नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi -Drug Addiction

मादक द्रव्य और नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

ये पदार्थ कुछ समय के लिए नशा देते है जिसमे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है, पर जैसे ही नशा खत्म होता है व्यक्ति फिर से उसे लेना चाहता है। कुछ ही दिनों में उसे इन पदार्थो की लत लग जाती है।

स्कूल, कॉलेजो में ड्रग्स, नशीली गोलियां चोरी छिपे बेचीं जा रही है जो युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रही है। इन मादक पदार्थों का सेवन करने के बाद जल्द ही इसकी लत लग जाती है। उसके बाद लोग चाहकर भी इसे छोड़ नही पाते हैं।

पंजाब जैसे राज्यों में नशीले पदार्थो के सेवन ने एक विकराल रूप धारण कर लिया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरो में रेव पार्टिस में लोग इसका अधिक सेवन करते हैं। आमतौर पर पैसे वाले लोग इसका जादा शिकार होते है।

Table of Content

नशीली दवाओं के सेवन पर निबंध Essay on Drug Abuse in Hindi (Drug Addiction Information)

प्रमुख नशीले पदार्थ common drugs and narcotics.

कुछ प्रमुख नशीले पदार्थ –

मादक पदार्थ लेने के कारण   REASONS OF DRUG ABUSE

मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव effects of drug abuse.

मादक पदार्थो के सेवन का निम्न दुष्परिणाम निकलता है-

मादक पदार्थो की लत से कैसे बचे? HOW TO OVERCOME DRUGS ADDICTION?

निष्कर्ष conclusion.

नशीले पदार्थो का सेवन कुछ मिनटों के लिए आनन्द देता है पर इसके दूरगामी दुष्परिणाम होते है। यह व्यक्ति को धीरे धीरे निगल जाता है और उसके जीवन को हर तरह से बर्बाद कर देता है। ऐसे लोग आये दिन लोगो से झगड़ा करने लगते है, ऑफिस या कार्यस्थल पर साथी कर्मचारियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार शुरू कर देते है।

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नशे की लत हेल्थ सेंटर

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नशे की लत - Drug Addiction in Hindi

Dr. ayush pandey mbbs,pg diploma october 10, 2018, february 01, 2024.

नशे की लत

 नशे की लत क्या है?

नशे की लत होना एक बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित कर सकती है। कुछ पदार्थ जैसे अल्कोहल, मारिजुआना (marijuana; गांजा) और निकोटीन को भी नशे ही एक रूप माना जाता है, जब आप इनके आदी हो जाते हैं, तो इनके कारण होने वाले नुकसानों को जानने के बावजूद भी इनका उपयोग जारी रखते हैं।

नशे की लत, सामाजिक माहौल में खुद की संतुष्टि के लिए नशीले पदार्थों के उपयोग से शुरू हो सकती है। जिसके बाद लोग इनका प्रयोग बार-बार करने लगते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में ओपिओइड्स (opioids/ एक प्रकार की दवा) से पूर्ण नशीले पदार्थों की लत, किसी के द्वारा बताने और स्वंय के द्वारा इनका सेवन करने से प्रारंभ होती है। देखा जाता है कि शुरूआती दौर में कोई दोस्त या फिर रिश्तेदार इनको लेने की सलाह देते हैं।

आप कितनी तेजी से इन दवाओं आदी होते हैं वह इनके जोखिम, दवाओं की भिन्नता पर निर्भर करते हैं। कुछ दवाएं जैसे- ओपिओइड (दर्द निवारक दवा) से लत लगने का उच्च जोखिम होता है और यह अन्य की तुलना में लत लगने का मुख्य कारण भी होती है।

जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, आपको इन नशीले पदार्थों की अधिक खुराक की आवश्यकता होती है। जल्द ही आपको बेहतर महसूस करने के लिए इस की जरूरत होने लगती है। जैसे ही आप उपयोग बढ़ाते हैं, आपको लगता है कि इस के बिना आपका रहना मुश्किल हो जाएगा। नशीले पदार्थों के प्रयोग को रोकने के प्रयास में आप खुद को शारीरिक रूप से अक्षम व बीमार महसूस करते हैं।

आपको नशीले पदार्थों की लत से दूर करने और नशीली दवाओं से मुक्त रहने के लिए अपने डॉक्टर, परिवारिक सदस्यों, मित्रों, सहायता समूहों या संगठित उपचार कार्यक्रम से मदद लेने की आवश्यकता होती है।

(और पढ़ें -  मनोवैज्ञानिक परीक्षण क्या है )

नशे की लत के प्रकार - Types of Drug Addiction in Hindi

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  • नशे की लत के जोखिम और जटिलताएं - Drug Addiction Risks & Complications in Hindi

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नशे की लत के प्रकार क्या है?

  • सिगरेट और तंबाकू की तरह अन्य रूपों में निकोटीन लेना नशे की लत को बढ़ाता है। (और पढ़ें -  सिगरेट पीने के नुकसान )
  • शराब का सेवन मस्तिष्क और शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। (और पढ़ें -  शराब पीने के नुकसान )
  • मारिजुआना (कैनबिस) सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला अवैध नशीला पदार्थ है।
  • आमतौर पर दर्द से राहत के लिए ओपिओइड्स को लिया जाता है।
  • मेथिलफिनेडेट (Methylphenidate) और एम्फ़ैटेमिन्स (amphetamines) जैसे उत्तेजक।
  • आमतौर पर नींद के लिए या चिंता को कम करने के लिए डिप्रेसेंट दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
  • एक्सटसी (Ecstasy; इसको एमडीएमए भी कहा जाता है)

(और पढ़ें -  मानसिक रोग के प्रकार )

नशे की लत से जुड़े व्यवहार व लक्षण क्या होते हैं?

