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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

essay on mother in hindi

Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

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जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

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मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Thank you Sandeep for appreciation and keep visiting hindi yatra.

thank you its very good for childern

Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

All right…….

Thank you Mayank for appreciation.

Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

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Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay

Welcome Saniya, we glad you like our content.

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माई मदर पर निबंध 10 lines (My Mother Essay in Hindi) 100, 150, 200, 500, शब्दों मे

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माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।

My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।

माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
  • 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
  • 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
  • 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
  • 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
  • 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
  • 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
  • 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।

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मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)

मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।

मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)

मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।

मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।

मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।

उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।

मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।

मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।

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मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।  

मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।

वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।

उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।

वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।

My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।  

एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।  

जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।

निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।  

कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।  

देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।

लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।

निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।

माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

माताएँ क्या प्रतीक हैं.

इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।

माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?

नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।

विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?

स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।

दा इंडियन वायर

एक अच्छी माँ पर निबंध

good mother essay in hindi

By विकास सिंह

essay on good mother in hindi

कोई भी प्यार बच्चे के लिए माँ के प्यार के करीब नहीं आ सकता है। ज्यादातर महिलाएं स्वाभाविक रूप से अच्छी मां होती हैं। माताएं अपने बच्चों के साथ बिना शर्त प्यार और स्नेह का बंधन साझा करती हैं। माताएं हमेशा इस बात का ध्यान रखती हैं कि उनके बच्चे जीवन भर खुश, सुरक्षित और स्वस्थ रहें। माताओं को अपने बच्चों के लिए संरक्षक माना जाता है। बच्चे अपनी माँ के व्यवहार से अत्यधिक प्रभावित होते हैं।

एक अच्छी माँ पर निबंध, essay on good mother in hindi (200 शब्द)

“भगवान हर जगह नहीं हो सकता है, और इसलिए उसने माताओं को बनाया है”। मैं वास्तव में रुडयार्ड किपलिंग के इस उद्धरण पर विश्वास करता हूं। हमें उससे किसी भी चीज़ के लिए पूछने की ज़रूरत नहीं है, वह हमेशा वहाँ होती है। माँ के प्यार और स्नेह से बेहतर कुछ भी नहीं है। उसकी खुशी हमारी हँसी में निहित है और मुस्कुराती है।

हर माँ की खास वजह यही है कि उसका दिल अपने बच्चे के लिए बिना शर्त प्यार से भरा होता है। दुनिया में कोई और विशेष बंधन नहीं है जैसे एक बच्चे और एक माँ के बीच साझा किया गया बंधन। नौ महीने तक वह अपने गर्भ में एक बच्चे का पालन-पोषण करती है और अपने बच्चे की पहली झलक देखती है।

जिस दिन हम पैदा होते हैं, उसी दिन से वह अपनी बाहों में हमारी रक्षा करती है। उसकी बाहों में हमें जो सुकून मिलता है, वह दुनिया का सबसे प्यारा और सुखद एहसास है। यह अनमोल है। जीवन में इतनी कीमती कोई और भावना नहीं है। वह हमें खाना खिलाती है और हमें नींद की आगोश में गाने के लिए रातों की नींद हराम करती है ताकि हमें गहरी नींद आ सके। हर पल वह प्यार करती है और हमारी परवाह करती है।

एक बच्चे के रूप में, हम अक्सर उसे परेशान करते हैं लेकिन वह कभी इसके बारे में शिकायत नहीं करता है। वह हमें स्वयं से अधिक प्राथमिकता देती है। जैसे-जैसे हम बढ़ते हैं, हमारी मां के साथ हमारी असहमति हो सकती है लेकिन बंधन इतना मजबूत है कि असहमति समझौतों में बदल जाती है। हम उसके साथ दोस्ती का एक नया रिश्ता विकसित करते हैं और अपने जीवन के हर पहलू को उसके साथ साझा करते हैं। वह हमारे जीवन के हर पहलू को समझती है और हमारा समर्थन करती है।

माँ ने हमारे जीवन में जो भूमिका निभाई है उसकी कोई तुलना नहीं है। वह हमेशा अपने बच्चे के जीवन में सबसे खास व्यक्ति होती है।

एक अच्छी माँ पर निबंध, 300 काम

एक महिला एक बच्चे को जन्म देकर, उसे पालने, उसे खिलाने और प्यार और देखभाल से उसका पालन-पोषण करके मातृत्व में प्रवेश करती है। मानव इतिहास के माध्यम से माताओं को सभी के लिए महत्व दिया गया है। हालांकि, मातृत्व का अनुभव करने के लिए एक महिला को बच्चे को जन्म देना आवश्यक नहीं है। वास्तव में, मातृत्व सिर्फ बच्चे को जन्म देने से कहीं अधिक है।

मातृत्व किसी भी अपेक्षा के बिना दिल से गहरी देखभाल के साथ एक बच्चे को प्यार और पोषण करने की कला को संदर्भित करता है। ऐसी माँएँ हैं जिन्होंने शारीरिक रूप से बच्चे को जन्म नहीं दिया है, लेकिन सबसे ज्यादा प्यार करने वाली और देखभाल करने वाली माँ साबित हुई हैं। और ऐसी माताएँ भी हैं जिन्होंने अपने बच्चों को जन्म देने के बाद छोड़ दिया है। मातृत्व से तात्पर्य उस भूमिका से है जो वह एक माँ के रूप में निभाती है। एक माँ अपने बच्चे को प्यार करती है, उसकी रक्षा करती है, उसका पालन-पोषण करती है। मातृत्व एक बच्चे और माँ के बीच का मजबूत बंधन है।

वह अपने बच्चे की ताकत और साहस है। हमें निःस्वार्थता और बलिदान के लिए मातृत्व को जिम्मेदार ठहराना बंद करना चाहिए। उसके पास पर्याप्त शक्ति, धैर्य और बच्चे के लिए प्यार है जो उसे मां की भूमिका निभाने का आनंद देता है। ईश्वर की कृपा से हर महिला में जीवन जीने की क्षमता है। मातृत्व उसे खुशी देता है और यह उसके लिए एक विशेषाधिकार है कि वह अपने बच्चे की परवरिश करे।

उसके बच्चे के बारे में सब कुछ उसे अपील करता है। माँ में बच्चे को पोषित करने और प्यार करने की ईश्वरीय विशेषताएं हैं जो किसी और से मेल नहीं खा सकती हैं। जीवन में एक माँ के मूल्य और महत्व को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है। उनकी भूमिका अमूल्य है।

एक नर्सरी कविता है जो हम सभी जानते हैं कि ‘भगवान का प्यार इतना अद्भुत है’, मुझे खेद है, लेकिन इसको इस होना चाहिए था ‘माताओं का प्यार बहुत अद्भुत है’। हमने कभी भगवान को नहीं देखा है, लेकिन जिस क्षण से हम अपनी आँखें खोलते हैं हम महसूस करते हैं और माँ के साथ मजबूत बंधन का अनुभव करते हैं। बच्चे के लिए उसका प्यार दुनिया की किसी भी चीज़ से बड़ा है।

एक अच्छी माँ पर निबंध, essay on good mother in hindi (400 शब्द)

माताएँ हमारे जीवन में एक प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं। उसके प्यार और ताकत के बिना जीवन अधूरा लग सकता है। वह जीवन के हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन और समर्थन करती है। वह हमें जीवन का सबसे मूल्यवान सबक सिखाती है। हम अपने जन्म के दिन से उसके साथ सबसे विशेष बंधन साझा करते हैं।

एक अच्छी माँ की योग्यता:

प्रेम संचार: मां से बच्चा जो पहली चीज चाहता है वह है प्यार, बिना शर्त प्यार। एक तंग गले, चुंबन, सहलाना, गाल खींचना और बहुत कुछ हमें इतना प्यारा और विशेष महसूस कराता है। हमें बस उससे बहुत प्यार और देखभाल चाहिए।

समर्थन: जीवन में हम जो कुछ भी करना चाहते हैं, उसके लिए हमें अपने माता-पिता का हमेशा साथ देने की जरूरत है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम एक हॉबी क्लास में शामिल होते हैं या समर कैंप में जाने की योजना बनाते हैं – हमें हमेशा उनसे प्रेरणा और समर्थन की जरूरत होती है। उनका समर्थन हमें एक नई तरह की ऊर्जा और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

अधिक ध्यान: हमें हर समय माता-पिता से ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें बस अपनी माँ की ज़रूरत होती है जब हम परेशान, खुश, परेशान या चिढ़ जाते हैं। एक अच्छी माँ हमेशा अपने बच्चों को पहली प्राथमिकता और ध्यान देती है।

धैर्य रखें: बच्चों को कुछ नया सीखने में समय लगता है इसलिए यह हमेशा अच्छा होता है कि हमारे माता-पिता हमारे साथ व्यवहार करते समय शांत और रचित हों। एक अच्छी माँ हमेशा अपने बच्चे को धैर्य के साथ सुनती और समझती है और चेहरे पर मुस्कान लाती है।

अनुभव साझा करें: हम माता-पिता के जीवन के अनुभवों के बारे में जानना पसंद करते हैं। माता-पिता को हमारे साथ अपने जीवन के दिलचस्प अनुभव और रोमांच साझा करना चाहिए। हमसे कुछ भी बात करें लेकिन हमसे वही बात करें जो हम चाहते हैं। एक अच्छी माँ अपने बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा करती है।

गाइड करें: एक अच्छी माँ नैतिक मूल्यों को सिखाती है और हमें जीवन में सही रास्ते पर ले जाती है। हमें हमेशा हमारी माँ की ज़रूरत है कि हम जो कुछ भी करते हैं उसमें हमारी मदद करें और उनका मार्गदर्शन करें। वह हमें गलतियों और भूलों के लिए क्षमा करता है जो हम जीवन में करते हैं और हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

एक दोस्त बनें: एक अच्छी माँ अपने बच्चे के साथ अधिक समय बिताती है और उनके साथ मज़ेदार गतिविधियों में भाग लेती है। वह गेम खेलती है, कहानियां साझा करती है, पिकनिक की योजना बनाती है, शौक में लिप्त होती है और बहुत कुछ। हम अपने माता-पिता के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। अच्छी माताएँ अपने बच्चों का मित्र की तरह व्यवहार करती हैं और अपने बच्चों को सहज महसूस कराती हैं।

निष्कर्ष:

मां हमेशा बहुत खास होती हैं और हमारे दिलों में पहला स्थान रखती हैं। हम उन्हें अपने जीवन के हर पहलू में चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हम जीवन में जो कुछ भी करते हैं, उसे प्रोत्साहित, समर्थन और प्रेरित करें। हम एक माँ के प्यार और जीवन में समर्थन के साथ अधिक संरक्षित और सुरक्षित महसूस करते हैं। माता हमेशा हमारे लिए दुनिया का मतलब है।

500 शब्द:

प्रस्तावना:.

