पर्यावरण पर निबंध (Environment Essay in Hindi)
पर्यावरण के इसी महत्व को समझने के लिए आज हम सब ये निबंध पढ़ेंगे जिससे आपको पर्यावरण से जुड़ी समस्त जानकारियाँ मिल जाएंगी। आपकी आवश्यकता को देखते हुए ये निबंध 300 शब्द, 400 शब्द, और 500 शब्द के अंतर्गत दिया गया है।
पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध || पर्यावरण की रक्षा कैसे करें पर निबंध || पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
पर्यावरण पर निबंध (100 – 200 शब्द) – Paryavaran par Nibandh
वो सारी चीजें जो हमारे चारों ओर हैं पर्यावरण कहलाता है जैसे हवा, पानी, आकाश, जमीन, जीव जन्तु, वनस्पति, पेड़ पौधे आदि। पर्यावरण, प्रकृति द्वारा भेंट किया गया एक तोहफा है। हम सबको स्वस्थ रूप से जीने के लिए जिन चीजों की जरुरत पड़ती है वो पर्यावरण हमे देता है। लेकिन मानवों ने अपने लालच को पूरा करने के लिए पर्यावरण को इतना दूषित कर दिया है कि आज धरती पर सारे जीव जन्तु भुगत रहे हैं।
बढ़ती जनसँख्या के डिमांड्स को पूरा करने के लिए, घर और कारखाने बनाने के लिए लोगों ने जंगल के जंगल काट दिए और नए पेड़ भी नहीं लगाए। कारखानों व फैक्ट्री से निकलने वाले कूड़े कचरे, प्लास्टिक और गंदे पानी ने हवा, पानी और मिट्टी को दूषित कर दिया है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे है, मर रहे हैं, जीव जन्तु विलुप्त हो रहे हैं, गर्मी में तापमान चरम सीमा पर पहुंच गया है, ठंढी में ज्यादा ठंढी पड़ती है, बरसात में समय पर बारिश नहीं होती इसलिए सूखा पड़ रहा है लोग खेती नहीं कर पा रहे है, असमय जलवायु परिवर्तन हो रहा है, ओज़ोन लेयर में छेड़ हो गया है जिससे अल्ट्रा वायलेट किरणे धरती पर आने लगी हैं, इत्यादि।
अगर हमें अपना स्वस्थ पर्यावरण वापस चाहिए तो हम सबको अपनी गलती जल्द से जल्द सुधारनी होगी। सिर्फ सरकार के नियम बनाने से कुछ नहीं होगा, हर एक इंसान को भी जागरूक होकर कदम उठाना होगा। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे, गाड़ियों की जगह साइकिल इस्तेमाल करना होगा, AC और फ्रीज का सहारा छोड़ना होगा, और वो सभी चीजे छोड़नी होगी जिससे हमारा पर्यावरण दूषित हुआ है।
पर्यावरण पर निबंध (300 – 400 शब्द) – Environment par Nibandh
धरती पर हम जिस परिवेश में रहते हों उसे पर्यावरण कहते हैं जो हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है और हमें जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है, जैसे कि स्वच्छ हवा, पानी, भोजन और आश्रय। धरती पर एक स्वच्छ पर्यावरण का महत्व इतना अधिक है कि इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन आज के आधुनिक युग में हम मनुष्यों ने अपने स्वार्थ और विकास की दौड़ में पर्यावरण को काफी हद तक दूषित कर दिया है।
पर्यावरण दूषित कैसे हुआ
विकास की अंधाधुंध होड़ में उद्योगों का तेजी से विकास हुआ, जिससे वायुमंडल में प्रदूषक गैसों का उत्सर्जन हुआ और वायु प्रदूषित हो गयी। बड़े बड़े उद्योगों के अपशिष्ट जल के नदियों में गिरने से जल प्रदिर्शित होकर एक गंभीर समस्या बन गया है। वनों के अंधाधुंध कटाई से न केवल वन्य जीवों का घर नष्ट हुआ है, बल्कि इससे मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और जल संकट भी उत्पन्न हुए हैं।
पर्यावरण दूषित होने से नुकसान
जलवायु परिवर्तन आज के समय में एक वैश्विक संकट बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिससे ग्लेसियर्स पिघल रहे हैं और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। इस जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कृषि, वनस्पति, और मानव जीवन पर भी सीधा पड़ रहा है। कई वन्य जीव प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं और कई विलुप्त होने के कगार पर हैं। साथ ही साथ मौसम चक्र में भी अनियमितता देखने को मिल रही है।
पर्यावरण को दूषित होने से कैसे बचाएं
