रात्मक लोकराज्य का स्व-निर्मित संविधान इसी पुण्य तिथि को कार्य रूप में परिणत हुआ था। इसी दिन भारत में गवर्नर जनरल के पद की समाप्ति हुई थी और शासन का प्रतीक राष्ट्रपति बना था।

इतिहास

 सन् 1929 में जब लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ तो उसमें कांग्रेस के अध्यक्ष श्री जवाहर लाल नेहरू बने थे। उन्होंने प्रस्ताव पारित किया कि 26 जनवरी के दिन प्रत्येक भारतवासी राष्ट्रीय पताका के नीचे खड़ा होकर प्रतिज्ञा करे कि हम भारत के लिए पूर्ण स्वाधीनता की माँग करेंगे और उसके लिए अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे। तब से प्रति वर्ष 26 जनवरी का पर्व मदाने की परंपरा चल पड़ी। स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय नेताओं ने 26 जनवरी के दिन नवीन विधान को भारत पर लागू करना उचित समझा। 26 जनवरी, 1950 को प्रात:काल अंतिम गवर्नर जनरल सी राज गोपालचार्या ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रसाद को कार्य भार सोपा था ।

सरकार के प्रयत्न

आज राष्ट्रीय त्योहारों के मनाने का ढंग राष्ट्रीय नहीं बल्कि सरकारी है। यह समारोह इस ढंग से मनाए जाते है की साधारण जनता को न तो इससे प्रेरणा ही मिलती है और न ही समारोहों से उनमें आंतरिक उल्लास और स्फूर्ति की जागृत होती है। सरकार 26 जनवरी को लोकप्रिय उत्सव बनाने के लिए प्रयत्नशील है। दिल्ली में असाधारण समारोह होता है। आशा करनी चाहिए की यह उत्सव नगरों तक सीमित न रह कर ग्रामीण जनता के लिए भी सुरुचिपूर्ण एवं आकर्षण का केंद्र बन जाएगा ।

राजधानी में समारोह  

यद्यपि यह समारोह देश के प्रत्येक ओर-छोर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, किंतु भारत की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा देखते ही बनती है। मुख्य समारोह सलामी, पुरस्कार वितरण आदि तो इंडिया गेट पर ही होता है। पर शोभा यात्रा नई दिल्ली की प्राय: सभी सड़कों पर घूमती है। इसके साथ तीनों सेनाएँ घुड़सवार, टैंक, मशीन गनें, टैंक नाशक तोपें, विध्वंसक तथा विमान भेदी आदि यंत्र रहते हैं। विभिन्न प्रांतों के लोग नृत्य तथा शिल्प आदि का प्रदर्शन करते हैं। कई ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएँ भी उपस्थित की जाती है छात्र-छात्राएँ भी इसमें भाग लेती हैं और कला का प्रदर्शन करती हैं।

उपसंहार  

26 जनवरी के उत्सव को साधारण जन समाज का पर्व बनने के लिए इसमें पर्त्यक भारतवासी को आवश्य भाग लेना चाहिए । इस दिन राष्ट्रवासियों का आत्म-निरीक्षण भी करना चाहिए और सोचना चाहिए की हमने क्या खोया त था क्या पाया है, अपनी निश्चित की गई योजनाओं में हमें कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई है। हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे क्या हम वहाँ तक पहुँच पाए है। इस दरसती से आगे बड़ने का दृढ़ संकल्प करना चाहिए ।

Republic Day Essay in Hindi

Republic Day Essay in Hindi Lines

Long Essay on Republic Day in Hindi with headings ( 800 words )

आज संसार में लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली सबसे अच्छी मानी जाती है। इस शासन प्रणाली में देश का शासन जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा होता है। 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष में लोकतंत्र की स्थापना हुई। इसलिए यह दिवस हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह दिवस हमारे देश के इतिहास में सदा अमर रहेगा। स्वतंत्रता के बाद लोकतांत्रिक प्रणाली कायम करने के उद्देश्य से बड़े-बड़े विधिवेत्ताओं के परामर्श और सहयोग से भारतीय संविधान की रचना की गई। संविधान को बनाने में दो वर्ष ग्यारह मास और अट्ठारह दिन लगे। यही संविधान 26 जनवरी सन् 1950 को लागू हुआ और उसी अनुसार हमारे देश का शासन आरम्भ हुआ। इसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की परम्परा शुरू हुई। आज हमारे देश का शासन इसी संविधान के अनुसार चल रहा है। यह दिवस भारत का एक पवित्र पर्व है। यह हमारा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्यौहार है।

इतिहास ( History of Republic Day in Hindi )

प्रश्न उठता है कि 26 जनवरी का महत्व क्यों है? 26 जनवरी सन् 1926 को रावी नदी के तट पर कांग्रेस अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे। नेहरूजी के नेतृत्व में इस अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित किया गया और यह प्रतिज्ञा की गई कि जब तक हमारा देश पूर्ण स्वतंत्र नहीं होगा, हम आजादी का संघर्ष जारी रखेंगे। सारा देश आजादी की लड़ाई में जुट गया। स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर शहीद हुए और अनेकों ने जेल यात्राएँ कीं। अंग्रेजों का दमन तेज हुआ, किन्तु भारतीय अपनी स्वतंत्रता के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। अन्ततः 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। शताब्दियों की परतंत्रता की बेड़ियों से भारत माँ मुक्त हुई। पूरा देश खुशी से नाच उठा। जगह-जगह आजादी के उत्सव मनाए गए। अंग्रेज अपने देश वापस चले गये।

महत्व-विशेषता

लोकतंत्र आधुनिक समाज और विश्व की सर्वश्रेष्ठ शासन प्रणाली है। सचमुच हम 26 जनवरी सन् 1950 को ही पूर्ण स्वतंत्र हुए। भारत सार्वभौम देश घोषित हुआ। धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र और समाजवाद हमारी शासन प्रणाली का लक्ष्य निर्धारित हुआ। धर्म, जाति, वर्ण, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव भूलकर सब को समान अधिकार प्राप्त हुए। हमारा संविधान इसी मूल भावना को व्यक्त करता है। भारत के हर बालिग नागरिक को मताधिकार का अधिकार प्राप्त हुआ। ज्यों-ज्यों समय व्यतीत हो रहा है, हमारा लोकतंत्र सुदृढ़ होता जा रहा है। हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय पर्व का दिन

26 जनवरी हमारा परम पवित्र राष्ट्रीय दिवस है। इस दिन समूचे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । सभी बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री-पुरुष गणतन्त्र को आनन्द और उल्लास के साथ मनाते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी बड़ी शान और धूमधाम से मनायी जाती है। भारत के राष्ट्रपति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देशवासियों को संदेश देते हैं। इस अवसर पर भारत की तीनों सेनाओं और देश के अन्य भागों की सांस्कृतिक झांकिया निकाली जाती है । राष्ट्रपति भवन, संसद, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है। देश के अन्य प्रान्तों की राजधानियों में भी इस प्रकार के आयोजन किये जाते हैं। जहाँ राज्यपालों द्वारा राष्ट्रीय पताका फहराई जाती है तथा अनेक सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य शैक्षणिक संस्थाओं, सामाजिक प्रतिष्ठानों द्वारा भी गणतन्त्र दिवस के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन किये जाते हैं। प्रात: काल से रात तक खेलकुद, नाटक, कवि सम्मेलन, संगीत आदि के कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किये जाते हैं। इस दिन पूरा भारत उत्सवमय हो जाता है।

उपसंहार

राष्ट्रीय पर्व हमारे हृदय में देश भक्ति की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर हम देश पर अपने प्राण उत्सर्ग करने वाले शहीदों को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। इस दिन हमें यह शिक्षा मिलती है कि बिना त्याग, तप और बलिदान के कोई भी राष्ट्र महान नही बन सकता है। यह पर्व हमें व्यक्तिगत स्वार्थ से उठकर देश, जाति और समाज की सेवा की प्रेरणा देता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस देश में राष्ट्रीयता का अभाव होता है और लोग अपनी स्वार्थपूर्ति में लगे रहते हैं, उस देश की स्वतन्त्रता कभी सुरक्षित नहीं रह सकती है। अतः हमें पूरी सतर्कता से अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

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26 जनवरी – गणतन्त्र दिवस निबंध व भाषण.

