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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (A Visit to Zoo Essay in Hindi)

हम अपने मनोरंजन या घूमने के उद्देश्य से कई जगहों पर जाना पसंद करते हैं। हमारे आस-पास ऐसे कई स्थान हैं जहां हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए जाते हैं और उन जगहों का आनंद लेते हैं। इस प्रकार से हमें अपने रोजमर्रा के कार्यों से थोड़ा आराम मिलता है और हम खुद को तरोताजा महसूस करते है। किसी पहाड़ी, धार्मिक स्थल, चिड़ियाघर ऐसे कई मनोरंजन के स्थान हैं। बचपन में सभी ने चिड़ियाघर का आनंद अवश्य लिया होगा। यहाँ जाना सभी के लिए बहुत ही आनंदपूर्ण होता है।

मैं यहां चिड़ियाघर की अपनी एक यात्रा को प्रदर्शित कर रहा हूँ। उम्मीद है इससे आप बहुत ही रोमांचित होंगे।

चिड़ियाघर की सैर पर छोटे तथा बड़े निबंध(Short and Long Essay on A Visit to Zoo in Hindi, Chidiyaghar ki Sair par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250-300 शब्द)-चिड़ियाघर की सैर पर निबंध.

चिड़ियाघर की सैर बहुत आनंददायक और शिक्षाप्रद होता है। हम नए नए पशु पक्षियों से परिचित होते है, जिससे हमें एक अलग अनुभव प्राप्त होता है। हम अपने पसंद के जानवरों के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा रखते हैं। विभिन प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं। इसके लिए वो चिड़ियाघर जाने के लिए हमेशा ही तैयार रहते है।

मै पहली बार दिल्ली के चिड़ियाघर में गया था। मै इस सैर पर जाने के लिए बहुत उत्सुक था। मुझे याद है जब मै दिल्ली चिड़ियाघर गया था मैंने पहली बार भालू देखा था। वहां सारस, मोर, हाथी, तोता जैसे पशु पक्षी थे। मैंने वहां एक मादा हाथी को देखा जो अपने बच्चे को प्यार कर रही थी। मैंने वहां पर उन पशु पक्षियों की तस्वीर भी ली। मैंने पूरे चिड़ियाघर में विचरण किया और वहां के प्रत्येक जानवरों व पक्षियों को नजदीक से देखा और उनके बारे में जानकारी प्राप्त किया ।

चिड़ियाघरमें पाये जाने वाले जानवर और पक्षी

चिड़ियाघर में तरह तरह के पशु पक्षी पाए जाते है। जिनमे साइबेरियन पक्षी, ऑस्ट्रेलियन तोता, दरियाई घोडा, कठफोड़वा, बाज़, गेंडा, हाथी, हाइना, पांडा, जिराफ, किंगफ़िशर, पेंगुइन, शुतुरमुर्ग जैसे पशु पक्षी प्रमुख रूप से पाए जाते है। चिड़ियाघर में हिरण, बबून, तेंदुआ आदि जैसे दुर्लभ पशु पक्षी भी पाए जाते है।

हम सभी को चिड़ियाघर की सैर करनी चाहिए। चिड़ियाघर की सैर से हमें प्रकृति से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त होता है। हमें प्रकृति की सुंदरता का आभास होता है।

चिड़ियाघर की सैर पर दीर्घ निबंध – 1600 शब्द

हममें से कईयों ने चिड़ियाघर का दौरा अवश्य किया होगा। उनमें से कई अपने पसंद के जनवरों से प्यार भी करते होंगे। हर किसी को अलग-अलग तरह के जानवर पसंद होंगे। सभी ने अपने पसंद के जानवर को टेलीविजन या चिड़ियाघर के दौरे में अवश्य ही देखा होगा। इन जानवरों को देखना हमारे लिए आनंददायी और रोमांचकारी होता हैं। हम अपने पसंद के जानवरों के बारे में अधिक से अधिक जानने की इच्छा रखते हैं। विभिन प्रकार के जानवरों को देखने और उनके बारे में जानने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं। इसके लिए वो चिड़ियाघर जाने के लिए हमेशा ही तैयार रहते है।

चिड़ियाघर क्या है ?

चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है जिसे सार्वजनिक रूप से लोगों के घूमने के लिए संरक्षित की जाती है। यहां विभिन्न प्रकार के जीव जंतु एक साथ अलग-अलग जगहों पर रखे जाते हैं। जानवरों से लोगों और लोगों से जानवरों की रक्षा के लिए इसे तरह-तरह के सुरक्षा तरीकों से सुरक्षित किया गया होता हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के जानवर एक जगह स्टील के तारों या लोहे की सलाखों की सहायता से अलग-अलग रखे जाते हैं। इनमें जानवरों को अलग-अलग रखा जाता है ताकि वो प्रजनन कर अपने परिवार को और अधिक बढ़ा सके।

जानवरों के रहने के लिए इन्हें प्राकृतिक रूप से प्रकृति जैसी ही सुंदरता और सुविधाजनक बनाई जाती हैं। यहां जानवर सुरक्षित अवस्था में रह सकते है। एक चिड़ियाघर बहुत ही अधिक क्षेत्रफल में होता हैं, जिसमें जानवरों को अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षित रखा जाता हैं। इसमें जानवरों के लिए विभिन्न तरीकों से जंगल के जैसा माहौल देने की कोशिश की जाती है ताकि जानवर जंगल जैसा एहसास यहां महसूस कर सकें।

मानवों के अंधा-धुंध जंगलो की कटाई से जानवरों का अस्तित्व खतरे में आ गया हैं। इसके कारण जंगल भी खत्म होते जा रहे है। जंगलों के कटाव के कारण जानवरों के रहने और खाने की समस्या और अधिक बढ़ती जा रही हैं। जिसके उपरांत आजकल जगलों के नजदीक गावों में जानवरों का मानवों पर आक्रमण बढ़ता देखा जा सकता हैं। इसके साथ ही जानवरों की कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर खड़ी हैं। चिड़ियाघर जंगलों की तरह ही माहौल वाला एक बड़ा क्षेत्र होता है जो सरकार के द्वारा जानवरों और पक्षियों के सुरक्षा और देखभाल करने के लिए बनाई जाती है। इस प्रकार से जानवरों की सुरक्षा और उनको विलुप्त होने से बचाये रखने में सहायता मिलती है।

बच्चों को जानवरों के प्रति अधिक प्यार और सम्मोहन होता हैं। वो अपने पसंददीदा जानवर को देखकर बहुत ही प्रसन्न होते है। अपने पसंदीदा जानवर को देखना और उनके बारे में अधिक जानकारी इकठ्ठा करने के लिए उन्हें चिड़ियाघर जाना बहुत ही अच्छा लगता है। बच्चों के लिए यह जगह बहुत रोमांचकारी होती हैं वही बड़ों के लिए यह एक पिकनिक स्थान के तरह होता हैं। जहां घूमने से रोज के कार्यों से वो खुद को तरोताजा महसूस करते है।

भारत में जूलॉजिकल पार्क

भारत के विभिन्न राज्यों के अनेक शहरों में कुल मिलाकर 72 चिड़ियाघर बनाये गए हैं। ये चिड़ियाघर जानवरों के विलुप्त होने से बचाने के लिए बनाये गए हैं। इनमें उनके संरक्षण के लिए जंगलो जैसा माहौल बनाया गया हैं और उनकी पूरी तरह से देखभाल की जाती हैं। ऐसे चिड़ियाघर पर्यटकों/घूमने वालों के लिए एक निश्चित समय के लिए ही खोले जाते हैं, जिससे की जानवरों और इंसानों दोनों की सुरक्षा की जा सकें। बच्चों के लिए ये स्थान सीखने के साथ-साथ आनंद के लिए एक उचित जगह के रूप में होती हैं। यहां पर हम विभिन्न प्रकार के जानवरों को प्रत्यक्ष रूप में देख सकते हैं और उनके बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

चिड़ियाघर जाने का मेरा अनुभव

मुझे प्रकृति से बहुत प्यार है और मुझे प्राकृतिक जगहों पर घूमना बहुत पसंद हैं। पक्षी और जानवर ही हमारी प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाते है और मुझे ऐसा लगता है की इनके बिना प्रकृति अधूरी है। ये सभी प्रकृति की सुंदरता और लोगों की आजीविका को आपस में जोड़ते हैं।

स्कूल के दिनों में मुझे लखनऊ के चिड़ियाघर की यात्रा करने का मौका मिला। इस चिड़ियाघर का नाम नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान था। मैं अपनी इस यात्रा को लेकर बहुत ही उत्साहित था, क्योंकि यह चिड़ियाघर की मेरी पहली यात्रा थी।

चिड़ियाघर जाने वाले दिन हम सभी सुबह स्कूल पहुंचे और अपने सहपाठियों और अपने अध्यापकों के साथ लखनऊ तक बस की यात्रा करने लिए हम सभी इकठ्ठा हुए और हम यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार थे। चिड़ियाघर की यात्रा मेरे लिए बहुत ही उत्साहित और रोमांचित थी। समय बितने के साथ ही चिड़ियाघर के लिए मेरी उत्सुकता और अधिक बढ़ती जा रही थी। इससे पहले मैंने केवल सिनेमा और किताबों में ही चिड़ियाघर के बारे में देखा और पढ़ा था। यह मेरे जीवन का बहुत ही अच्छा पल था की मुझे सर्दियों के मौसम में चिड़ियाघर जाने का मौका मिला। यह मेरे लिए इसलिए अच्छा था क्योंकि सर्दियों के दिनों में जानवर धुप लेने के लिए अपने पिंजरों से बाहर निकल धुप में दिख जाते हैं। जबकि गर्मियों के मौसम में सभी जानवर अपनी पिंजरों या किसी ठंडी छांव की आड़ में बैठे होते है।