हम सभी को बिना देर किये अपने पर्यावरण को संरक्षित करना होगा, इसके लिए सबसे पहले, वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा और वनों की कटाई को भी रोकना होगा। वृक्ष कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे वायु शुद्ध रहती है। हमें जल संसाधनों का संरक्षण करके पानी की बर्बादी को रोकना चाहिए। प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करके रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना चाहिए।
सरकारें द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं और कानून लागू की गयी हैं जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जल बचाओ अभियान, और वन महोत्सव इत्यादि। लेकिन सिर्फ सरकार से ही काम नहीं चलेगा, जन जागरूकता भी जरुरी है जो कि शिक्षा और प्रचार-प्रसार से संभव है।
जब तक हम ये नहीं समझेंगे कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि हर नागरिक का भी कर्तव्य है, तब तक हम सफल नहीं होंगे। हमें अपनी दैनिक जीवनशैली में छोटे-छोटे कई बदलाव करने होंगे, जैसे कि बिजली और पानी का संयमित उपयोग, पैदल चलना या साइकिल से चलना, और कचरे का सही निपटान करना इत्यादि। इन छोटे-छोटे प्रयासों से हम एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं और भविष्य में अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण दे सकते हैं।
पर्यावरण पर निबंध (250 – 300 शब्द) – Paryavaran par Nibandh
पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुए हैं। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बना रहे और कभी नष्ट न हो। तकनीकी आपदा के वजह से दिन प्रति दिन हम प्राकृतिक तत्व को अस्वीकार रहे हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस
पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा। पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है। वर्षों से प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए तथा साथ ही पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस समारोह के विषय को जानने के लिए, हमारे पर्यावरण को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये तथा हमारे उन सभी बुरी आदतों के बारे में जानने के लिए जिससे पर्यावरण को हानि पहुंचता है, हम सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।
पर्यावरण सुरक्षा के उपाय
धरती पर रहने वाले सभी व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे कदमों के माध्यम से हम बहुत ही आसान तरीके से पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। हमें अपशिष्ट की मात्रा में कमी करना चाहिए तथा अपशिष्ट पदार्थ को वही फेकना चाहिए जहां उसका स्थान है। प्लास्टिक बैंग का उपयोग नही करना चाहिए तथा कुछ पुराने चीजों को फेकने के बजाय नये तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए।
आईए देखें कि किस प्रकार हम पुराने चीजों को दुबारा उपयोग में ला सकते हैं- जिन्हें दुबारा चार्ज किया जा सकता है उन बैटरी या अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें, प्रतिदीप्त प्रकाश का निर्माण कर, बारिस के पानी का संरक्षण कर, पानी की अपव्यय कम कर, ऊर्जा संरक्षण कर तथा बिजली की खपत कम करके, हम पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखने के मुहिम की ओर एक कदम बढ़ा सकते है।
FAQs: Frequently Asked Questions on Environment (पर्यावरण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
उत्तर – हमारे चारों तरफ का वह परिवेश जो हमारे लिए अनुकूल है, पर्यावरण कहलाता है।
उत्तर – विश्व पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है।
उत्तर – पर्यावरण के प्रमुख घटक हैं- वायुमंडल, जलमंडल तथा स्थलमंडल।
उत्तर – जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण आदि पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार है।