Last Updated: July 17, 2020 By Gopal Mishra 75 Comments

26 January Republic Day Essay in Hindi / Speech

२६ जनवरी पर निबंध व भाषण .

Republic Day Essay in Hindi Speech गणतंत्र दिवस पर निबंध भाषण

मातृभुमि के सम्मान एवं उसकी आजादी के लिये असंख्य वीरों ने अपने जीवन की आहूति दी थी। देशभक्तों की गाथाओं से भारतीय इतिहास के पृष्ठ भरे हुए हैं। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत हजारों की संख्या में भारत माता के वीर सपूतों ने, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपना सर्वस्य न्योछावर कर दिया था। ऐसे ही महान देशभक्तों के त्याग और बलिदान के परिणाम स्वरूप हमारा देश, गणतान्त्रिक देश हो सका।

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 ➡  2020 गणतंत्र दिवस पर नया दमदार भाषण यहाँ क्लिक कर पढ़ें 

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गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। वैसे तो भारत में सभी पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं, परन्तु गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस पर्व का महत्व इसलिये भी बढ जाता है क्योंकि इसे सभी जाति एवं वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं? मित्रों, जब अंग्रेज सरकार की मंशा भारत को एक स्वतंत्र उपनिवेश बनाने की नजर नही आ रही थी, तभी 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरु जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्णस्वराज्य की शपथ ली। पूर्ण स्वराज के अभियान को पूरा करने के लिये सभी आंदोलन तेज कर दिये गये थे। सभी देशभकतों ने अपने-अपने तरीके से आजादी के लिये कमर कस ली थी। एकता में बल है, की भावना को चरितार्थ करती विचारधारा में अंग्रेजों को पिछे हटना पङा। अंतोगत्वा 1947 को भारत आजाद हुआ, तभी यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1929 की निर्णनायक तिथी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनायेंगे।

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26 जनवरी, 1950 भारतीय इतिहास में इसलिये भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बङा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ.भीमराव अम्बेडकर  प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया।देश को गौरवशाली गणतन्त्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तो ने अपना बलिदान दिया उन्हे याद करके, भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी।

मित्रो, भारत से व्यपार का इरादा लेकर अंग्रेज भारत आये थे, लेकिन धीरे -धीरे उन्होने यहाँ के राजाओं और सामंतो पर अपनी कूटनीति चालों से अधिकार कर लिया। आजादी कि पहली आग मंगल पांडे ने 1857 में कोलकता के पास बैरकपुर में जलाई थी, किन्तु कुछ संचार संसाधनो की कमी से ये आग ज्वाला न बन सकी परन्तु, इस आग की चिंगारी कभी बुझी न थी। लक्ष्मीबाई से इंदिरागाँधी तक, मंगल पांडे से सुभाष तक, नाना साहेब से सरदार पटेल तक, लाल(लाला लाजपत राय), बाल(बाल गंगाधर तिलक), पाल(विपिन्द्र चन्द्र पाल) हों या गोपाल, गाँधी , नेहरु सभी के ह्रदय में धधक रही थी।

Pundit Jawaharlal Nehru Famous Independence Day Speech in Hindi (Video)

13 अप्रैल 1919 की (जलिया वाला बाग) घटना, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे अधिक दुखदाई घटना थी। जब जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हज़ारों लोगों को घायल कर दिया था। यही वह घटना थी जिसने भगत सिंह और उधम सिंह जैसे, क्रांतीकारियों को जन्म दिया। अहिंसा के पुजारी हों या हिंसात्मक विचारक क्रान्तिकारी, सभी का ह्रदय आजादी की आग से जलने लगा। हर वर्ग भारतमात के चरणों में बलिदान देने को तत्पर था।

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अतः 26 जनवरी को उन सभी देशभक्तों को श्रद्धा सुमन अपिर्त करते हुए, गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारतवर्ष के कोने-कोने में बड़े उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन प्रभात फेरियां निकाली जाती है। भारत की राजधानी दिल्ली समेत प्रत्येक राज्य तथा विदेषों के भारतीय राजदूतावासों में भी यह त्योहार उल्लास व गर्व से मनाया जाता है।

26 जनवरी का मुख्य समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में भव्यता के साथ मनाते हैं। देश के विभिन्न भागों से असंख्य व्यक्ति इस समारोह की शोभा देखने के लिये आते हैं। हमारे सुरक्षा प्रहरी परेड निकाल कर, अपनी आधुनिक सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं तथा सुरक्षा में सक्षम हैं, इस बात का हमें विश्वास दिलाते हैं।

Republic Day Essay in Hindi गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 जनवरी की परेड

परेड विजय चौक से प्रारम्भ होकर राजपथ एवं दिल्ली के अनेक क्षेत्रों से गुजरती हुयी लाल किले पर जाकर समाप्त हो जाती है। परेड शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ‘अमर जवान ज्योति’ पर शहीदों को श्रंद्धांजलि अर्पित करते हैं। राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ 14 घोड़ों की बग्घी में बैठकर इंडिया गेट पर आते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं, उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है।

आकाश में तिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर छोड़े जाते हैं। जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की टुकडि़यां, बैंडो की धुनों पर मार्च करती हैं। पुलिस के जवान, विभिन्न प्रकार के अस्त्र-षस्त्रों, मिसाइलों, टैंको, वायुयानो आदि का प्रदर्षन करते हुए देश के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। सैनिकों का सीना तानकर अपनी साफ-सुथरी वेषभूषा में कदम से कदम मिलाकर चलने का दृष्य बड़ा मनोहारी होता है। यह भव्य दृष्य को देखकर मन में राष्ट्र के प्रति भक्ति तथा ह्रदय में उत्साह का संचार होता है।

स्कूल, कॉलेज की छात्र-छात्राएं, एन.सी.सी. की वेशभूषा में सुसज्जित कदम से कदम मिलाकर चलते हुए यह विश्वास उत्पन्न करते हैं कि हमारी दूसरी सुरक्षा पंक्ति अपने कर्तव्य से भलीभांति परिचित हैं। मिलेट्री तथा स्कूलों के अनेक बैंड सारे वातावरण को देशभक्ति तथा राष्ट्र-प्रेम की भावना से गुंजायमान करते हैं। विभिन्न राज्यों की झांकियां वहाँ के सांस्कृतिक जीवन, वेषभूषा, रीति-रिवाजों, औद्योगिक तथा सामाजिक क्षेत्र में आये परिवर्तनों का चित्र प्रस्तुत करती हैं। अनेकता में एकता का ये परिदृष्य अति प्रेरणादायी होता है। गणतन्त्र दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सरकारी कार्यालयों पर रौशनी की जाती है।

26 जनवरी का पर्व देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है। प्रत्येक भारतीय को अपने देश की आजादी प्यारी थी। भारत की भूमि पर पग-पग में उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-

कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।

ऐसे ही अनेक देशभक्तों की शहादत का परिणाम है, हमारा गणतान्त्रिक देश भारत।

26 जनवरी का पावन पर्व आज भी हर दिल में राष्ट्रीय भावना की मशाल को प्रज्वलित कर रहा है। लहराता हुआ तिरंगा रोम-रोम में जोश का संचार कर रहा है, चहुँओर खुशियों की सौगात है। हम सब मिलकर उन सभी अमर बलिदानियों को अपनी भावांजली से नमन करें, वंदन करें।

जय हिन्द, जय भारत

Anita Sharma Voice For Blind

अनिता जी दृष्टिबाधित लोगों की सेवा में तत्पर हैं। उनके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें –  नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनिता शर्मा और  उनसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

26 जनवरी पर अनिता जी का एक और लेख यहाँ पढ़ें.