नशे की लत के लक्षण या व्यवहार में निम्न को शामिल किया जा सकता हैं:-

  • शारीरिक या मनोवैज्ञानिक नुकसान हो जानने के बाद भी इस तरह के नशे को करते रहना। (और पढ़ें -  मानसिक रोग दूर करने के उपाय )
  • ड्रग हासिल करने के लिए चोरी जैसे काम भी करना, जो आप आम तौर पर नहीं करते। 
  • वाहन चलाना व इस तरह के जोखिम भरे काम नशे में होने के बावजूद भी करना। 
  • इसको छोड़ने के प्रयासों में विफल रहना।
  • नशा बंद करने की स्थिति में आप इसके लक्षणों को कम होता पाते है।
  • निश्चित समय की तुलना में लंबी अवधि तक दवा का सेवन करना।
  • इस तरह की दवाओं की आपूर्ति को बनाए रखना।
  • ज्यादा पैसे न होने पर भी इन दवाओं को लेना।
  • नशे की लत के कारण अपने दायित्वों, काम की जिम्मेदारियों व सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना।
  • नियमित रूप से नशे का उपयोग करने की इच्छा होना- पूरे दिन में एक या कई बार।
  • नशा करने के अलावा किसी भी बात के बारे में ना सोचना।
  • किसी निश्चित समय में अधिक प्रभाव पाने के लिए अधिक दवाओं का सेवन करना।

आपका बच्चा या परिवार का कोई सदस्य नशे की लत का आदी हो चुका हो, तो उसमें निम्न तरह के संकेतों को देखा जाता हैं:

  • व्यवहार में परिवर्तन, व्यक्ति अपने कमरे में किसी को आने नहीं देता और दोस्तों के साथ जाते समय भी इस बात का ध्यान रखता है कि उसकी बात किसी को पता न चलेे। परिवार के सदस्यों व करीबी दोस्तों के साथ व्यवहार में परिवर्तन आना।
  • धन की परेशानी, बिना उचित स्पष्टीकरण दिए पैसे के लिए अचानक अनुरोध करना या दूसरों की जानकारी के बिना ही घर से पैसे ले जाना। 
  • स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां होना जैसे एनर्जी में कमी आना, वजन घटना या बढ़ना या आंखे लाल रहना। (और पढ़ें -  वजन घटाने का तरीका )
  • कपड़ों व संवरने में रुचि ना दिखाना।
  • स्कूल या कार्यस्थल में समस्याएं होना। अक्सर स्कूल या कार्यस्थल से लापता रहना। कुछ दिनों से स्कूल व कार्यस्थल की गतिविधियों में रूचि न लेना। इसके अलावा कार्यक्षमता का तेजी से गिरना।

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नशे की लत के कारण क्या होते हैं?

नशे की लत के मनोवैज्ञानिक कारण:

नशे की लत के कुछ मनोवैज्ञानिक कारणो में आघात (trauma) शामिल हैं। यह नशे की लत युवाओं में देखी जाती है।

घर में यौन या शारीरिक शोषण, उपेक्षा व हालातों का ठीक न होना, ये सभी स्थितियां मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा करती है, जिनसे बचने के लिए लोग खुद से ही कुछ दवाएं ले लेते हैं। खुद से दवा लेना ही नशे की लत का कारण बनता है।

(और पढ़ें -  यौन शोषण क्या है )

नशे की लत के अन्य मनोवैज्ञानिक कारणों में शामिल हैं:-

  • मानसिक रूप से स्वस्थ न होना, जैसे- तनावग्रस्त रहना।
  • दूसरों के साथ जुड़ने में मुश्किल होना, जैसे दोस्त बनाने में मुश्किल।
  • कार्यस्थल व स्कूल में खराब प्रदर्शन।
  • तनाव को दूर करने में मुश्किल होना।

(और पढ़ें -  तनाव को दूर करने के तरीके )

आसपास के माहौल के कारण नशे की लत

व्यक्ति के आसपास का माहौल भी नशे की लत का कारण बन सकता है। जहां नशा लेना स्वीकार्य है और लोग नशा करते है वहां पर बच्चों में भी जल्द नशाखोरी के लक्षण पनप सकते हैं। 

घरों में मौजूद नशे के आदि बड़ों को देख देख कर बड़े होते बच्चे खुद भी इसके आदी हो जाते हैं। 

अधिकांश नशीली दवाओं और नशीले पदार्थों का प्रयोग किशोरावस्था में ही शुरू होता है, जो बच्चे अपमानजनक स्थिति या माता-पिता की उपेक्षा सहते हैं, वे धीरे-धीरे नशीले पदार्थों के आदी हो जाते हैं। नशे की लत के लिए जिम्मेदार कारणों में शामिल हैं:-

  • किसी खेल में भागीदारी, जहां प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • मित्रों का समूह, जो इस तरह की चीजों का उपयोग करता हो या प्रचार करता हो।
  • सामाजिक-आर्थिक स्थिति का निम्न होना भी नशे की लत के लिए जोखिम कारक हो सकता है। 

(और पढ़ें -  दवाओं की जानकारी )

नशे की लत के आनुवंशिक कारण

नशे की लत कई परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है, अनुवांशिक कारण भी नशे की लत की वजह हो सकते हैं।

यह ज्ञात है कि कुछ जींस (genes) मस्तिष्क को निकोटीन लेने के लिए प्रभावित करते है और यह नशे की लत के कारण में अपना योगदान देते हैं।

(और पढ़ें -  अटैक्सिया का इलाज )

नशे की लत को कैसे रोंके?

नशे की लत को रोकने के लिए किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण समय क्यों है?