मातृत्व भूमिका महिलाओं को सौंपी गई सबसे सुंदर विशेषाधिकार है। बच्चे के जीवन में माताएँ सबसे प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं। वे बच्चे के चरित्र, गुणों और व्यक्तित्व को आकार देते हैं। समग्र बच्चे की वृद्धि और विकास एक माँ से प्रभावित होता है। माँ का जीवन बच्चे के जीवन के इर्द-गिर्द घूमता है और बच्चे की हर ज़रूरत माँ से पूरी होती है। बच्चे हमेशा अपनी जरूरतों के लिए माँ पर निर्भर होते हैं। वह हमें सिखाती है कि कैसे चलना, बोलना, पढ़ना, सीखना और लिखना और इसी तरह। बच्चे के लिए मां क्या क्या करती है, इसकी कोई अंतिम सूची नहीं है।

एक अच्छी माँ का महत्व:

बिना शर्त प्यार: माँ उस दिन से हमारे साथ निकटतम बंधन साझा करती है जिस दिन हम पैदा होते हैं। एक माँ के साथ हम जो संबंध और बंधन महसूस करते हैं उसका गहरा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। उसका प्यार बिना शर्त और `असहमति होने पर भी, वह हमारे लिए प्यार और प्रार्थना करना कभी नहीं रोकता।

टाइमलेस टीचर: हमारे जीवन में माताएँ सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक हैं। वे हमारे जीवन के सबसे प्रभावशाली संरक्षक हैं। वे हमें ज्ञान, इतनी मूल्यवान और अमूल्य विरासत का समर्थन करते हैं। वे हमारे समग्र विकास और विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमेशा हमें जीवन में सही राह दिखाने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। वे हमें जीवन में जो चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए निर्देश, समर्थन और प्रोत्साहित करते हैं। माँ हमारी समझ और बुद्धिमत्ता को पूर्ण क्षमता तक बढ़ावा देती है।

वह दाता है : हम सभी अपनी जरूरतों के लिए माँ पर निर्भर हैं चाहे वह हमारे पोनीटेल को बाँधना हो या हमें भोजन परोसना हो। वह हमेशा अपनी जरूरतों से ज्यादा अपनी चिंता करती है। वह हमारे लिए बहुत कुछ करती है लेकिन कभी भी शिकायत नहीं करती है या कुछ भी उम्मीद नहीं करती है। वह उस पर पूरे परिवार की जिम्मेदारियों के दबाव के बावजूद मुस्कुराती रहती है।

फैमिली बॉन्ड: एक मां हमेशा हमें परिवार का महत्व सिखाती है। वह वह है जो परिवार में सभी को एक साथ रखती है। वह हमें बड़ों का सम्मान करना और परिवार के छोटे लोगों की देखभाल करना सिखाती है। कड़ी मेहनत: माँ हमें जीवन में कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। हम उसे बिना किसी शिकायत के पूरे दिन काम करते देखते हैं। यह परिवार के लिए अंतहीन प्यार है जो उसे दिन के अंत में खुशी और संतुष्टि देता है।

हमारी सुरक्षा: हमारी सुरक्षा उसके जीवन में पहली प्राथमिकता है। माँ हमें सुरक्षित रखने के लिए हमारे लिए सीमा निर्धारित करती है। वह हमें किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है और हमारी भलाई के लिए लगातार प्रयास करता है। वह हमेशा रहती है: जीवन की हर परिस्थिति में माताएँ हमेशा अपने बच्चों के लिए होती हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितने गलत हैं या सही हैं हमारी माँ हमेशा हमारे लिए रहेगी और हमें सही रास्ते पर ले जाएगी।

हमें अपनी मां से हर चीज के लिए प्यार और सम्मान करना चाहिए जो वह करती है और हमारे लिए बलिदान करती है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम उसे जीवन में कभी दुख न दें या उसे निराश न करें। हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम हमेशा उसके ऊपर कितने निर्भर रहे हैं। वह वो है जो पूरे जीवन भर हमें प्यार और पोषित करती है।

एक अच्छी माँ पर निबंध, long essay on good mother in hindi (600 शब्द)

माताएँ अपने बच्चे के जीवन में एक प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं जिसका जीवन में बच्चे के मूल्यों, विश्वासों और व्यवहार पर आजीवन प्रभाव पड़ता है। एक माँ अपने बच्चों से बिना शर्त प्यार करती है और उनकी देखभाल करती है। चूंकि मां बच्चे के जीवन में सबसे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए उसे अपने बच्चे के सामने एक अच्छा और सकारात्मक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।

एक अच्छी माँ के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:

प्यार और स्नेह: एक अच्छी माँ अपने बच्चे को जीवन में सबसे ज्यादा प्यार करती है। दुनिया में किसी भी अन्य प्यार के साथ माताओं का प्यार और स्नेह मेल नहीं खा सकता है। हमें उसकी बाहों में या उसकी कोमलता को सहलाने से जो आराम मिलता है, वह किसी और आराम से नहीं मिल सकता। उसका स्नेह बच्चे को प्यार, संरक्षित और सुरक्षित महसूस करने के लिए पर्याप्त है।

धैर्य रखें: बच्चे हमेशा मांग और उधम मचाते हैं। माँ के आसानी से नाराज होने की संभावना है, लेकिन एक अच्छी माँ उसे ठंडा रखती है और उनके साथ धैर्य रखती है। वह अपने बच्चों के साथ प्यार, देखभाल और प्यार से पेश आती है। वह हमेशा शांत रहती है और उन्हें शांत करने के लिए कोमल रवैया रखती है।

बच्चे का समर्थन करें: एक बच्चे को लगभग हर चीज के लिए अपनी मां के समर्थन की जरूरत होती है। एक अच्छी माँ हमेशा अपने बच्चे को हर तरह की मदद, प्यार और सहायता देने के लिए मौजूद रहेगी। बेशक, माता-पिता अपने बच्चों का आर्थिक रूप से उतना ही समर्थन करते हैं, जितना वे कर सकते हैं, लेकिन दूसरी ज़रूरतें भी हैं, जिनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।

एक अच्छी माँ हमेशा बच्चे को भावनात्मक सहायता प्रदान करने के लिए रहेगी जैसे कि उसके बच्चे को सोने के लिए दुलार करना, रोते समय चोट लगना या गले लगना और छोटे-छोटे प्यार के इशारे जो उसके बच्चे को अच्छा लगे।

सामाजिक करने में मदद: कुछ बच्चों में सामाजिक कौशल और क्षमता कम विकसित होती है। उन्हें अन्य बच्चों के साथ संवाद करने और मिश्रण करने में कठिनाई होती है। एक अच्छी माँ हमेशा मदद के लिए बाहर निकलती है और बच्चे के लिए उचित नाटक करती है। वह बच्चों के लिए घर पर एक पार्टी की व्यवस्था कर सकती हैं या उनके लिए मजेदार गतिविधियों की संरचना कर सकती हैं जहाँ बच्चे खेलने का आनंद लेते हैं और आरामदायक महसूस करते हैं।

जिम्मेदारी लें: मातृत्व एक पूर्णकालिक जिम्मेदारी है। एक अच्छी माँ गर्व के साथ मातृत्व का जश्न मनाती है। वह खुशी से एक बच्चे की जिम्मेदारी लेती है और कभी भी इसकी शिकायत नहीं करती है। वह हर समय बच्चे की देखभाल और प्रोत्साहित करती है। जब बच्चे को उसकी जरूरत होती है, तो वह हमेशा स्वीकार्य होता है।

कभी भी उनकी उपेक्षा न करें: जब एक माँ ध्यान नहीं देती है कि बच्चा चाहता है और उनकी भावनात्मक ज़रूरतें पूरी नहीं होती हैं, तो वे अपने व्यवहार और रवैये के बारे में असंतोष दिखाते हैं। बच्चों को नजरअंदाज किए जाने की भावना को स्वीकार करना कठिन है। वे आक्रामक तरीके से व्यवहार करना शुरू करते हैं। एक अच्छी माँ हमेशा उन्हें महत्व देती है और उनके प्रयासों के लिए उनकी सराहना करती है, उनकी छोटी से छोटी उपलब्धियों के लिए भी उनकी सराहना करती है और उन्हें यह जानने देती है कि वे कितने विशेष और महत्वपूर्ण हैं।

बच्चे को समझें: एक अच्छी माँ अपने बच्चे के साथ अधिक समय बिताती है और उसे अच्छी तरह समझती है। वह अपने बच्चे के हित में दिलचस्पी लेती है और उसे नई चीजों को आजमाने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह उनकी ताकत और कमजोरियों को जानती है और उनकी कमजोरियों को दूर करने और उनके कौशल को विकसित करने में उनकी मदद करती है।

सम्मिलित हो जाएं: एक अच्छी माँ अपने बच्चे की ऊर्जा को प्रसारित करने के लिए नए और नए विचारों के बारे में सोचती है और उनकी गतिविधियों में पूरे दिल से भाग लेती है। वह बच्चों के साथ आउटडोर गेम्स के लिए बाहर जाती है या उन्हें खेलने के लिए पार्कों में ले जाती है। वह उन गतिविधियों की योजना बनाती है और उन्हें चुनौती देती है जो उनकी क्षमता के अनुकूल हों।

अच्छा भोजन: बच्चे ज्यादातर समय उधम मचाते हैं। एक अच्छी माँ हमेशा अपने बच्चों के लिए नए, स्वस्थ और स्वादिष्ट भोजन तैयार करती है और उन्हें प्यार से परोसती है।

माँ बनने का सौभाग्य केवल महिलाओं को दिया जाता है। एक अच्छी माँ हर समय बच्चे के लिए पूरे दिल से सक्रिय होती है। इस दुनिया में कोई भी प्रेम इतना शुद्ध, समर्पित, निस्वार्थ, मजबूत और माँ के प्यार से स्थायी नहीं है। माँ बच्चों के लिए ईश्वरीय आकृति है। बच्चे हर चीज के लिए अपनी मां की ओर देखते हैं।

बच्चे के व्यवहार और आचार संहिता को आकार देने के लिए माँ की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। एक अच्छी माँ अपने बच्चों को जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए सिखाती है। वह अपने बच्चों के सामने सबसे सकारात्मक और जिम्मेदार तरीके से अभिनय करके एक अच्छी मिसाल कायम करती है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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  • गर्भधारण की योजना व तैयारी
  • गर्भधारण का प्रयास
  • प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी)
  • बंध्यता (इनफर्टिलिटी)
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  • बड़े बच्चे (5-8 वर्ष)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay in Hindi)

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मेरी माँ पर 10 लाइन (10 Lines On My Mother In Hindi)

मेरी माँ पर छोटा निबंध 200-300 शब्दों में (short essay on my mother in hindi 200-300 words), मेरी माँ पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on my mother in hindi 400-600 words), मेरी माँ के इस निबंध से हमें क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a my mother essay), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs).

माँ शब्द अपने आप में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द में सारी दुनिया समा जाती है लेकिन माँ की सारी दुनिया उसका बच्चा होता है और शायद इसलिए एक माँ का दर्जा भगवान जैसा माना जाता है। जैसे किसी भी हाल में भगवान अपने बच्चों का साथ नहीं छोड़ते वैसे ही एक माँ किसी भी हाल में अपने बच्चे का साथ नहीं छोड़ती है। यह सफर तब से शुरू हो जाता है जब बच्चा माँ के गर्भ में आता है। एक माँ गर्भावस्था के दौरान हर हुई परेशानी को एक पल में भूल जाती है जब पहली बार वो अपने बच्चे को स्पर्श करती है, मानो वो दुनिया की सबसे संपूर्ण औरत है और यह अहसास उसका बच्चा उसे कराता है। माँ वो जज्बात है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। लेकिन बच्चे के जीवन में माँ की क्या भूमिका होती है, उसका बच्चे के जीवन में होने से कितना प्रभाव पड़ता है यह हम माँ पर निबंध के इस आर्टिकल में जानेंगे।

माँ पर तो एक किताब लिखी जा सकती है पर यहाँ हम मेरी माता पर 10 आसान वाक्य लिखकर बातएंगे। नीचे दी गई लाइन्स मेरी माँ पर 100 शब्दों के एक संक्षिप्त निबंध की तरह भी लिखा जा सकता है। आइए देखे हैं:

  • मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।
  • वो रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा पाठ करती है।
  • वह घर के सभी लोगों का बहुत ध्यान रखती है।
  • मेरी माँ बहुत पढ़ी-लिखी है और वही मेरी पढ़ाई में मदद करती है।
  • मेरी माँ अक्सर मेरे लिए नए-नए पकवान बनाती है।
  • मुझसे कोई गलती होने पर माँ मुझे प्यार से समझाती है।
  • मेरी माँ मेरे स्वास्थ्य का भी खास ध्यान रखती है।
  • माँ रोजाना रात में सोने से पहले मुझे एक कहानी सुनाती है।
  • मेरी माँ मुझे हमेशा सच बोलने और अनुशासन के साथ जीना सिखाती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे प्यारी माँ है।

बच्चे का सबसे ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही बीतता है इसलिए खासकर छोटी कक्षा जैसे क्लास 1, 2, 3, 4 और 5 तक के बच्चों को अक्सर ‘मेरी माँ’ विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। ऐसे में यह निबंध किस प्रकार लिखना है इसके लिए नीचे एक सैंपल दिया गया है। यह निबंध मेरी माँ पर पैराग्राफ के रूप में लिखा जा सकता है। आइए देखते हैं:

माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि एक माँ ही होती है जो सबकी खुशियों के आगे अपने गम को भुला देती है। वह बच्चे की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करती है, परिवार को संभालती है। परिवार की जान होती है ‘माँ’। अगर माँ घर पर न हो तो घर की चीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। माँ परिवार में सभी का ध्यान रखती है। सबके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। सबकी जरूरतों का ध्यान रखती है। माँ अपने सभी बच्चों को एक समान प्यार करती है और भेदभाव नहीं करती है। माँ, अपने बच्चे की गलती करने पर उसे डांटती है लेकिन बाद में दुलार भी दिखाती है। बच्चे की परीक्षा हो तो वह ज्यादा परेशान होती है। बच्चे के विकास में माँ का बहुत बड़ा योगदान होता है। वह माँ तो होती ही है लेकिन अपने बच्चे के लिए जरूरत पड़ने पर शिक्षक और उसकी अच्छी दोस्त भी बन जाती है। माँ चाहे गृहिणी हो या कामकाजी, वह अपने बच्चे और परिवार का खयाल रखना कभी नहीं भूलती। बच्चे के बीमार पड़ जाने पर दिन-रात वह उसका ख्याल रखती है। माँ के प्यार को समझाना मुश्किल है क्योंकि वह अपने बच्चे से नि:स्वार्थ प्रेम करती है और हर सुख-दु:ख में उसके साथ खड़ी रहती है।

 बच्चे की पढ़ाई में मदद करती मां

जिनके साथ हमारा समय अधिक बीतता है अगर उनके लिए आपको कुछ लिखने के लिए कहा जाए तो यह एक चुनौती जैसा लगने लगता है कि आखिर इस विषय क्या लिखें और कैसे लिखें? आपके इसी सवाल का उत्तर देते हुए नीचे यहाँ हिंदी में मेरी माँ पर लॉन्ग एस्से लिखने के लिए एक उदाहरण दिया गया है।

माँ कौन होती है? (Who Is Mother?)