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Thanks a lot Anita ji  for inspiring us with a great Republic Day Essay in Hindi. One may use it to deliver Republic Day Speech in Hindi (BHASHAN)

Note:  अनिता जी द्वारा अन्य लेख पढने के लिए नीचे टैग्स में दिए उनके  नाम पर क्लिक करें .

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March 22, 2018 at 2:50 pm

Thank you so much for sharing wonderful speech with us.

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January 26, 2018 at 11:42 pm

me apki website ki regular user hu. apki story and post padh k bhut mja aata h. thanks for making this website.

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January 25, 2018 at 7:32 am

मेरा भारत महान, बहुत अच्छी स्पीच थी

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January 21, 2018 at 5:10 pm

लोकतंत्र = जनता का जनता द्वारा शासन । गणतंत्र = जहां का राष्ट्र अध्यक्ष निर्वाचित होता है । यहां लोकतंत्र को गणतंत्र के रूप में परिभाषित किया गया है । जो कि गलत है ।

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January 26, 2017 at 12:28 am

Very Good speech on republic days….. avneet

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January 25, 2017 at 10:22 pm

It’s my best speech i ever read THANK YOU

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January 22, 2017 at 12:03 pm

thx for sharing this speech 🙂

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January 20, 2017 at 1:56 pm

thank u so much anita ji for good speech on republic days ..

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January 19, 2017 at 8:05 am

Thank you very much for nice speech…….

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26 जनवरी पर निबंध – Best Republic Day Essay in Hindi

Admin

आज हम आपको 26 जनवरी के बारे में बताने वाले हैं हमारे भारत देश के तीन बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है 26 जनवरी। हमारे भारत में 26 जनवरी को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, 26 जनवरी वह दिन है जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यही मुख्य कारण है कि 26 जनवरी को हमारे देश के सम्मान और आत्म गौरव के साथ भी जोड़ा जाता है, इस दिन पूरे भारतवर्ष में अनेकों प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं l

Gantantra Diwas Par Nibandh (Republic Day Essay In Hindi)

26 January Republic Day Essay In Hindi

Gantantra Diwas Par Nibandh Hindi Mein

प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू किया गया था और भारत के सभी कानून इसी दिन लिखे गए थे, 26 जनवरी को हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं, और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है, इस दिन सभी कार्यालय है सभी विद्यालय हर एक चीज भारत में बंद रहती है l

इसके अतिरिक्त गांधी जयंती तथा स्वतंत्रता दिवस पर भी राष्ट्रीय अवकाश रखी जाती है। भारतीय सांसद में संविधान लागू होते ही हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन चुका है।

भव्य कार्यक्रम

26 जनवरी के तीन भारतीय सेना के द्वारा एक भव्य परेड की जाती है, जय परेड विजय चौक से आरंभ की जाती है और इंडिया गेट तक यह परेड की जाती है। इस दौरान हमारे भारत की ही तीनों प्रमुख सेनाओं ( थल सेना, वायु सेना, जल सेना ) के द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, इसके साथ-साथ सेना के द्वारा अत्याधुनिक हथियारों तथा टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो कि हमारे राष्ट्र की शक्ति का प्रतीक माना जाता है l

आर्मी परेड के पश्चात देश के सभी राज्यों में झांकियों के द्वारा अपने संस्कृति और परंपरा भी प्रस्तुत की जाती है, इसके पश्चात भारत की वायु सेना के द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंग ( केसरिया, सफेद, हरा ) की तरह आसमान से फूलों की वर्षा की जाती है l

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और दिल्ली में भव्य कार्यक्रम के आयोजन के साथ साथ देश के हर कोने में गणतंत्र दिवस को बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है l देश के सभी स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और देश के झंडे को फहराया जाता है l चाहे कोई स्कूल बड़ा हो या फिर छोटा हो सभी स्कूलों में गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाता है l

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गणतंत्र दिवस हमारे जीवन में बहुत अहमियत रखता है क्योंकि हम आज जिस आजाद देश में हैं वह बहुत मुश्किलों के बाद हमें मिला है हमारे देश ने बहुत वीर जवानों को खोया है उसके बाद ही हमारा देश आजाद हुआ है और संविधान बना है l

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हमारे देश के महापुरुषों ने बलिदान दिया है जिनका एहसान हम कभी भी नहीं चुका सकते l गणतंत्र दिवस इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारा संविधान बना था हमारा संविधान हमें यह याद दिलाता है, कि कैसे महापुरुषों ने देश का संविधान बनाने के लिए एक और देश को आजाद बनाने के लिए अपना बलिदान दिया था इसीलिए बहुत मन से पूरे देश में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है l

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गणतंत्र दिवस का इतिहास –

  • जब 15 अगस्त 1947 को हमारे भारत देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजादी मिली थी, तो उसके पश्चात एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 में मीटिंग के दौरान भारत के भारत के संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया, फिर उसके पश्चात 4 नवंबर 1947 में डी. बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारत के संविधान को सदन में रखा गया।
  • संविधान बनने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय है लगा था, फिर उसके पश्चात 26 जनवरी 1950 में हमारा भारत का संविधान लागू कर दिया गया, और इसके साथ साथ पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा का भी पूरा सम्मान किया गया।
  • भारत के संविधान बनने की एक लंबी प्रक्रिया थी भारत का संविधान बनाने के लिए सबसे पहले ही संविधान सभा का निर्माण किया गया था और संविधान सभा में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महत्वपूर्ण मेंबर्स को भी चुना गया था l भारत के संविधान एकदम से नहीं बना पूरी प्रक्रिया के साथ संविधान को बनाया गया था l संविधान के निर्माण में संविधान सभा ने एक आधार का काम किया अगर संविधान सभा ना बनाई होती तो आज भारत का संविधान भी नहीं बना होता l
  • 26 जनवरी के दिन सभी स्कूल कॉलेजों में विद्यार्थियों के द्वारा परेड, खेल, नाटक, भाषण और नृत्य, निबंध लेखन, तथा विद्यार्थियों के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभाकर इस उत्सव को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है l सभी छात्र और छात्राएं बढ़-चढ़कर गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कार्यक्रम में भाग लेते हैं गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम पर विद्यार्थियों द्वारा तरह तरह उनके देश भक्ति से संबंधित गाने गाए जाते हैं और नृत्य के द्वारा भी देश भक्ति को संबोधित किया जाता है l
  • 26 जनवरी के दिन हर एक विद्यार्थी को यह प्रेरित किया जाता है, कि वह बड़ी होकर देश की सेवा करें और देश के विकास में अपना योगदान दें, और दूसरे लोगों को भी वह देश की सुरक्षा तथा सेवा करने के लिए प्रेरित करें, ऐसी प्रतिज्ञा हर एक विद्यार्थियों से कराई जाती है l