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, कम उम्र में नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करना भी नशे के आदी होने की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। इस दौरान नशीले पदार्थों और शराब को रोकने के लिए किए गए प्रयास लंबे समय तक चल सकते हैं।

जीवन में किसी बड़े परिवर्तन के दौरान नशे की लत से खतरा बढ़ जाता है। वयस्कों में नशे की लत का कारण तलाक होना या नौकरी के छूट जाना भी हो सकता है।

छोटी उम्र में नशे का उपयोग हमारे मस्तिष्क के कार्य पर जैसे- स्मृति, सीखने, निर्णय लेने और व्यवहार को नियंत्रण करने में बाधा उत्पन्न करता है।

(और पढ़ें -  गुटखा छोड़ने के उपाय )

जब हम नशे की रोकथाम की बात करते हैं, तो इसमें कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो आपके जोखिम को बढ़ा सकती हैं, इनको आप आसानी से बदल नहीं सकते हैं। जिसमें नशे के अादी व्यक्ति का पारिवारिक इतिहास, किस तरह से आप नशे के आदी हुए और आघात का अनुभव करने की स्थिति को शामिल किया जाता है।

वैसे तो इस लत को रोकने का कोई भी तरीका एेसा नहीं है जो असफल हो ही न, फिर भी कुछ बातों का पालन कर आप खुद को नशे का आदी बनने से रोक सकते हैं। इसमें शामिल हैः-

  • अपने स्कूल, धार्मिक समुदाय या किसी अन्य संगठन के साथ मजबूत रिश्ता बनाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप इनके समारोह में शराब का जरूर ही सेवन करें।
  • एंटी-ड्रग, तंबाकू और शराब से जुड़ी संस्थाओं के कार्यक्रमों में भाग लें।
  • युवावस्था में नशे से बचें, जो लोग अपने शुरुआती किशोरावस्था में शराब पीने या नशीली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, वे अपनी बाद की जिदंगी में इसके आदी हो जाते हैं।
  • बीती जिंदगी में कोई पीड़ा या आघात होने पर आप इससे बाहर आने के लिए किसी विशेषज्ञ से काउंसिलिंग कर मदद ले सकते हैं।
  • एक थेरेपिस्ट के साथ काम करें यदि खुद पर नियंत्रण करने में मुश्किल हो रही हो।
  • अपने दोस्तों को सावधानी से चुनें। इसके अलावा सहकर्मियों के दबाव से भी किसी भी उम्र में आप नशे के आदी हो सकते हैं, इसलिए नशा करने वाले दोस्तों और करीबियों से दूरी बना कर ही रखें।

दोबारा सही स्थिति में आने के लिए क्या करें?

नशे के आदी व्यक्ति को अपने मस्तिष्क के सभी कार्यों को दोबारा से ठीक करने व इसके दुष्परिणामों को दूर करने लिए दवाओं की मदद लेनी होती है। ओपिओइड (हेरोइन, दर्द को कम करने वाली दवाएं ), तम्बाकू (निकोटीन), और शराब की लत के उपचार के लिए भी दवाएं उपलब्ध हैं।

(और पढ़ें -  तम्बाकू के नुकसान )

नशे की लत का निदान कैसे करें?

  • नशे की लत का निदान करने के लिए एक संपूर्ण मूल्यांकन की आवश्यकता होती है और अक्सर इसमें मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक द्वारा मूल्यांकन शामिल होता है। (और पढ़ें -  शॉक थेरेपी क्या है )
  • इमेजिंग स्कैन, छाती का एक्स-रे और रक्त परीक्षण पूरे शरीर पर होने वाले दीर्घकालिक हानिकारक प्रभावों को दिखाता हैं। (और पढ़ें -  टेस्टोस्टेरोन टेस्ट क्या है )
  • रक्त, मूत्र या अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों का उपयोग दवा के उपयोग के आंकलन के लिए किया जाता है, लेकिन ये नशे की जांच के लिए नहीं हैं। हालांकि, इन परीक्षणों का इस्तेमाल उपचार और दोबारा ठीक होने की स्थिति की निगरानी के लिए किया जा सकता है। 

(और पढ़ें -  यूरिन टेस्ट क्या है )

नशे की लत का इलाज कैसे करें?

इसके सफल इलाज के कई तरीके है:-

  • विषहरण (प्रक्रिया जिसके द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर किए जाते हैं)
  • नशे की लत छु़ड़ाने के लिए कांउसिलिंग
  • दवा (ओपिओइड, तंबाकू, या शराब की लत के लिए)
  • अवसाद और चिंता जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के लिए मूल्यांकन और उपचार
  • पुनरावृत्ति को रोकने के लिए दीर्घकालिक बचाव

(और पढ़ें -  डिप्रेशन के लिए योग )

दवाओं के उपयोग से इसके लक्षणों व दोबारा स्थिति पैदा करने वाले कारको को कम किया जा सकता है।

इससे बाहर आने के लिए क्या करें:

दवाएं नशे की लत से बाहर आने की स्थिति में विषहरण (detoxification) के दौरान होने वाले प्रभावों को कम कर देती है। विषहरण अपने आप में "उपचार" नहीं है, लेकिन इस प्रक्रिया को ठीक होने का केवल पहला कदम माना जाता है। जिन रोगियों को विषहरण (detoxification) के बाद कोई और उपचार नहीं मिलता है, वे आमतौर पर अपने नशीले पदार्थों के उपयोग को फिर से शुरू कर देते हैं।

(और पढ़ें -  बॉडी को डिटॉक्स कैसे करें )

ओपिओइड: मेथाडोन (Methadone) और नाल्ट्रेक्सोन (naltrexone) का उपयोग ओपिओइड के आदि व्यक्ति के इलाज के लिए किया जाता है। ये दवाएं वापसी के लक्षणों को कम कर देती हैं और दुष्परिणामों से राहत देती हैं। ये सभी दवाएं, नशे की मांग और संबंधित आपराधिक व्यवहार को कम करने में सहायता करती हैं और उनके व्यवहार संबंधी उपचार के लिए सहायता करती हैं।