उत्तर – बांग्लादेश विश्व का सबसे प्रदूषित देश है।
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Essay on Environment – पर्यावरण पर निबंध (200 Words)
हमारा पर्यावरण हमारे चारों ओर की दुनिया है, जहां हम रहते हैं और सांस लेते हैं। इसमें पेड़ों से लेकर जानवर, हवा, पानी और मिट्टी तक सब कुछ शामिल है। हमारा घर एक खूबसूरत जगह है, लेकिन यह भी हर दिन क्षतिग्रस्त हो रहा है। आज हमारे पर्यावरण की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण है। हम जीवाश्म ईंधन जलाकर हवा को प्रदूषित करते हैं, जिससे धुआं और अन्य हानिकारक गैसें निकलती हैं। इसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि पौधों और जानवरों पर भी पड़ता है। इसी प्रकार, औद्योगिक अपशिष्ट, प्लास्टिक बैग और अन्य रसायनों के कारण पानी प्रदूषित हो रहा है। खेती में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों और उर्वरकों के कारण हमारी मिट्टी गंदी हो रही है। हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना योगदान देना चाहिए। हम अधिक पेड़ लगा सकते हैं, प्लास्टिक का उपयोग कम कर सकते हैं, जरूरत न होने पर लाइटें बंद कर सकते हैं और कार चलाने के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकते हैं। हमें जानवरों को भोजन और आश्रय प्रदान करके उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। यदि हम सब मिलकर काम करें, तो हम अपने घर को एक स्वच्छ और सुरक्षित स्थान बना सकते हैं। हमें भविष्य के बारे में सोचना चाहिए और यह भी सोचना चाहिए कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़ना चाहते हैं। आइए पर्यावरण की रक्षा के लिए हाथ मिलाएं और इसे सभी के लिए एक बेहतर जगह बनाएं। हमारे आज के कार्य तय करेंगे कि कल हमारा ग्रह कितना स्वस्थ और खुशहाल होगा।
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पर्यावरण पर निबंध (Essay On Environment In Hindi)
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पर्यावरण पर 5 लाइन का छोटा निबंध (5 Lines On Environment in Hindi)
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हमारे आसपास मौजूद हर चीज पर्यावरण है, जिसमें हवा, पानी, पेड़-पौधे व अन्य सभी सजीव और निर्जीव शामिल हैं। दुनिया में जीवन आने के बाद से विकास शुरू हुआ और हर दौर के लोगों ने पर्यावरण का अपने अनुरूप प्रयोग किया। समय के साथ आधुनिकीकरण भी बढ़ता गया और हम मनुष्यों ने भविष्य की चिंता न करते हुए प्राकतिक संसाधनों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। नतीजा यह हुआ कि पर्यावरण खतरे में आ गया और उसके साथ-साथ अब हम सब का जीवन भी खतरे में है। इसलिए पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी और हम सभी को मिलकर लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।
नीचे हिंदी में दिए पर्यावरण संरक्षण पर निबंध के जरिए आप बेहतर रूप से पर्यावरण की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने बच्चे को भी शिक्षित कर सकते हैं। क्योंकि आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण की डोर आपके बच्चे के हाथों में होगी।
निबंध लिखने की शुरुआत छोटे क्लास से ही शुरू हो जाती है। क्लास 1, 2 या 3 के बच्चों को एंवायरमेंट पर हिंदी एस्से लिखना है, तो वो किस तरह से लिख सकते हैं नीचे 5 लाइन में बताया गया है।
- हमारे आसपास और चारों ओर जो कुछ भी सजीव और निर्जीव है, वह पर्यावरण है।
- इंसान और जानवरों को जीने के लिए साफ और स्वच्छ पर्यावरण की जरूरत है।
- स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल, और जैवमंडल मिलकर पर्यावरण बना है।
- प्लास्टिक और अन्य हानिकारक घटक हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है।
- पर्यावरण में सुधार के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