माँ, वो है जो बच्चे का खयाल खुद से ज्यादा रखती है। माँ को परिवार की नींव माना जाता है, उसके बिना घर अधूरा और सूना-सूना लगता है। माँ बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करती है। उसके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है। पढ़ाई में मदद करती है। माँ अपने बच्चे लिए जरूरत पड़ने पर उसकी टीचर बन जाती है और उसे उसकी गलती या फिर कमी पर समझाती है। वहीं कभी वह उसके लिए वो दोस्त बन जाती है, जो उसको समझ सके। माँ वो है जो अपने दु:ख और तकलीफ को भुलाकर बच्चे के लिए दिन रात एक कर देती है। किसी बच्चे को संभालना कितन मुश्किल होता है यह बात तो हर कोई जानता है, लेकिन माँ ये सारी मुसीबतें हंसते-हंसते झेल जाती है। बीमार पड़ने पर भी वह अपने बच्चे का खयाल रखना नहीं भूलती। माँ वो है, जिसके बिना बच्चे की जिंदगी अधूरी है।

माँ के गुण (Qualities Of Mother)

माँ के गुणों की गिनती करना वैसे तो संभव नहीं है, लेकिन उसके कुछ खास गुणों के बारे में हमनें उल्लेख किया है।

  • माँ परिवार में सबका खयाल रखती है।
  • माँ आपके लिए स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • मुसीबत के समय में माँ हमेशा साथ देती है।
  • माँ बच्चों के लिए अपने सुखों को त्याग देती है।
  • बच्चे से गलती होने पर उसे प्यार से समझाती है।
  • एक माँ अपने बच्चे के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती है।
  • माँ हमारे अच्छे कार्य की सबसे ज्यादा प्रशंसा करती है।
  • माँ पूरे परिवार को एक साथ जोड़कर रखती है।

माँ का महत्व (Importance Of Mother)

माँ के होने से घर घर लगता है, माँ परिवार का सबसे खास हिस्सा है। माँ के बिना बच्चों का जीवन अधूरा है। माँ का प्यार डांट, हौसला, संस्कार, मिलकर एक बच्चे के चरित्र का निर्माण करते हैं। माँ बच्चे की हर जरूरत को उसके बिना कहे ही समझ जाती है, इसलिए माँ को एक बच्चे के जीवन में सबसे बुलंद दर्जा दिया गया है। बच्चे के जीवन में माँ का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है। माँ आपके खाने, कपड़े से लेकर हर बात का खयाल रखती है। माँ वो छायादार पेड़ है जो बच्चे को हर मुश्किल और परेशानी से दूर रखती है।

मेरी माँ मेरी शिक्षक (My Mother My Teacher)

मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ ही मेरी सबसे अच्छी शिक्षक है। उसने मुझे जीवन में वह हर बात सिखाई है, जो जरूरी और आदर्श है। उसने मुझे सच बोलना, ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ जीना सिखाया। अगर मैं कभी किसी काम में असफल हुआ तो उसने मेरा हौसला बढ़ाकर और बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने जीवन के अनुभवों से सीख लेते हुए मेरे लिए रास्ता आसान बनाया। उसने मुझे सिर्फ हाथ में कलम लेकर लिखना ही नहीं सिखाया बल्कि यह भी बताया कि आपका व्यवहार और आचार-विचार किस तरह के होने चाहिए। उसने मुझे दुःख में संभाला, तकलीफों में सहारा दिया और खुशी व सफलता के समय भी अपने पाँव जमीन पर ही रहें, ऐसे शिक्षा दी है। यहीं कारण है कि मैं अपनी माँ को मेरे जीवन का आदर्श मानता हूं।

मेरी माँ निबंध से बच्चा अपनी माँ के अस्तित्व व उनकी बातों को गौर से समझने का प्रयास कर सकेगा। बच्चा यह समझ सकेगा कि उसकी माँ उसके लिए कितनी खास है। ऐसे निबंध बच्चे को अपनों के अधिक करीब आने और उन्हें समझने का मौका देते हैं। इसके अलावा बच्चा अपने हिंदी लेखन में सुधार करेगा और सही तरह से निबंध लिखना सीखेगा।

1. माँ शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

बच्चा जन्म लेने के बाद जब पहली बार रोता है तो उसके मुख से निकलने वाली ध्वनि को अगर आप ध्यान से सुनें तो माँ सुनाई देता है। इस प्रकार लोगों का मानना है माँ शब्द प्राकृतिक रूप से नवजात के मुख से निकलने वाला पहले शब्द है। हालांकि इस विषय पर लोगों की राय अलग हो सकती है। लेकिन दुनिया की लगभग हर भाषा में माता के लिए संबोधन वाले माँ, अम्मा, मॉम, मम्मी, ममा जैसे शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं।

2. संस्कृत में माँ को क्या कहते हैं?

संस्कृत में माँ को ‘मातृ’ कहते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग ‘माँ’ या ‘माता’ शब्द का प्रयोग ज्यादा करते हैं।

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माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

मेरी माँ पर निबंध 500 शब्दों में (My Mother Essay in Hindi) और माँ पर निबंध 10 लाइन में पढ़िए।

” चलती फिरती आंखों से, अजाँ देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी, लेकिन माँ देखी है। “

Table of Contents

माँ पर निबंध 10 लाइन – My Mother Essay in Hindi 10 lines

  • माँ अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं।
  • माँ हमारी प्रथम गुरु भी होती है।
  • माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है।
  • जब हमें नींद नहीं आती तो माँ हमें लोरी सुना कर सुलाती है।
  • माँ खुद भूखी रह सकती है परन्तु अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं रखती है।
  • माँ अपने बच्चों की देखभाल बहुत ज्यादा करती है।
  • माँ की ममता का कोई भी मोल नहीं है।
  • माँ की ममता से भगवान भी छोटे है।
  • हमें अपने माता पिता को खूब सेवा करनी चाहिए।

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My Mother Essay in Hindi – माँ पर निबंध 500 शब्दों में

माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi (meri maa essay in hindi)

“माँ” केवल शब्द मात्र नहीं है अपितु इसमें पूरा संसार समाहित है। माँ की जितनी के बारे जितनी भी व्याख्या की जाए उतनी कम है। माँ के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक माँ जीवन दाता होने के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के भी रोल निभाती है। जैसे- जन्म दाता है माँ, पालन हार है माँ, प्रथम गुरु है माँ, अच्छी दोस्त है माँ, रक्षक है माँ और हमारी कोच है माँ। और इसी प्रकार से जीवन के हर मोड़ में माँ अनेक प्रकार से हमारे साथ रहती है।

प्रथम गुरु माँ

माँ हमारी माता होने के साथ ही वह हमारी प्रथम गुरु भी होती है। माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है। माँ हमें अच्छे संस्कार देती है। सही क्या है? और गलत क्या है? उसकी पहचान करना सिखाती है। हमें प्राथमिक ज्ञान अपनी माँ से ही मिलता है। हम जो भी कुछ सबसे पहले सीखते हैं वह माँ से ही तो सीखते हैं। इसलिए मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा

मेरी माँ का पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ होता है। सुबह से शाम तक माँ के ऊपर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां होती है। फिर भी कभी हार नहीं मानती है। जिसको देखकर हमें संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। मेरी माँ हमेशा मेरी सफलताओं के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब भी हम कभी उदास होते हैं तो माँ हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। और जब हम कभी गलत रास्तों पर चले जाते हैं या फिर हमें कोई रास्ता समझ नहीं आता तो माँ हमें सही रास्ता दिखाती है। इसलिए मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्रोत भी है।

मां का हमारे जीवन में स्थान

भगवान से भी ज्यादा महत्व माँ को होता है। भगवान भी माँ की ममता पाने के लिए तरसते हैं। जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो हमारी जबान पर भगवान से पहले माँ का नाम आता है। इसलिए माँ को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। एक माँ और बेटे का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। एक माँ ही है जो अपने बच्चों के लिए दुनिया से लड़ जाती है परन्तु अपने बच्चों पर किसी भी प्रकार के संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसलिए मां का हमारे जीवन में सबसे ऊंचा स्थान है।

माँ के प्रति हमारे कर्तव्य

एक माँ बच्चों के लिए बहुत कुछ करती है। माँ बच्चे को जन्म देते समय असहनीय पीड़ा को सहन करके बच्चे को इस दुनिया में लाती है। और फिर हजारों कष्ट सहन करके बच्चों का पालन-पोषण करती है। तथा जीवन जीने की सही राह दिखाती है। इसलिए माँ के प्रति जो हमारे कर्तव्य हैं उसे हमें जरूर करना चाहिए-

  • हमें माता पिता के साथ समय बिताना चाहिए और उनकी सेवा कर उन्हें हमेशा खुश रखना चाहिए।
  • ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से माँ की आंखों में आंसू आए।
  • एक माँ अपने बच्चों का कभी भी बुरा नहीं चाहती है। उनकी डांट के पीछे कहीं ना कहीं हमारी भलाई ही छुपी हुई होती है।
  • हमें माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा बनना चाहिए। जिस प्रकार से माँ बच्चों का ख्याल रखती है उसी प्रकार से हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।

माँ पूजनीय है। माँ की ममता का इस जग में कोई मोल नहीं है। और माँ के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती है। मेरी माँ मेरी सुख-सुविधाओं के लिए अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करने में कभी संकोच नहीं किया। मेरी सफलताओं के लिए उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें हैं। उनके इस बलिदान का कर्ज हम कई जनम में भी नहीं चुका सकते हैं। जन्म देने वाली मेरी माँ को शत-शत नमन!

“ घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरो पर खड़ा हो गया। माँ तेरी ममता की छाँव में, न जाने कब बड़ा हो गया।। ” माँ पर शायरी

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मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन फोटो

मेरी माँ पर निबंध 10 लाइन - My Mother Essay in Hindi 10 lines (maa par nibandh in hindi)

हर बच्चा बनेगा बेहतर इंसान: माता पिता के साथ 11 व्यवहार के नियम

Faq my mother, q: मैं अपनी मां के बारे में निबंध कैसे लिखूं.