कुछ ही घंटो के बाद हम सुरक्षित चिड़ियाघर पहुंच गए और अध्यापकों के कहे अनुसार सभी एक कतार में खड़े हो गए, और अंदर जाने के लिए अपनी बारी का इंतिजार करने लगें। हमारे अध्यापक ने पहले से ही सभी के लिए टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन ही कर ली थी। हम सभी अपनी कतार के अनुसार एक-एक करके अंदर गए।

चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार – चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार पर एक विशालकाय पेड़ का प्रारूप बनाया गया था, इस पेड़ की शाखाओं पर कोई भी पत्तियां नहीं थी। इस पेड़ पर अलग-अलग जानवरों की आकृति बनाई गई थी, जैसे बंदर, भालू, मोर, तरह-तरह के पक्षी इत्यादि। द्वार के सामने ही एक बड़े शेर की आकृति बनाई गई थी। इस पेड़ के आस-पास ज़ेबरा, गैंडा, जिराफ़ व अन्य जानवरों की आकृति भी बनाई गई थी। यह पूरी तरह से हमें चिड़ियाघर के अंदर का एक परिदृश्य दिखा रहा था। प्रवेश द्वार पर हमें अपनी कई तस्वीरों को भी लिया था।

चिड़ियाघर के अंदर – चिड़ियाघर के अंदर प्रवेश के रास्तें में विभिन्न जानवरों की प्रतिमा जैसे शेर, भालू, हाथी, गैंडा इत्यादि की मूर्तियों से सजी पड़ी थी। शुरू में ही काले हिरण का एक झुण्ड था जो की स्टील की बाड़ों से घिरे हुए थे। सभी हिरन इधर-उधर टहल रहे थे। किसी भी जानवर की पूर्ण जानकारी और सुरक्षा के नियम वहां के संरक्षित क्षेत्र के बाहर बोर्ड पर अंकित की गयी थी।

चिंपांजी का निवास स्थल बहुत ही दिलचस्प दिखाई दे रहा था। हमने देखा की वहां दो चिंपांजी बैठे थे और धुप से गर्मी ले रहे थे। चिंपांजी हमें देखकर विभिन्न प्रकार के चहरे बना रहे थे जिन्हें देखकर हमें हसी आ रही थी। चिंपांजी बहुत ही बुद्धिमान जानवर होते हैं वे बहुत ही ढंग से बैठे हुए थे। हम सभी ने थोड़ी देर वहां रुक कर चिंपांजी की रहने के तरीकों और हरकतों का आनंद लिया। इसके बाद हमने शुतुरमुर्ग को उसके पिंजरे में देखा, वास्तव में यह बहुत ही विशालकाय पक्षी था जैसा की हम सभी ने कितबों में पढ़ा था।

चिड़ियाघर में एक ही कतार में अलग-अलग प्रकार के कई पक्षियों का पिंजरा था। पक्षियों के इतनी मात्रा में देखकर हम मंत्रमुग्ध हो गए। सभी पक्षी विभिन्न रंगों और नश्लों के थे। आगे चलकर हमने शेर और बाघ को भी देखा। शेर दहाड़ते हुए बहुत ही भयानक दिखाई दे रहा था। बाघ अपने बाड़ों में इधर-उधर घूम रहा थे। हमें चिड़ियाघर में तीन हिमालयन भालू को भी देखा, जो अपने बाड़ों में आराम कर रहे थे। वहां हमने सफेद बाघ को भी देखा जो बहुत ही शानदार दिखाई दे रहा था।

इन सभी के अलावा चिड़ियाघर में एक खिलौने वाली ट्रेन भी थी, इसके साथ ही विभिन्न झूलों के साथ एक पार्क भी स्थित था। हम सभी 4-5 घंटे तक चिड़ियाघर के अंदर ही थे। हम सभी पूरे चिड़ियाघर में घूमे और वहां के प्रत्येक जानवरों को नजदीक से देखा और उनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर पायें।

क्या चिड़ियाघर कुछ सीखने और मनोरंजन का स्थान है ?

चिड़ियाघर घूमने के लिए एक बहुत ही मनोरंजक और रोचक जगह है। हम इसमें विभिन्न जानवरों को अपनी आखों के सामने देख सकते हैं। हम शेर, भालू, गैंडा, सफेद बाघ इत्यादि जानवरों को चिड़ियाघर में देख सकते हैं जो की केवल जंगलों में ही देखे जा सकते है। हमने इन सभी जानवरों के रहने और उनके व्यवहार करने के तरीकों को बहुत ही नजदीक से देख सकते हैं और इनके बार में अधिक जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं।

चिड़ियाघरों में हमें विभिन्न प्रकार के नए जानवरों को देखने और उनके बारे में भी पता चलता हैं। जिन्हें हमने पहले केवल किताबों या टी.वी. पर ही देखा था। चिड़ियाघर में जाने के बाद हम उनके साथ अधिक समय और उनके बारे में अधिक जानकारी इकठ्ठा करने की सोचते है। वहां से बहार निकलन का हमारा मन नहीं करता है।

मेरी राय में चिड़ियाघर अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनोरंजन और आनंद लेने की एक उत्तम जगह के रूप में है। यहां हमें विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखने और उनके बारे में अनेकों जानकारी एक साथ प्राप्त हो जाती हैं। इस प्रकार से हम यह कह सकते हैं कि चिड़ियाघर सीखने और मनोरंजन करने का एक सम्पूर्ण स्थान है।

इस चिड़ियाघर के दौरे के बाद मैं बहुत ही प्रसन्न था। यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे पलों में से एक था जो मैंने चिड़ियाघर के अंदर बिताये थे। मेरे मन में बार-बार चिड़ियाघर घूमने की भावना आती है। हमें चिड़ियाघर घूमते समय वहां दिए गए दिशा-निर्देशों का अवश्य पालन करना चाहिए ताकि हमें किसी भी प्रकार की समस्या या जानवरों के गुस्से का सामना न करना पड़े।

Essay on A visit to Zoo

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi

इस लेख में आप चिड़ियाघर की सैर पर निबंध हिंदी में (Essay on Visit of The Zoo in Hindi) पढेंगे। जिसमें चिड़ियाघर क्या है? मेरी पहली सैर, विविध जानवर और पक्षी, अनुभव और 10 वाक्यों को आकर्षक रूप से शामिल किया गया है। 

Table of Contents

प्रस्तावना (चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi)

दुनिया में जीव-जंतुओं की करोड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। यह प्रजातियां दुनिया भर के विभिन्न जंगलों में फैली हुई हैं।

वर्तमान समय में वन्यजीवों पर होने वाले अत्याचार के कारण उनके लिए सुरक्षित उद्यान और राष्ट्रीय उद्यान का निर्माण किया गया है। विभिन्न प्रकार के उद्यानों में पशु पक्षियों को उचित और अनुकूल वातावरण में इनकी रक्षा की जाती है।

चिड़ियाघर अथवा प्राणी उपवन में पशु-पक्षियों को बड़ी संख्या में संग्रहित किया जाता है। चिड़ियाघर में वन्यजीवों को जंगल की तरह ही अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाता है जहां वे बिना किसी भय के रहते हैं।

चिड़ियाघर के वन्य प्राणियों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यह बच्चों के मनोरंजन के लिए उत्तम स्थान होता है।

यह  नाना प्रकार के पशु पक्षियों से भरा होता है। यह न केवल बच्चों के मनोरंजन अपितु विद्यार्थियों के लिए  महत्वपूर्ण स्थान होता जहां से वे विभिन्न प्रकार की जानकारियां इकट्ठी कर सकते हैं।

वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए चिड़ियाघर का निर्माण किया जाता है ताकि पशु पक्षियों की लुप्त होती प्रजातियों का संरक्षण किया जा सके।

चिड़ियाघर क्या है? What is Zoo in Hindi?

वन्यजीवों  के संरक्षण के लिए जहाँ उन्हें रखा जाता है तथा आम लोगों के लिए खुला होता है, उसे चिड़िया घर कहा जाता है। दूसरे शब्दों में इसे वन्य जीव उद्यान भी कहा जाता है।

आधुनिकरण के कारण ऐसी कई वन्यजीवों की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही है जिनका होना आवश्यक है। इसीलिए ऐसे दुर्लभ जीव जंतु तथा पशु पक्षियों को चिड़ियाघर में रखा जाता है।

जंगल के जैसे ही वातावरण तथा खान-पान सभी वन्यजीवों को दिया जाता है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।

चिड़ियाघर में प्रत्येक पशु पक्षियों को रखने का स्थान अलग अलग होता है। जीवो के स्वभाव और प्रकृति के समान ही उनकी रहने की व्यवस्था भी की जाती है।

यहां पर अलग-अलग आकार के वन्य जीवों का पालन किया जाता है जिन्हें देखने के लिए कई दर्शक आते हैं।

यहां पर कई ऐसे खूंखार पशु पक्षियों का भी पालन किया जाता है जो दर्शकों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं इसलिए उन्हें अलग तरह के पिंजरे अथवा गड्ढे में रखा जाता है।

चिड़ियाघर एक ज्ञानवर्धक सैर Visiting Zoo in Hindi

चिड़ियाघर को प्राणी उद्यान भी कहा जाता है। यह विशेषकर बच्चों के लिए यह मनोरंजन का स्थान होता है तथा बड़े लोग और विद्यार्थियों के लिए वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का उत्तम स्थान होता है।

वन्यजीवों को उचित वातावरण देने के लिए यहां पूरी तरह से हरियाली होती है। चिड़ियाघर में प्रवेश करने के  बाद ऐसा लगता है कि हम किसी जंगल में आ गए हो।

यह स्थान अत्यंत ज्ञानवर्धक होता है जहां हम अपनी रोजमर्रा जिंदगी से अलग वन्यजीवों के रहन सहन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

चिड़ियाघर का निर्माण हमेशा ऐसे स्थान पर होता है जहां पूरी तरह से हरियाली हो। यहां वन्यजीवों के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता भी देखने को मिलती है।

