hindi essay on diwali 150 words

दिवाली पर निबंध 100 शब्द, 150 शब्द, 250 से 300 शब्द, 10 Line

by Meenu Saini | Sep 16, 2023 | General | 0 comments

10 Lines on Diwali in Hindi

Hindi Essay Writing – दिवाली  (Diwali)

दिवाली पर निबंध –  इस लेख में हम दिवाली का इतिहास, दीपावली का अर्थ,  दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, आदि के बारे में जानेंगे| हम सब जानते है कि दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है।। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में दिवाली पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में दिवाली पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • दिवाली पर पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on Diwali in Hindi)
  • दिवाली पर अनुच्छेद 1, 2 और 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • दिवाली पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • दिवाली पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • दिवाली पर अनुच्छेद 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
  • दिवाली पर निबंध (Detailed Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर 10 लाइन हिन्दी में (10 lines on Diwali in Hindi)

  • दिवाली का त्यौहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
  • दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
  • दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
  • दिवाली के दिन लोग अपने घरों की बहुत साज-सजावट करते है।
  • दिवाली के दिन ही अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे।
  • श्री राम जी के अयोध्या वापस लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे।
  • दिवाली के त्यौहार से पहले सभी लोग अपने-अपने घरों की अच्छे से साफ-सफाई करते है।
  • दिवाली का त्योहार लगभग 5 दिनों तक होता है। पहला धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी, तीसरा मुख्य दिवाली, चौथा गोवर्धन पूजा और पांचवां भैया दूज।
  • दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर अनुच्छेद कक्षा 1 से 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

दिवाली /दीपावली पर निबंध : दिवाली जिसे ‘दीपावली’ के नाम से भी जाना जाता है, ये हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है ।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

दिवाली पूरे भारत में खुशी के साथ मनाई जाती है। दिवाली आने से पहले हम अपने घरों की अच्छे से सफाई करके रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। दिवाली के दिन हम सब नए कपड़े पहनते हैं फिर शाम को हम अपने घरों में घी या तेल के दीए जलाते हैं और पूरे घर को दीयों से सजाते हैं। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते है, स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते है, हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं एक दूसरे को  मिठाई और उपहार देते है और साथ में पटाखे, फुलझड़ी इत्यादि जलाकर दिवाली मनाते हैं। दिवाली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है ये त्योहार सभी को अच्छा लगता है।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

दिवाली त्यौहार हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। दिवाली मनाए जाने के पीछे एक सबसे प्रचलित कहानी है। त्रेता युग में अयोध्या के राजा राम चौदह वर्ष वनवास पूर्ण करने के पश्चात पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे। इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया था। तब से प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस्या को दिवाली धूमधाम से मनाया जाने लगा। 

दिवाली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करके रंग बिरंगे लाइटों से साज-सजावट कर देते हैं। दीपावली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दीपावली आती है। दिवाली के दिन लोग बहुत उत्साह के साथ अपनो से मिलते है एक दूसरे को उपहार और मिठाइयां भेंट देकर दिवाली की बधाई देते हैं फिर शाम होने पर घी या तेल के दीये जलाकर घरों को सजाते है, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, पटाखे और फुलझड़ी जलाते हैं। घर में बने व्यंजन और मिठाइयों का लुफ्त उठाते हैं। और इस तरह से हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्यौहार मनाते है।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसे बच्चे और युवा आमतौर पर बेहद पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए बहुत सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है। दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली । ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन या श्रृंखला’ जिसका अर्थ हुआ दीपक की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली को दीपोत्सव भी कहते है।

दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से अयोध्या वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीये जलाकर अमावस्या के काली रात को पूर्णिमा में बदल दिया था तब से हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाया जाने लगा।

दिवाली से पहले धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण या बर्तन खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं। दिवाली के दिन लोग नये-नये कपड़े पहनकर अपने दोस्तों और सगे संबंधियों से मिलते है और उन्हें उपहार भेट करके दिवाली की शुभकामनाएं देते है। शाम के समय अपने घरों को मोमबत्ती और दीयों से सजाते हैं, लक्ष्मी गणेश की पूजा करते है, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दिवाली पर अनुच्छेद – कक्षा 9, 10, 11, 12 छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