Ans: माँ के बारें में निबंध लिखना काफी सरल है। आप जो अपनी मां के बारे में जानते हैं। वह निबंध में लिख सकते हैं। जैसे- माँ के द्वारा किया गया संघर्ष, उनका परिवार और बच्चों के के लिये किया गया त्याग। और माँ की ममता-प्यार और भी ।

माँ शब्द भले ही सबसे छोटा है, लेकिन माँ पर लिखने के लिए शायद शब्द ही कम पड़ जाए।

Q: मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

Ans: मां का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। माँ हमारे जीवन को सवारनें के लिए अपनी सारी जिन्दगी कुर्बान कर देती है। हमारे खुशी के लिए दुनिया की सभी चुनौतियों से अकेले ही लड़ने में सक्षम है। और क्या कहूँ मां का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है। क्योंकि माँ के बिना तो हमारे जीवन की शुरुआत ही नही होती।

Q: माँ का पर्यायवाची शब्द

Ans: मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, अम्ब, अम्बिका।

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Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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आज जब मैं बड़ी हो गई हूं तो लगता है कि शायद मैं बहुत सी चीजों को आज पीछे छोड़ आई हूं। जब हम बच्चे थे तो हमें बचपन के वह प्यारे दिन बड़े ही उबाऊ और लंबे लगते थे। हम सोचते थे कि कब हम बड़े होंगे। हमें अपने मम्मी और पापा की नकल करने में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती थी। बचपन के उन प्यारे दिनों को अब कुदरत भी नहीं लौटा सकती। बड़ी होने के बाद जिस शख्स को मैं सबसे ज्यादा याद करती हूं वह है मेरी माँ । एक माँ (mother) से बड़ा इंसान इस दुनिया में कोई होता ही नहीं है।

माँ सभी जिम्मेदारियों को कैसे अपने कंधे पर उठा लेती थी। सच में माँ जैसा कोई और दूसरा हो ही नहीं सकता। माँ भगवान का ऐसा अनमोल तोहफा है जो हर किसी को नसीब हो जाए यह जरूरी नहीं। माँ के बिना हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। तो आज का हमारा विषय मां पर आधारित है।

इस धरती पर मनुष्य के रूप में नर और नारी दोनों ने ही जन्म लिया। परंतु फिर भी एक नारी को ही सम्मान ज्यादा क्यों मिला? क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है। दरअसल इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि नारी को ही जगत जननी का स्थान मिला हुआ है। आज एक नारी की वजह से ही हम सब को दुनिया में आने का मौका मिला है। नारी अपने जीवन में अनेकों पद ग्रहण करती है। पर जो पद वह मां बनकर प्राप्त करती है वह पद बेहद सम्मानजनक होता है। माँ को भगवान के रूप में पूजा जाता है। माँ हमें कभी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। जिसके पास माँ होती है वह बहुत भाग्यशाली होता है।

माँ हमें हर तरह की मुश्किलों से उबार लेती है। माँ हमें जीने की नई राह सीखाती है। माँ होती है तब हमें किसी बात की कोई चिंता नहीं रहती है। एक बच्चे के लिए माँ से बढ़कर और कोई प्रिय नहीं होता है। माँ ही अपने बच्चे को 9 महीन तक पेट में रखती है और फिर बच्चे को जन्म देने के बाद भी बिना कोई शिकायत के बच्चे को पाल पोस्को बड़ा भी वही करती है। हम सब यह भूल जाते हैं कि कैसे माँ हमारे बचपन के नखरों को सहन करती है। माँ ईश्वर का सच्चा रूप होती है। आज हम जिस किसी भी मुकाम पर है वह सब हमारी माँ की ही बदौलत है। केवल मनुष्य ही क्यों माँ की ममता तो हमें जानवरों में भी देखने को मिल जाती है। जानवर और पक्षी माताएं भी अपने बच्चों को मनुष्यों की माताओं की तरह ही प्रेम देती है।

माँ का सही अर्थ क्या है?

माँ दुनिया की वह अनमोल चीज है जिसकी तुलना महंगे से महंगे हीरे जवाहरात से भी नहीं की जा सकती है। माँ अपने बच्चों के लिए भयंकर से भयंकर तुफान से भी टकरा जाती है। माँ माने कि मातृत्व। हमारे पुराणों में माँ को सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है माता दुर्गा का। माता दुर्गा समस्त ब्रह्मांड की जननी मानी जाती है। यही एक बड़ा कारण है कि नारी को भी भगवान का रूप माना जाता है।

वह माँ बनकर सबसे बड़ा फर्ज निभाती है। मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, ममी, अम्ब और अम्बिका यह सब माता के पर्यायवाची शब्द है। माँ के अनेकों शब्द है। माँ से ही हमें प्यार की अनुभूति प्राप्त होती है। जो प्यार हमें माँ से प्राप्त होता है वह और कहीं से भी नहीं हो सकता है। माता हम सभी को बिना कुछ पाने के बदले में ताउम्र अपना प्रेम लुटाती रहती है। इस दौरान वह हर तरह की पीड़ा को सहन कर लेती है। वह एक शब्द भी अपने बच्चे के खिलाफ नहीं बोलती है।

माँ का प्यार कितना जरूरी है?

हम सभी के लिए माँ का प्यार मिलना बहुत ही जरूरी है। माँ के बिना बच्चा अधूरा होता है। जैसे ही बच्चा धरती पर जन्म लेता है तभी से ही उसका अपनी माँ के साथ एक अनोखा रिश्ता कायम हो जाता है। उस बच्चे के लिए किसी और चीज से भी ज्यादा उसकी माँ महत्वपूर्ण हो जाती है। डाॅक्टर्स की एक रिसर्च के मुताबिक एक बच्चे के पर खाना भी इतना ज्यादा असर नहीं करता है जितना असर उसकी माँ द्वारा मिला अथाह प्यार कर देता है। माँ के प्रेम में एक अनोखी ही ताकत होती है। माँ की ममता के अनेकों फायदे हैं जैसे कि

  • बच्चे को अच्छा महसूस होता है। और जब उसे अच्छा महसूस होता है तब वह अच्छा प्रदर्शन भी करता है।
  • माँ के प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह बच्चे की इम्युनिटी पावर को बुस्ट कर देता है।
  • माँ के प्रेम के चलते ही बच्चे बड़ी से बड़ी बीमारी से भी उबर जाते हैं।

माँ का हमारे परिवार में महत्व

हमारे जीवन में माँ से बढ़कर कोई और है ही नहीं। माँ है तो हम है और उसी से यह सारा संसार है। माँ दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है। माँ हर रूप में अपने दायित्वों का पालन बड़े ही सरलता के साथ करती है, चाहे वह माता का रूप हो, पत्नी, सास या फिर बहन का रूप हो। माता के बिना हमारा परिवार फल फूल नहीं सकता है। एक माँ को ही पता होता है कि उसे घर किस रूप से चलाना है। एक माता के रूप में वह अपने बच्चे की पढ़ाई और लालन पालन की जिम्मेदारी उठाती है।

वह एक पत्नी के रूप में अपने पति की जिम्मेदारियों को संभालती है। उसे यह पता होता है कि उसे कहां पर और कैसे खर्च करना है। हम सभी ने अपने घरों में यह देखा है कि एक माँ सवेरे जल्दी उठकर घर का काम करती है और अपने बच्चो, पति और सास-ससुर के लिए खाना बनाती है। उसका काम पूरे दिन चलता है। कामकाजी महिलाओं का दिन थोड़ा और कठिन होता है क्योंकि उनको अपने परिवार के साथ-साथ कमाई का काम भी करना होता है। इतनी व्यस्त दिनचर्या होने के वाबजूद भी वह उफ्फ तक नहीं करती है। क्योंकि वह अपने परिवार से निस्वार्थ भाव से प्यार करती है।

माता कितने प्रकार की होती है?

हम अक्सर यह सोचते हैं कि माता का रूप केवल हमारी माँ तक ही सीमित होता है। पर यह सच नहीं है। माताओं के भी कई प्रकार होते हैं। हमारे पुराणों में सोलह तरह की माताओं का वर्णन है। इन माताओं का नाम इस प्रकार है। दूध पिलाने वाली (धाय), गर्भ धारण करने वाली, भोजन देने वाली, गुरु पत्नी, ईष्ट देव की पत्नी, सौतेली माँ , सौतेली माँ की बेटी, सगी बड़ी बहन, स्वामी की पत्नी, सास, नानी, दादी, सगे बड़े भाई की पत्नी, मौसी, बुआ और मामी। यह सभी सोलह प्रकार की माताएं होती है। इन सभी माताओं का अपना महत्व होता है। यह सभी अलग-अलग प्रकार की भूमिका को निभाती है।

माँ के नाम समर्पित एक खास दिन

माँ सभी को प्यारी होती है। माँ से ही हमारे दिन और रात है। जिसके पास माँ नहीं है उसको माँ की कमी बहुत ज्यादा खलती है। माँ अपने बच्चे पर कभी भी आंच नहीं आने देती है। माँ बिना कोई शिकायत के अपने दायित्व और फर्ज को पूरा करती है। क्या आपको पता है कि माँ के नाम भी एक खास दिन समर्पित होता है? जी हां, दूसरे उत्सवों की ही तरह हर साल मई के दूसरे रविवार को इंटरनेशनल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सभी माओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे अपनी माँ के लिए कुछ अलग ही करने की योजना बनाते हैं। इस दिवस को मनाने की परंपरा अमेरिका से शुरू हुई थी। एना जार्विस को इस दिवस को शुरू करने का श्रेय जाता है। उसने अपनी माँ के ही नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया था। वह जीवनभर कुंआरी रही।

तो आज के इस निबंध के माध्यम से हमने माँ पर निबंध को समझा। हमारी माँ जैसा इस दुनिया में और कोई भी नहीं है। आज हमारी माँ अगर इस संसार में नहीं होती तो हमारा अस्तित्व भी आज नहीं होता। जैसे माँ हमारे पर निस्वार्थ भाव से प्यार लुटाती है ठीक वैसे ही उसे भी अपने बच्चों का प्यार चाहिए। हम आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया हुआ यह निबंध पसंद आया होगा।

मेरी माँ पर निबंध 100 शब्दों में

माँ को दुनिया सबसे उंचा दर्जा प्राप्त होता है। माँ से ही हमारा संसार है। माँ को हम सभी भगवान का दर्जा देते हैं। माँ की वजह से हम गुलाब की तरह महकते हैं। माँ हमारी दोस्त होती है। वह हमें सही राह पर चलना सिखाती है। उन बच्चों से जाकर पूछो कि उन्हें कैसा लगता है जिनकी कोई माँ ही नहीं होती है। वह माता के प्रेम से अनभिज्ञ रहते हैं। माँ हमारे अंदर हर तरह के संस्कार के बीज बोती है। माँ हमारी सुख-दुःख की घड़ी में सदा हमारे साथ खड़ी रहती है। माँ हमारे पर कोई भी तरह की आंच नहीं आने देती है। माँ के सहारे हम जीवन में अपने मुकाम को हासिल करते हैं।

मेरी माँ पर 10 लाइनें

  • माँ ताउम्र हमपर ममता लुटाती है।
  • माँ के बिना हम अधूरे माने जाते हैं।
  • एक माँ घर की सारी जिम्मेदारी को अच्छे से संभालती है।
  • भगवान द्वारा दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है हमारी माँ।
  • माँ को भगवान का दर्जा प्राप्त है।
  • माँ अपने पूरे जीवन को अपने बच्चों के लिए समर्पित कर देती है।
  • एक पुरानी कहावत है कि पूत कपूत हो सकते हैं पर माता कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है।
  • हमें अपनी माँ की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
  • माँ हमसे बिना कोई शर्त के प्रेम करती है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।

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मेरी माँ पर निबंध | Essay On My Mother In Hindi 500 Words | PDF

Essay on my mother in hindi & paragraph.

Essay On My Mother In Hindi 500 + Words (Download PDF) मेरी माँ पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि अपने माँ के बारे में एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

हर माँ अपने बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती है। हम सभी की माँएँ हैं और हमें अपनी माँओं से प्यार और सम्मान करना चाहिए। आज मैं अपनी माँ के बारे में बहुत सी बातें साझा करने जा रहा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को आर्थिक , शारीरिक और भावनात्मक रूप से बड़ा करने के लिए सर्वश्रेष्ट प्रयास करती है |

कभी-कभी वे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त काम करते हैं, लेकिन वे इसके लिए कभी बुरा नहीं मानते हैं। माताएं निस्वार्थ और गैर-शिकायत हैं, वे अपने जीवन के बारे में कभी शिकायत नहीं करती हैं। यह एक माँ के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है। वे ज़िम्मेदारियाँ लेना और उन्हें पूरा करना करती हैं। माँ वह है; जिसकी वजह से हम इस दुनिया को देख रहे हैं। हमें कभी भी उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। हमें उनसे प्यार और सम्मान करना चाहिए।

My mother essay in Hindi & paragraph

मेरी माँ का नाम कविता है और वह एक शिक्षिका हैं। वह पचास साल की है। वह हमारे परिवार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसका दिन बहुत सुबह शुरू होता है; वह उठती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। फिर वह पूरे घर की सफाई करती है और हमें स्कूल ले जाती है।

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स्कूल से वापस आने के बाद, खाना फिर से बनाती है, और हमें परोसती है । मुझे लगता है कि वह अब तक की सबसे अच्छी कुक है। वह वास्तव में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी समर्थक हैं। मैं जो भी करता हूं, वह प्रेरित करती है और एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे पीछे खड़ी रहती है। मेरी पिछली विज्ञान परियोजना में, उसने मेरी सबसे अधिक मदद की और मैं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आया। जब मुझे कुछ भी सफलता मिलती है, तो वह उस समय सबसे खुश होती है।

माँ और बच्चे का संबंध:

एक माँ और बच्चे के बीच का संबंध वास्तव में अद्भुत है। हर बच्चे के लिए मां सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है और बच्चे माताओं की पहली प्राथमिकता होते हैं। यह रिश्ता दुनिया का सबसे शुद्ध रिश्ता है।