सभी पशु पक्षियों को खुले मैदान में रखा जाता है तथा बाहर से मोटा पिंजरा बना दिया जाता है जिससे  वे बाहर न भाग जाएं तथा दर्शकों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचा सके।

चिड़ियाघर में शेर, बाघ, हाथी , जेब्रा, जिराफ, नीलगाय, हिरण, गेंडा, रेगिस्तानी ऊंट, आदि जैसे कई जमीन पर रहने वाले पशुओं का संग्रह किया जाता है।

यहां बंदरों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें चिंपैंजी दर्शकों को सबसे अधिक मनोरंजीत करते हैं। इसके अलावा पक्षियों में छोटी तथा बड़े आकार के सभी पक्षियों का भी संग्रह किया जाता है।

विशेषकर मोर की अनेकों प्रकार की प्रजातियां यहां पाई जाती हैं जो दिखने में बहुत सुंदर होती हैं। मोर की सुंदरता के कारण ही इसे सभी लोग बहुत पसंद करते हैं।

यहां विदेशी जानवरों की प्रजातियां भी बड़ी संख्या में पाई जाती हैं, जो दर्शकों के मनोरंजन का केंद्र होती हैं।

चिड़ियाघर की मेरी पहली सैर My First Visit of the Zoo in Hindi

मैं पहली बार चिड़ियाघर अपने माता-पिता के साथ गया था। यहां जाने से पहले मैं वन्यजीवों की प्रजातियां को देखने के लिए बेहद उत्सुक था।

चिड़ियाघर में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले एक टिकट कार्यभाग होता है, जहां हमने टिकट लिया था इसके बाद बेहद उत्सुकता से  हमने यहां पर प्रवेश किया।

यहां पर प्रवेश करने के बाद मैंने रंग-बिरंगे फूलों से भरे मैदानों को देखा जो बेहद आकर्षक था। थोड़ी दूर चलने के बाद हमने एक बड़े से पिंजरे को देखा जिसमें बहुत सारे रंग बिरंगे तोते , कबूतर, मैना, गौरैया आदि आपस में  क्रीड़ा कर रहे थे।

वहां पर मगरमच्छ से भरे तालाब को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक इकट्ठे हुए थे। तालाब के आसपास मगरमच्छ के खाने के लिए कुछ मांस के टुकड़े फेंके गए थे।

शेर को  बहुत बड़े से मैदान में रखा गया था जो जमीन से लगभग कई मीटर नीचे बनाई गई थी। दर्शकों की सुरक्षा के लिए  मैदान के चारों ओर गहरी खाई बनाई गई थी। इस मैदान में दो से तीन शेर है जो आराम कर रहे थे।

खुले मैदान वाले पिंजरें में हिरण को रखा गया था जो उछल कूद करके आपस में ही खेल रहे थे। इसके थोड़ी दूर पर जेब्रा, नीलगाय, और कंगारू के लिए अलग से पिंजरे बनाए गए थे।

चिड़ियाघर में बंदरों को देख आनंद आया जहां काले लंगूर और चिंपैंजी को देखने के लिए कई लोग भीड़ लगाए खड़े थे।

मेरी पहली  चिड़ियाघर की सैर बेहद यादगार रही जहां मुझे मनोरंजन के साथ-साथ विभिन्न पशु पक्षियों के बारे में बहुत सारी जानकारी मिली।

चिड़ियाघर के जानवर और पक्षी Birds and Animals of the Zoo in Hindi

चिड़ियाघर में कई सारे पशु पक्षियों को रहने के लिए को अलग-अलग आकार के पिंजरे कि व्यवस्था की गई होती है। 

जहाँ सभी वन्यजीवों का अच्छी तरह से ख्याल रखा जाता है और खाने पीने के लिए उनकी प्रकृति अनुसार भोजन दिया जाता है।

यहां कई प्रकार के वन्यजीवों का पालन किया जाता है, जिन्हें देखने में मात्र एक दिन पर्याप्त नहीं होता है। क्योंकि इतने सारी जीवो को एक बार में देखा तो जा सकता है, पर मनोरंजन अधुरा रह जाता है, इसलिए यहां पर बार-बार आने की इच्छा होती है।

चिडियाघर की सैर का अनुभव Zoo Visit Experience in Hindi

चिड़ियाघर की सैर का मेरा अनुभव बहुत मजेदार रहा जहां मैंने वन्यजीवों के बारे में बहुत सारी बातें जानी।

यहां हमने सांपों के पिंजरे को भी देखा जहां अलग-अलग आकार और रंग के सांप है। यह सभी  सांप कांच के एक बड़े से पिंजरे में रखे गए थे जो बेहद डरावने दिख रहे थे।

मैं अपने साथ कुछ फ़ल भी लेकर गया था जिन्हें मैंने बंदरों को खिलाया। वैसे तो यहां पर किसी भी वन्यजीव को कुछ खिलाना मना होता है लेकिन बंदर अधिक आक्रामक नहीं होता है।

हमने  बड़े से पिंजरे में  जंगल के राजा शेर को देखा जो दिखने में बहुत विशाल था तथा उसके पीठ पर बहुत सारे बाल लहरा रहे थे। मैंने पहली बार अपने जीवन में शेर को देखा था  इसलिए यह पल मेरे लिए बहुत याद कर रहा है।

चिड़ियाघर में घूम घूम कर हमने बहुत सारे पशु पक्षियों को दिखा जिसके बाद हमने एक छायादार पेड़ के नीचे बैठकर कुछ आराम करने के बाद फिर से एक मजेदार सैर पर  निकल पड़े।

चिड़ियाघर की सैर पर 10 लाइन Best 10 Lines on the Zoo Visit in Hindi

  • दुनिया भर में हज़ारों अग्रणी पशु संग्रहालय हैं जिनमे हर रोज हजारों लोग जाते हैं।
  • प्राचीन समय से ही जीवित पशु पक्षियों के संग्रह को रखने की परिपाटी चली आ रही है।
  • अरिनगर अन्ना जूलॉजिकल पार्क भारत के दक्षिण में चेन्नई शहर में स्थित सबसे बड़ा चिड़ियाघर है।
  • चिड़ियाघर में वन्यजीवों के चिकित्सा के लिए विभिन्न प्रबंध किये गए हैं।
  • चिड़िया घर में विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी और जीव-जंतुओं की प्रजातियां का संरक्षण किया जाता  है।
  • चिड़ियाघर में किसी भी पशु पक्षी को कुछ भी खिलाना सख्त मना होता है।
  • शेर के लिए चिड़ियाघर में एक अलग तरह का पिंजरा बनाया जाता है जो जमीन से कुछ गहराई पर होता है।
  • बच्चों के लिए यह मनोरंजन का स्थान होता है और विद्यार्थी के लिए चिड़ियाघर वन्यजीवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्थान होता है।
  • चिड़ियाघर में दर्शकों को मार्गदर्शन देने के लिए  गाइड भी उपस्थित रहते हैं।
  • विलुप्त होते वन्यजीवों को सुरक्षित रखने के लिए चिड़ियाघर की स्थापना की जाती है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Essay on Visit of the Zoo in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको अच्छा लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi And English Language

Essay on Visit to A Zoo in Hindi And English चिड़ियाघर की सैर पर निबंध : Zoo Essay For Students and children in various length, 100, 150, 200, 250, 300, 350, 400, 500 words essay giving blow.

how I spent my last Sunday (visit to zoo essay) describe zoo trip scene in short paragraph helpful for students they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9. the zoo is placed there kept wild animals in cages for visiter.

monkey, lion, bear, tiger, elephant and many spices birds in our city zoo, there I go visit a zoo. read out this Hindi & English Language essay On Zoo.

Essay on Visit to A Zoo in Hindi & English

प्रिय साथियो आपका स्वागत है Essay on Zoo in Hindi में आज हम आपके साथ चिड़ियाघर पर निबंध साझा कर रहे हैं.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 तक के बच्चों को चिड़ियाघर की सैर पर निबंध लिखने को कहा जाता हैं, तो  आप सरल भाषा में लिखे गये इस हिन्दी निबंध को परीक्षा के  लिहाज से याद कर लिख सकते हैं.

अंग्रेजी में निबंध

last Sunday I visited the zoo. my father also went with me. there was a great rush at the booking window. I bought two tickets. then we went inside the zoo.

first of all, we saw birds. they were lovely. then we moved to towards the cage of the monkeys. the jumped and shook the cages.

now we went to another section. there were big animals. there were many kinds of them. they had been bought from all parts of the world.

we saw tigers, lions, and bears. they looked horrible. a lion gave a loud roar. all the people were frightened.

in the end, we went to see the elephants. many children enjoyed rides of them.

we were now very tired. we returned on the way back. we also saw kangaroos. we got into a bus and come back home. we had a good time (or thus I spent my last Sunday)

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Zoo Essay in Hindi)

लम्बें समय से मुझे चिड़ियाघर की सैर करने का मन कर रहा था. आखिर पिछले रविवार को मै अपने पिताजी के साथ चिड़ियाघर की यात्रा पर गया. वहां टिकट बुकिंग खिड़की पर बहुत भीड़ थी. मैंने दो टिकट खरीदी एवं हम अंदर चले गये.

सर्वप्रथम हम पक्षियों के पिंजरे की तरफ गये. वहां बहुत सुंदर सुंदर पक्षी थी. दूसरी तरफ कुछ बन्दर एक पिंजरे में उछल कूद कर रहे थे. हमने काफी समय उन बंदरों की उछल कूद देखने में बिताया.

अब हम चिड़ियाघर के अगले भाग में पहुच गये. यहाँ पर दुनिया के विभिन्न भागों से लाए गये तरह तरह के जानवर थे. जिनमें बाघ, शेर व भालू आदि थे. तभी शेर ने जोर से दहाड़ मारी, कि सभी लोग अचानक डर गयें.

आखिरी वक्त में हमने हाथियों को देखा. कुछ बच्चों ने इन पर सवारी करने का लुफ्त भी उठाया. काफी समय बिताने के साथ ही हम कुछ थक चुके थे.