  • तम्बाकू: निकोटीन को छोड़ने की थेरेपी कई रूप में की जाती हैं, जिनमें पैच (patch), स्प्रे, गम और लोजेंज (lozenges) शामिल हैं।
  • शराब के लिए
  • तीन अनुमोदित दवाएं निम्नानुसार हैं:
  • नैलट्रीसोन (Naltrexone)
  • अकेम्प्रोसेट (Acamprosate)
  • डिसुलफिरम (Disulfiram)
  • सहवर्ती स्थितियों: अवसाद या चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए भी अन्य दवाएं उपलब्ध हैं, जो कि व्यक्ति की लत को छुड़ाने में योगदान देती हैं। 

(और पढ़ें -  शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक मिलाना के नुकसान )

व्यावहारिक थेरेपी (Behavioral therapies) रोगियों की सहायता करती हैं:

  • नशीली दवाओं के उपयोग से संबंधित व्यवहार को कम व सही करना।
  • स्वास्थ से जुड़े जीवन की कार्यक्षमताओं को बढ़ाना।
  • उपचार के अन्य रूपों के साथ दवाओं को जारी रखना।

(और पढ़ें -  ओपिओइड की विषाक्तता का इलाज )

ये बातें मरीजों की मदद करती हैं:

  • उन स्थितियों की पहचान करना, बचाना और उनका सामना करना, जिनमें वे सबसे ज्यादा नशे का उपयोग कर सकते हैं।
  • उनके व्यवहार को बदलने के लिए उपचार को अपनाना।
  • डि-एडिक्शन (De- addiction) सेंटर- इन केंद्रों पर रहकर नशे के आदी इस आदत को छोड़ने का इलाज करते हैं। यह इलाज आमतौर पर 6 से 12 महीने तक चलता है। यह विषहरण (detoxification) व काउंसिलिंग पर केंद्रित होता है। 

(और पढ़ें -  एडीएचडी के लिए व्यवहार थेरेपी )

नशे की लत के जोखिम और जटिलताएं - Drug Addiction Risks & Complications in Hindi

नशे की लत से जुड़ी जटिलताएं  क्या हैं?

स्वास्थ्य पर नशे की लत का प्रभाव:

नशे की लत के प्रभावों में शामिल हैं।

  • एचआईवी / एड्स
  • हेपेटाइटिस बी और सी (और पढ़ें -  हेपेटाइटिस बी टेस्ट क्या है )
  • फेफड़ों की बीमारी
  • मानसिक विकार

(और पढ़ें -  कैंसर में क्या खाना चाहिए )

नशे की लत क्या मानसिक विकार का कारण होता है?

नशे की लत और मानसिक बीमारी अक्सर एक दूसरे से जुड़ी होती है। कुछ मामलों में, मानसिक विकार जैसे कि चिंता या अवसाद नशे की लत से पहले हो सकती है, जबकि अन्य मामलों में नशे से मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं। (और पढ़ें -  चिंता का इलाज )

नशे की लत अन्य लोगों को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है?

नशे के आदी हो चुके व्यक्ति के शरीर पर कई अन्य हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। नशे की लत में यह परेशानियां तेजी से होती है:

  • शिशुओं और बच्चों पर प्रसव पूर्व इसके दुष्प्रभाव होना।
  • धूम्रपान के धूंए के संपर्क में आने से होने वाले नकारात्मक प्रभाव।
  • संक्रामक बीमारियों के बढ़ने की संभावनाएं अधिक होना।

(और पढ़ें -  संक्रमण के इलाज )

नशे की लत के मनोवैज्ञानिक प्रभाव-

  • नशे की लत के मनोवैज्ञानिक प्रभाव का आशय उपयोगकर्त्ता द्वारा नशे के आदी होने पर दिमाग में होने वाले बदलावों से है।
  • प्रारंभ में लोग तनाव या दर्द को दूर करने के लिए दवाओं का उपयोग करना शुरू करते हैं। बाद में इन्हीं नशीली दवाओं की लत के प्रभाव का चक्र शुरू होता है और व्यक्ति को कभी भी तनाव या दर्द का सामना करना पड़ता है और बाद में वह दवा का उपयोग करने की आवश्यकता महसूस करने लगता है।
  • मनोवैज्ञानिक प्रभावों के चलते एक बार इसका आदी हुआ व्यक्ति इस पर निर्भर हो जाए तो वह खुद की हर परेशानी के लिए इन्हीं नशीली दवाओं का प्रयोग करता है।

नशे की लत के अन्य मनोवैज्ञानिक प्रभावों में शामिल हैं:

  • मूड में लगातार बदलाव आना, अवसाद, चिंता व हिंसा (और पढ़ें -  अवसाद का इलाज )
  • रोजमर्रा की जिंदगी में खुशी में कमी
  • नशीली दवाओं के प्रभावों में लोग मनोवैज्ञानिक प्रभावों को कम करने के लिए दवाओं की बढ़ती मात्रा का उपयोग करना
  • हमेशा खराब बर्ताव करना

(और पढ़ें -  चिंता दूर करने के घरेलू उपाय )

नशे की लत का शारीरिक प्रभाव-

नशे की लत का शारीरिक प्रभाव नशीली दवा के आधार पर भिन्न होता है, लेकिन आमतौर पर इसके प्रभाव शरीर की सभी प्रणालियों में देखे जाते हैं। नशे की लत के कुछ प्राथमिक शारीरिक प्रभाव मस्तिष्क में होते हैं।

नशे की लत मस्तिष्क के कार्यों और शरीर के आराम की स्थिति में बदलाव लाती है। नशे की लत के इन प्रभावों की वजह से नशीली दवाओं के उपचार के दौरान इस्तेमाल दवाओं की मांग अधिक हो गई है। 

नशे की लत के अन्य शारीरिक प्रभावों में शामिल हैं:

  • एचआईवी, हेपेटाइटिस और अन्य बीमारियां होना (और पढ़ें -  हेपेटाइटिस का इलाज )
  • हृदय दर में अनियमितताएं व दिल का दौरा
  • श्वसन समस्याएं, जैसे फेफड़े के कैंसर , वातस्फीति और श्वास संबंधी समस्याएं (और पढ़ें -  सांस लेने में दिक्कत का इलाज )
  • पेट में दर्द , उल्टी , कब्ज, डायरिया  (और पढ़ें -  दस्त रोकने के उपाय )
  • गुर्दा और जिगर की क्षति (और पढ़ें -  गुर्दे के संक्रमण का इलाज )
  • दौरे, स्ट्रोक, मस्तिष्क क्षति (और पढ़ें -  दौरे का इलाज )
  • भूख, शरीर के तापमान में बदलाव और नींद के रूटीन में परिवर्तन

(और पढ़ें -  अच्छी नींद के उपाय )

मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव-

कुछ दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल से मस्तिष्क में लघु व दीर्घकालिक परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं-

  • व्यामोह (paranoia)
  • डिप्रेशन (और पढ़ें -  डिलीवरी के बाद डिप्रेशन का इलाज )
  • दुस्वप्न (hallucinations)

लंबे समय तक इस्तेमाल से मस्तिष्क के कार्यों में परिवर्तन भी हो सकते हैं जिनमें शामिल हैं:-

  • सीखने में परेशानी
  • निर्णय पर पहुंचने
  • निर्णय लेना
  • याददाश्त कम होना (और पढ़ें -  याददाश्त में कमी का इलाज )
  • व्यवहार में परिवर्तन आना

(और पढ़ें -  याददाश्त बढ़ाने के उपाय )

  • National institute of drug abuse. Understanding Drug Use and Addiction . National Institute of health. [internet].
  • Easy to read drug facts. What are some signs and symptoms of someone with a drug use problem? . National institute of drug abuse. [internet].
  • MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Drug Abuse
  • National institute of drug abuse. Principles of Drug Addiction Treatment: A Research-Based Guide (Third Edition) . National Institute of health. [internet].
  • National institute of drug abuse. National Institute on Drug Abuse (NIDA) . National Institute of health. [internet].

नशे की लत के डॉक्टर

Dr. Sumit Kumar

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By विकास सिंह

drug addiction essay in hindi

दवाएं शरीर और मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। विभिन्न प्रभावों को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का निर्माण किया गया है। ये सभी नशे की लत को छोड़ना कठिन होता हैं। नशा एक गंभीर समस्या है।

विषय-सूचि

मादक पदार्थों की लत पर निबंध, drug addiction essay in hindi (200 शब्द)

इन दिनों नशा एक आम समस्या है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। ड्रग्स एक त्वरित खुशी और तनाव से राहत प्रदान करते हैं। कई लोग ड्रग्स को अपनी दर्दनाक वास्तविकता से भागने के रूप में लेना शुरू करते हैं। दूसरों को यह अनुभव करने के लिए ड्रग्स लेते हैं कि यह कैसा लगता है।

फिर भी अन्य लोग केवल अपने दोस्तों को कंपनी देने के लिए इसे लेते हैं ताकि वे बचे नहीं। जो भी कारण हो, इससे पहले कि कोई व्यक्ति जानता है, वह ड्रग्स का आदी हो जाता है और इस लत से छुटकारा पाना मुश्किल है। दवाओं के उपयोग से अल्पकालिक आनंद गंभीर दीर्घकालिक समस्याओं को जन्म दे सकता है। यह गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों और व्यवहार में परिवर्तन का कारण बन सकता है।

नशीली दवाओं की लत के कुछ लक्षणों में भूख में कमी, बिगड़ा हुआ समन्वय और बेचैनी, काम में रुचि की कमी, वित्तीय मुद्दे और सामाजिक चक्र का परिवर्तन, गुप्त व्यवहार, बार-बार मूड स्विंग और उत्सुक व्यवहार शामिल हैं।

कई लोगों का तर्क है कि नशे पर काबू पाने के लिए बस इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। हालाँकि, यह ऐसा नहीं है। इसके लिए बहुत कुछ चाहिए। नशा मस्तिष्क को बदल देता है। नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए पेशेवर मदद लेना और उचित दवा लेना आवश्यक है। इस लत को दूर करने में कई साल लग सकते हैं और एक रिलेप्स की संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।

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drug addiction essay in hindi

प्रस्तावना:

नशा: शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:, ड्रग की लत: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:, ड्रग की लत: अजन्मे शिशुओं पर प्रभाव:, निष्कर्ष:.

दवाओं की नियमित खुराक के कारण किसी व्यक्ति का संपूर्ण स्वास्थ्य बेहद कमजोर हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अक्सर वास्तविकता से संपर्क खो देता है और भ्रमित हो जाता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण वह संक्रमण को बहुत तेजी से पकड़ सकता है।

ड्रग एडिक्शन पर निबंध, drug addiction essay in hindi (400 शब्द)

drug addiction essay in hindi

विभिन्न आयु वर्ग और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोग नशाखोरी के शिकार होते हैं। जबकि कुछ इस लत को कुछ कठिनाई से पार करने में सक्षम हैं, दूसरों को हमेशा के लिए दवाओं की अंधेरी दुनिया में फेंक दिया जाता है। मादक पदार्थों की लत से छुटकारा पाने और इस दुरुपयोग को दूर करने के लिए यथासंभव प्रयास करने के लिए एक व्यक्ति को तैयार होने की जरूरत है।

मादक पदार्थों की लत के जोखिम:

जबकि कोई भी नशीली दवाओं की लत विकसित कर सकता है, कुछ लोगों को इसे विकसित करने की अधिक संभावना होती है। यहां उन लोगों पर एक नज़र है जो नशीली दवाओं की लत के विकास के उच्च जोखिम में हैं:

  • जिन लोगों को जीवन में कुछ दिल टूटने / दर्दनाक अनुभव हुए हैं।
  • जिनके पास नशाखोरी का पारिवारिक इतिहास है।
  • जिन्हें मानसिक या शारीरिक शोषण या उपेक्षा का सामना करना पड़ा है।
  • जो अवसाद और चिंता से पीड़ित हैं।

नशीली दवाओं की लत पर काबू पाने के तरीके:

यहाँ नशे को दूर करने के कुछ तरीके दिए गए हैं:

छोड़ने के कारणों की सूची बनाएं

जैसा कि आप नशीली दवाओं की लत को छोड़ने का फैसला करते हैं, आपकी लत के कारण होने वाली समस्याओं की एक सूची बनाएं। इसमें काम के मोर्चे पर समस्याएं, आपके जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के साथ समस्याएं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और बहुत कुछ शामिल हो सकते हैं। इस सूची को हर रोज पढ़ें क्योंकि आप इस खतरनाक आदत को छोड़ने के लिए अपनी यात्रा शुरू करते हैं। यह आपको इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा।

एक पुनर्वास केंद्र में दाखिला लिया

यह मादक पदार्थों की लत को दूर करने के लिए मुख्य कदमों में से एक है। अच्छे पुनर्वास केंद्रों में योग्य और अनुभवी पेशेवर होते हैं, जो नशेड़ी लोगों से निपटना जानते हैं और उन्हें नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। अन्य नशीली दवाओं के व्यसनों से मिलना और यह देखना कि वे सामान्य जीवन को वापस पाने के लिए इस लत को छोड़ने के लिए कितना कठिन प्रयास कर रहे हैं, उत्साहजनक भी हो सकते हैं।

दोस्तों और परिवार से सहायता लें

अपने निकट और प्रिय लोगों से प्यार और समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जब यह नशीली दवाओं की लत से छुटकारा पाने के लिए आता है। यह नशे की लत को निर्धारित करने में मदद कर सकता है और इस घृणित आदत को छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। इसलिए, उनके साथ इस समस्या पर चर्चा करने में संकोच न करें। वे लत से छुटकारा पाने में आपकी मदद करने के लिए तैयार होने से अधिक होंगे।

इलाज

जैसा कि आप ड्रग्स की खपत को रोकते हैं, आप लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं। इन लक्षणों से निपटने के लिए दवा की आवश्यकता होती है। दवा भी रिलेप्स को रोकने में मदद करती है। नशीली दवाओं की लत के कारण होने वाले स्वास्थ्य के मुद्दों को भी ठीक करने की आवश्यकता है। दवाएं उन्हें ठीक करने में मदद करेंगी।

नशा छोड़ने के लिए अत्यंत कठिन हो सकता है। हालांकि, ऐसा करना असंभव नहीं है। दोस्तों और परिवार के मजबूत दृढ़ संकल्प और समर्थन से नशा छुड़ाने में मदद मिल सकती है।

नशे की लत पर निबंध, essay on drug addiction in hindi (500 शब्द)

speech on drug addiction hindi

ड्रग एडिक्ट्स द्वारा सामना किए जाने वाले सामान्य व्यवहार संबंधी मुद्दे:

ड्रग की लत के कारण व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत और साथ ही पेशेवर जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं। यह एक लत है कि व्यक्ति को जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहिए। एक व्यक्ति अपने नशा छोड़ने के लंबे समय बाद अपने व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए संघर्ष कर सकता है।

नशे की लत पर निबंध, essay on drug addiction in hindi (600 शब्द)

drug addiction

नशीली दवाओं के सेवन से बड़ी मात्रा में डोपामाइन निकलता है जो एक व्यक्ति को परमानंद में डाल देता है। लोग इस खुशहाल स्थिति का अनुभव करना पसंद करते हैं और यहां बार-बार आने की इच्छा रखते हैं जो नशा के मुख्य कारणों में से एक है। प्रारंभ में अधिकांश लोग स्वेच्छा से ड्रग्स लेते हैं लेकिन यह जल्द ही एक लत बन जाता है। ड्रग की लत सबसे बुरी तरह की लत है। यह छोड़ने के लिए कठिन है और किसी व्यक्ति को इस लत से छुटकारा पाने के बाद होने वाले नकारात्मक नतीजे भी हो सकते हैं।

ड्रग्स के प्रकार:

ड्रग्स को मोटे तौर पर तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। ये अवसाद, उत्तेजक और मतिभ्रम हैं। यहाँ एक प्रभाव मानव मस्तिष्क और शरीर पर उनमें से प्रत्येक पर एक नज़र है:

डिप्रेसेन्ट्स: डिप्रेसेन्ट्स में कैनबिस, ओपिएट्स, बेंजोडायजेपाइन और अल्कोहल शामिल हैं। वे मस्तिष्क से और जाने वाले संदेशों की गति को धीमा करने के लिए जाने जाते हैं और इस प्रकार किसी स्थिति को संभालने की क्षमता को कम करते हैं। जब कम मात्रा में लिया जाता है, तो अवसाद एक व्यक्ति को आराम महसूस कर सकता है। हालांकि, जब बड़ी मात्रा में लिया जाता है, तो ये मतली, उल्टी और बेहोशी पैदा कर सकते हैं।

उत्तेजक पदार्थ: उत्तेजक, दूसरी ओर, मस्तिष्क से और जाने वाले संदेशों को गति देते हैं। उनके पास किसी व्यक्ति के आत्मविश्वास स्तर को तुरंत बढ़ावा देने की शक्ति है। नकारात्मक पक्ष में, वे उच्च रक्तचाप का कारण बन सकते हैं, हृदय गति बढ़ा सकते हैं और बेचैनी, आंदोलन और अनिद्रा पैदा कर सकते हैं। इस तरह की दवाओं के लगातार उपयोग से पैनिक अटैक, चिंता और व्यामोह होता है। उत्तेजक पदार्थों में निकोटीन, कैफीन, कोकीन और एम्फ़ैटेमिन शामिल हैं।