पर्यावरण हम सब के जीवित रहने के लिए जरूरी है और इसे जीवित रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। जिसकी जानकारी आने वाली जनरेशन को होना चाहिए। नीचे दिए गए 10 लाइन के पर्यावरण पर लेख से आप इसके बारे में आसानी से समझ सकते हैं।
- हमारे आसपास के सभी सजीव और निर्जीव घटक से पर्यावरण बना है।
- स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल, और जैवमंडल पर्यावरण के प्रमुख घटक है।
- विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है।
- पर्यावरण दूषित होने से इंसान और जानवरों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
- स्वस्थ जीवन के लिए साफ और स्वच्छ पर्यावरण का होना जरूरी है।
- पर्यावरण के दूषित होने के कारण लोगों में बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
- हमें लोगों में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलानी चाहिए।
- पर्यावरण बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
- प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल बिलकुल बंद कर देना चाहिए।
- पुनःउपयोग और पुनःचक्रण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
निबंध लिखने की शुरुआत क्लास 1, 2 और 3 के बच्चों से कर दी जाती है, जैसे-जैसे क्लास बढ़ता है निबंध और विस्तार में लिखा जाने लगता है। बड़ों के लिए निबंध लिखना आसान होता है, लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह एक चुनौती हो सकता है। इस चुनौती को आसान बनाने के लिए हिंदी में पर्यावरण पर दिए गए निबंध को पढ़ें।
पर्यावरण का मतलब होता है हमारे आसपास मौजूद सभी चीजें जो कही न कहीं हमे प्रभावित कर रही हैं। जैसे कि हवा, पानी, पेड़, जानवर, गंदगी, आदि। अगर आपका पर्यावरण स्वच्छ है तो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवित चीजें जैसे कि मनुष्य, जानवर को बढ़ने और विकास करने में मदद मिलेगी। लेकिन अब कई इंसानों द्वारा विकसित की गई तकनीकों के कारण हमारी पृथ्वी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जो हमारा पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ रहा है। ऐसे कर के इंसान बिना भविष्य के बारें में सोचकर अपने ही जीवन को खतरे में डाल रहा है। क्योंकि पर्यावरण हमें वो सभी जरूरतमंद संसाधन प्रदान करता है जो हमारे बढ़ने और विकास के लिए बेहतर माने जाते हैं। पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए हमें पर्यावरण को दूषित करने वाले सभी कार्यों को रोकने का प्रयास करते रहना चाहिए ताकि बच्चों के आने वाले भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
पर्यावरण हमारे आसपास के सभी सजीव और निर्जीव घटक से मिलकर बना है। स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल, और जैवमंडल पर्यावरण के प्रमुख अंग है। पर्यावरण का महत्व समझते हुए हम सब को पर्यावरण बचाने का प्रयास करना चाहिए जिसमें ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शामिल करें, क्योंकि अब भविष्य इन्हे ही तय करना है, और उसकी तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। कुछ नीचे बताए बिंदुओं से पर्यावरण के बारे में हम विस्तार में हम जानेंगे।
पर्यावरण क्या है? (What Is the Environment?)
पर्यावरण का अर्थ है ‘’चारों ओर से घिरा हुआ’’ जिसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि हमारे आसपास मौजूद लगभग हर चीज पर्यावरण के दायरे में आती है। प्राकृतिक और मानवीय पर्यावरण मिलकर एक संपूर्ण पर्यावरण का निर्माण करते हैं। जिसमें भूमि, हवा, पानी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी तथा जीव जन्तु आदि शामिल है।
पर्यावरण का महत्व (Significance of Environment)
- मनुष्य जीवन का निर्भर होना: हम इंसानों का जीवन पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर करता है। जैसे भोजन, पानी हवा आदि।