माँ बिना किसी अपेक्षा के अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है। वे सिर्फ अपने बच्चों के लिए एक बेहतर जीवन चाहती हैं। तो माँ और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग मज़बूत होती है और कोई भी ताकत इस बॉन्डिंग को तोड़ नहीं सकती है।

वह मुझे कितना प्यार करती है:

कोई सीमा नहीं है या मैं उसके लिए मेरे प्यार को नहीं माप सकता। मुझे पता है कि वह मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती है और मैं भी उससे बहुत प्यार करता हूं। केवल उसी के कारण घर को ‘गृह’ कहा जाता है। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मार्गदर्शक है। वह मुझे सिखाती है कि दुनिया में कैसे जीवित रहना है।

माँ वह है जो कभी भी हमसे ज्यादा प्यार करते नहीं थकती। एक माँ का प्यार अलग है, अनोखा है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव नहीं है। हमें पूरी दुनिया में ऐसा कोई प्यार नहीं मिला जिसकी तुलना मां के प्यार से की जा सके।

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माँ की आवश्यकता

हम जहां भी हैं, माता का आशीर्वाद हमारे साथ है। माँ के आशीर्वाद के बिना जीना हमारी कल्पना से परे है। सुबह वह बच्चे को बड़े प्यार से उठाती है और रात के दौरान वह बच्चे को बड़े प्यार से कहानियां सुनाती है।

माँ अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी बनाती है। माँ दरवाजे पर खड़ी रहती है, दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतज़ार करती है। मां बच्चे को होमवर्क करवाने में मदद करती है।

लेकिन साथ ही, वे उनके संस्कारों और उनके रीति-रिवाजों का भी दृढ़ता से पालन करते हैं। हमारे घर में सभी त्योहार पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाए जाते हैं। घर में आने वाले हर मेहमान का स्वागत करने के लिए मेरी मां बहुत अच्छा प्रयास करती है।

एक गाइड के रूप में:

एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं जो भी करता हूं, वह मुझे सही रास्ते पर ले जाती है। कभी-कभी, हम गलतियाँ करते हैं और वे हमें अभिभावक के रूप में सही बात शिखाती हैं। वह वह है जो हमें प्रकाश में लाता है और जीवन से सभी अंधकार को दूर करता है।

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निष्कर्ष :- मुझे अपनी माँ से बहुत प्यार है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे अच्छी इंसान हैं। वह मेरी जिंदगी है; मैं उसके साथ हमारे लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन लोगो को जिनके पास माँ कहने को नहीं है। वे एक माँ के मूल्य और महत्व को समझते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन में उसकी उपस्थिति की सराहना करने की जरूरत है।

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FAQs. On My Mother In Hindi

आपके जीवन में माँ का क्या महत्व है.

उत्तर – यह बहुत पुरानी कहावत है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने एक ऐसी माँ बनाई जो अपने बच्चों से हर सुख और दुख में निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के महत्व को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। यह समझने की बात है,

माँ आप के विचार से कैसी होनी चाहिए?

उत्तर – माँ कल्पना करने की चीज नहीं है। वह प्रेम की मूर्ति है, माँ जो भी है, वह अपने बच्चों की नज़र में सबसे खास है जिसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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Home » Essay Hindi » Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध

Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध

यह आर्टिकल Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध (Maa Par Nibandh) पर है। “माँ” शब्द का महत्व दुनिया में सबसे प्यारा है। माँ की दुलार और ममता दुनिया के दो अनमोल रत्न है। 9 महीने अपने कोख में पालने वाली माँ पर निबंध लेखन के बारे में जानने का प्रयास इस पोस्ट “Importance Of Mother In Hindi” में करेंगे। माँ का महत्व हर धर्म की किताबों में मिल जाता है। माँ के पैरों तले जन्नत मानी गयी है। तो आइये दोस्तों, माँ के बारे में बात करते है।

किसी को घर मिला, किसी के हिस्से दुकान आयी। में घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से माँ आयी। – मुन्नवर राणा

माँ का महत्व पर निबंध Essay On Mother In Hindi

कोई औरत माँ ( Mother ) तब बनती है, जब उसे कोई “माँ” कहता है। माँ शब्द किसी भी स्त्री के लिए गौरव की बात होती है। जब बच्चा माँ कहकर बुलाता है, तो वो क्षण उसके जीवन में अनमोल होता है। माँ की ममता की तुलना ईश्वर से की जाती है। जो कष्ठ और पीड़ा माँ अपने बच्चे के लिए सेहती है, वो दुर्लभ है। माँ को मदर, मम्मी, अम्मी या माता भी कहा जाता है और हर शब्द से ममता ही बाहर आती है।

माँ के बारे में यह भी कहा जाता है कि ईश्वर हर एक के साथ नही रह सकता है, इसलिए उसने माँ बनाई। माँ का प्यार अनमोल होता है, जो खुशनसीब लोगो को मिलता है। बच्चें का रोना सुनकर माँ सहम जाती है और उसे अपने सीने से लगा लेती है।

दुनिया की नजर में आप सही या गलत हो सकते है लेकिन माँ की नजर में केवल आप सही ही होते है। अपने बचपन के दिन याद कीजिये जब आपकी माँ आपको लौरी गाकर सुनाती थी। आपकी हर छोटी मोटी जरूरत का ख्याल रखती थी। रात भर सिर्फ आपके लिए जगी रहती थी। आपके लिए दुनिया में किसी से भी लड़ने को तैयार रहती थी। बाप की डांट खाकर माँ की ममता भरी गोद में आप सो जाते थे। आज उसी माँ को कई बच्चे आश्रम छोड़कर आ जाते है।

यह सार्वभौमिक सत्य है की माँ (Mother) निःस्वार्थ भाव से अपने बच्चे को पालती है। बचपन में स्कूल जाने के लिए आपका टिफिन तैयार करती है। स्कूल के लिये तैयार होने में माँ भरपूर सहयोग करती है। बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में ही जीवन में आगे बढ़ता है। आपको अच्छे संस्कार माँ से ही मिलते है।

माँ का महत्व Importance Of Mother In Hindi –

माँ पर निबंध (Essay On Mother In Hindi) – दुनिया में हर इंसान का अस्तित्व माँ से ही है। प्रसव की भयंकर पीड़ा सहकर वो हमें जन्म देती है। हम बड़े होने पर माँ को पीड़ा पहुचाते है और हमे शर्म भी नही आती है।

किसी भी बच्चे के लिए माँ केवल माँ नही होती है वो एक शिक्षक और दोस्त भी होती है। किसी भी बच्चे के लिए उसकी पहली टीचर माँ होती है। हमारी परवरिश की जिम्मेदार माँ ही होती है। बचपन से लेकर अब तक हमारा लालन पालन माँ ही करती है। उसी के साये तले हम अच्छे और बुरे में फर्क करना सीखते है। हम बीमार होते है, तो हमारा ख्याल माँ ही रखती है। किसी ने भी क्या खूब कहा है कि –

मेने ईश्वर को नही देखा लेकिन माँ को देखा है। शायद ईश्वर ऐसा ही होगा।

सूर्योदय से पहले माँ उठ जाती है और घर का सारा काम करती है। आपके लिए चाय बनानी हो या खाना तैयार करना हो, माँ बिल्कुल भी काम से नही झिझकती है।

माँ पर निबंध Maa Par Nibandh –

Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध – माँ त्याग की मूरत होती है। जब वो पत्नी बनकर ससुराल आती है, तो अपने घर का त्याग करती है। बच्चे के लिए अपने स्वार्थ और अहम का त्याग करती है। बच्चे के लिए ढाल बनकर हमेशा तैयार रहती है। कभी कभी माँ के प्यार और दुलार के साथ डांट भी मिलती है। वो डांट भी माँ का प्यार ही है जो हमें सही रास्ते पर लाता है।

माँ के दिल को कभी ठेस नही पहुंचानी चाहिए। माँ का कर्ज आप अपनी पूरी जिंदगी में भी नही चुका सकते है। ममता से भरी माँ के लिए पूरे साल में एक दिन मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपके लिए हर दिन माँ का दिन होना चाहिए क्योंकि आपकी माँ भी आपसे हर दिन प्यार करती है। क्या माँ अपने बच्चे के लिए प्यार दर्शाने का एक दिन निश्चित करती है? माँ पूरी जिंदगी अपने बच्चों को देने में बिता देती है और बदले में कुछ भी नही मांगती। इसलिए माँ के प्रेम को निःस्वार्थ माना जाता है।

चलती फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नही देखी माँ देखी है। – मुन्नवर राणा

यह भी पढ़े – 

  • भारत देश पर निबंध
  • मेरा गाँव पर निबंध
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नोट – इस पोस्ट Essay On Mother In Hindi में माँ का महत्व पर निबंध कैसा लगा। माँ पर निबंध (Maa Par Nibandh) पर यह आर्टिकल “Importance Of Mother In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi)

मदर टेरेसा

मदर टेरेसा एक महान महिला और “एक महिला, एक मिशन” के रुप में थी जिन्होंने दुनिया बदलने के लिये एक बड़ा कदम उठाया था। उनका जन्म मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 में अग्नेसे गोंकशे बोजशियु के नाम से हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वो कोलकाता आयी थी और गरीब लोगों की सेवा करने के अपने जीवन के मिशन को जारी रखा। कुष्ठरोग से पीड़ित कोलकाता के गरीब लोगों की उन्होंने खूब मदद की। उन्होंने उनको आश्वस्त किया कि ये संक्रामक रोग नहीं है और किसी भी दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकता। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

मदर टेरेसा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother Teresa in Hindi, Mother Teresa par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द).

मदर टेरेसा एक महान महिला थी जिनको हमेशा उनके अद्भुत कार्यों और उपलब्धियों के लिये पूरे विश्वभर के लोगों द्वारा प्रशंसा और सम्मान दिया जाता है। वो एक ऐसी महिला थी जिन्होंने उनके जीवन में असंभव कार्य करने के लिये बहुत सारे लोगों को प्रेरित किया है। वो हमेशा हम सभी के लिये प्रेरणास्रोत रहेंगी। महान मनावता लिये हुए ये दुनिया अच्छे लोगों से भरी हुयी है लेकिन हरेक को आगे बढ़ने के लिये एक प्रेरणा की जरुरत होती है। मदर टेरेसा एक अनोखी इंसान थी जो भीड़ से अलग खड़ी दिखाई देती थी।

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में हुआ था। जन्म के बाद उनका वास्तविक नाम अग्नेसे गोंकशे बोजाशियु था लेकिन अपने महान कार्यों और जीवन में मिली उपलब्धियों के बाद विश्व उन्हें एक नये नाम मदर टेरेसा के रुप में जानने लगा। उन्होंने एक माँ की तरह अपना सारा जीवन गरीब और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया।

वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। वो अपने माता-पिता के दान-परोपकार से अत्यधिक प्रेरित थी जो हमेशा समाज में जरुरतमंद लोगों की सहायता करते थे। उनकी माँ एक साधारण गृहिणी थी जबकि पिता एक व्यापारी थे। राजनीति में जुड़ने के कारण उनके पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। ऐसी स्थिति में, उनके परिवार के जीवनयापन के लिये चर्च बहुत ही महत्वपूर्ण बना।

18 वर्ष की उम्र में उनको महसूस हुआ कि धार्मिक जीवन की ओर से उनके लिये बुलावा आया है और उसके बाद उन्होंने डुबलिन के लौरेटो सिस्टर से जुड़ गयी। इस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिये उन्होंने अपने धार्मिक जीवन की शुरुआत की। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

निबंध 2 (300 शब्द)

मदर टेरेसा एक बहुत ही धार्मिक और प्रसिद्ध महिला थी जो “गटरों की संत” के रुप में भी जानी जाती थी। वो पूरी दुनिया की एक महान शख्सियत थी। भारतीय समाज के जरुरतमंद और गरीब लोगों के लिये पूरी निष्ठा और प्यार के परोपकारी सेवा को उपलब्ध कराने के द्वारा एक सच्ची माँ के रुप में हमारे सामने अपने पूरे जीवन को प्रदर्शित किया। उन्हें “हमारे समय की संत” या “फरिश्ता” या “अंधेरे की दुनिया में एक प्रकाश” के रुप में भी जनसाधारण द्वारा जाना जाता है। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में ‘संत’ की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