आखिर में हमनें कंगारू को देखा और बस पकड़कर घर की तरफ चल दिए. इस तरह पिछला रविवार मेरे लिए काफी अच्छा रहा, जिसमें मैंने मेरे शहर के चिड़ियाघर की सैर की.

चिड़ियाघर पर निबंध | Essay on Zoo in Hindi

मनुष्य द्वारा पशु पक्षियों के लिए निर्मित कृत्रिम आवास को चिड़ियाघर कहा जाता हैं. चिड़ियाघर बनाने का उद्देश्य मनोरंजन के अतिरिक्त पशु पक्षियों का संरक्षण एवं कृत्रिम प्रजनन द्वारा उनकी संख्या में वृद्धि करना भी होता हैं.

चिड़ियाघर की सैर से न केवल मनोरंजन होता हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों के बारे में करीब से जानने का मौका मिलता हैं. यह ऐसी जानकारी है, जिसे किताबों के माध्यम से प्रदान नहीं किया जा सकता. इसलिए स्कूल के बच्चों को विशेष तौर पर चिड़ियाघर की सैर पर ले जाया जाता हैं.

खैर, जीवन में सैर का जो आनन्द हैं, वह शायद ही किसी अन्य कार्य में मिले. सैर के लिए कुछ लोग अपनी ऐतिहासिक स्थान का चयन करते हैं. तो कुछ लोगों को आधुनिक महानगरों की सैर करने में आनन्द आता हैं मुझे चिड़ियाघर की सैर करना अच्छा लगता हैं.

मैं पिछले वर्ष मार्च के महीने में दिल्ली के चिड़ियाघर की सैर करने गया था. वैसे तो इसका नाम नेशनल जुलोजिकल पार्क ऑफ़ इंडिया है, किन्त यह दिल्ली चिड़ियाघर के नाम से प्रसिद्ध हैं. यह दिल्ली के पुराना किला के दक्षिणी छोर पर स्थित हैं. एवं भारत के कुछ बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं.

इसमें पशु पक्षियों एवं सरीस्रपों की एक हजार से अधिक प्रजातियों को उनके कृत्रिम आवास में रखा गया हैं. मैं अपने मित्रों के साथ चिड़ियाघर की सैर पर गया था. सुबह के समय सैर करने का एक अलग ही आनन्द होता हैं तथा दोपहर के बाद चिड़िया घर के सभी प्राणियों को देखना संभव नहीं हो पाता हैं.

इसलिए मैं करीब सुबह नौ बजे ही चिड़ियाघर पहुँच गया था. हम सबने प्रवेश टिकट लेने के बाद चिड़ियाघर में प्रवेश किया. इस चिड़ियाघर के प्रवेशद्वार के पास ही एक खूबसूरत उद्यान हैं. सबसे पहले हम उसी उद्यान में गये, चूँकि चिड़ियाघर के भीतर पीने के पानी को छोड़कर कोई अन्य खाद्य पदार्थ ले जाना मना था.

इसलिए हम लोग उस उद्यान के पास स्थित फ़ूड पार्लर में नाश्ता करने के लिए गये. नाश्ता करने के बाद हम लोग थोड़ी देर तक उद्यान में बनी कुर्सियों पर बैठे. रवि अपने साथ कैमरा भी लेकर आया था. उसने उसी समय फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया.

अपने छोटे से फोटो सेशन के समाप्त होने के बाद हम सभी चिड़ियाघर के विभिन्न प्राणियों को देखने के लिए चल दिए. सबसे पहले हम बाघ को देखने पहुंचे.

बाघ अपने लिए निर्मित कृत्रिम आवास में मस्त होकर आराम कर रहा था. उसके बाहर चारों ओर लोहे की बड़ी जाली बनी हुई थी, ताकि वह बाहर न आ सके. बच्चे उसे देखकर खूब खुश हो रहे थे.

बाघ के पिजरे से थोड़ी ही दूर पर बंदरों का आवास हैं. बंदरों की शरारत पिंजरे के भीतर भी कम नहीं थी. बाहर से लोग उन्हें केले एवं अन्य खाद्य पदार्थ दे रहे थे.

बंदरों की सभी प्रजातियों को एक के बाद एक क्रमिक रूप से बने पिंजरों में रखा गया था. वन मानुष, लंगूर एवं गोरिल्ला सभी के लिए अलग अलग पिंजरें बने थे.

बंदरों को देखने के बाद हम हिरणों के आवास के पास पहुंचे. लगभग छः फुट ऊँचे बाड़े के भीतर उनके रहने की व्यवस्था की गयी थी. उन्मुक्त विचरण के ध्येय से उनके लिए एक बड़ा मैदान बनाया गया था. मैदान के बीच में कई प्रकार के छायादार वृक्ष लगे हुए थे.

उन पेड़ों के नीचे हिरण दोपहर में आराम करते नजर आते हैं. हिरणों के बाड़े से कुछ दूर जाने पर हमें चिड़ियों की चहचाहट सुनाई पड़ी. हम लोग उस ओर बढ़ गये. देखा कई बड़े बड़े पिंजरों के भीतर रंग बिरंगी चिड़ियाँ इस तरह जोर जोर से चहचहा रही थी, मानों आपस में बातें कर रही हो.

हर पिंजरे के बाहर भीतर रखे पक्षी के विवरण के रूप में पक्षी का नाम, उसका वैज्ञानिक नाम एवं उसकी प्रजाति के बारे में लिखा था. राकेश अपने साथ एक नोटबुक ले गया था.

जन्तु विज्ञान का छात्र होने के कारण उसे पक्षियों से बहुत लगाव हैं. हम पक्षियों के इन विवरणों को अपनी नोटबुक में लिखता जा रहा था.

रवि हर कोण से सभी पक्षियों के फोटो लेने में व्यस्त था. मेरी नजर इन पक्षियों के एक एक क्रियाकलाप पर थी. मैं ये देख रहा था कि ये कैसे उड़ते हैं और इनकी क्या विशेषता हैं.

इस चिड़ियाघर में सरीसृप प्राणियों के लिए भी एक विशेष प्रकार का कृत्रिम आवास बनाया गया हैं. घड़ियाल एवं मगरमच्छों के लिए ऐसे जलाशय बनाए गये हैं. जिनके माध्यम से सैलानियों को भी उनका दर्शन सुलभ होता हैं.

यहाँ साँपों की लगभग पचास प्रजातियों को रखा गया है. इन साँपों के आवास को एक ओर से शीशे से ढका गया हैं. जिनके माध्यम से दर्शक उन्हें देखते हैं.

नाग, अजगर, करैत इत्यादि के अतिरिक्त कुछ विदेशी साँपों को भी यहाँ प्रदर्शन के लिए रखा गया हैं. इनके लिए विशेष प्रकार की व्यवस्था भी की गई हैं. साँपों को इतने नजदीक से देखना वास्तव में बहुत रोमांचक था.

सांपो को देखने के बाद हम सफेद बाघ को देखने को पहुचे. सफेद बाघ को मैंने पहली बार यहाँ देखा था. दुनियां में बाघों की संख्या काफी कम हैं. विश्वभर में सफेद बाघों की कुल संख्या मुश्किल से बीस या पच्चीस के आस पास ही होगी.

बाघ के आवास के पास ही तेंदुएं का भी आवास हैं. हम जिस समय वहां थे, उस समय तेंदुआ अपने एक साथी के साथ पेड़ पर बैठा हुआ था. रवि के लिए यह अच्छा मौका था. उसने अपना कैमरा निकाला और विभिन्न कोणों से तेंदुए के फोटो खीचना शुरू कर दिया.

अब तक हम लोग काफी थक चुके थे. इसलिए हम लोग पास ही बने एक उद्यान में एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गये. वहीँ पर एक छोटा सा रेस्तरा बना था.

मैं चिप्स एवं कुछ अन्य खाद्य पदार्थ वहां से ले आया. खाने के बाद हमने फलों का जूस पिया. थोड़ी देर में ही हमारी थकान दूर हो गई और फिर हम सैर को निकल पड़े.

हमने अभी तक जिराफ, भालू, हाथी, लकडबग्घा एवं गैंडे जैसे जानवरों को नहीं देखा था. हम उनकी खोज में आगे निकल पड़े. सबसे पहले हमें भालुओं का एक झुण्ड दिखाई पड़ा. उसके बाद थोड़ा आगे बढ़ने पर हमें जिराफ के भी दर्शन हो गये.

चिड़ियाघर के ही एक कर्मचारी ने बताया कि गैंडे का जलाशय घड़ियाल के जलाशय से ही नजदीक हैं. हम घड़ियाल को देख चुके थे. हम उसके जलाशय की ओर बढ़ गये.

गैंडे अपने बच्चों के साथ कीचड़ में अठखेलियाँ करने में व्यस्त थे. गैंडों को देखने के बाद हम चिड़ियाघर के अन्य प्राणियों को देखने पहुंचे.

दिनभर चिड़ियाघर की सैर करने के बाद शाम को हम लोग घर के लिए चल पड़े. चिड़ियाघर की मेरी यह सैर कई अर्थों में मेरे लिए रोमांचक एवं अविस्मरणीय साबित हुई.

आज भी जब मैं चिड़ियाघर में रवि द्वारा खीची गई, तस्वीरों को देखता हूँ तो लगता हैं जैसे वह कल की ही बात हो. इस सैर में हम सभी को खूब आनन्द आया.

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध – Essay On Zoo Visit In Hindi

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Essay On Zoo Visit In Hindi ): आपको निश्चित रूप से इस विषय पर एक निबंध लिखने के लिए कहा जाएगा चाहे वह स्कूल के होमवर्क पर हो या परीक्षा पर. इस निबंध में आपको खास कर अपना अनुभूति साझा करना होता है. अपनी अनुभूति को कहने और लिखने में फर्क होता है. अनुभूति को कहना थोड़ा आसान होता है लेकिन लिखना थोड़ा मुश्किल. लेकिन इस मुश्किल को आपके लिए आसान बनाने के लिए यह चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Essay On Zoo Visit In Hindi) लिखे गए हैं. 