हैलुसिनोजन : हैलुसिनोजन में मेस्कालाइन और साइलोकाइबिन शामिल हैं। ये दवाएं मतिभ्रम का कारण बनती हैं और किसी व्यक्ति की वास्तविकता को विकृत करती हैं। जब लगातार लिया जाता है, तो ये दवाएं उच्च रक्तचाप, मतली, व्यामोह और सुन्नता का कारण बन सकती हैं।

नशीली दवाओं की लत के लक्षण और लक्षण:

एक व्यक्ति जो ड्रग्स का आदी है, वह निम्नलिखित लक्षण और लक्षण दिखाने की संभावना है:

  • भूख में बदलाव
  • अप्रत्याशित वजन बढ़ना या वजन कम होना
  • स्लीप पैटर्न में बदलाव
  • तिरस्कारपूर्ण भाषण
  • मित्र मंडली में बदलें
  • अचानक गुस्से में आ गए
  • खून सी लाल आंखें
  • काम में रुचि की कमी
  • काम / स्कूल में कम प्रदर्शन
  • गुप्त व्यवहार
  • सुस्त, दूर और उदासीन होना
  • बार-बार मूड बदलना
  • उत्तेजना की कमी
  • घिनौना व्यवहार
  • ड्रग एडिक्शन पेशेवर जीवन पर प्रभाव डालता है

किसी व्यक्ति के मस्तिष्क पर नशे का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लोग अपना आत्म नियंत्रण खो देते हैं। वे ड्रग्स के इतने आदी हो जाते हैं कि उनके बारे में सोचने वाले सभी उन्हें खा रहे हैं। यही एक चीज है जो उन्हें दिलचस्पी देती है। वे काम पर ध्यान केंद्रित करने और इसमें रुचि खोने में असमर्थ हैं। यहां तक ​​कि अगर वे काम करने की कोशिश करते हैं तो वे सुस्ती महसूस करते हैं और वापस ले लेते हैं।

ड्रग्स का उनके संज्ञानात्मक कौशल, विश्लेषणात्मक कौशल और निर्णय लेने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। यह उनके पेशेवर जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। ड्रग एडिक्ट्स भी तर्कहीन व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। वे आक्रामक हो जाते हैं, बिगड़ा हुआ निर्णय विकसित करते हैं और आवेगी बन जाते हैं। कार्यालय सेटिंग में ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है। यह उन्हें खराब रोशनी में डालता है और पेशेवर विकास की संभावना को रोक देता है।

नशीली दवाओं की लत का व्यक्तिगत संबंध पर असर:

ड्रग्स का आदी व्यक्ति ड्रग्स लेने वालों की कंपनी से प्यार करता है और अपना ज्यादातर समय उनके साथ बिताने की कोशिश करता है। उसे अब अपने परिवार और दोस्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह अक्सर उनसे दूरी बना लेता है। वह चिड़चिड़ा और आक्रामक हो जाता है। इससे अक्सर तर्क और झगड़े होते हैं जो उनके पारिवारिक जीवन के साथ-साथ उनके दोस्तों के साथ उनके समीकरण को बिगाड़ते हैं। नशे का आदी व्यक्ति न केवल अपने जीवन को बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी खराब कर देता है।

ड्रग्स एक व्यक्ति की सोचने और कार्य करने की क्षमता को प्रबल कर सकता है। वे कई स्वास्थ्य खतरों, व्यवहार संबंधी समस्याओं और संबंधों के मुद्दों को जन्म दे सकते हैं। सबसे सुरक्षित शर्त ड्रग्स से दूर रहना है। जो लोग नशे के आदी होते हैं उनके पास इस लत को छोड़ने का बहुत कम मौका होता है। वे अपने जीवन को बर्बाद कर देते हैं और अपने प्रियजनों को बहुत दुख भी देते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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ड्रग्स और शराब (नशीली दवाओं) के दुरुपयोग

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ड्रग्स और शराब नशीली दवाओं के दुरुपयोग (Drug abuse in Hindi): आज के समय में  मादक पदार्थों का सेवन को रोक पाना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। युवाओ का एक बड़ा वर्ग इसकी चपेट में आ गया है। कोकीन (चरस, हशीश), हेरोइन, अफीम, गांजा(मारिजुआना), शराब, व्हिस्की, रम, बियर, ब्राउन शुगर, हशीश, भांग जैसे नशीले पदार्थो का सेवन करके लोग अपना जीवन खराब कर रहे है।

ड्रग्स और शराब नशीली दवाओं के दुरुपयोग (Drug abuse in Hindi)

दुनिया में हर व्यक्ति जो 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है; औसतन प्रति वर्ष 6.2 लीटर शुद्ध शराब पीता है। आधी से कम आबादी (38.3%) वास्तव में शराब पीती है; इसका मतलब है कि जो लोग शराब पीते है, वे औसतन 17 लीटर शुद्ध शराब सालाना पीते हैं।

कुछ 3.1 करोड़ व्यक्तियों को नशीली दवाओं के उपयोग की लत हैं। लगभग 1.1करोड़ लोग ड्रग्स इंजेक्ट करते हैं; जिनमें से 13 लाख एचआईवी के साथ, 55 लाख हेपेटाइटिस सी के साथ और 10 लाख एचआईवी और हेपेटाइटिस सी दोनों के साथ जी रहे है। 15-24 वर्ष की आयु सीमा में, 50% मौतें (दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या से) शराब या नशीली दवाओं के सेवन से होती हैं।

ड्रग्स का उपयोग करने पर किसी व्यक्ति के व्यवहार में क्या बदलाव आते हैं?