- प्राकृतिक संसाधन का बेहतरीन स्रोत: पर्यावरण हमारी रोज की दिनचर्या को चलाने के लिए वो सभी प्राकृतिक तत्व प्रदान करता है जो पृथ्वी पर जिंदा रहने वाले सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है।
- रोजगार का माध्यम: लाखों-करोड़ों किसान अपनी रोजी-रोटी के लिए पर्यावरण पर निर्भर रहते हैं। जो किसानी कर के फसलों को उगाने और बेचने का काम कर रहे हैं और इससे उनका घर चल रहा है।
- खाने का मुख्य स्रोत: पर्यावरण के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव हो सका है, इसके जरिए हमे वो मिलता है जिसके बिना जीवन मुमकिन नहीं है और वो है भोजन, हमारा खाना जो हमारी सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है।
- औषधियों का स्रोत: हमारी प्रकृति औषधियों का एक समृद्ध स्रोत है। सालों से ही लोगों के इलाज लिए जड़ी-बूटी और आयुर्वेद का सहारा लिया जाता रहा है और अभी इसका उपयोग जारी है।
पर्यावरणीय अवनयन या पर्यावरण ह्रास के प्रमुख कारण (Major Causes Of Environmental Degradation)
पर्यावरणीय ह्रास के दो प्रमुख कारण हैं पहला प्राकृतिक और दूसरा मानव निर्मित, जिसकी वजह से हमारे नेचुरल रिसोर्सेज और इकोसिस्टम प्रभावित हो रहे हैं। प्राकृतिक कारणों के पीछे भी कही न कहीं हम ही जिम्मेदार हैं। इसे समय रहते रोकना बहुत जरूरी है। हमारे द्वारा पैदा किया जाने वाले प्रदूषण, फैक्ट्री और वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैसों से पर्यावरण को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। इसके अलावा लड़कियों से बनने वाले सामानों की बढ़ती मांग के चलते पेड़ों को तेजी से काटा जा रहा है, जंगल खत्म किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से वातावरण में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बिगड़ने लगा है। इतना ही नहीं इन दिनों नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरों की वृद्धि के कारण रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग को बढ़ाया जा रहा है, जो हमारी मिटटी की गुणवत्ता पर प्रभाव डाल रहा और फसलों पर भी।
पर्यावरण को बचाने के उपाय (Measures To Protect The Environment)
हम पर्यावरण को बचाने के लिए यह आसान उपाय अपने जीवन में लागू कर सकते हैं:
- पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।
- नहाते वक्त या घर के अन्य कामों के लिए सिर्फ जरूरत भर पानी का इस्तेमाल करें।
- जरूरत न होने पर घर के पंखें और लाइट को बंद कर दें।
- बिजली बचाने वाले उपकरणों का प्रयोग करें।
- इको-फ्रैंडली चीजों का जितना हो सके प्रयोग करें।
- लोगों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाएं।
- हर दिन लगभग 27,000 से ज्यादा पेड़ काटे जा रहे हैं।
- प्लास्टिक के कारण हर साल लगभग 1,000,000 समुद्री जानवरों की मौत हो जाती है।
- पृथ्वी का केवल 1% पानी ही पीने योग्य है।
- ऑक्सीजन हर जीवित प्राणियों के लिए जरूरी है।
- पेड़ से बनाए गए पेपर को 6 बार रीसायकल किया जा सकता है।
हमारा पर्यावरण अगर बेहतर होगा तो हमारी पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवित लोग भी सुरक्षित रहेंगे। बच्चे आने वाले कल का भविष्य हैं और इसलिए बच्चों को इसके महत्व के बारे में जानकारी होना जरूरी है। ध्यान रहे कि प्लास्टिक और पर्यावरण को दूषित करने वाली हर वस्तु के प्रयोग से हमे बचना चाहिए और एको फ्रैंडली चीजों का उपयोग करना चाहिए साथ साथ जितना हो सके उतने ज्यादा पेड़ लगाएं।
1. प्रथम पर्यावरण दिवस कब मनाया गया था ?
प्रथम विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1973 को मनाया गया था।
2. भारत की मदर ऑफ एनवायरनमेंट किसे कहा जाता है?
श्रीमती सुनीता नारायण को भारत की मदर ऑफ एनवायरनमेंट कहा जाता है। यह एक भारतीय एनवीरोंमेंटलिस्ट और राजनीतिक कार्यकर्ता थी।
3. पर्यावरण में क्या-क्या शामिल होता है?