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध – Essay On Zoo Visit In Hindi (500-600 Words)

chidiya ghar ki sair par nibandh

संसार में असंख्य प्रकार के जीव जन्तु निवास करते हैं. भारतीय पौराणिक मतानुसार चौरासी लाख प्रकार के जीव जंतु इस पृथ्वी पर रहते हैं. उनमें से कई प्रकार के जीव जन्तुओं से व्यावहारिक जीवन में यदा-कदा हमारा संपर्क होता रहता है. कई प्रकार के जल चर या थल चर जीव ऐसे हैं जिनसे हमारा कभी भी संपर्क नहीं हो पाता. समुद्र के गर्त में रहने वाले जीव, गहन वनों में विचरण करने वाले जीव हमारे दिल में कौतूहल पैदा कर देते हैं. हम उनके रहन-सहन, खान-पान के बारे में जानने के लिए अत्यंत उत्सुक हो जाते हैं. लेकिन हम उन्हें देखने के लिए बीहड़ वनों में जाने के लिए असमर्थ होते हैं. मनुष्य की इस जिज्ञासा की पूर्ति के लिए बड़े शहरों में चिड़िया घर बनाये गये हैं जहां पर बीहड़ वनों के जीव जन्तुओं को उन्हीं के वातावरण के अनुसार रखा जाता है.

चिड़िया घर में एक दिन              

हमारे दिलों में भी जंगल के जीव जन्तुओं को देखने की लालसा कई दिनों से थी. एक दिन हम कुछ मित्रों ने चिड़िया घर जाने का कार्यक्रम बनाया. दिल्ली में चिड़िया घर मथुरा रोड पर पुराने किले के दक्षिण में स्थित है. हम प्रातः 9 बजे चिड़िया घर की सैर के लिए निकल पड़े. वहां पहुंचकर सर्वप्रथम हमने प्रवेश के लिए टिकट घर से टिकट लिए. तदनन्तर अन्दर पहुंचकर विभिन्न जीव जंतुओं को देखने का अवसर मिला. यह चिड़िया घर मीलों घेरे में फैला हुआ है. हर प्रकार के जानवरों को देखने के लिए व्यवस्थित ढंग से मार्ग बने हैं. प्रत्येक जीव जन्तु को वैसा ही वातावरण देने का प्रयास किया गया है जैसा उनको अपने मूल स्थान में प्राप्त होता है.

विभिन्न जीव जन्तुओं के विभाग   

सारे चिड़िया घर में जीव जन्तुओं के रहन-सहन व वातावरण के अनुसार अलग-अलग विभाग बनाए हुए हैं. चिड़िया घर के अंदर पहुंचकर सर्वप्रथम सुन्दर व हरे-भरे बाग दिखाई देते हैं जिन पर बैठ कर दर्शक विश्राम करते हैं. इसके बाद कई स्थल व जलीय पक्षी दिखाई देते हैं. बतखों आदि के तैरने के लिए पर्याप्त मात्रा में जल का प्रबंध किया गया है. उसके पास ही बहुत प्रकार के घास खाने वाले जीव दिखाई देते हैं जो पेड़ों के निचे झुण्ड में रहते हैं. इनमें हिरण, नीलगाय, बारहसिंगा, आदि प्रमुख हैं और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला कंगारू भी आता है. पेड़ों पर रहने वाले तथा आकाश में उड़ने वाले पक्षियों के लिए अलग-अलग विभाग बनाये गये हैं जिनमें विश्व भर के रंग-बिरंगे पक्षी हैं. पक्षियों में सबसे अधिक आकर्षक शतुरमुर्ग है जिसकी गर्दन ऊंट की तरह लम्बी होती है. थल चर जीवों में गैंडा सबसे आकर्षक है जिसका भारी भरकम शरीर और नाक में सींग होते हैं. फिर मांस खाने वाले जीवों के विभाग आते हैं जिनमें शेर, चीता, बाघ, भालू आदि प्रमुख हैं. बंदरों व लंगूरों के लिए अलग विभाग हैं.     

चिड़िया घर की व्यवस्था

चिड़िया घर की व्यवस्था कृषि मंत्रालय के वन विभाग के अंतर्गत आती है. यहां बहुत से कर्मचारी नियुक्त हैं जो जीव जंतुओं की देख-रेख व सुरक्षा का प्रबंध करते हैं. प्रत्येक जीव जंतु के लिए प्रकृति के अनुसार भोजन व रहन-सहन की व्यवस्था की जाती है. घास खाने वाले जीवों के लिए घास व मांस खाने वाले जीवों के लिए मांस की व्यवस्था की जाती है. ठन्डे प्रदेश के जीवों के लिए कृत्रिम ठण्ड व गर्म प्रदेश में रहने वाले जीवों के लिए कृत्रिम गर्मी का प्रबंध होता है. भयंकर पशुओं के लिए भी वैसे ही अनुकूल स्थान बनाना पड़ता है.

जिन जीव जन्तुओं को हम घनघोर वनों में गहरे समुद्रों में नहीं देख सकते हैं वे हमें चिड़िया घर में दिखाई देते हैं. उनको देखने से हमारा एक ओर मनोरंजन होता है तथा दूसरी ओर उन जीवों के बारे में हमारी जानकारी बढ़ती है. वहां पहुंचकर हमें चिड़िया घर के नियमों का पालन करना चाहिए.

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ये था चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Essay On Zoo Visit In Hindi ). अगर आपने कभी चिड़ियाघर नहीं गए हैं, तो आपको जरूर एक बार जरूर जाना चाहिए. उम्मीद है ये निबंध पढ़कर आपको अपने अनुभूति को सरल भाषा में लिखने में मदत हुआ होगा. चिड़ियाघर के बारे में अगर और कुछ अलग रोचक तथ्य पता है तो हमें जरूर बताये. धन्यवाद.

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Home » Essay Hindi » चिड़ियाघर पर निबंध लेखन | Long Essay On Zoo In Hindi

चिड़ियाघर पर निबंध लेखन | Long Essay On Zoo In Hindi

चिड़ियाघर वह स्थान है जहां पर तरह तरह के जीव जंतुओं, पक्षियों को रखा जाता है। Long Essay On Zoo In Hindi पोस्ट में चिड़ियाघर पर निबंध लेखन का प्रयास है। लोग सैर सपाटे और मनोरंजन के लिये चिड़ियाघर देखने जाते है। खासकर बच्चों के लिए तो यह मौज मस्ती के साथ ज्ञानवर्धक भी है।

शेर, जिराफ, बन्दर, भालू जैसे जानवरों के अलावा दुनियाभर के पक्षी भी चिड़ियाघर में पाए जाते है। एक ही स्थान पर सभी तरह के जानवरों को देखने का अलग ही आनन्द है। तो आइए मित्रों, चिड़ियाघर पर निबंध लेखन ( Zoo Essay In Hindi ) का प्रयास करते है।

चिड़ियाघर पर निबंध लेखन Essay On Zoo In Hindi Language

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को चिड़ियाघर की सैर पर ले जाना एक अच्छा विचार है। इससे उनमें प्रकृति और पशु प्रेम पैदा होता है। बच्चों को जानवरों के बारे में सीखने को मिलता है। आजकल के बच्चें यूट्यूब पर जीव जंतुओं को देख लेते है। चिड़ियाघर में जानवरों को प्रैक्टिकली देखना ज्यादा उपयोगी है। Essay On Zoo In Hindi ज़ू की जानकारी दी गई है। चिड़ियाघर में जंगल जैसा अनुभव होता है। हर तरफ पेड़ पौधे और जंगली जानवर मिलते है।

चिड़ियाघर में प्रत्येक जानवर के लिए रहने और खाने की समुचित व्यवस्था होती है। वहा पर जानवरों की देखभाल के लिए स्टाफ रहता है। हर एक जानवर को उसकी पसंद का खाना दिया जाता है। जैसे कि शेर को मांस और बन्दर को केला!

जानवरों को चिड़ियाघर में प्राकृतिक आवास दिया जाता है जिससे उन्हें घर जैसा अनुभव रहता है। शेर, चीता के लिए मांद या गुफा की व्यवस्था रहती है। पेड़ पौधे भी भरपूर होते है जिनपर चिड़ियाओं का वास होता है। कई जानवरों के लिए पिंजरे की भी व्यवस्था रहती है। शेर जैसे जानवरों के लिए मजबूत लोहे की सलाखों का ऊंचा बाड़ा होता है। प्रत्येक जीव के आवास के बाहर एक पट्टिका होती है जिस पर जीव का नाम लिखा रहता है।

चिड़ियाघर में तालाब भी होते है जिनमें दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ जैसे जानवर भी होते है। छोटे तालाबों में सारस, बत्तख, मछली इत्यादि जीव रहते है। आपकी जानकारी के लिए बता देते है कि चिड़ियाघर में जानवरों की सेहत का ध्यान रखने के लिए डॉक्टर्स की टीम भी होती है। समय समय पर जानवरों का मेडीकल टेस्ट किया जाता है।

चिड़ियाघर क्या है? What Is Zoo In Hindi

सबसे पहला प्रश्न ही यह है कि चिड़ियाघर क्या होता है ( Essay On Zoo In Hindi )? चिड़ियाघर को परिभाषित किया जा सकता है एक स्थान के रूप में जिसमें जानवरों को पब्लिक शो के लिए रखा जाता है। नाम से तो यह चिड़िया का घर प्रतीत होता है लेकिन यहां पर कई सारे जानवर भी मिलते है। इसे प्राणी उद्यान कहना ज्यादा उचित होगा।

चिड़ियाघर देखने के लिए क्या करे?