नशीली दवाओं के दुरुपयोग से सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक और नौकरी से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। शराब के दुरुपयोग से, शराब पर शारीरिक निर्भरता हो सकती है; एक समय में बहुत अधिक शराब पीने से वह शराब विषाक्तता भी हो सकती है।

  • शराब / दवा लेने के लिए मजबूरीकी तीव्र इच्छा या भावना का होना
  • पदार्थ को नियंत्रित करने में कठिनाइयाँ जब शुरू करने, रोकने और कितनी मात्रा में लेना है उस व्यवहार के संदर्भ में
  • एक शारीरिक की वह वापसी की अवस्था जब शराब / नशीली दवाओं का उपयोग बंद हो गया है; या कम हो गया है; या वापसी के लक्षणों से राहत या बचने के इरादे से उसी (या बारीकी से संबंधित) शराब/ दवा का उपयोग किया जाता है
  • सहिष्णुता-सहनशक्ति के साक्ष्य, जैसे कि शराब/ दवा की खुराक में वृद्धि हुई है; मूल रूप से कम खुराक द्वारा उत्पादित प्रभाव को प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं; (इसके स्पष्ट उदाहरण शराब में पाए जाते हैं- और अफीम पर निर्भर व्यक्ति जो दैनिक खुराक लेने में पर्याप्त रूप से असमर्थ हो सकते हैं; या गैर सहिष्णु उपयोगकर्ताओं को मारना)
  • शराब / नशीली दवाओं के उपयोग के कारण वैकल्पिक सुखों या हितों की प्रगतिशील उपेक्षा, पदार्थ प्राप्त करने या लेने या उसके प्रभावों से उबरने के लिए आवश्यक समय की मात्रा में वृद्धि
  • अत्यधिक हानिकारक परिणामों के स्पष्ट प्रमाण के बावजूद अल्कोहल / ड्रग का उपयोग करना; जैसे कि; अत्यधिक शराब पीने के माध्यम से यकृत को नुकसान पहुंचना, अवसादग्रस्तता की मनोदशा भारी पदार्थ के उपयोग की अवधि के परिणामस्वरूप, या संज्ञानात्मक कार्य की दवा से संबंधित हानि।

मादक पदार्थ लेने के कारण Drug abuse in Hindi

इसके पीछे निम्न कारण है-

  • आनन्द पाने के लिए युवा और अधेड़ दोनों वर्गों के लोग इसका सेवन करते हैं। इसके सेवन से कुछ समय के लिए शरीर में ताकत रहती है; मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लोगो को इसका प्रयोग उपयोगी लगने लगता है।
  • आजकल की महंगी जीवनशैली में माता-पिता दोनों ही पैसा कमाने के लिए नौकरियां करने लगे है। वो बच्चो का ख्याल नही रख पाते है। जादातर माता-पिता सुबह घर से निकलते है और रात में घर वापिस आते है। वो बच्चो को जेब खर्च के लिए अधिक से अधिक पैसा देते है जिससे वो ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है। कई बार बच्चे अपने अकेलापन को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते हैं। उन्हें सही तरह का मार्गदर्शन नही मिलने के कारण वो भटक जाते हैं।
  • अपने दोस्तों के प्रभाव में आकर बच्चे सबसे पहले ड्रग्स लेना शुरू करते हैं। वो इसे शौक-शौक में लेते है पर जल्द ही इसकी लत लग जाती है। कई बच्चे इसको फैशन समझने लगे हैं। अमीर बच्चो में ये समस्या कुछ जादा ही है। ये नशीले पदार्थ बहुत महंगे होते है, पर अमीर घर के बच्चे इसे आसानी से खरीद लेते है।
  • कुछ लोग अपने दुःख दर्दों, जीवन की समस्याओं से पलायन करने के लिए नशीले पदार्थों का सेवन करने लग जाते है।
  • कुछ लोग बोरियत, अनिद्रा, गुस्से से बचने के लिए इसका सेवन करते है।

मादक पदार्थो के सेवन का प्रभाव

  • नशीले पदार्थो की लत लग जाने के बाद कुछ भी अच्छा नही लगता है। बार-बार नशीला पदार्थ लेने की तलब लगती है। व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में कुछ नही सोच पाता है। जब वो पदार्थ नही लेता है तो उसे बड़ी बेचैनी लगती है। बदन दर्द होता है। चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, गुस्सा, हाथ पैरो में दर्द और भारीपन, शरीर कांपना, अनियंत्रित रक्तचाप, उलटी मितली आना, जैसे लक्षण दिखने लग जाते हैं।
  • इन नशीले पदार्थों का मस्तिष्क, यकृत, ह्रदय, गुर्दों पर बुरा प्रभाव होता है। हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • व्यक्ति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है। वो अपने रुचिकर कार्यों से भी विमुख हो जाता है।
  • नशे के प्रभाव में व्यक्ति दूसरे लोगो के साथ बुरा व्यवहार करता है। महिलाओं से छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा, आत्महत्या, मोटरवाहन दुर्घटना, हत्या, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, बाल शोषण, घरेलू हिंसा जैसे अपराध नशीले पदार्थो के सेवन के बाद हो जाते है।

निष्कर्ष

शराब और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के उपचार और पुनर्प्राप्ति रणनीतियों को एक शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता देनी चाहिए। एक समाज के रूप में एक साथ आने से सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव और लोगों को इस मुद्दे को केवल एक चिकित्सा स्थिति के रूप में समझना संभव हो पाएगा । इससे इन सभी लोगो को अपने डॉक्टरों के साथ अपनी चिंताओं के बारे में बात करने में आसानी होगी, और रोकथाम और उपचार के लिए व्यापक पहुंच होगी। एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मॉडल के साथ नशीली दवाओं और शराब के दुरुपयोग को संबोधित करने की भी आवश्यकता है।

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