उनका जन्म के समय अग्नेसे गोंकशे बोज़ाशियु नाम था जो बाद में अपने महान कार्यों और जीवन की उपलब्धियों के बाद मदर टेरेसा के रुप में प्रसिद्ध हुयी। एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में मेसेडोनिया के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 को उनका जन्म हुआ था। अपने शुरुआती समय में मदर टेरेसा ने नन बनने का फैसला कर लिया था। 1928 में वो एक आश्रम से जुड़ गयी और उसके बाद भारत आयीं (दार्जिलिंग और उसके बाद कोलकाता)।

एक बार, वो अपने किसी दौरे से लौट रही थी, वो स्तंभित हो गयी और उनका दिल टूट गया जब उन्होंने कोलकाता के एक झोपड़-पट्टी के लोगों का दुख देखा। उस घटना ने उन्हें बहुत विचलित कर दिया था और इससे कई रातों तक वो सो नहीं पाई थीं। उन्होंने झोपड़-पट्टी में दुख झेल रहे लोगों को सुखी करने के तरीकों के बारे में सोचना शुरु कर दिया। अपने सामाजिक प्रतिबंधों के बारे में उन्हें अच्छे से पता था इसलिये सही पथ-प्रदर्शन और दिशा के लिये वो ईश्वर से प्रार्थना करने लगी।

10 सितंबर 1937 को दार्जिलिंग जाने के रास्ते पर ईश्वर से मदर टेरेसा को एक संदेश (आश्रम छोड़ने के लिये और जरुरतमंद लोगों की मदद करें) मिला था। उसके बाद उन्होंने कभी-भी पीछे मुड़ के नहीं देखा और गरीब लोगों की मदद करने की शुरुआत कर दी। एक साधारण नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी को पहनने के लिये को उन्होंने चुना। जल्द ही, निर्धन समुदाय के पीड़ित व्यक्तियों के लिये एक दयालु मदद को उपलब्ध कराने के लिये युवा लड़कियाँ उनके समूह से जुड़ने लगी। मदर टेरेसा सिस्टर्स की एक समर्पित समूह बनाने की योजना बना रही थी जो किसी भी परिस्थिति में गरीबों की सेवा के लिये हमेशा तैयार रहेगा। समर्पित सिस्टरों के समूह को बाद में “मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी” के रुप में जाना गया।

Essay on Mother Teresa in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

मदर टेरेसा एक महान व्यक्तित्व थी जिन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। वो पूरी दुनिया में अपने अच्छे कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी क्योंकि वो एक सच्ची माँ की तरह थीं। वो एक महान किंवदंती थी तथा हमारे समय की सहानुभूति और सेवा की प्रतीक के रुप में पहचानी जाती हैं। वो एक नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी पहनना पसंद करती थीं। वो हमेशा खुद को ईश्वर की समर्पित सेवक मानती थी जिसको धरती पर झोपड़-पट्टी समाज के गरीब, असहाय और पीड़ित लोगों की सेवा के लिये भेजा गया था। उनके चेहरे पर हमेशा एक उदार मुस्कुराहट रहती थी।

उनका जन्म मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 में हुआ था और अग्नेसे ओंकशे बोजाशियु के रुप में उनके अभिवावकों के द्वारा जन्म के समय उनका नाम रखा गया था। वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। कम उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बुरी आर्थिक स्थिति के खिलाफ उनके पूरे परिवार ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने चर्च में चैरिटी के कार्यों में अपने माँ की मदद करनी शुरु कर दी थी। वो ईश्वर पर गहरी आस्था, विश्वास और भरोसा रखनो वाली महिला थी। मदर टेरेसा अपने शुरुआती जीवन से ही अपने जीवन में पायी और खोयी सभी चीजों के लिये ईश्वर का धन्यवाद करती थी। बहुत कम उम्र में उन्होंने नन बनने का फैसला कर लिया और जल्द ही आयरलैंड में लैरेटो ऑफ नन से जुड़ गयी। अपने बाद के जीवन में उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के रुप में कई वर्षों तक सेवा की।

दार्जिलिंग के नवशिक्षित लौरेटो में एक आरंभक के रुप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की जहाँ मदर टेरेसा ने अंग्रेजी और बंगाली (भारतीय भाषा के रुप में) का चयन सीखने के लिये किया इस वजह से उन्हें बंगाली टेरेसा भी कहा जाता है। दुबारा वो कोलकाता लौटी जहाँ भूगोल की शिक्षिका के रुप में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाया। एक बार, जब वो अपने रास्ते में थी, उन्होंने मोतीझील झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोगों की बुरी स्थिति पर ध्यान दिया। ट्रेन के द्वारा दार्जिलिंग के उनके रास्ते में ईश्वर से उन्हें एक संदेश मिला, कि जरुरतमंद लोगों की मदद करो। जल्द ही, उन्होंने आश्रम को छोड़ा और उस झोपड़-पट्टी के गरीब लोगों की मदद करनी शुरु कर दी। एक यूरोपियन महिला होने के बावजूद, वो एक हमेशा बेहद सस्ती साड़ी पहनती थी।

अपने शिक्षिका जीवन के शुरुआती समय में, उन्होंने कुछ गरीब बच्चों को इकट्ठा किया और एक छड़ी से जमीन पर बंगाली अक्षर लिखने की शुरुआत की। जल्द ही उन्हें अपनी महान सेवा के लिये कुछ शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाने लगा और उन्हें एक ब्लैकबोर्ड और कुर्सी उपलब्ध करायी गयी। जल्द ही, स्कूल एक सच्चाई बन गई। बाद में, एक चिकित्सालय और एक शांतिपूर्ण घर की स्थापना की जहाँ गरीब अपना इलाज करा सकें और रह सकें। अपने महान कार्यों के लिये जल्द ही वो गरीबों के बीच में मसीहा के रुप में प्रसिद्ध हो गयीं। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में संत की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

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Essay on mother in hindi माँ पर निबंध.

Essay on mother in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए माँ पर निबंध। You can get questions like meri maa nibandh , essay on maa in Hindi, meri maa essay in Hindi, maa ki mamta essay in Hindi and maa par nibandh . Learn 10 lines on my mother in Hindi along with speech on mother in Hindi language. Read information about Essay on Mother in Hindi for class 5. Read essay on my mother in Hindi also.

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Essay on My Mother in Hindi 100 Words

मेरी माँ का नाम मानसी है। मेरी माँ सबसे अच्छी है। वो मुझसे बहुत प्यार करती है। वो सुबह सबसे पहले उठ जाती है और सबके लिए स्वादिस्ट खाना बनती है। वो घर में सबका ध्यान रखती है।

वो मेरी गुरु भी है जिससे मुझे शिक्षा मिलती है, जिससे मैं एक अच्छा इंसान बन सकू। मेरी माँ मेरी आदर्श है। मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। मैं अपनी माँ को बहुत प्यार करती हूँ। मेरी माँ ईश्वर द्वारा दिया गया वरदान है। मैं भगवान का धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मुझे सबसे अच्छी माँ दी।

Essay on My Mother in Hindi 150 Words

मेरी माँ का नाम आरती है। वह बहुतही प्यारी और हसमुख है। मेरी माँ हर सुबह सबसे पहले उठ जाती है। वह घर में सबके लिए स्वादिष्ट खाना पकाती है। मेरी माँ हर रोज मुझे स्कूल जाने के लिये तैयार करती है। पढाई के साथ साथ वह मुझे सही मार्ग पर चलने की सिख भी देती है। मेरी माँ हमारे पूरे परिवार का अच्छा ख्याल रखती है। वह परिवार की खुशी में ही अपनी खुशी मानती है। अगर कभी मैं बीमार पड़ती हूँ तो वह रात भर जागती है और भगवान से मेरे ठीक होने की प्रार्थना करती है।

मेरी माँ मेरी अच्छी दोस्त भी है। अगर कभी मैं दुखी हो जाऊं तो वह प्यारी बातें बताकर मेरे चेहरे पर मुस्कराहट लाती है। मैं अपनी माँ से बहत प्यार करती हूँ और अपने आप को भाग्यशाली समझती हूँ की भगवान ने मुझे इतनी प्यारी माँ दी है।

Essay on Mother in Hindi 300 Words

“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.

मेरी माँ बहुत सुन्दर है और हमारे जीवन में देखभाल करती है। वह हर समय हमारी जरूरतों की देखरेख करती है। वह बहुत ही सीधी सादी है। वह सवेरे जल्दी उठ जाती है। वह स्नान करके भगवान से प्रार्थना करती है। वह बहुत ही सक्रिय है। वह हमेशा खुश रहती है। वह सुबह हमें आवाज देकर बिस्तरे से उठाती है और रात को सुन्दर कहानियॉ सुनाती है। वह हमें स्कूल जाने के लिए तैयार करती है और हमें बढिया नाश्ता देती है। वह हमारे लिये खाना बनाने में ज्यादातर समय व्यतीत करती है। वह दोपहर का खाना भी देती है। हमारे घर में हमारे रिश्तेदार और दोस्त आते है वह उनके लिये भी खाना बनाती है। वह हमारी सारी जरूरतों में हमारा ध्यान रखती है जैसे कि वह पढाई में हमारी मदद करती है। वह हमारी पढ़ाई में हमारी मदद भी करती है। वह हमारे स्कूल का काम करने में हमारी मदद करती है।

मेरी माँ एक बहुत व्यस्त महिला है। वह सारे घर का काम देखती है। वह हमारे कपडे भी घोती है। मैं घर के काम में अपनी माँ का हाथ बटाता हूँ। जब भी हमारे यहाँ मेहमान या रिश्तेदार आते है तब मैं भी घर के काम में अपनी माँ का हाथ बटाता हूँ और जब भी मेहमान या रिश्तेदार वापस चले जाते है, तो उनके साथ सारा सामान सही जगह में रखने में मदद करता हूँ।

माँ अपने बच्चे से बहुत प्यार करती है मगर जब उन्हें पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर प्यार से समझाती है और अगर बच्चा न समझे तो जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है।

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10 Lines on Mother in Hindi। माँ पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Mother in Hindi

माँ को देव स्वरुप कहा गया है। माँ अपने बच्चे की पहली गुरु होती है। प्रथम शिक्षा कोई भी अपनी माँ के द्वारा ही प्राप्त करता है। प्रेम की श्रेणी में माँ और बच्चे के प्रेम को वात्सल्य प्रेम कहा गया है जो सबसे बड़ा और पवित्र माना जाता है। Mother Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इसलिए आज हम “ माँ पर 10 लाइन निबंध ” लेकर आपके समक्ष आये है। इस आर्टिकल में आप ‘ 10 lines on Mother in hindi ‘ में पढ़ेंगे।

  • माँ हमारी प्रथम शिक्षक होती है।
  • माँ हर परिस्थिति में अपने बच्चो का कुशल चाहती है।
  • शास्त्रों में माँ का भगवान् के बराबर मन गया है।
  • मेरी माँ दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • माँ घर के लोगो का ध्यान रखती है।
  • मै भी अपनी माँ का घर के काम में मदद करता हु।
  • अच्छे और बुरे में फर्क माँ ही सबसे पहले समझाती है।
  • स्वहित छोड़कर दुसरो के लिए जीना माँ के जीवन से समझा जा सकता है।
  • माँ जीवन में बड़ी कठनाईयो में भी मुस्कुराना जानती है।
  • हमें सदैव अपनी माँ का सम्मान और आदर करना चाहिए।

हमें आशा है आप सभी को Mother in hindi पर छोटा सा लेख पसंद आया होगा। आप इस लेख को अपने स्कूल में 10 lines about Mother in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है।

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  • Updated on  
  • अगस्त 14, 2024

Mother Teresa Essay in Hindi

मदर टेरेसा, एक ऐसा नाम जो करुणा, सेवा और समर्पण का प्रतीक बन गया है। उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से गरीबों, बीमारों और बेसहारा लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनकी निस्वार्थ सेवा ने दुनिया भर में लाखों लोगों को नई उम्मीद दी। मदर टेरेसा के बारे में सीखना छात्रों को प्रेरणा प्रदान कर सकता है। उनके जीवन के बारे में जानने से छात्रों को उनके गुणों पर विचार करने में मदद मिल सकती है। इसलिए छात्रों से परीक्षाओं में मदर टेरेसा के बारे में निबंध पूछ लिए जाता है। इस ब्लॉग में आपको 100, 200 और 500 शब्दों में मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi) के कुछ सैम्पल्स दिए गए हैं।

This Blog Includes:

मदर टेरेसा पर 100 शब्दों में निबंध, मदर टेरेसा पर 200 शब्दों में निबंध, मदर टेरेसा का शुरुआती जीवन, मदर टेरेसा की मिशनरी, मदर टेरेसा की मृत्यु और मेमोरियल, मदर टेरेसा पर निबंध कैसे तैयार करें .