दोस्तों, फ्री में चिड़ियाघर नही देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए टिकट की आवश्यकता रहती है। चिड़ियाघर एक निश्चित टाइमिंग पर ओपन होता है। उसी समय इसे देखने की अनुमति रहती है।

चिड़ियाघर कहां है? Where Is Zoo In India

यह भी एक अच्छा प्रश्न है कि चिड़ियाघर कहा है? दोस्तों अगर आप गांव या छोटे शहर में रहते है तो आपको पता ही होगा कि वहां पर चिड़ियाघर नही है। ज्यादातर चिड़ियाघर केवल बड़े शहरों में ही होते है।

भारत के प्रसिद्ध चिड़ियाघर के नाम

  • नेशनल चिड़ियाघर पार्क, न्यू दिल्ली
  • नन्दनकानन चिड़ियाघर पार्क, भुवनेश्वर (उड़ीसा)
  • अलीपुर चिड़ियाघर पार्क, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
  • गुलाब बाग और चिड़ियाघर, उदयपुर (राजस्थान)
  • भिवानी चिड़ियाघर, भिवानी (हरियाणा)
  • जयपुर चिड़ियाघर, राजस्थान
  • राजीव गांधी चिड़ियाघर पार्क, पुणे (महाराष्ट्र)

इनके अलावा भी कई सारे चिड़ियाघर है, सभी को बताना यहां सम्भव नही है क्योंकि इस आर्टिकल Long Essay On Zoo In Hindi में चिड़ियाघर की सैर पर निबंध है।

चिड़ियाघर के जानवर Zoo Animals Names

चिड़ियाघर में ज्यादातर जंगली जानवर ही पाए जाते है या फिर दुर्लभ जानवर। तो दोस्तों, Essay On Zoo In Hindi में चिड़ियाघर के जानवर के नाम जानते है।

थल पर पाए जाने वाले जीव –

शेर, चीता, टाइगर, गोरिल्ला, भालू, बन्दर, खरगोश, लँगूर, जिराफ, कंगारू, हिरण इत्यादि कई तरह के स्थलीय जानवर ज़ू में देखने को मिलते है।

जल में पाए जाने वाले जीव –

मगरमच्छ, हिप्पो, कछुआ इत्यादि जलीय जीव भी चिड़ियाघर में पाए जाते है। चिड़ियाघर में बने एक्वेरियम में कई रंग बिरंगी छोटी मछलियां भी पायी जाती है।

यह भी पढ़े – जानवरों के नाम की सूची

विभिन्न प्रकार के पक्षी –

तोता, मैना, हमिंग बर्ड, कबूतर, कोयल, बया, इत्यादि पक्षी भी चिड़ियाघर में मिलते है।

यह भी पढ़े – सुंदर रोचक पक्षियों के नाम

चिड़ियाघर में कई ऐसे जानवर और पक्षी भी पाए जाते है जिन्हें आमतौर पर देखना दुर्लभ होता है। कई जानवर और पक्षी ऐसे है जो लुप्तप्राय श्रेणीं में आते है, उन्हें चिड़ियाघर में संरक्षित किया जाता है। चिड़ियाघर सफेद भालू, गिर्द, पांडा इत्यादि कई संकटग्रस्त प्राणियों का घर है।

चिड़ियाघर के बारे में जानकारी पर निबंध (Essay On Zoo In Hindi)

चिड़ियाघर का सबसे बढ़िया फायदा यह है कि सभी तरह के जीव एक ही जगह पर मिल जाते है। आपको शेर, हाथी इत्यादि देखने के लिए जंगलो में जाने की जरूरत नही है। बस अपने पास के ही चिड़ियाघर चले जाइये, वहां पर सभी देखने को मिल जाते है।

जानवरों के लिए चिड़ियाघर एक सुरक्षित निवास स्थान है। यहाँ पर दुर्लभ या संकटग्रस्त जानवरों का प्रजनन भी किया जाता है। इससे उनकी संख्या में इजाफा होता है।

चिड़ियाघर बच्चों के लिए शिक्षा और प्राकृतिक व्यवहार को समझने की बेहतर जगह है। टीवी या मोबाइल पर वन्यजीवों को देखने से बेहतर चिड़ियाघर में प्रैक्टिकल रूप में देखना है।

चिड़ियाघर में ध्यान रखने योग्य बाते

दोस्तों, चिड़ियाघर में जानवरों को परेशान नही करना चाहिए। कई शरारती तत्व जानवरों पत्थर मारकर परेशान करते है। ऐसा बिल्कुल भी नही करना चाहिए। हां एक और बात चिड़ियाघर के जानवरों को कुछ भी खाने को मत दीजिये क्योंकि हो सकता है कि जो खाना आप दे रहे हो वह उन्हें बीमार कर दे। चिड़ियाघर का स्टाफ जानवरों के लिए उनके अनुकूलित खाने की व्यवस्था करता है।

वैसे दोस्तों चिड़ियाघर में कई जानवर होते है लेकिन सबसे ज्यादा उत्सुकता शेर देखने की रहती है। सही कहां ना।

अन्य उपयोगी निबंध – 

  • पुस्तक पर निबंध
  • स्कूल पर निबंध

दोस्तों, आपको चिड़ियाघर पर निबंध लेखन का यह आर्टिकल Long Essay On Zoo In Hindi पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करे।

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चिड़ियाघर की सैर Visit to A Zoo in Hindi 

जानवर और पक्षी.

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दिलचस्प जानवर

ज्ञानवर्धक सैर .

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आजकल चिड़ियाघर में भी सारे जानवर देखने को नहीं मिलते.

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चिड़ियाघर की सैर पर अनुच्छेद | Paragraph on Visiting a Zoo in Hindi

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चिड़ियाघर की सैर पर अनुच्छेद | Paragraph on Visiting a Zoo in Hindi!

गर्मी की छुट्‌टियाँ चल रही थीं । मैंने तथा मेरे कुछ मित्रों ने चिड़ियाघर की सैर का कार्यक्रम बनाया । हम लोग पटना के संजय गाँधी जैविक उद्‌यान में सुबह साढ़े दस बजे पहुँच गए । वहाँ काफी चहल-पहल थी । सर्वप्रथम हम लोगों ने गजराज के दर्शन किए । वे सूँड का संचालन कर पीपल के हरे पत्तों का स्वाद ले रहे थे । हाथी पर सवार बच्चे फूले नहीं समा रहे थे । आगे बढ़े तो बंदरों और लंगूरों की उछल-कूद का नजारा देखा । अब शीशे के घरों में कैद नागों की बारी थी । नागराज कुंडली मारे ध्यानमग्न मुद्रा में थे तो अजगर कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ था । वहाँ कुछ जहरीले बिच्छू भी थे । उन्हें देखकर हम सिहर उठे । उद्‌यान में भालू, चीता, शेर, हिरन, गैंडा, जेबरा और विचित्र रंगों वाले पक्षी भी थे । हमने उन सबको देखा । मादा जेबरे ने एक शिशु को जन्म दिया था । उस शिशु की उछल-कूद आगंतुकों को बेहद लुभा रही थी । अंत में हमने उद्‌यान में विश्राम किया और साथ लाया हुआ नाश्ता किया । तत्पश्चात् हम लोग घर की ओर रवाना हो गए ।

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10 Lines on Zoo in Hindi। चिड़ियाघर पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Zoo in Hindi

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay About Zoo Park Visit in Hindi

इस लेख में आप चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about zoo park visit in hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है, जहाँ बच्चे बड़े सब जाकर विभिन्न अनमोल पशु पक्षियों को देख सकते है और उन्हें उनके बारे में नई-नई जानकारी दे सकते है।

Table of Content

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about Zoo Park Visit in Hindi

चिड़ियाघर हमेशा खुली जगह में बनाये जाते है। चिड़ियाघर में जाने के लिये हमें सर्वप्रथम एक टिकट लेना होता है, इसके बाद ही हम अंदर प्रवेश कर सकते है। अंदर हमें भरपूर प्राकृतिक वातावरण देखने को मिलता है, वहां हमें कुछ इस तरह प्रतीत होता है जैसे हम किसी जंगल में आ गये हो।

चिड़िया घर में जीव जंतुओं के साथ-साथ प्रकृति की सुंदरता भी देखने को मिलती है। प्रत्येक जानवर और पक्षी के रहने के लिए यहाँ एक ख़ास अलग जगह होती है। जिससे वहां आने बाले लोग इन्हें आसानी से देख सकते हैं और उनके विषय में जान सकते हैं।

पास ही कुछ दूरी पर कई बड़े-बड़े पिंजरे थे जहाँ कई अलग-अलग पक्षियों की प्रजातियाँ थी। जैसे अलग-अलग रंग के तोते, मैना, पंखों को फैलाते हुए नाचती मोर, चहचहाती गौरया, गुंटरगूं करते हुए कबूतर और अन्य रंगबिरंगी छोटी बड़ी चिड़ियां थी।

बाघ को भी एक बड़े बाड़े में रखा गया था उस जगह के बाहर लोहे का जाली बनाया गया था ताकि लोग सुरक्षा पूर्वक उनकी सारी क्रियाये देख सके। बाघ पीले और सफ़ेद दोनों रंग के वहां हमें देखने को मिले। वे देखने में बहुत खूबसूरत लग रहे थे।

इसके बाद हमने साँपों की एक बड़ी संख्या को देखा जो विभिन्न आकार और रंगों के थे। वे कांच के पिंजरों में रखे गए थे और वे बहुत डरावने लग रहे थे। हमने कुछ पानी के सांपों को भी देखा और वहां के एक गाइड ने बताया था कि कुछ सांप बेहद जहरीले है।

बंदरों के लिए रहने का स्थान कई सारे पेड़ थे जो एक बड़ी जगह में फैले थे और चारों तरफ से ये पेड़ बंद थे ताकि बंदर भाग ना जाये या लोगों को हानि ना पहुंचाएं। इनमें छोटे बड़े बंदरों के साथ कुछ लाल मुँह के बंदर थे तो कुछ काले मुँह के थे तो कुछ अपने बच्चों को लेकर इधर-उधर भाग रहे थे। वे नई-नई कलाबाजियां करते हुए उछल कूंद कर रहे थे।

रेतीले मैदान में कई ऊंट भी दिखाई पड़े। पूरे चिड़ियाघर में घूमने के लिये एक छोटी ट्रेन की व्यवस्था की गई थी, जिसपर बैठकर कई लोग चिड़ियाघर के जानवरों को देखने का मज़ा ले रहे थे, तो कुछ लोग पैदल चलकर वहां घूम रहे थे।

थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हर जगह पानी पीने का इंतजाम था तथा बैठने के लिए व्यवस्था थी और कुछ खाने पीने के लिए केनटीन भी थी इसके अलावा कचरा फेंकने के लिए कूड़ेदान भी रखे गये थे। हर जगह पर जाने के रस्ते के संकेत बने हुए थे। 

चिडिया घर घूमने का हमारा अनुभव बहुत ही सुन्दर रहा और हमें और बच्चों को बहुत मज़ा। चिड़ियाघर हम सभी को जीवन में एक ना एक बार ज़रूर घुमने जाना चाहिए क्योंकि इससे हमें जानवरों के जीवन के विषय में करीब से जानने का मौका मिलता है और बच्चों को भी कुछ नया सिखने-देखने को मिलता है।

आशा करते हैं आपको चिडियाघर पर निबंध अच्छा लगा होगा। अगर आप भी कभी चिडियाघर घुमने गए हैं तो अपना अनुभव कमेंट के माध्यम से हमें ज़रूर बताएं।

चिड़ियाघर के बारे में पांच वाक्य 5 Lines on Zoo in Hindi

निष्कर्ष conclusion.