भारतवर्ष में जितने भी पर्व हैं, उनमें दिवाली सर्वाधिक लोकप्रिय और हर एक के मन में हर्ष-उल्लास पैदा करने वाला पर्व है। दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना उत्पन्न करता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक महत्व छुपे हुए हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दिवाली के दिन अयोध्या के राजा राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, अपने परम प्रिय राजा के आगमन से अयोध्यावासियों का ह्रदय खुशी से भर गया तथा उन्होंने घी के दीपक जलाकर उनके घर वापसी का जश्न मनाया। कार्तिक मास की अमावस्या की वो रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तभी से रोशनी का यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माता लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशीर्वाद देकर वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती है। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को रंग बिरंगे लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन सोने और चांदी के आभूषण या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था। दिवाली के त्यौहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के दिन लोग अपने घर को दीयों, मोमबत्तियों, लड़ियों और रंगोली से सजाते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं, दिवाली की बधाई देते है और उपहार साझा करते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं। पटाखे और फुलझड़ी जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। दिवाली की रात हर तरफ रोशनी की जगमगाहट होने से असीम और अलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

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दीपावली पर निबंध: 150 शब्दों में जानिए दिवाली का महत्व और खास तरीके

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  • Diwali Essay In Hindi 150 Words
  • दीपावली पर निबंध 150 शब्द

इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए  Diwali Essay In Hindi 150 Words   शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब 15 0 Words On Diwali In Hindi Essay –  दीपावली पर निबंध 150 शब्द में को जानते है।

  • दिवाली पर निबंध 150 शब्दों में

Essay on  Diwali In Hindi 150 Words

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम के 14 वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या मे वापस लौटने की खुशी मे पूरे अयोध्या मे घर घर, गली मुहल्ले, हर जगह दीये जलाए गए थे, जिससे पूरा अयोध्या स्वर्ग के समान जगमगाने लगा था, इस तरह हर साल दीये इस शुभ दिन दीये जलाया जाने लगा, जिसे हम सभी दिवाली के त्योहार के रूप मे मनाते है।

Table of Contents

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है. और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव प्राप्त होते है, इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी विशेष अर्चना किया जाता है।

दरअसल दिवाली का पर्व एक दिन का न होकर पंचदिवसीय पर्व हैं. इसका प्रथम दिवस धनतेरस के रूप में जाना जाता हैं. इस दिन कुबेर और धन्वन्तरि का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से धन 13 गुणा बढ़ जाता हैं. इसका दूसरा दिन छोटी दीपावली का होता हैं इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई थी.

दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि  दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

तो आप सभी को यह  दिवाली के लिए निबंध – Essay on Diwali in Hindi 150 Words  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और  दिवाली पर निबंध 150 शब्दों में –  Diwali Essay In Hindi 150 Words  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को  हैप्पी दिवाली…

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Bahut hi badhiya nibadhn likha hai diwali ke liye aapne..

Thanks Kashika. aise hi Diwalishare visit karte rahiye

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Diwali Essay In Hindi

Diwali Essay In Hindi – दिवाली पर निबंध हिंदी में – Diwali Ka Essay In Hindi – 150 Words – 10 Line Essay – My Favourite Festival Diwali Essay For Child – Class 5, 6

हेलो स्टूडेंट्स! क्या आप को दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) चाहिए? अगर हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पहुंचे हैं। इस पोस्ट में आपको दिवाली पर निबंध (Diwali Ka Essay In Hindi) मिलने वाला हैं। अगर आपको Diwali Essay In Hindi 150 Words में चाहिए तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

दिवाली, सभी भारतीयों के लिए खुशी का त्योहार, हर साल बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर हर घर में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली का त्यौहार भारत में दो दिनों तक मनाया जाता है और बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, भले ही लोग दूसरे देशों में रहते हों।

इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, छात्रों को अक्सर लिखने के लिए एक निबंध दिया जाता है। कई छात्र त्योहार और इसके महत्व के बारे में अधिक जानने के लिए इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi) खोजते हैं। अगर आप भी Diwali Ka Essay In Hindi खोज रहे हैं तो चलिए आपको एक अच्छा निबंध बताते हैं:

Diwali Essay In Hindi / Diwali Ka Essay In Hindi

दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह रोशनी का त्योहार है, और इसे बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली से जुड़ी सबसे लोकप्रिय कहानी 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी है। भगवान राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, और उनकी अयोध्या वापसी एक महान उत्सव का समय था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और इसी तरह आज दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करने का भी समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं, और उन्हें दीयों और रंगोलियों (जमीन पर बने रंगीन पैटर्न) से सजाते हैं। वे नये कपड़े, आभूषण और उपहार भी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन, लोग अपने दोस्तों और परिवार से मिलते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं। वे खेल भी खेलते हैं और पटाखे भी जलाते हैं। दिवाली खुशी और उत्सव का समय है, और यह एक साथ आने और पिछले साल की परेशानियों को भूलने का समय है।

Diwali Essay In Hindi 150 Words

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे सभी उम्र और धर्मों के लोग बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।  

दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों और सड़कों को रोशनी, मोमबत्तियों और अन्य सजावट से सजाते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं और अपने प्रियजनों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। यह त्योहार लोगों के लिए भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करने का भी समय है।

दिवाली के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है दीयों की रोशनी, छोटे तेल के दीपक जो घरों और सार्वजनिक स्थानों पर जलाए जाते हैं। ये दीये बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक हैं।

दिवाली के दौरान एक और महत्वपूर्ण परंपरा दोस्तों और परिवार के साथ मिठाइयों और अन्य व्यंजनों का आदान-प्रदान है। यह त्योहार की साझा करने और खुशी की भावना का प्रतीक है।

Diwali Essay In Hindi 10 Lines | दिवाली पर निबंध 10 लाइन

1) दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार या दीपोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, हिंदुओं के बीच एक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण उत्सव है। 2) यह चौदह वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 3) इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 4) इस अवसर का जश्न मनाने के लिए बच्चे उत्सुकता से पटाखे जलाने में भाग लेते हैं। 5) धार्मिक रिवाज और पूजा बच्चों, बुजुर्गों और वयस्कों सहित सभी उम्र के लोगों द्वारा की जाती है। 6) यह त्यौहार बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं। 7) दिवाली केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी मनाते हैं। 8) इस दिन भारत में सार्वजनिक अवकाश होता है और इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। 9) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और पसंदीदा त्योहारों में से एक है, जो लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और खुशी फैलाता है। 10) दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधेरे पर प्रकाश की विजय और एकता और भाईचारे के महत्व का प्रतीक है।

My Favourite Festival Diwali Essay In Hindi

मेरा पसंदीदा त्योहार दिवाली है। यह प्रकाश का त्योहार है, और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, लोग अपने घरों को दीयों और रंगोली (रंगीन आकृतियों) से सजाते हैं, और मिठाई और नए कपड़े खरीदते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और पटाखे और आतिशबाजी चलाते हैं।

दिवाली का सबसे लोकप्रिय कथा भगवान राम की वापसी से जुड़ा है, जो 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में, अयोध्या के लोगों ने घरों और सड़कों को दीयों से रोशन किया। इस दिन, लोग भगवान राम और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।

दिवाली एक खुशी और उल्लास का त्योहार है, और यह एक समय है जब लोग एकजुट होते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक दिन है जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और नए साल के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हैं।

मैं दिवाली को इसलिए पसंद करता हूँ क्योंकि यह एक खुशहाल और उज्जवल त्योहार है। यह एक समय है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे यह भी पसंद है कि इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा अवसर है नए साल की शुरुआत करने के लिए।

दिवाली एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, और यह भारत के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह एक दिन है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे खुशी है कि मैं इस त्योहार को मनाने का मौका पाता हूँ।

Diwali Essay In Hindi For Child

दीपावली, जिसे दिवाली या दीपोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह एक पांच दिवसीय त्योहार है, जो कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

दीपावली को प्रकाश का त्योहार कहा जाता है, और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, बच्चे और वयस्क अपने घरों को दीयों और रंगोली (रंगीन आकृतियों) से सजाते हैं, और मिठाई और नए कपड़े खरीदते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और पटाखे और आतिशबाजी चलाते हैं।

दीपावली एक खुशी और उल्लास का त्योहार है, और यह एक समय है जब लोग एकजुट होते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक दिन है जब बच्चे और वयस्क मिलते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप इस त्योहार का आनंद लेंगे!