पर्यावरण में सभी तरह की जीवित और निर्जीव चीजें शामिल होती हैं, जैसे पेड़, जीव-जंतु, वायु, स्थल, जल आदि जिसके आधार पर मानव जीवन टिका हुआ है।
यह भी पढ़ें:
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World Environment Day Essay : छात्र ऐसे लिखें विश्व पर्यावरण दिवस पर सरल भाषा में निबंध
- Updated on
- जून 5, 2024
विश्व पर्यावरण दिवस हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है। यह वह दिन है जब हम पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूक होते हैं और इस धरती को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने का संकल्प लेते हैं। ऐसा कर पाना केवल तभी संभव है जब हम अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हों। पर्यावरण आज के समय का बहुत ही ज्वलंत मुद्दा है, इसलिए छात्रों को परीक्षा में इसके ऊपर निबंध लिखने के लिए भी दिया जाता है। यहाँ World Environment Day Essay in Hindi दिया जा रहा है, इसकी मदद से छात्र परीक्षा में पर्यावरण दिवस पर निबंध लिख सकते हैं।
This Blog Includes:
विश्व पर्यावरण दिवस कब है और क्यों मनाया जाता है, world environment day essay in hindi : विश्व पर्यावरण दिवस पर 100 शब्दों में निबंध , विश्व पर्यावरण दिवस पर 200 शब्दों में निबंध , पर्यावरणीय चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण के लिए समाधान, उपसंहार .
पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत 1974 में हुई थी, जिसके बाद से यह दिवस पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक वैश्विक मंच बन गया है।
विश्व पर्यावरण दिवस वृक्षारोपण, सफाई अभियान, जागरूकता अभियान और सेमिनार जैसी विभिन्न गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। पर्यावरण की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग इन गतिविधियों में भाग लेते हैं।
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छात्र 100 शब्दों में World Environment Day Essay in Hindi इस प्रकार से लिख सकते हैं –
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन पर्याववरण को बचाने और पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह दिन दुनिया भर को लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए लोगों को एक साथ लाने का दिन है।
इस दिन विश्व भर में पर्यावरण के संरक्षण के बारे में चर्चा की जाती है। इसके अतिरिक्त पृथ्वी को हरा भरा बनाने और पारिस्थितिक तंत्र को अधिक संतुलन बनाने जैसे गंभीर विषयों पर भी बात की जाती है। इन मुद्दों पर चर्चा करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इन पर न सिर्फ हमारा भविष्य बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी निर्भर करता है। विश्व पर्यावरण दिवस लोगों को उन मुद्दों के बारे में जागरूक करने का सही अवसर है जिनका हम सामना कर रहे हैं और कोई इसे बचाने में कैसे योगदान दे सकता है।
यह भी पढ़ें : जानिए कब और क्यों मनाया जाता है पर्यावरण दिवस?
छात्र 200 शब्दों में World Environment Day Essay in Hindi इस प्रकार से लिख सकते हैं –
पर्यावरण दिवस पर्यावरण को बचाने के लिए संकल्प लेने का दिन है। इस दिन वैश्विक स्तर पर लोगों को प्लास्टिक का प्रयोग कम से कम करने की कोशिशों के बारे में सोचना चाहिए। वाहनों के कारण होने वाला कार्बन उत्सर्जन भी प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। इस बारे में लोगों को और सरकारों को कड़े कदम उठाने चाहिएं। सरकारों को लोगों को निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। लोगों को कचरा इधर उधर ना डालकर हमेशा कचरेदान में ही फेंकना चाहिए। युवा सोशल मीडिया पर पोस्ट और हैशटैग्स आदि के द्वारा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने का काम कर सकते हैं।
इसके अलावा शिक्षक भी इस दिन बच्चों को पर्यावरण का महत्व समझाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इस दिन छात्र बच्चों को पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों का कोई टास्क देकर उन्हें पर्यावरण के महत्व के बारे में समझा सकते हैं। इसी प्रकार से माता पिता भी अपने घर के आँगन, बालकनी या बगीचे में पेड़ पौधे लगाकर उन्हें पर्यावरण के महत्व के बारे में समझा सकते हैं।
पर्यावरण दिवस को मनाने का सबसे बेहतरीन तरीका यही हो सकता है कि इस दिन लोग अपनी कॉलोनियों, मोहल्लों और सोसाइटियों में अधिक से अधिक पेड़ लगाकर अपने आसपास को हरियाली से भर दें।
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विश्व पर्यावरण दिवस पर 500 शब्दों में निबंध