हमारे भारतवर्ष में 26 जनवरी के दिन बड़े ही उत्साह और खुशी के साथ पर्व मनाया जाता है, यह उत्सव हमारे भारत का एक लोकतांत्रिक राज्य होने के लिए मनाया जाता है l

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इस परेड में भारत की तीनों सेना उपलब्ध रहती हैं,जैसे कि वायु सेना थल सेना और जल सेना और यह है, तीनों सेना अपने सभी अस्त्र और शस्त्र का प्रदर्शन भी जोरों शोरों से करते हैं और लोगों को प्रेरित करते हैं, यह दृश्य बहुत ही ज्यादा आकर्षक हो जाता है और इस पेड़ को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी बहुत ही ज्यादा हो जाती है l

26 January Republic Day

देश की सेवा करने की भी प्रेरणा दी जाती है, भारत देश में आजादी के पश्चात एकता के अस्तित्व को दिखाने के लिए हर एक शहर में कार्यक्रम किए जाते हैं और 26 जनवरी के दिन तरह-तरह की झांकियां भी निकाली जाती हैं l

सभी के द्वारा अलग-अलग तरह के प्रदर्शन किए जाते हैं, और भारत की वायु सेना के द्वारा आकाश में हमारा राष्ट्रीय झंडा भी बनाया जाता है, और इसके अतिरिक्त आकाश में रंग बिरंगे गुब्बारे भी छोड़े जाते हैं, जो कि केसरिया सफेद और हरे रंग के होते हैं, जो कि हमारे भारत देश के झंडे की तरह दिखते हैं l

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इसीलिए 2 साल 11 महीने और 18 दिन के पश्चात भारत में 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया, और तभी से हमारे भारत देश में 26 जनवरी को प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा।

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26 जनवरी गौरवपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार

Republic day essay in hindi.

26 January Happy Republic Day

 हर साल गणतंत्र दिवस की तैयारी कई महीनों पहले ही शुरू कर दी जाती हैं, और हर एक चीज का ध्यान रखा जाता है कि किसी भी प्रकार की कोई अपराधिक घटना घट जाए, और 26 जनवरी के दिन उपस्थित होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा का इंतजाम पहले ही सरकार के द्वारा कर दिया जाता है l

इस दिन भारत के हर एक राज्य में हमारा राष्ट्रीय तिरंगा फहराया जाता है, और दिल्ली में राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया जाता है, और तीनों सेनाओं के द्वारा हमारा राष्ट्रीय गान “जन गण मन” गाया जाता है जब हमारे राष्ट्रीय गान गाया जाता है, तो तब पूरा वातावरण राष्ट्रीय गान की आवाज से गूंज उठता है, और वह लोगों को देश के प्रति बहुत ही ज्यादा प्रोत्साहित करता है l

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26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपने आप से एक वादा करना चाहिए कि हम अपने देश में संविधान को बनाए रखेंगे और कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे संविधान टूटे, और हम अपने देश में शांति बनाए रखेंगे, और हम अपने देश के विकास में सहयोग देंगे।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध व भाषण 26 January Republic Day Essay Speech Hindi

आज के इस लेख में गणतंत्र दिवस पर निबंध व भाषण (26 January Republic Day Essay Speech Hindi) प्रस्तुत किया है। साथ ही इस आर्टिकल में हमने बताया है गणतंत्र दिवस भारत में क्यों मनाया जाता है?

Table of Content

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? Why Republic Day is Celebrated in India?

26 जनवरी का समारोह भारत में विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों के छात्रों, और अन्य शिक्षण संस्थानों में विशाल और महत्पूर्ण उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

लेख को शुरू करने से पहले – आप सभी को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस 2023 की हार्दिक शुभकामनायें

26 Jan Republic Day Speech in Hindi 2020 गणतंत्र दिवस पर भाषण

हमने इस पोस्ट में Republic Day पर पोस्ट लिखा है जो Students को अपने अन्दर Leadership Quality बढाने में मदद करेगा और इससे उन्हें भारत के गणतंत्र दिवस के विषय में अच्छी जानकारी भी मिल जाएगी।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर निबंध Republic Day Essay in Hindi (2023)

हमारा मात्रभूमि कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के अधीन था। उस समय अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीय लोगों को ज़बरदस्ती अपने कानून का पालन करने को कहा और ना मानाने वालों के साथ अत्याचार भी किया। कई वर्षों के संघर्ष के बाद  भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और जीवन न्योछावर करने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली।

हर साल रिपब्लिक डे मनाना भारतीय लोगों और दुसरे देशों में रहने वाले भारतीय लोगों के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। यह दिन सभी भारतीय लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है और सभी लोग बहुत ही ख़ुशी और उत्साह के साथ इस दिन को मनाते हैं।

भारत की राजधानी दिल्ली और सभी राज्यों के राजधानी में 26 जनवरी के इस उत्सव को बहुत ही बड़े तरीके से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन सबसे पहले भारतीय तिरंगे या राष्ट्रिय द्वज को भारत के राष्टपति फहराते हैं उसके बाद भारत का राष्ट गान “जन गन मन” गया जाता है।

स्कूल और कॉलेज के छात्र भी गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए उत्सुक रहते हैं इसलिए वे भी एक महीने पहले से इसकी तैयारी में लगे रहते हैं। जिन भी छात्रों ने शैक्षणिक सत्र में खेल, पढाई या अन्य कार्यक्रमों में अच्छा किया हो उन्हें 26 जनवरी के दिन पुरस्कार और सर्टिफिकेट दे कर सम्मान दिया जाता है।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण Republic Day Speech in Hindi (2023)

हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 से स्वराज्य बन चूका है। भारत को ब्रिटिश सरकार / हुकूमत से 15 अगस्त को आज़ादी मिली थी। परन्तु हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ और हम उस दिन को पूर्ण रूप से आजादी मानते हैं इसलिए हम अपनी आज़ादी की ख़ुशी में प्रतिवर्ष यह उत्सव मनाते हैं।

इस वर्ष 2023 को हम भारतवासी, हमारे देश भारत का 73वां गणतंत्र दिवस आज मना रहे हैं। रिपब्लिक या गणतंत्र का मतलब होता है लोगों की सर्वोच्च शक्ति यानि की देश में लोगों के ऊपर अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार होता है।

हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों के कड़ी मेहनत और संघर्ष के पश्चात ही भारत को पूर्ण स्वराज मिला। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया ताकि हमें वो जुल्म सहना ना पड़े और हमारा देश भारत आगे बढ़ सके।

हमारे कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और नेताओं के नाम हैं महात्मा गाँधी , भगत सिंह , चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल , लाल बहादुर शास्त्री। उन्होंने लगातार कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को आज़ाद कराया।

उनके इस बलिदान को हम कभी भी भुला नहीं सकते हैं और उन्हें हमेशा एक महान उत्सव और समारोह के जैसे ही दिल से याद करना चाहिए क्योंकि उन्ही की वजह से आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले पा रहे हैं।

हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जिन्होंने कहा था, ” हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को को हमने एक ही संविधान और संघ में पाया है जो देश में रहने वाले 320 लाख पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम जी ने कहा था कि अगर देश को भ्रष्टाचार मुक्त और महान और अच्छे ज्ञान वाले लोगों का बनाना है तो मुझे लगता है कि सोसाइटी से जुडी तीन चीजें है जो बदलाव ला सकते हैं। वो हैं माता, पिता, और शिक्षक। भारत देश के नागरिक होने के कारण हमें सोचना चाहिए की हम अपने देश को किस हद तक सफल बना सकते हैं।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध – 26 जनवरी पर निबंध 2023 – Republic Day Essay in Hindi – Gantantra Diwas par Nibandh

गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 january 2023 : गणतंत्र दिवस यानि की रिपब्लिक डे इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और पुरे देश में इसे लागू किया गया था हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बन कर लागू उसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे पुरे राष्ट्र में लागू कर दिया गया | अक्सर स्कूल में पढने वाले छात्रों को कहा जाता है – गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखिए, 26 जनवरी निबंध हिंदी में, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस निबंध व 73rd republic day, nibandh in hindi pdf. इसलिए आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में, 26 जनवरी 2023 पर निबंध और महत्व|

The republic day essay (100 words)

26 जनवरी क्यों मनाई जाती है:  भारत में गणतंत्र और संविधान की स्थापना के उपलक्ष में यह दिन मनाया जाता है |इस साल हम अपना 73rd Republic Day मनाने जा रहे है। Gantantra diwas par nibandh in hindi इस प्रकार हैं:

गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार

1. हमारी मात्रभूमि कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के अधीन थी। कई वर्षों के संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और जीवन न्योछावर करने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली।स्वतंत्रता के ढाई वर्ष के बाद भारत सरकार ने स्वयं का संविधान लागु किया और भारत को एक प्रजातांत्रिक गणतंत्र घोषित किया। लगभग 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को भारत की संविधान सभा में पास किया गया। इस घोषणा के बाद से इस दिन को प्रतिवर्ष भारतीय लोग गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे।
2.  हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे देश में काफी जोश और सम्मान के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी का दिन भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह, वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव और सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, खासतौर पर स्कूलों और सरकारी दफतरों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। साथ ही इस मौके पर भाषण, निबंध लेखन और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
3. 26 जनवरी 1950, पूरा भारतवर्ष हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया। भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत के लोग इस महान दिन को अपने तरीके से मनाते है। इस दिन पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट ) पर परेड का आयोजन होता है।

Gantantra Diwas पर निबंध for स्कूल

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है इस पर्व को सभी धर्मों के लोग साथ मिलकर मनाते हैं। यह पर्व किसी धर्म, जाति या समुदाय से जुड़ा नहीं है। हर साल 26 जनवरी को इस पर्व को मनाया जाता है। भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ था इसलिए इस पर्व को हर साल 26 जनवरी के दिन ही मनाते हैं। इस पर्व को राजधानी दिल्ली में राजपथ पर खासतौर से मनाया जाता है जिसमें देश के गणमान्य व्यक्ति जैसे, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रिमंडल के सदस्य भाग लेते हैं। राजपथ पर राज्यों की झांकियों के अलावा भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन की झलक भी दिखाई जाती है। राजपथ पर होने वाली परेड और झांकी के दौरान हर साल एक विदेशी मेहमान भारत का खास अतिथि होता है। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णों थे। गणतंत्र दिवस का आयोजन राजपथ पर पहली बार 1955 में किया गया था। गणतंत्र दिवस भारत के दो अन्य प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों स्वंतत्रता दिवस और गांधी जयंती में शामिल है। यूं तो भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन इसे पूर्ण रूप से आजादी 26 जनवरी 1950 को मिली जब भारत का संविधान लागू किया गया।

Gantantra diwas par nibandh 2023 (150 words) | Republic day in hindi essay

गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना सहित:

जब पहली बार भारत को अपना संविधान मिला तब से भारत हर साल 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि ये हमें भारतीय स्वतंत्रता से जुड़े हर-एक संघर्ष के बारे में बताता है। भारत की पूरी आजादी (पूर्णं स्वराज) की प्राप्ति के लिये लाहौर में रावी नदी के किनारे 1930 में इसी दिन भारत की आजादी के लिये लड़ने वाले लोगों ने प्रतिज्ञा की थी। जो 15 अगस्त 1947 को साकार हुआ। 26 जनवरी 1950 को, हमारा देश भारत संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, और लोकतांत्रिक, गणराज्य के रुप में घोषित हुआ अर्थात भारत पर खुद का राज था उस पर कोई बाहरी शक्ति शासन नहीं करेगी। इस घोषणा के साथ ही दिल्ली के राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया गया साथ ही परेड तथा राष्ट्रगान से पूरे भारत में जश्न का माहौल शुरु हो गया।

26 जनवरी पर निबंध 2018- Republic Day Essay in Hindi - Gantantra Diwas par Nibandh

 essay in hindi 10 lines (200 words)

gantantra diwas par nibandh hindi mein इस प्रकार हैं

गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी भी कहा जाता है जो कि हर साल मनाया जाता है ये दिन हर भारतीयों के लिये मायने रखता है क्योंकि इसी दिन भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया था साथ ही आजादी के लंबे संघर्ष के बाद भारतीयों को अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ की प्राप्ति हुई थी। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और इसके ढ़ाई साल बाद ये लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में स्थापित हुआ। आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। इसे पूरी तरह तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ। भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है जब इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि। इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहड़ और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड किया जाता है।

26 january republic day essay in hindi – 250 words रिपब्लिक डे एस्से इन हिंदी

यहाँ Republic day essay in Hindi language स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 250, 350, 400 व 450 words (शब्दों) में देख व pdf डाउनलोड कर सकते हैं| साथ ही class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चे इन्हे अपने स्कूल फंक्शन celebration व प्रोग्राम में सुना सकते हैं| गणतंत्र दिवस पर निबंध इन हिंदी – गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध इस प्रकार हैं:

हर साल 26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसे हम सभी राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इसके अलावा गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस को भी राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारतीय संसद में भारत के संविधान के लागू होते ही 26 जनवरी 1950 को हमारा देश पूरी तरह से को लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। इस महान दिन पर भारतीय सेना द्वारा भव्य परेड किया जाता है जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर खत्म होता है। इस दौरान तीनों भारतीय सेनाओं थल, जल, और नभ द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है साथ ही सेना द्वारा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है जो हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्यों द्वारा झाँकियों के माध्यम से अपने संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति की जाती है। इसके बाद, भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंगों केसरिया, सफेद, और हरा की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।इस दिन स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषण, नृत्य, गायन, निबंध लेखन, सामाजिक अभियानों में मदद के द्वारा, स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभा कर आदि बहुत सारी क्रियाओं द्वारा इस उत्सव को मनाते है। इस दिन हर भारतीय को अपने देश को शांतिपूर्णं और विकसित बनाने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। और अंत में हर विद्यार्थी मिठाई और नमकीन लेकर खुशी-खुशी अपने घर को रवाना हो जाता है।

Short essay on republic day in hindi for class 4

गणतंत्र दिवस पर छोटा निबंध इस प्रकार हैं:

26 जनवरी 1950, पूरा भारतवर्ष हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया। भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। भारत के लोग इस महान दिन को अपने तरीके से मनाते है। इस दिन पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट ) पर परेड का आयोजन होता है।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर निबंध – Republic Day Essay in Hindi

26 january par nibandh in hindi इस प्रकार है:

भारत आज लोकतंत्र की मशाल जलाते हुए दुनिया में आशा-उमंग, शांति के आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है। हमारे अपने भारत देश में बिना भेदभाव के हर जाति धर्म का व्यक्ति बराबरी के आधार पर मेयर से लेकर प्रथम नागरिक तक बन जाते हैं। हम विविध, विभिन्न बोली, भाषा, रंगरूप, रहन-सहन, खाना-पान, जलवायु में होने के बावजूद एकी संस्कृति की माला पिरोये हुए हैं। हमारे लोकतंत्र के प्रहरी अपने इस अवसर सपने को परिपक्वता के साथ मजबूत दीवार एवरेस्ट की चोटी से ऊंचा बना लिया है। कई उतार-चढ़ाव आए, आपातकाल भी देखा लेकिन भारत की सार्वभौमिकता बरकरार है। भारतीय संविधान, जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती। खुशियों की तमाम बातों के बावजूद आज अहम सवाल हो गया है कि राजनीतिक व्यवस्था समाज को चुस्त, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासित कानून बनाया जाए और प्रत्येक नागरिक चाहे जो कोई हो बेरोजगार या अमीर, सेवादार या किसान सब अपनी प्रत्यक्ष संपत्ति जायदाद का खुलासा करें कि जो भी चल-अचल धन है वही है और अप्रत्यक्ष कहीं भी देश या विदेश में मिलने पर जब्त होगा तो सजा मिलेगी। जनतंत्र-गणतंत्र की प्रौढ़ता को हम पार कर रहे हैं लेकिन आम जनता को उसके अधिकार, कर्तव्य, ईमानदारी समझाने में पिछड़े, कमजोर, गैर जिम्मेदार साबित हो रहे हैं। चूंकि स्वयं समझाने वाला प्रत्येक राजनीतिक पार्टियां, नेता स्वयं ही कर्तव्य, ईमानदारी से अछूते, गैर जिम्मेदार हैं। इसलिए असमानता की खाई गहराती जा रही है और असमानता, गैरबराबरी बढ़ गई है। जबकि बराबरी के आधार पर ही समाज की उत्पत्ति हुई थी। 1947 में गांधी जी, ने भी बराबरी का बात कही थी लेकिन लोलुप अमानवीयता की हदें पार कर जनतंत्र-गणतंत्र को रौंद रहे हैं।

Essay on republic day in hindi – 400 words – लघु निबंध | गणतंत्र दिवस essay in hindi

Republic day essay in hindi for class 3 : ये short essay व 5 -10 लाइन्स छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चों को write 5 lines on gantantra diwas व Republic Day Essay in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 को लिखने को कहा जाता है| इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों ले प्रोग्राम में भाग लेते है|

हमारी मातृभूमि भारत लंबे समय तक ब्रिटीश शासन की गुलाम रही जिसके दौरान भारतीय लोग ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों को मानने के लिये मजबूर थे, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लंबे संघर्ष के बाद अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। लगभग ढाई साल बाद भारत ने अपना संविधान लागू किया और खुद को लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित किया। लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारी संसद द्वारा भारतीय संविधान को पास किया गया। खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित करने के साथ ही भारत के लोगों द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। भारत में निवास कर रहे लोगों और विदेश में रह रहे भारतीयों के लिय गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना सम्मान की बात है। इस दिन की खास महत्वता है और इसमें लोगों द्वारा कई सारे क्रिया-कलापों में भाग लेकर और उसे आयोजित करके पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। इसका बार-बार हिस्सा बनने के लिये लोग इस दिन का बहुत उत्सुकता से इंतजार करते है। गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी एक महीन पहले से ही शुरु हो जाती है और इस दौरान सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है जिससे किसी तरह की अपराधिक घटना को होने से पहले रोका जा सके। इससे उस दिन वहाँ मौजूद लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाती है। पूरे भारत में इस दिन सभी राज्यों की राजधानीयों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी इस उत्सव पर खास प्रबंध किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति दवारा झंडा रोहण और राष्ट्रगान के साथ होता है। इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड, राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ होती है। और अंत में पूरा वातावरण “जन गण मन गण” से गूँज उठता है। इस पर्व को मनाने के लिये स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी बेहद उत्साहित रहते है और इसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शरु कर देते है। इस दिन विद्यार्थीयों अकादमी में, खेल या शिक्षा के दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये पुरस्कार, इनाम, तथा प्रमाण पत्र आदि से सम्मान किया जाता है। पारिवारिक लोग इस दिन अपने दोस्त, परिवार,और बच्चों के साथ सामाजिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर मनाते है। सभी सुबह 8 बजे से पहले राजपथ पर होने वाले कार्यक्रम को टी.वी पर देखने के लिये तैयार हो जाते है। इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिये कि वो अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की समरसता और शांति को बनाए रखेंगे साथ ही देश के विकास में सहयोग करेंगे।

26 january nibandh in gujarati

26 january nibandh in gujarati 

गणतंत्र दिवस पर निबंध मराठी – 26 जनवरी मराठी निबंध

26 january nibandh in marathi इस प्रकार हैं:

26 जानेवारी, 1 9 50 रोजी संपूर्ण भारताला दरवर्षी मोठ्या धर्माभिमानीसह साजरे केले जातात कारण याच दिवशी भारताचे संविधान लागू झाले होते. 26 जानेवारी, 1 9 50 या दिवशी, भारतीय राज्यघटनेने भारत सरकार कायदा 1 9 35 ची जागा अधिकृत कागदपत्रांच्या स्वरूपात दिली. या दिवशी भारत सरकारने एक राष्ट्रीय सुट्टी जाहीर केली आहे. भारतातील लोक आपल्या स्वत: च्या मार्गाने हा दिवस साजरा करतात. या दिवशी, भारताच्या राष्ट्राध्यक्षपदाच्या आधी नवी दिल्लीच्या राजपथ (भारत गेट) वर परेड आयोजित केले जाते.

गणतंत्र दिवस पर निबंध संस्कृत में – Sanskrit Essay on Republic Day

गणतंत्र दिवस पर निबंध संस्कृत इस प्रकार है:

भारतदेशः १९४७ तमवर्षस्य आगष्ट्मासस्य १५ दिनाङ्के स्वतन्त्रः अभवत् । यदा संविधाननिर्माणकार्यं समाप्तम् अभवत् तदा संविधानम् अङ्गिकृत्य देशे १९५० तमे वर्षे जनवरीमासस्य २६ दिनाङ्के भारतदेशं प्रजाप्रभुत्वराष्ट्रामिति धोषितवन्तः ।

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Essay on India in Hindi : छात्र ऐसे लिख सकते हैं हमारे देश भारत पर निबंध

essay 26 january in hindi

  • Updated on  
  • अगस्त 30, 2024

Essay on India in Hindi

Essay on India in Hindi : भारत एक विविधतापूर्ण देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। भारत हिमालय पर्वतों से लेकर उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों तक फैला हुआ है, जो इसकी भौगोलिक विविधता को दर्शाते हैं। यह देश विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का घर है, जो विविधता में एकता का एक अनूठा मिश्रण है। आर्थिक रूप से, भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष खोज और उद्योग में विश्व में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत अपने सांस्कृतिक सार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए हुए प्रगति और विकास की दिशा में प्रयास कर रहा है।

भारत देश के बारे में जानकारी इसके प्रत्येक छात्र को होनी चाहिए। छात्रों को कई बार निबंध प्रतियोगिता और कक्षाओं में Essay on India in Hindi दिया जाता है और आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल इस ब्लॉग में दिए गए हैं। 

This Blog Includes:

भारत पर 100 शब्दों में निबंध, भारत पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , भारत का इतिहास, भारत का भूगोल और संस्कृति, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और अन्य प्रतीक, भारत की नदियां  , भारत का भोजन, भारत की भाषाएं, भारत के त्यौहार, भारत की अनेकता में एकता, उपसंहार , भारत पर 10 लाइन – 10 lines essay on india in hindi.