चिड़िया घर की सिर करने का एक अलग ही सुंदर अनुभव होता है। बच्चों और बड़ों सबको चिड़िया घर जीवन में एक बार तो जरूर घूमने जाना चाहिए।

आशा करते हैं आपको चिड़ियाघर पर निबंध (Essay About Zoo Park Visit in Hindi) अच्छा लगा होगा।

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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध-Essay for Kids on Zoo in Hindi

चिड़िया घर की सैर पर निबंध :.

chidiya ghar essay in hindi language

भूमिका : परीक्षाओं के खत्म होने के बाद मोहन को बहुत खाली समय मिलने वाला था। उसके मन में पुस्तकालय से पुस्तकें लाने की इच्छा थी लेकिन तभी रायपुर से उसके मामा जी आ गये। बात करते हुए उसके मामा जी ने उससे पूंछा की- तुमने चिड़िया घर देखा है ? मोहन ने कहा एक बार दिल्ली का चिड़िया घर देखा था लेकिन मुंबई का चिड़िया घर नहीं देख पाया हूँ।

चिड़िया घर जाना :  दूसरे दिन मामा जी और मैं हम दोनों बस में बैठकर चिड़िया घर के लिए रवाना हुए। चिड़िया घर जाते समय हमने बस के अंदर से बहुत ही मनोभव दृश्य का आनंद लिया। वहाँ पर मेरा एक दोस्त भी बना और वह हमारे साथ बहुत दूर तक गया था। मैं और मामा जी चिड़िया घर के गेट पर उतर गये। दोनों ने चिड़िया घर से टिकट ली और अंदर चले गये।

विभिन्न पक्षियों और पशुओं को देखना :  हमें वहाँ पर पक्षियों के लिए बड़े पिंजरे से बने हुए स्थान मिले। कई पक्षियों को मोहन पहचानता था लेकिन कई ऐसे पक्षी थे जिन्हें मोहन नहीं पहचानता था उन सभी के नाम बाहर लिखे हुए थे। पिंजरे के बाहर उनके जीव विज्ञानी नाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखे थे। वहाँ पर नाम के दो हिस्से थे- एक पक्षिकुल का और दूसरे उसकी उपजाति के थे।

पक्षी के लोक प्रचलित नाम भी आखिर में दिए हुए थे। पक्षी की आदतें और वह कहाँ पर पाया जाता है ये सब जानकारी वहाँ पर दी गई थी। हंसों के लिए खुला हुआ बाड़ा बना हुआ था। ये जल में रहने वाले पक्षी होते हैं इसी वजह से बाड़े में तालाब भी बनाया गया था। इनको आसानी से विचरण करने के लिए ही बाड़ा ऊपर से खुला बनाया गया है। कहीं-कहीं पर पेड़ भी लगे थे।

पानी में सफेद रंग की बतख और हंस तैर रहे थे। हिरनों के लिए भी बाड़ा बनाया गया था। उसके साथ वाले बाड़े में कंगारू था। कंगारू के पेट पर विचित्र तरह की थैली बनी हुई थी जिसमें उसका बच्चा बैठा हुआ था। आगे वाले बाड़े में बनैले सूअर के लिए काफी गहराई में तालाब बना हुआ था। बनैला सूअर बहुत ही फुर्तीला होता है। पास ही में सफेद भालू का बाड़ा बना हुआ था। उसके बाड़े को जंगल की तरह बनाया गया था।

शेर को देखना :   अचानक से बहुत तेज दहाड़ सुनाई दी। सभी दर्शक चारों ओर देखने लगे। लोगों ने पास वाले बाड़े में जाकर देखा लेकिन वहाँ पर शेर नहीं था। उसके बाड़े के सींखचे दोहरे और ऊँचे थे। शेर झाड़ियों के पीछे भूख से टहल रहा था। उसके लिए कृत्रिम जलाशय बनाया गया था। जिससे एक पगडंडी ऊपर चढकर जंगल से मिल जाती है।

शेर के लिए बने पिंजरे के ऊपर चिड़ियाघर का एक कर्मचारी दिखाई दिया। वह शेर के लिए भोजन लाया था। शेर के लिए मांस के बड़े-बड़े टुकड़े लाये गये थे। वह भोजन को देखकर जल्दी से बाहर आ गया। उसने पिंजरे पर चढकर अंदर वाले फाटक को ऊपर की ओर खोला और पिंजरा कृत्रिम जंगल से जुड़ गया। शेर मांस की गंध से मांस के पास पहुंच गया और मांस पर टूट पड़ा।

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Hindi Essay on “Chidiya Ghar ki Sair”, “चिड़ियाघर की सैर”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

चिड़ियाघर की सैर

Chidiya Ghar ki Sair

सरदी की खिली धूप और छुट्टी का दिन, हमारी चिड़ियाघर की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त था। अपनी पानी की बोतल टाँगे मैं अपनी मम्मी और बड़े भाई के साथ चिड़ियाघर की सैर को निकल पड़ा।

दिल्ली का चिड़ियाघर बहुत बड़ा है, यहाँ घूमने के लिए कम से कम दो घंटे का समय चाहिए। जिनसे अधिक चला नहीं जाता, उनके लिए गाडियों का विशेष प्रबंध है। परंतु हमने पैदल चलना ही उचित समझा।

सबसे पहले हमने पानी पर तैरने वाले पक्षी देखे। बतख, सारस, हंस, बगुले, सभी नहर के बहाव का आनंद ले रहे थे। आगे बढ़ने पर बाड़ से घिरे एक मैदान में हमने गैंडा देखा। उसे चारा डाला जा रहा था। उसकी मोटी खाल और भारी शरीर सभी दर्शकों को चकित कर रहे थे। फिर हमने काले मुँह वाले लंगूर देखे। पेड़ों पर करतब करते लंगूरों के बाद भयंकर बाघ था। फिर बड़े पिंजरों में कैद तोते, उल्लू, चहचहाते पक्षी और उनके बाद हिरन, मगर और भेड़िया।

मुझे सबसे सुंदर दृश्य ऊँची गर्दन वाले जिराफ़ का लगा। नर और मादा जिराफ़ पेड़ पर लटके एक ऊँचे झूले से बारी-बारी भोजन कर रहे थे।

हाथी, बंदर और सफ़ेद बाघ के बाद हमने सीधे कैंटीन का रुख किया। उत्साहपूर्ण यात्रा के बाद मैं अपनी रजाई में दुबक कर सोचता रहा और रात में भी बाघ पर बैठकर चिड़ियों का शिकार करता रहा।

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chidiya ghar essay in hindi language

चिड़िया पर निबंध- Essay on Sparrow in Hindi

In this article, we are providing information about Sparrow in Hindi- Short Essay on Sparrow in Hindi Language. चिड़िया / गौरैया पर निबंध, Chidiya par Nibandh for class 1,2,3,4,5,7,8,9,10 Students.

चिड़िया पर निबंध- Essay on Sparrow in Hindi

Essay on Sparrow in Hindi

Information About Sparrow in Hindi in 150 Words ( Short Essay About Sparrow in Hindi )

गौरैया एक पक्षी है जो समान्यता एशिया व यूरोप में पाया जाता है। गौरैया का रंग हल्का भूरा व सफेद रंग का होता है।

इसकी लंबाई 14 से 16 सेंटीमीटर व ऊँचाई 4 से 7 सेंटीमीटर होती है। गौरैया एक सर्वाहारी पक्षी है, जो मुख्य रूप से छोटे बड़े कीड़े-मकोड़े,बीज ओर फल भी खा सकते हैं।

पूरे विश्व में 20 मार्च को world sparrow day मनाया जाता है। गौरैया का जीवनकाल करीब 8 से 10 वर्ष का होता है, विश्व रिकॉर्ड में एक गौरैया 23 वर्ष का है।

गौरेया 38 किलोमीटर / घण्टे की रफ्तार से उड़ती है। गोरैया भारत की दिल्ली व बिहार की राजकीय पक्षी है।

जम्मू-कश्मीर राज्य द्वारा SPARROW Portal लॉन्च किया गया है। गौरैया की संख्या में तेजी से गिरावट के कारण, यह पूरे विश्व में लुप्त की स्थिति में आ चुकी है।

Chidiya par Nibandh ( Sparrow Essay in Hindi )

चिड़िया एक नन्ही, कोमल जीव होती है । इसकी दो पतली टांगें, दो पंख और एक छोटी सी चोंच होती है । अपनी टांगों से चिड़िया फुदकती है । पंखों की मदद से आकाश में उड़ती है । अपनी चोंच से यह दाना चुग कर खाती है ।