Essay On Diwali In Hindi For Class 5, 6

दीपावली भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह हर साल अक्टूबर या नवम्बर महीने में मनाया जाता है। दीपावली को ‘लक्ष्मी पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

इस त्योहार को उत्सवी तरीके से मनाया जाता है। घरों में दीपकों की रौशनी से सजीवता आती है और लोग खुशी-खुशी इसे मनाते हैं। बच्चे और वयस्क लोग आपसी बनाए गए खास खिलौनों के साथ खेलते हैं और मिलकर मिठाई खाते हैं।

दीपावली का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’। इस दिन लोग अपने घरों की सजीवता को बढ़ाने के लिए दीपकों की माला बनाते हैं और उन्हें अपने घरों में रखते हैं।

इसके साथ ही, दीपावली हिन्दू परंपरागती मेलों का भी एक हिस्सा है। लोग मेलों में आकर खेल, खान-पान और विभिन्न वस्त्रों की खरीददारी का आनंद लेते हैं।

इस प्रकार, दीपावली एक खुशी और उत्साह का त्योहार है जो हमें सामाजिक और पारिवारिक एकता का संदेश देता है। यह हमें दीपकों की रौशनी के रूप में अच्छाई की ओर आग्रहित करता है और हमें बुराई से दूर रहने की प्रेरणा प्रदान करता है।

Essay On Diwali In Hindi With Headings

परिचय: दीपावली भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और यह त्योहार खुशी, उत्साह और रंगीनता के साथ मनाया जाता है।

धार्मिक महत्व: दीपावली को ‘लक्ष्मी पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह एक प्रकार की धार्मिक आराधना होती है जो लोगों को आदर्श और ईमानदारी की महत्वपूर्णता का संदेश देती है।

आवश्यक तैयारियाँ: दीपावली के दिन घरों में सफाई और सजावट की तैयारियाँ होती हैं। लोग अपने घरों को सजाने के लिए नए वस्त्र और सजावटी आइटम खरीदते हैं। घर की सजीवता को बढ़ाने के लिए दीपकों की मालाएँ बनाई जाती हैं और उन्हें घर के चारों ओर रखा जाता है।

रंगों का त्योहार: दीपावली के दिन लोग अपने घरों को रंगीन दीपकों से सजाते हैं और आसमान में फुलझडि़याँ फोड़ते हैं। रंगों का ख़ेल, मिठाइयों का सेवन और मिलनसर कूदने का आनंद लेते हैं।

सामाजिक महत्व: दीपावली एकता और सामाजिक सद्भावना का प्रतीक होता है। लोग इस त्योहार के माध्यम से अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और आपसी बंधन मजबूत करते हैं।

निष्कर्ष: दीपावली एक प्रकार की प्रकृति, धर्म और संस्कृति के मेल का प्रतीक है। यह हमें अच्छाई, ईमानदारी और प्रेम की महत्वपूर्णता का आदर्श प्रस्तुत करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अपने जीवन में प्रकारी और उत्सवी भावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2023): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

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दिवाली 2023 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2023 Wishes in Hindi

  • शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।

दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2023

Diwali essay in hindi in10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था लोग दीये जलाते हैं.  

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रौशनी से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है. इस दिन इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे.  भगवान राम की अयोध्या वापसी राई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है. दिवाली त्यौहार में के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2023 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.


दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं. रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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hindi essay on diwali 150 words

Essay on Diwali

essay on diwali

Here we have shared the Essay on Diwali or Deepawali in detail so you can use it in your exam or assignment of 150, 300, 500, or 1000 words.

You can use this Essay on Diwali in any assignment or project whether you are in school child (class 10th or 12th), a college student, or preparing for answer writing in competitive exams. 

Topics covered in this article.