भारत के लोग अपनी ईमानदारी और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोग एक साथ शांतिपूर्वक रहते हैं। हिंदी भारत की एक प्रमुख भाषा है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों के लोग कई अन्य भाषाएँ भी बोलते हैं। भारत एक खूबसूरत देश है जहाँ कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की। भारतीयों के द्वारा अतिथियों को ‘अतिथि देवों भव:’ की उपाधि दी जाती है। दूसरे देशों से आने वाले आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है। भारत में सनातन धर्म (जीवन का एक प्राचीन दर्शन) का पालन किया जाता है, जो विविधता में एकता बनाए रखने में मदद करता है।

 भारत कई प्राचीन स्थलों, स्मारकों और ऐतिहासिक धरोहरों का घर है जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यह अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं, योग और मार्शल आर्ट के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न देशों के कई तीर्थयात्री और भक्त भारत के प्रमुख मंदिरों, स्थलों और ऐतिहासिक विरासतों की सुंदरता का अनुभव करने के लिए आते हैं।

भारत का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है और इसे प्राचीन सभ्यता का जन्मस्थान माना जाता है। यह तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के कारण शिक्षा का एक केंद्र रह चुका है, इसने इतिहास में दुनिया भर के छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में आकर्षित किया है। अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाने वाला भारत विभिन्न धर्मों के लोगों से प्रभावित है। भारत के धन वैभव को चुराने के लिए इस पर कई आक्रमण हुए। कई साम्राज्यों ने इसे गुलाम बनाने के लिए भी प्रयोग किया। कई स्वतंत्रता सैनानियों के प्रयासों और बलिदानों की बदौलत भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। 

हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जिस दिन हमारी मातृभूमि आजाद हुई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, भारत में कई लोग गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सी.वी. रमन और डॉ. होमी जे. भाभा जैसी असाधारण हस्तियों की बदौलत देश लगातार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य में आगे बढ़ है। भारत एक शांतिपूर्ण देश है जहाँ लोग अपने त्यौहारों को खुलकर मनाते हैं और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। कश्मीर को अक्सर धरती पर स्वर्ग के रूप में वर्णित किया जाता है। भारत प्रसिद्ध मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, नदियों, घाटियों, उपजाऊ कृषि भूमि और सबसे ऊँचे पहाड़ों का घर है।

भारत पर 500 शब्दों में निबंध

भारत पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay on India in Hindi) नीचे दिया गया है –

भारत एक अद्भुत देश है जहाँ लोग कई अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। यहाँ विभिन्न जातियाँ, पंथ, धर्म और संस्कृतियाँ निवास करती हैं, फिर भी सभी लोग एक साथ सद्भाव से रहते हैं। यही कारण है कि भारत “विविधता में एकता” कहावत के लिए प्रसिद्ध है। भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश भी है।

भारत का इतिहास और संस्कृति समृद्ध है और मानव सभ्यता के उदय के बाद से ही विकसित हुई है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता भारत में थी। इसकी शुरुआत प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता और दक्षिण भारत में शुरुआती कृषि समुदायों से हुई। समय के साथ, भारत ने विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का निरंतर एकीकरण देखा। साक्ष्य बताते हैं कि शुरुआती दौर में, लोहे और तांबे जैसी धातुओं का उपयोग व्यापक था, जो महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, भारत एक अत्यधिक उन्नत सभ्यता के रूप में विकसित हो चुका था।

भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसे हिंदुस्तान और आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता है। यह तीन तरफ से महासागरों से घिरा हुआ है: पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर। भारत का राष्ट्रीय पशु ‘ बाघ’ है, राष्ट्रीय पक्षी ‘ मोर’ है और राष्ट्रीय फल ‘ आम’ है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और यहूदी धर्म सहित विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से भारत में एक साथ रहते आए हैं। भारत अपनी समृद्ध विरासत के लिए भी जाना जाता है, जिसमें स्मारक, मकबरे, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, संग्रहालय, प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव अभयारण्य और प्रभावशाली वास्तुकला शामिल हैं।

भारतीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग हैं: केसरिया, सफ़ेद और हरा। सबसे ऊपर का रंग केसरिया पवित्रता का प्रतीक है। बीच का रंग सफ़ेद शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे का रंग हरा उर्वरता का प्रतीक है। सफ़ेद पट्टी के बीच में एक नीला अशोक चक्र है, जो 24 तीलियों वाला पहिया है जो कानून और न्याय के चक्र का प्रतीक है। बंगाल टाइगर राष्ट्रीय पशु है, जो शक्ति और शालीनता का प्रतिनिधित्व करता है। मोर यहां का राष्ट्रीय पक्षी है, जो शालीनता, सुंदरता और शान का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से फील्ड हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, जो खेल में देश की उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत में कई प्रमुख नदियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व है। गंगा हिमालय से निकलती है और उत्तरी भारत से होकर बांग्लादेश में बहती है। यह हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और लाखों लोगों के लिए पीने, कृषि और धार्मिक प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना हिमालय में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है। यह दिल्ली और आगरा से होकर बहती है और अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है। 

ब्रह्मपुत्र तिब्बत में निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले असम और भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से होकर बहती है। यह नदी अपने विशाल बेसिन और कृषि क्षेत्र के लिए जानी जाती है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में है और भारत से होते हुए यह पाकिस्तान में भी बहती है। कृष्णा नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। दक्षिणी भारत में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कावेरी नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में बहती है। कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। महानदी छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पन्न होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। क्षेत्र में सिंचाई और प्रमुख बांधों के लिए महत्वपूर्ण है। नर्मदा नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और नर्मदा घाटी परियोजना के लिए जानी जाती है। ताप्ती नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह क्षेत्र की कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

भारतीय भोजन अपनी समृद्ध विविधता और जीवंत स्वादों के लिए प्रसिद्ध है। यह देश की विशाल सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं को दर्शाता है। भारत के भोजन में मसालों, जड़ी-बूटियों और सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो जटिल और सुगंधित व्यंजन बनाती है। उत्तर की मसालेदार करी से लेकर दक्षिण के तीखे और नारियल आधारित व्यंजनों तक, भारतीय व्यंजन सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करते हैं। लोकप्रिय व्यंजनों में बिरयानी, डोसा, समोसे और विभिन्न प्रकार की ब्रेड जैसे नान और रोटी शामिल हैं। भारतीय भोजन में गुलाब जामुन और जलेबी सहित कई तरह की मिठाइयाँ भी शामिल हैं। भोजन का आनंद अक्सर अचार, रायता और चटनी जैसी कई तरह की चीजों के साथ लिया जाता है। यह पाक विविधता भारतीय भोजन को देश की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बनाती है।

भारत एक भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश है, जिसके विशाल विस्तार में बोली जाने वाली भाषाओं की समृद्ध विविधता है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषाएँ हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग भाषा या बोली होती है, जो उसकी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जबकि सरकारी और कानूनी उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी एक सहयोगी आधिकारिक भाषा के रूप में कार्य करती है। कन्नड़, पंजाबी और गुजराती जैसी क्षेत्रीय भाषाएँ भी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बहुभाषावाद भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और भाषा और क्षेत्रीय पहचान के बीच के संबंधों को भी।उजागर करता है। भाषा भारत के सामाजिक ताने-बाने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू बन जाती है।