छात्र 100 शब्दों में मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं – 

करुणा की प्रतीक मदर टेरेसा ने अपना जीवन बेसहारा लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनका जन्म वर्ष 1910 में हुआ था। वह नन बनीं और गरीबों को सहायता प्रदान करते हुए मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। उनका काम भारत के कोलकाता में एक छोटे से स्कूल से शुरू हुआ और दुनिया भर में घरों, अस्पतालों और औषधालयों तक फैल गया। वे एक ऐसी महिला थीं जो बच्चों से बहुत प्यार करती थी। 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की निस्वार्थ सेवा और विनम्रता ने उन्हें एक वैश्विक आइकन बना दिया। 2016 में एक संत के रूप में सम्मानित हुईं, उनका जीवन लोगों को दया सहानुभूति और जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है। 

छात्र 200 शब्दों में मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं – 

प्रेरणा और करुणा की प्रतीक मदर टेरेसा अपनी उपलब्धियों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। वे 26 अगस्त 1910 को स्कोप्जे मैसेडोनिया में जन्मी थी। उनका शुरुआती नाम एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु था, बाद में उन्होने अपने असाधारण जीवन के कार्यों के प्रमाण के रूप में मदर टेरेसा नाम ग्रहण किया। वे रोमन कैथोलिक परिवार में पली-बढ़ी थी।  

उनके पिता की मृत्यु और के बाद में वे वित्तीय संघर्ष से गुजरी थी। चर्च ने उनके परिवार को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 18 साल की उम्र में, मदर टेरेसा को धार्मिक जीवन जीने का एहसास हुआ। फिर वे डबलिन की लोरेटो सिस्टर्स में शामिल हो गई। इसी निर्णय के बाद में गरीबों की सेवा के प्रति उनके आजीवन समर्पण की शुरुआत हुई।

मदर टेरेसा की निस्वार्थ यात्रा उन्हें कोलकाता, भारत ले आई जहाँ उन्होंने मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी की स्थापना की।  उनका काम राष्ट्रीय सीमाओं से परे तक फैला, जिससे उन्हें वैश्विक पहचान मिली। वें प्रेम, दया और मानवता के प्रति अटूट सेवा का प्रतीक बन गईं। चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, वह दृढ़ रहीं सेवा समर्पण के लिए हमेशा रहीं।

उनकी विरासत आज भी कायम है, जो अनगिनत व्यक्तियों को दयालुता के कार्य करने और समाज की बेहतरी में योगदान करने के लिए प्रेरित करती है। मदर टेरेसा का जीवन करुणा के प्रमाण के रूप में कार्य करता है, जो दुनिया भर के लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ता है। उनका बच्चों के प्रति अटूट प्रेम था। उन्होंने अपना पूरा जीवन बच्चों ओर गरीबों की सेवा में लगा दिया। 

मदर टेरेसा पर 500 शब्दों में निबंध

छात्र 500 शब्दों में मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं – 

इतिहास में मानवतावादियों की विशाल श्रृंखला में, एक शख्सियत उल्लेखनीय रूप से सामने आती है – मदर टेरेसा। उनकी उपस्थिति गरीबों और बेघर लोगों की सेवा करने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता के कारण चमकती है। जन्म से भारतीय न होने के बावजूद उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत के लोगों की मदद के लिए समर्पित कर दिया।

मदर टेरेसा जिन्हें मूल रूप से एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु अलग नाम से जाना जाता था। उन्होनें ननहुड में प्रवेश करने पर अपनी नई पहचान अपनाई, जो उन्हें सेंट टेरेसा के सम्मान में चर्च द्वारा प्रदान की गई थी। वें एक ईसाई परिवार में जन्मी थी। ईश्वर के प्रति उनकी गहरी आस्था रखने के कारण वे नन बनने की राह पर आगे बढ़ीं। धार्मिक जीवन अपनाने का निर्णय ईसाई धर्म के सिद्धांतों में उनके गहन विश्वास से उपजा था।

मानवता के प्रति उनकी उल्लेखनीय सेवा उन्हें भारत ले आई, जहाँ उन्होंने निस्वार्थ भाव से गरीबों और जरूरतमंदों की पीड़ा को कम करने के लिए काम किया अपने मिशन के प्रति मदर टेरेसा का समर्पण राष्ट्रीय सीमाओं से परे जाकर करुणा और निस्वार्थता की सच्ची भावना का प्रतीक था।

एक कैथोलिक ईसाई परिवार में पली-बढ़ीं मदर टेरेसा का ईश्वर और मानवता दोनों में दृढ़ विश्वास था। डबलिन में अपना काम पूरा करने के बाद जब वह भारत के कोलकाता (कलकत्ता) गईं, तभी उनके जीवन में एक अप्रत्याशित मोड़ तब आया जब वे बच्चों को पढ़ाने लगी। 

15 वर्षों तक मदर टेरेसा को बच्चों को पढ़ाया। उन्होंने कोलकाता में उन बच्चों को भी पढ़ाया जो स्कूल नहीं जा सकते थे। उनका परिवर्तनकारी तब हुआ जब उन्होंने एक ओपन-एयर स्कूल की स्थापना की, जिसने उनकी मानवीय यात्रा की नींव रखी।

बिना किसी बाहरी वित्तीय सहायता के शुरुआत करते हुए, मदर टेरेसा ने गरीब युवाओं को शिक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर अथक प्रयास किया। धन के अभाव में भी, उन्होंने पढ़ाना जारी रखा और अनगिनत छात्रों के जीवन में बदलाव लाया। उनकी मानवता की यात्रा खुले आसमान वाले स्कूल में गरीब लोगों को पढ़ाने से शुरू हुई। यही सोच बाद में जल्द ही लोगों के लिए करुणा, देखभाल और सेवा के आजीवन मिशन में विकसित हुई।

मदर टेरेसा की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन के अहम फैसलों को तब लेते हैं जब इनके बारे में सोचा नहीं होता है। एक नन के रूप में उन्होंने जीवन को लोगों की शिक्षा और कल्याण के लिए एक समर्पण में बदल दिया। 

यह भी पढ़ें : Mother Teresa Biography in Hindi | मदर टेरेसा की जीवनी

गरीबों को पढ़ाने और जरूरतमंद लोगों की सहायता करने की अपनी प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर, मदर टेरेसा ने अपने नेक काम के लिए एक स्थायी आश्रय स्थल बनाने की आकांक्षा की। चर्च और समुदाय के समर्थन से, उन्होंने एक ऐसे मिशन की नींव रखी जो उनके मुख्यालय और निराश्रितों के लिए जगह दोनों के रूप में काम करेगा।

यह मिशन एक आश्रयस्थल बन गया जहाँ गरीबों और बेघरों को सांत्वना, शांति और सहायता मिल सकती थी। मदर टेरेसा का दृष्टिकोण तात्कालिक जरूरतों से परे था, जिसका लक्ष्य एक ऐसा स्थान प्रदान करना था जहां व्यक्ति शांति से रह सकें सकें।

अथक दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने अपने एनजीओ के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी कई स्कूलों, घरों, औषधालयों और अस्पतालों की स्थापना करके अपने प्रयासों का विस्तार किया। इस वैश्विक आउटरीच ने उन्हें जरूरतमंद अनगिनत लोगों के जीवन को सवारते हुए, अपने मिशन का विस्तार करने की अनुमति दी।

इस मिशन की स्थापना और उसके बाद स्कूलों और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार के माध्यम से, मदर टेरेसा का प्रभाव भौगोलिक सीमाओं को पार कर गया। लोगों के लिए देखभाल और सहायता के स्थान बनाने के प्रति उनका अटूट समर्पण इस बात का प्रमाण है कि एक व्यक्ति दुनिया में कितना बड़ा बदलाव ला सकता है।

मदर टेरेसा जिन्हें अक्सर लोगों के लिए एंजल ऑफ़ होप माना जाता है। कोलकाता के लोगों की सेवा करते हुए 5 सितंबर 1997 को उनका सांसारिक अंत हुआ। उनके निधन के समय मार्मिक क्षण ने देश को शोकग्रस्त कर दिया था। इस असाधारण आत्मा की याद में देश भर में आँसू बहे। उनके निधन के साथ, कमजोर लोगों-गरीबों, जरूरतमंदों, बेघरों और कमजोरों को अनाथ होने की एक नई भावना महसूस हुई।

उनके जाने के बाद उनके योगदान का सम्मान करने के लिए पूरे भारत में कई स्मारक बनाए गए। उनकी निस्वार्थ सेवा से प्रभावित होकर भारतीय लोगों ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी विरासत इन श्रद्धांजलियों के रूप में बनी रहे। सीमाओं से परे, बाहर के देश भी मदर टेरेसा की स्मृति में शामिल हुए और मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली महिला को श्रद्धांजलि देने के लिए कई स्मारक बनाए।

मदर टेरेसा को गरीब बच्चों के प्रबंधन और उन्हें पढ़ाने में बहुत सारी शुरुआती चुनौतियों का सामना करना पड़ा।  हालाँकि, उनकी दृढ़ता और स्वयंसेवकों और शिक्षकों के समर्थन ने इन बाधाओं को दूर करने में मदद की। बाद में, उन्होंने अपने मिशन को आगे बढ़ाया, गरीबों के लिए एक औषधालय की स्थापना की और अपने कार्यों के लिए भारतीय लोगों से गहरा सम्मान अर्जित किया। उनकी यात्रा साधारण शुरुआत से लेकर लोगों के लिए आशा का प्रतीक बनने तक के बदलाव को दर्शाती है।

मदर टेरेसा पर निबंध कैसे लिखें, इसके बारे में नीचे बताया गया है-

  • निबंध लिखने के लिए सबसे पहले एक स्ट्रक्चर बनाएं।
  • उसी तय स्ट्रक्चर के अनुसार जानकारी एकत्र करें।
  • कोई भी जानकारी निबंध में लिखने से पहले उसकी अच्छी तरह से पुष्टि कर लें।
  • निबंध लिखने से पहले ध्यान रखें कि भाषा का उपयोग सरल हों।
  • अपने निबंध के शीर्षक को आकर्षक बनाएं।
  • निबंध की शुरुआत प्रस्तावना से करें और निबंध का अंत निष्कर्ष से।
  • निबंध में शब्द चिन्ह का खास ध्यान रखें।
  • अलग-अलग अनुच्छेद को एक-दूसरे से जोड़े रखें।

मदर टेरेसा, जिनका जन्म एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु के नाम से हुआ, एक कैथोलिक नन थीं, जो अपने मानवीय कार्यों, विशेषकर गरीबों और निराश्रितों की सेवा के लिए जानी जाती थीं।

मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी 1950 में मदर टेरेसा द्वारा स्थापित एक धार्मिक संस्था है। यह जरूरतमंद लोगों की मदद करने पर केंद्रित है, जिसमें स्कूल चलाना, बीमारों और लोगों के लिए घर और अन्य धर्मार्थ गतिविधियाँ शामिल हैं।

गरीबी और पीड़ा को कम करने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी निस्वार्थ सेवा और कम लोगों के प्रति करुणा ने उन्हें यह प्रतिष्ठित पहचान दिलाई।

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Essay on Mother for Students and Children

500 words essay on mother for school students.

First of all, Mother is a word which fills everyone with emotions . A Mother is certainly the most important human being in everyone’s life. Mother’s Love for her child certainly cannot be compared with anything. Her level of forgiveness is unmatchable. A Mother is capable of forgiving any wrongdoing. Mother is the most important woman in everyone’s life. A mother sacrifices her happiness for her child. No one else can care for their kids the way a Mother does.  A Mother is great and does not need anyone like me explaining that. This essay on Mother is a small attempt to discover the greatness of a mother.

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Importance of a Mother

First of all, Mothers are highly responsible women. They certainly play a very important role in the upbringing of a chil d. Most noteworthy, Mothers play a huge role in determining a child’s attitude. Whether a child will be good or evil in the future depends upon the Mother. The moral values taught by Mother probably play a huge role. Individuals often remember their Mother’s values until old age. Hence, the Mother is responsible for the well-being of society. The future of society in a large way is the result of a Mother’s teaching.

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Mothers share a deep connection with their children. This connection certainly cannot be matched by anyone else. Even fathers fail to establish that type of understanding. The origins of this connection happen from infancy. Most noteworthy, a Mother can understand her infant child without communication. This certainly develops a strong emotional connection between a mother and child. This bond seems to carry into adult life. A Mother, it seems like, can always tell when we are feeling hungry.