Essay on Diwali in 150 words

  • Essay on Diwali in 250-300 words
  • Essay on Diwali in 500-1000 words

Diwali, the festival of lights, is a widely celebrated Hindu festival in India. It symbolizes the victory of light over darkness and good over evil. During Diwali, homes are adorned with lights, rangolis, and decorations. Families come together, exchange gifts, and enjoy delicious sweets and snacks. Fireworks illuminate the night sky, adding to the festive atmosphere.

Diwali holds deep spiritual significance, commemorating Lord Rama’s return to Ayodhya after defeating the demon king Ravana. It also marks the beginning of a new year for many communities. Beyond its cultural and religious importance, Diwali promotes unity, joy, and compassion. It encourages people to spread happiness and love, transcending differences.

In conclusion, Diwali is a festival that brings people together, celebrates the triumph of good over evil, and spreads light and joy. It is a time to appreciate the blessings in our lives and to share happiness with others.

Essay on Diwali in 250-350 words

Diwali, also known as Deepavali, is one of the most significant festivals celebrated in India. It holds immense cultural, religious, and social importance for people of the Hindu faith. The festival spans over five days and signifies the victory of light over darkness and good over evil.

Diwali is a time of immense joy and enthusiasm. The preparations begin weeks in advance as people clean and decorate their homes. Colorful rangolis, Diyas (earthen lamps), and decorative lights adorn every corner, creating a mesmerizing ambiance. The air is filled with excitement and anticipation as families come together to celebrate.

The festival is deeply rooted in mythology. It commemorates Lord Rama’s return to Ayodhya after 14 years of exile and his victory over the demon king Ravana. The lighting of lamps and the bursting of fireworks symbolize the triumph of light and righteousness. Goddess Lakshmi, the goddess of wealth and prosperity, is also worshipped during Diwali. People offer prayers and seek her blessings for a prosperous year ahead.

Diwali is not only a religious festival but also a time for social bonding and celebration. Families and friends exchange gifts, sweets, and heartfelt wishes. The festival brings people from diverse backgrounds together, fostering unity and harmony. It is a time to forgive past grievances, mend broken relationships, and spread love and joy.

However, in recent years, there has been a growing awareness about the environmental impact of Diwali celebrations. The excessive use of firecrackers contributes to air and noise pollution, harming both humans and the environment. Many people are now opting for eco-friendly celebrations by using less harmful alternatives like decorative lights and celebrating with eco-friendly fireworks.

In conclusion, Diwali is a vibrant and joyful festival that celebrates the triumph of good over evil. It brings families and communities together, spreading happiness, love, and prosperity. While celebrating, it is essential to be mindful of the environmental impact and embrace eco-friendly practices. Diwali is not just a festival of lights; it is a celebration of life, positivity, and the enduring spirit of goodness.

Essay on Diwali in 500 words

Title: Diwali – The Festival of Lights and Spiritual Significance

Introduction

Diwali, also known as Deepavali, is one of the most prominent and widely celebrated festivals in India. It holds immense cultural, religious, and social significance for people of the Hindu faith. The festival spans over five days and signifies the victory of light over darkness and good over evil. This essay explores the various aspects of Diwali, including its historical, religious, and social significance.

Historical and Religious Significance

Diwali finds its roots in ancient Indian mythology and legends. The most well-known story associated with Diwali is the return of Lord Rama, along with his wife Sita and brother Lakshmana, to the kingdom of Ayodhya after 14 years of exile. Their return symbolizes the triumph of righteousness over evil. Lord Rama’s victory over the demon king Ravana is celebrated with great fervor during Diwali.

The lighting of lamps and bursting of fireworks during Diwali signify the removal of darkness and the spreading of light and positivity. The tradition of lighting Diyas (earthen lamps) and illuminating homes and streets represents the victory of good over evil and the triumph of knowledge over ignorance. It is believed that these lights guide Goddess Lakshmi, the deity of wealth and prosperity, into people’s homes.

Social Significance

Diwali is not only a religious festival but also a time for social bonding, family gatherings, and community celebrations. Families come together to clean and decorate their homes, exchange gifts, and share festive meals. The festival brings people from diverse backgrounds together, fostering unity, love, and harmony.