छात्र 500 शब्दों में World Environment Day Essay in Hindi इस प्रकार से लिख सकते हैं –
प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को प्रकृति की रक्षा के लिए प्रेरित करना है। पर्यावरण संरक्षण आज के समय का सबसे ज्वलंत मुद्दा है। इसके संरक्षण के संबंध में विभिन्न समस्याएं खड़ी हुई हैं, जिनका समाधान किया जाना अतिआवश्यक है।
आज, हम कई गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, वायु और जल प्रदूषण, जैव विविधता का ह्रास, और वनों की कटाई शामिल हैं। इन चुनौतियों का ग्रह और मानव जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है।
मार्क रफालो का एक उद्दरण है कि “जलवायु परिवर्तन इस ग्रह पर हमारे छोटे से इतिहास में हमारे अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है। कोई भी इसके प्रभावों से बच निकलने के लिए तैयार नहीं है।”
जलवायु परिवर्तन सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लेशियरों का पिघलना, समुद्र का स्तर बढ़ना, और चरम मौसम की घटनाएं हो रही हैं।
वायु और जल प्रदूषण भी प्रमुख चिंता का विषय हैं। वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनता है, जबकि जल प्रदूषण स्वास्थ्य समस्याओं और जल संसाधनों की कमी का कारण बनता है।
जैव विविधता का ह्रास
जैव विविधता का ह्रास एक और गंभीर खतरा है। प्राकृतिक आवासों के विनाश और अत्यधिक शोषण के कारण कई प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर हैं।
वनों की कटाई
वनों की कटाई भी एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय समस्या है। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो जलवायु परिवर्तन को कम करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं। वनों की कटाई से मिट्टी का क्षरण, बाढ़ और सूखा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
रामधारी सिंह दिनकर ने वृक्षों का महत्व अपनी कविता में बताया है जो है –
अंतिम समय जब कोई नहीं जाएगा साथ एक वृक्ष जाएगा अपनी गौरैयों-गिलहरियों से बिछुड़कर साथ जाएगा एक वृक्ष अग्नि में प्रवेश करेगा वही मुझ से पहले
‘कितनी लकड़ी लगेगी’ शमशान की टालवाला पूछेगा ग़रीब से ग़रीब भी सात मन तो लेता ही है
लिखता हूँ अंतिम इच्छाओं में कि बिजली के दाहघर में हो मेरा संस्कार ताकि मेरे बाद एक बेटे और एक बेटी के साथ एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, हमें तत्काल और ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है। हमें जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में निवेश करने, ऊर्जा दक्षता में सुधार करने, और प्रदूषण को कम करने के लिए काम करने की आवश्यकता है। हमें प्राकृतिक आवासों की रक्षा करने, वनों की कटाई को रोकने और जैव विविधता का संरक्षण करने के लिए भी प्रयास करने होंगे।
पर्यावरण की रक्षा में हर व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हम सभी छोटे-छोटे बदलाव करके पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। हम कम ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं, कम पानी बर्बाद कर सकते हैं, रीसायकल कर सकते हैं, कम प्लास्टिक का उपयोग कर सकते हैं, और सार्वजनिक परिवहन या साइकिल चलाकर वाहनों के उपयोग को कम कर सकते हैं।
संरक्षणवादी, वैज्ञानिक और प्राइमेटोलॉजिस्ट जेन गुडॉल का एक उद्धरण है कि “सौभाग्य से, प्रकृति आश्चर्यजनक रूप से लचीली है : जिन स्थानों को हमने नष्ट कर दिया है, उन्हें समय और सहायता दी जाए तो वे एक बार फिर जीवन का समर्थन कर सकते हैं, और लुप्तप्राय प्रजातियों को दूसरा मौका दिया जा सकता है और ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है, खासकर युवा लोगों की, जो इन समस्याओं के बारे में जानते हैं और हमारे एकमात्र घर, ग्रह पृथ्वी के अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हम सभी को उस लड़ाई में शामिल होना चाहिए।”
पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। सरकारों, व्यवसायों और व्यक्तियों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि धरती हमारा एकमात्र घर है, और इसे बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।
विश्व पर्यावरण दिवस हमें प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को याद दिलाने का एक अवसर प्रदान करता है। आइए हम इस दिन को धरती को बचाने के लिए एक संकल्प लेने और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होने का अवसर बनाएं।
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Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।
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