भारत अपने जीवंत और विविध त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख त्योहारों में दिवाली है यह रोशनी का त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली वसंत के अपने रंगीन और हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव के लिए जानी जाती है। ईद दावतों और प्रार्थनाओं के साथ रमजान माह के अंत को चिह्नित करती है। नवरात्रि देवी दुर्गा का सम्मान करने वाला नौ रातों का त्योहार है। अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों में क्रिसमस, पोंगल और दुर्गा पूजा शामिल हैं। ये त्यौहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं, जो लोगों को हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव, दावत और विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठानों में एक साथ लाते हैं।

विविधता में एकता भारत की एक परिभाषित विशेषता है, जहाँ अनेक संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म और परंपराएँ सौहार्दपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं। अपने लोगों के बीच भारी मतभेदों के बावजूद, भारत विभिन्न जातीयताओं और मान्यताओं के जीवंत ताने-बाने के रूप में खड़ा है। यह देश एक साझा राष्ट्रीय पहचान से एकजुट है। यह सिद्धांत देश के विविध त्योहारों के उत्सव, विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रति सम्मान और विभिन्न क्षेत्रीय परंपराओं में दिखाई भी देता है। भारत की ताकत अपनेपन और साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देती है। विविधता में यह एकता भारत के सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाती है और इसकी समृद्ध विरासत में योगदान देती है।

भारत एक ऐसा अद्भुत देश है जिसमें संस्कृतियों, जातियों, पंथों और धर्मों का एक समृद्ध मिश्रण है,ह अपनी विरासत, मसालों और इसे अपना घर कहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध है। विविधता और एकता का यह मिश्रण ही है जिसकी वजह से भारत को अक्सर एक ऐसे स्थान के रूप में वर्णित किया जाता है जहाँ विविधता में एकता पनपती है। भारत आध्यात्मिकता, दर्शन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है।

भारत पर 10 लाइन (10 Lines Essay on India in Hindi) यहां दी गई हैं –

  • भारत या एशिया में एक प्रायद्वीपीय देश है। भारत देश तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ है।
  • अन्य देशों की तुपना में कुल क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है।
  • भारत की जनसंख्या लगघग 1.4286 बिलियन है। यह चीन की 1.4257 बिलियन की तुलना में दुनिया में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
  • झारत कर पश्चिमी भाग में अरब सागर, दक्षिणी भाग में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
  • भारत देश का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है। हिमालय दुनिया की की प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
  • भारत में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं। नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि प्रमुख हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा है। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग है। इसके बीच में अशोक चक्र बना हुआ है जिसमें 24 तीलियां हैं।
  • भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह स्तंभ है। इसके नीचे लिखा सत्यमेव जयते है जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
  • भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है। राष्ट्रगान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड लगते हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसकी रचना बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा की गई थी।

संसदीय प्रणाली वाली प्रभुता संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य जिसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन (लगभग 1757-1947) के दौरान, ब्रिटिश भारतीय उपमहाद्वीप को “इंडिया” कहते थे। यह शब्द सिंधु नदी से लिया गया था, जो ब्रिटिश भारत की पश्चिमी सीमा को चिह्नित करती थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन ने आधिकारिक नाम के रूप में “इंडिया” का इस्तेमाल किया।

दुनिया भर में भारत विविधता में एकता का प्रतिनिधि है। भारत विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, पंथों, धर्मों की भूमि है; अनेक मतभेदों के बावजूद हम सौहार्दपूर्वक रहते हैं। भारतीय शांतिप्रिय हैं और संकट के समय लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं। हम “अतिथि देवो भव” के आदर्श वाक्य में विश्वास करते हैं, जिसका अर्थ है कि हमारे मेहमान हमारे भगवान हैं और हमारे देश में आने वाले पर्यटकों के प्रति विशेष रूप से सहायक और दयालु हैं। हमारा देश एक जीवंत देश है जो मेहनती लोगों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों और एक अद्भुत विरासत का घर है। मेहनती नागरिकों का प्रमाण, भारत धीरे-धीरे और लगातार दुनिया की महाशक्तियों में से एक बन रहा है।

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26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - गणतंत्र दिवस का इतिहास - भारत में गणतंत्र दिवस का दिन - उपसंहार।

गणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक साथ मिलकर बहुत ही उत्साह के साथ मनाता है। भारत के लोगों के लिये 26 जनवरी का दिन गणतंत्र का दिन है। यह एक महत्वपूर्णं दिन है इसलिये इसे 26 जनवरी 1950 से हर साल मनाया जा रहा है। आईए इस निबंध के द्वारा अपने बच्चों को हम इससे जुड़े हुए इतिहास के बारे में बताते हैं। आपको बता दें कि ये निबंध बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है जिससे इसको बच्चे आसानी से समझ सकें।

लंबे समय तक हमारी मातृभूमि भारत पर ब्रिटीश शासन का राज रहा है। और भारत के लोगों ने सालों तक गुलामी की है। जिसके कारण भारत के लोगों को ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों का पालन करना पड़ता था। लंबे संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिलाई। आजादी के लगभग ढाई साल बाद यानी कि 26 जनवरी 1950 को भारत देश ने अपना संविधान लागू कर दिया। और भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित कर दिया।

भारतीय संविधान को हमारी संसद ने लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को पास किया गया। भारत ने खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित कर दिया। जिसके बाद 26 जनवरी को भारत के लोगों द्वारा गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।

आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया था। डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। लगभग तीन साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को खत्म हो गई। और इसको लागू कर दिया गया।

भारत में रह रहे लोगों और साथ ही विदेश में भी रहने वाले भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना बहुत ही सम्मान की बात है। स्कूलों में, कॉलेजों में, ऑफिस में आदि हर जगह 26 जनवरी को भारत देश का झंडा फहराया जाता है और काफी सारे प्रोग्राम होते हैं, जिनकी तैयारी महीनो पहले से होने लगती हैं। भारत के लोग 26 जनवरी को पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। सुरक्षा कारणों से लोगों की आवाजाही को इंडिया गेट पर रोक दिया जाता है।

26 जनवरी के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी एक बडे पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध किया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है। जो कि हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। और अंत में पूरा भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।

सचमुच, गणतंत्र दिवस अथवा 26 जनवरी हमारा महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है। यह हमारा गणतंत्र पर्व है। यह प्रजातंत्र भारत के गौरव और स्वाभिमान का पावन दिवस है।

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Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध 10 लाइन में, 250 शब्द लिखकर बन जाएं टीचर्स के फेवरिट

Teachers day ka nibandh:  5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद कह सकें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकें।.

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क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे एक सच्चे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान के लिए समर्पित किया था।

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

शिक्षकों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं, जो हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। वे हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। वे हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करते हैं, और हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं। वे हमें शिक्षा देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है। इसके साथ ही हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमें जीवन के हर पहलू में सहायता करते हैं, जैसे कि कैसे अच्छे इंसान बनना है, कैसे समाज में योगदान करना है, और कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा। वे हमारे रोल मॉडल हैं, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने में मदद की है। यह दिन हमें मौका देता है उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनको जितना भी धन्यवाद दो कम ही है। आओ मिलकर शिक्षकों को धन्यवाद दें, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा।

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

वैसे तो शिक्षक दिवस का महत्व केवल एक दिन के समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। लेकिन तब भी, शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने और उनके योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। हमें अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दिन हमें उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए, क्योंकि उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

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