During Diwali, people visit their relatives and friends, exchanging sweets, dry fruits, and gifts as a token of love and affection. It is also a time to forgive past grievances and mend broken relationships, as the festival promotes the spirit of forgiveness, reconciliation, and compassion.

Cultural Celebrations

Diwali celebrations go beyond religious rituals. The festival is marked by colorful rangoli designs, vibrant decorations, and intricate patterns created with colored powders, flowers, and Diyas. Fireworks light up the night sky, filling the air with joy and excitement.

The festival also showcases the rich cultural heritage of India. Traditional dances, music, and performances are organized to entertain and engage the community. Diwali melas (fairs) are held, featuring various cultural activities, folk dances, and food stalls. These events provide an opportunity for people to come together, celebrate, and appreciate the diverse cultural tapestry of India.

Environmental Concerns

While Diwali is a time of celebration and joy, it is essential to address the environmental concerns associated with the festival. The excessive use of firecrackers contributes to air and noise pollution, which poses health hazards and disturbs the ecosystem. It is crucial for individuals and communities to adopt eco-friendly practices, such as minimizing the use of fireworks and opting for environmentally friendly alternatives like decorative lights and lamps.

Diwali, the festival of lights, holds immense cultural, religious, and social significance in India. It is a time of joy, togetherness, and the triumph of good over evil. Diwali celebrations embody the values of unity, love, forgiveness, and the spirit of giving. However, it is equally important to celebrate the festival in an environmentally responsible manner. By embracing eco-friendly practices, we can ensure that the essence of Diwali, as a festival of light and hope, is preserved for future generations to enjoy.

Essay on Diwali in 1000 words

Title: Diwali – A Celebration of Light, Joy, and Cultural Significance

Introduction:

Diwali, also known as Deepavali, is one of the most widely celebrated festivals in India and holds immense cultural, religious, and social significance. The festival stretches over five days, and each day has its own significance and rituals. Diwali is a time of vibrant celebrations, where people come together to illuminate their homes with lamps, exchange gifts, indulge in delicious sweets, and participate in various cultural activities. This essay explores the historical origins, religious significance, cultural traditions, social impact, and environmental considerations associated with Diwali.

I. Historical Origins of Diwali

The roots of Diwali can be traced back to ancient Indian mythology and various historical events. One of the most popular legends associated with Diwali is the story of Lord Rama’s return to Ayodhya after defeating the demon king Ravana. The people of Ayodhya celebrated Rama’s homecoming after 14 years of exile by lighting lamps, signifying the triumph of good over evil. Diwali also commemorates the victory of Lord Krishna over the demon Narakasura, symbolizing the triumph of righteousness and the eradication of darkness.

II. Religious Significance of Diwali

Diwali holds deep religious significance for Hindus, Jains, and Sikhs. For Hindus, it is a time to worship Goddess Lakshmi, the deity of wealth and prosperity. Devotees clean their homes and create intricate rangoli designs to invite the goddess into their households. Diwali is also associated with the worship of Lord Ganesha, the remover of obstacles, and the offering of prayers to seek divine blessings.

In Jainism, Diwali marks the spiritual enlightenment and liberation of Lord Mahavira, the 24th and last Tirthankara. Jains celebrate Diwali by offering prayers, visiting temples, and engaging in acts of charity and compassion.

For Sikhs, Diwali holds historical significance as it commemorates the release of Guru Hargobind Sahib Ji, the sixth Sikh Guru, and 52 other kings from imprisonment in the Gwalior Fort. This event represents the victory of truth and freedom.

III. Cultural Traditions and Celebrations

Diwali is not only a religious festival but also a time for cultural celebrations and festivities. The preparations for Diwali begin weeks in advance, as people clean their homes and decorate them with colorful rangoli designs, bright lights, and flowers. The lighting of diyas (earthen lamps) and candles is a significant aspect of Diwali, symbolizing the triumph of light over darkness.

During Diwali, families come together to perform puja (worship) rituals, exchange gifts, and share special meals. Traditional sweets and snacks, such as ladoos and gujiyas, are prepared and distributed among relatives, friends, and neighbors. The exchange of gifts signifies love, respect, and the strengthening of relationships.