Mothers also are the emotional backbone of the family. They support everyone’s feeling in a family. Family members can certainly tell their emotions to Mothers without worry. An individual can share almost any secret with Mother. This is because Mothers have a huge level of trust with their family. Furthermore, Mothers have an extremely forgiving nature. Hence, even wrongdoing can be shared with a Mother.

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How to Support Mothers?

First of all, Mothers are precious gifts from God. Without mothers, life would certainly be dark and gloomy. Therefore, it is our duty to help and support our Mothers. One important way to do that is to help in chores. Individuals must try to do more household work. This would certainly reduce the burden of Mothers. Hence, this will also improve her health. Another way of supporting Mothers is to speak words of affirmation.

Most noteworthy, a Mother’s heart is made of gold. A few words of acknowledgment would fill her heart with happiness. There are probably several ways of doing so. One way is to praise the meal cooked by her. Above all, such acknowledgment should come on a regular basis.

A Mother is a gem in everyone’s life. She is the ultimate source of happiness for a child. Her contributions are certainly too great to imagine. Above all, her love is pure and innocent. To find a Mother who does not love is probably an impossible task.

Read some awesome Essay Writing Tips here.

FAQs  – Essay on Mother

Q.1 At what age a child forms an emotional connection with Mother?

A.1 A child forms an emotional connection with his mother from the age of infancy.

Q.2 Mention one way in which children can help their Mothers.

A.2 Children can help their Mothers by speaking words of acknowledgment. This is one way of certainly helping Mothers.

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दादी माँ पर निबंध- Essay on Grandmother in Hindi

In this article, we are providing information about Grandmother in Hindi- Short Essay on Grandmother in Hindi Language. दादी माँ पर निबंध- Dadi Maa Essay in Hindi, 10 Lines on My Grandmother in Hindi

दादी माँ पर निबंध- Essay on Grandmother in Hindi

Essay on Grandmother in Hindi

दादी माँ पर निबंध | Short Grandmother Essay in Hindi for kids ( 150 words )

सफ़ेद बाल, आँखों पर चश्मा और हँसता चेहरा – ये हैं मेरी दादी माँ।

दादी माँ रोज़ सुबहपाँच बजे उठ जाती हैं। भजन-पूजा पाठ करके वे घूमने जाती हैं और लौटकर अखबार पढ़ती हैं। जब वे मुझे स्कूल छोड़ने जाती हैं तब रास्ते में रोचक खबरें सुनाती जाती हैं।

दादी माँ एक समाज सेविका हैं। हर रोज़ काफ़ी लोग उनसे मिलने आते हैं। दादी माँ सदा सबकी मदद करती हैं। शाम का समय वे हमारे साथ बिताती हैं। वे मेरे साथ कभी-कभी खेलती भी हैं। घर के काम में भी दादी माँ मदद करती हैं।

दादी माँ सबको बहुत प्यार करती हैं। कभी-कभी वे हमें अपनी पसंद का खाना भी बनाकर खिलाती हैं। मैं दादी माँ के साथ ही सोता हूँ। दादी माँ मुझे रोज़ एक कहानी सुनाती हैं। मुझे मेरी दादी माँ बहुत अच्छी लगती हैं। मेरे सब दोस्तों को भी दादी माँ बहुत अच्छी लगती हैं। सब उनकी प्रशंसा करते हैं।

Essay on Grandmother in Hindi for students ( 300 words )

दादी माँ पर निबंध, Dadi Maa Par Nibandh

दादी माँ सभी को बहुत प्यारी होती है और बच्चे उनके दुलारे होते हैं। मेरी दादी माँ का नाम रोशनी देवी है और वर हमारे साथ हमारे घर में ही रहती है। उनकी आयु लगभग 70 वर्ष है लेकिन उनमें अभी भी बहुत हिम्मत है। वह माँ के साथ घर का काम भी करवा देती है। वह हम सबसे बहुत प्यार करती है और हमारे कहने पर हमारी पसंद के व्यंजन भी बना देती है। जब कभी वह कुछ दिनों के लिए चाचा के घर रहने चली जाती हैं तो घर सूना सूना लगने लगता है क्योंकि वह हमारे घर में सबसे वृद्ध है और बात पर हमें सही राह दिखाती हैं। वह हमें पापा से डाँट पड़ने से भी बचाती है। दादी माँ का स्वभाव बहुत ही विनम्र और खुशमिजाज हैं। उनके घरेलू नुस्खे हर बिमारी में असरदार होते हैं।

मेरी दादी माँ सुबह 5:30 बजे उठ जाती है और तैयार होकर मंदिर जाती है। उन्हें धर्म कर्म के कार्य में विशेष रूचि है। हर रोज शाम की चाय वहीं बनाती है और हमें उनके हाथ की चाय बहुत पसंद है। वह सुबह और शाम में घर में आरती करती है। वह हमें मेले लगने पर पैसे देती हैं और हमें घुमाने भी ले जाती है। वह शाम को अपनी महिला मंडली के साथ सैर करने भी जाती है और उनके साथ धार्मिक स्थलों पर भी भ्रमण करने जाती हैं।

दादी माँ छोटी छोटी बातों पर चिंता करती है और हमेशा परिवार की खुशी की दुआ करती हैं। वह हमें अच्छे बुरे का फर्क समझाती है और हमारे रिती रिवाजोम के बारे में बताती हैं। मेरी दादी माँ हमें अपनी जिंदगी सो जुड़े कई किस्से बताती हैं और रात को सोने से पहले कहानियाँ भी सुनाती है। मुझे मेरी दादी से बहुत प्यार है।

# My Grandmother Essay in Hindi for kids

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ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Grandmother in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

9 thoughts on “दादी माँ पर निबंध- Essay on Grandmother in Hindi”

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VERY Nice Superb

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I would expect shot essays on our grandma but still loved it

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This is a very very nice essay ?

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Thank you This is very helpful to me

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It is very necessary at this time for me

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This story is so nice

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I'm a millennial mom of 3, and I rely on my mom's financial assistance

  • I'm a millennial mom with three kids and my mom helps me out financially.

Insider Today

Although my dad has helped out over the years, my 64-year-old mother — a retiree and recent widow after my stepdad died in 2023 — supports me the most. Stating this makes me cringe. I feel immense shame over being in midlife and heavily reliant on my parents.

Without a doubt, my mom expected to be free of dependents decades ago. At 40, she was planning an early retirement . But here I am, 39, unable to save a cent, in need of her financial support. While she lives alone, my kids and I occupy her townhouse.

Although I pay rent to her, it is well below market rate , utilities and internet are included, and accommodations are made when I don't have enough to pay. And that's not all. Over the years, she has gifted me vehicles, loaned me money, and given me cash outright.

At one point, I felt like I was on a good financial path

At 19, with my mom and stepdad acting as guarantors and contributing a $35,000 deposit that I later paid back, I became a homeowner of a townhouse like the one I am in now. I was otherwise financially independent, worked three jobs, had a good chunk of money saved, and my life was planned out. It looked like I was headed in the right direction.

So, where did I go wrong? Simply put, several bad investments of different kinds — dead-end relationships, attempts at pursuing education, and career choices — led to my current state of financial affairs.

I got married in 2009 while I was in university, and after putting nearly $20,000 toward a degree — all of which came from a registered education savings plan set up by my mom — I dropped out of school to start a family. Five years and two kids later, my marriage ended.

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After my divorce, I went back to school

We settled outside court and, with his parents' guidance, split the assets my parents had helped me acquire. We also shared the debt, including a sizable amount I was completely oblivious to. To this day, I am not entirely sure how so much shared debt was accrued , but I assume a large portion was my ex-husband's education expenses and purchases he put on credit cards. Ultimately, I was left without the place I had owned for 10 years, chasing minimum-wage jobs. I spontaneously decided to become a practical nurse to put myself in a better position.

After spending 18 months in full-time studies, acquiring additional specialized training, and working as a nurse, I was depleted. Not only was I feeling the effects of financial strain from the cost of school, but physical, mental, and ethical exhaustion had taken hold.

Still, I resolved to pursue further education. I switched to a focus on psychology instead of nursing to establish a career I was passionate about that aligned with my values and would allow me a better work-life balance. I was aware that I would be in it for the long haul.

Typically, to get a master's degree, a person will dedicate nearly seven years to their education: four years toward their bachelor's degree and two and a half years in a master's program. And that's only if they are taking a full course load. However, my course load has reflected my situation as a single mom; while other students typically enroll in five courses a semester, I have only taken three.

Another pregnancy made it hard to keep up, and I asked for help

I thought I could simultaneously pick up nursing shifts and study, but an unexpected pregnancy decimated the chances of that. Although I tried to find a job from home — a remote position where I could work around a new baby and fit into my already stretched schedule — I was unsuccessful. I was unemployed, my student loans were insufficient to live off, and the little resources I had dwindled away, leaving me reliant on borrowed money.

With inflation and the lack of other social support for parents in my position, after two years of staying at home with my youngest, I was drowning in debt . Luckily, I could still continue with school by signing up for remote education courses.

Typical expenditures such as vehicle repairs and maintenance, dental fees, vet bills, and costs associated with raising kids continued to drain my bank. Feeding, clothing, sheltering, and shuttling around growing kids all but obliterated my budget. I would rack up my two credit cards and then, as soon as I got my student loan, would pay them off. But the interest charges were astronomical, and I was doing a terrible job juggling it all.

I hit a breaking point one day, and after crying to my mom about my Visa debt, which was nearly $12,000, she offered to help me out. She loaned me money to pay off that debt and told me I could pay my rent when I received my next student loan payment.

Even though I feel embarrassed by my financial situation, I feel blessed. Not everyone has a family to back them like this. It seems no matter my age or what I need, my parents will come to my rescue, and I know I will do the same for my kids.

As I am set to graduate next summer, I am one step closer to accomplishing my long-term goal of obtaining a master's in counseling psychology. While this means at least two and a half years of graduate school and more money, it will allow me to help people how I've always wanted to. And this is all possible because I have the support of my family. Though it's embarrassing to acknowledge how much help I've had to ask for along the way, I hope one day, in my career, I will support others to pursue lives that bring them happiness.

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  14. Essay on Mother in Hindi माँ पर निबंध

    Essay on My Mother in Hindi 100 Words. मेरी माँ का नाम मानसी है। मेरी माँ सबसे अच्छी है। वो मुझसे बहुत प्यार करती है। वो सुबह सबसे पहले उठ जाती है और सबके लिए स्वादिस्ट खाना ...

  15. 10 lines on My Mother in Hindi

    On being sick, she takes care of my sleep at night, so she is also my doctor. 9. My mother is very religious and she regularly recites prayers. 10. She is also my best friend who always accompanies me. # Meri Maa Par 10 Line # 5 sentences about mother in Hindi. Essay on Mother in Hindi. 10 Lines on My Father in Hindi.

  16. माता पिता पर निबंध- Essay on Parents in Hindi

    10 lines on My Mother in Hindi. Essay on Grandmother in Hindi. My Father Essay in Hindi. Essay on Mother in Hindi. My Family Essay in Hindi. ध्यान दें - प्रिय दर्शकों Essay on Parents in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।. We are providing ...

  17. 10 Lines on Mother in Hindi। माँ पर 10 लाइन निबंध

    Mother Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। इस आर्टिकल में आप "माँ पर 10 लाइन निबंध" या '10 lines on Mother in hindi' में पढ़ेंगे।

  18. Mother Teresa Essay in Hindi: ऐसे लिखें मदर टेरेसा पर निबंध

    छात्र 100 शब्दों में मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi) ऐसे लिख सकते हैं -. करुणा की प्रतीक मदर टेरेसा ने अपना जीवन बेसहारा लोगों की सेवा ...

  19. Meri Maa par nibhand

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  20. Essay on Mother for Students

    A Mother is certainly the most important human being in everyone's life. Mother's Love for her child certainly cannot be compared with anything. Her level of forgiveness is unmatchable. A Mother is capable of forgiving any wrongdoing. Mother is the most important woman in everyone's life. A mother sacrifices her happiness for her child.

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  22. Mother Teresa Par Nibandh/Essay On Mother Teresa in Hindi ...

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  23. दादी माँ पर निबंध- Essay on Grandmother in Hindi

    दादी माँ पर निबंध | Short Grandmother Essay in Hindi for kids ( 150 words ) सफ़ेद बाल, आँखों पर चश्मा और हँसता चेहरा - ये हैं मेरी दादी माँ।. दादी माँ रोज़ सुबहपाँच बजे ...

  24. I'm a millennial mom of 3, and I rely on my mom's financial assistance

    Although my dad has helped out over the years, my 64-year-old mother — a retiree and recent widow after my stepdad died in 2023 — supports me the most. Stating this makes me cringe.