Cultural performances, such as traditional dances like Garba and Bharatanatyam, music concerts, and plays, are organized during Diwali. These cultural activities showcase the rich heritage of Indian art and provide a platform for artists to display their talent.

IV. Social Impact and Community Bonding

Diwali serves as a unifying force, bringing people from different communities, religions, and backgrounds together. It is a time when families and friends come together to celebrate and bond. Diwali encourages individuals to visit their loved ones, exchange greetings, and share the joy of the festival.

The spirit of giving and sharing is strongly emphasized during Diwali. Many people extend acts of kindness by donating to charities, distributing food to the underprivileged, and supporting those in need. This collective effort to help others promotes empathy, compassion, and social cohesion.

Diwali also fosters a sense of unity and harmony among communities. People of different religions and cultures join in the celebrations, participating in events and exchanging cultural experiences. The festival acts as a platform for cultural exchange, fostering understanding and appreciation for diversity.

V. Environmental Considerations

In recent years, there has been growing concern about the environmental impact of Diwali celebrations. The excessive use of firecrackers during Diwali contributes to air and noise pollution, causing harm to human health and the environment. Additionally, the disposal of firework waste poses a significant challenge.

To address these concerns, there has been a shift towards eco-friendly Diwali celebrations. Many individuals and communities now opt for alternative ways to celebrate, such as using decorative lights, eco-friendly fireworks, and organic materials for rangoli designs. Awareness campaigns promote the use of environmentally friendly practices, encouraging people to celebrate Diwali in a responsible manner.

Conclusion:

Diwali is a festival that encapsulates the essence of Indian culture, spirituality, and social values. It is a time when people come together to celebrate light, joy, and prosperity. Diwali’s historical origins, religious significance, cultural traditions, and social impact make it an integral part of Indian society.

As we celebrate Diwali, it is crucial to remain mindful of the environmental impact and embrace sustainable practices. By promoting eco-friendly celebrations and minimizing pollution, we can ensure that the essence of Diwali, as a festival of light and togetherness, is preserved for future generations to enjoy. Diwali serves as a reminder of the triumph of good over evil, the importance of unity, and the power of love and compassion in our lives.

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दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें

hindi essay on diwali 150 words

दिवाली हमारे भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।

दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दीवाली आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं। दीवाली के त्यौहार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए निबंध पढ़ सकते हैं।

दीपावली का निबंध (400-500 Words)

दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है। दीवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और मशहूर त्यौहार है। जो पूरे देश में साथ-साथ हर साल मनाया जाता है। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं। भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है।

इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानें। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। वे दिवाली त्यौहार के सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था।  तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करकेगोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। बहनों ने अपने भाइयों को भाई दौज के त्यौहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करती हैं।

Essay on Diwali for Students in English

  • Diwali Essay in 100 Words
  • Diwali Essay in 200 Words
  • Diwali Essay in 500 Words

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दिपावली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

दिवाली लेखन हिंदी में

  • दिवाली – लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, समय, तिथि, दिवाली का महत्व आदि
  • दिवाली महत्वपूर्ण क्यों है
  • दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें
  • दिवाली की कविताएं और शुभ दीपावली शायरी
  • दिवाली स्लोगन और दिवाली कोट्स
  • दिवाली पर शुभकामनाएँ, बधाई, मैसेज
  • पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके

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Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.

Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )

1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।

2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।

5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।

6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।

7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।

8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।

9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।

10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।

10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3

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दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words

परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।

वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।

लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।

हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।

उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।

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Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )

दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।

दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।

बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।

दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।

Deepawali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words

दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।

दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।

इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।

धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।

इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )

दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।

उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।

दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।

संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।

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दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )

दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।

यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।

इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।

दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।

सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।

वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।

दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )

भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।

दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।

दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।

दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )

प्रस्तावना

भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।

दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai

यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai

इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।

दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai

इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।

उपसंहार

दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )

भूमिका

भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।

परिचय | Dipawali ka arth 

दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Dipawali ka Itihas

दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।

पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva 

यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ

वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।

दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

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दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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