चिड़ियाँ अपना घोंसला वृक्षों के डाल पर बनाती हैं । कभी-कभी यह घर के किसी ऊँचे कोने में भी घोंसला बनाती हैं। चिड़िया बड़ी मेहनती होती हैं । दूर-दूर से तिनके इकट्ठे कर लाती है और घोंसला बनाती है । कई बार इसके घोंसले टूट जाते हैं । पर यह हिम्मत नहीं हारती । फिर से बनाती है ।

घोंसला में चिड़िया अंडे देती है । अंडों से नन्हें चूजे बाहर आते हैं । चिड़िया उन्हें दाना खिलाती है । बड़े हो कर चूजे भी चिड़िया बन जाते हैं । चिड़ियाँ प्रातः काल उठ कर हमें जगाती हैं। इसकी बोली बड़ी मीठी होती है । यह हमेशा प्रसन्न रहती है ।

चिड़ियाँ हमें मीठी बोली बोलने और प्रसन्न रहने की सीख देती हैं।

Essay About Sparrow in Hindi ( 400 words )

भारत में पक्षियों की बहुत सी प्रजाति पाई जाती है जिनमें से चिड़िया सबसे छोटी और सुंदर पक्षी है। पुराने समय में यह अक्सर पेड़ो पर और घरों की छतों पर बैठी हुई मिल जाती थी लेकिन अब यह मुश्किल से हीं कहीं देखने को मिलती है। पेड़ो की कटाई और हानिकारक कीटनाशकों के कारण चिड़िया की प्रजाति लुप्त होती जा रही है। चिड़िया को अलग अलग स्थानों पर अलग अलग नाम से बुलाया जाता है जैसे कि गौरेया,चिड़ी,चिमनी आदि।

चिड़िया सफेद और हल्के भूरे रंग की होती है और पूरी दुनिया में पाई जाती है। मादा गौरेया की आँख के पास काला धब्बा होता है जबकि नर गौरेया में यह नहीं होता और वह चटख रंग में पाया जाता है और मादा के मुकाबले ज्यादा आकर्षक होता है। चिड़िया की औसतन आयु 4-7 वर्ष होती है और यह समुह में रहना पसंद करती हैं। यह ज्यादातर इंसानों के पास उनके घरों में ही घौसंले बनाती है और एक समय में 2-4 अंडे देती है।

चिड़िया सर्वाहारी होती है। यह अनाज और कई तरह के फूलों के बीज खाती है और साथ ही फसलों के लिए हानिकारक कीड़ो को भी खाती है। यह भोजन की तलाश में मिलों का सफर तय करती हैं। चिड़िया की लंबाई 14-16 सेंटीमीटर होती है और चोंच पीले रंग की होती है। चिड़िया की आँखो पर काला रंग होता हैं और इनके पैर भूरे होते हैं। इसके गले और सिर पर भूरा रंग नहीं होता है। यह चीं- चीं की मधुर आवाज करने वाली पक्षी है और शाम को झुंड के साथ निकलती हैं। इसे सभी तरह की जलवायु पसंद होती है लेकिन यह पहाड़ी इलाकों में कम ही देखने को मिलती है।

समय के साथ साथ चिड़िया की यह नन्हीं प्रजाति विलुप्त होती जा रही है। पेड़ो की कटाई के कारण और घरों की दीवारों में जगह न होने के कारण वह घोंसला नहीं बना पाती और उन्हें रहने का उचित स्थान नहीं मिल पाता है। फसलों में से कीटों को खाते समय फसलों के हानिकारक कीटनाशकों की वजह से उनकी मृत्यु हो जाती है। बिजली की तारों पर बैठने के कारण भी उनकी मृत्यु हो जाती हैं। हम सबको इस प्रजाति को बचाने की जरूरत हैं। हमें छतों पर इनके लिए दाने और पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 20 मार्च को गौरेया दिवस मनाया जाता है। हमों पेड़ लगाकर इनके रहने की व्यवस्था करनी चाहिए।

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गौरैया पर निबंध

Essay on Sparrow in Hindi: पर्यावरण में विभिन्न प्रजाति की पशु-पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें गौरैया भी मुख्य रूप से पाई जाने वाली प्रजाति है। इसे चिड़िया भी कहा जाता है। गौरैया छोटे आकार की आकर्षक होती है, जिसका 30 से 40 ग्राम तक वजन होता है।

Essay on Sparrow in Hindi

यहां पर हमने गौरैया पर निबंध हिंदी में (Sparrow Essay in Hindi) शेयर किया है। यह हिंदी निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

इस निबंध में हमने गौरैया के बारे में पूरी जानकारी (Information of Sparrow in Hindi) शेयर की है। आप इसे अंत तक जरूर पढ़े।

वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध संग्रह तथा हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

गौरैया पर निबंध (Essay on Sparrow in Hindi)

चिड़िया पर निबंध 250 शब्द में.

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर पक्षियों की बहुत सारी प्रजातियाँ पाई जाती है, जिनमें गौरैया का विशेष महत्व है। गौरैया दिखने में सुंदर और छोटी होती है।

गौरैया को अक्सर हमने अपने घरों और पेड़ पौधों पर देखा होगा। लेकिन आज के समय में पेड़ों को हो रही अंधाधुंध कटाई और कीटनाशक पदार्थों के छिड़काव के कारण यह विलुप्त होने के कगार पर है।

यह एक ऐसी प्रजाति है, जिसे सभी जगह पर अलग अलग नाम से जाना जाता है, जिनमें चिड़िया, चिमनी, चिड़ी आदि प्रमुख है। गौरैया विश्व में लगभग हर जगह पर पाई जाती है।

इसका रंग हल्का भूरा और सफ़ेद होता है। मादा गौरैया और नर गौरैया में अंतर देखकर किया जा सकता है। मादा के आँखों के पास काला धब्बा पाया जाता है और नर में यह धब्बा नहीं होता है।

नर चटक रंग में भी पाया जाता है, जो दिखने में काफी सुंदर दिखता है। गौरैया को समूह में रहना बहुत पसंद होता है और इसकी औसतन आयु 5 से 7 वर्ष तक होती है। यह सर्वाहरी होती है और एक समय में 2 से 4 अंडे दे देती है। यह हमारे घरों में घोसला बनाकर भी अंडे देती है।

यह अपने भोजन की तलाश में कई मीलों का सफर तय करती है। यह अपने भोजन में फसलों के लिए हानिकारक कीड़ो, फूलों के बीज और अनाज आदि को लेती है।

गौरैया के आँखों का रंग काला और पैरों का रंग भूरा होता है। इसकी लम्बाई 15 से 17 सेंटीमीटर तक हो सकती है। इसकी एक चोंच होती है, जिसका रंग पीला होता है।

sparrow essay in hindi

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यह भी पढ़े: मैना पर निबंध

गौरैया पर निबंध 800 शब्द में (gauraiya in hindi)

विश्व में पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती है। इन सबमें गौरेया भी प्रजाति है। इसे अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जिनमें चिड़िया, चिड़ी, चिमनी आदि मुख्य है।

यह दिखने में छोटी और बहुत सुंदर होती है, जो अंटार्कटिका के अलावा विश्व के हर कोने में पाई जाती है। यह इंसानों के बीच भी रहना पसंद करती है। इसे हम अपने घरों की छतों और पेड़ पौधों पर दिखाई देती है।

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, आधुनिकीकरण, हानिकारक कीटनाशक छिड़काव, बढ़ते प्रदुषण आदि के कारण यह प्रजाति विलुप्त होती जा रही है। पक्षी हमारे वातावरण की सुन्दरता को बढ़ाने का काम करते हैं।

इनकी सुरक्षा करना हमारी मुख्य भूमिका है। इनके लिए हमें अपने घरों की छतों पर अनाज के दाने और पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।

गौरैया की शारीरिक संरचना और रंग-रूप

गौरैया छोटी और दिखने में बहुत ही सुंदर पक्षी होती है। गौरैया के दो पैर, दो छोटे-छोटे पंख, दो आंखें और एक छोटी-सी पीले रंग की चोंच होती है। यह दिखने में बहुत ही सुंदर होती है।

इसके पैरों का रंग भूरा होता है और यह सफ़ेद और हल्के भूरे रंग में पाई जाती है। इसके आँखों के चारों ओर काला रंग का घेरा होता है, जो इसकी सुन्दरता को और भी ज्यादा बढ़ा देता है।

नर गौरैया की पीठ का रंग लाल होता है और मादा गौरैया की पीठ पर भूरी धारियां होती है। इसकी लम्बाई 15-17 सेंटीमीटर तक होती है। इसके दो छोटे-छोटे पंख इसे उड़ने में मदद करते हैं।

यह अपने पंखों की मदद से 25 मील प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ सकती है। गौरैया जरूरत पड़ने पर पानी में तैर भी सकती है। मादा के आँखों के पास काले रंग का धब्बा पाया जाता है और नर के ये नहीं पाया जाता है।

इससे नर और मादा में अंतर किया जा सकता है और इसकी औसतन आयु 5 से 7 वर्ष तक होती है। इसका वजन 30 से 40 ग्राम तक होता है।

गौरैया का भोजन

गौरैया सर्वाहरी पक्षी है यह मांसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार के ही भोजन को लेती है। यह अनाज के दाने, हानिकारक कीड़े, फल, फलों के बीज आदि को अपने भोजन के रूप में लेती है।

यह अधिकतर इंसानों के साथ रहती है तो यह ज्यादातर शाकाहारी भोजन ही लेती है। यह पानी के पास रहना पसंद करती है और बर्फीले और पहाड़ी इलाकों में कम पाई जाती है।

इसके शरीर का आकार बहुत छोटा होता है। इसके कारण इसे अधिक भोजन की जरूरत नहीं होती है। फिर भी काफी कभी यह अपने भोजन की तलाश में मीलों तक का सफर तय कर देती है। कई बार कुता, बिल्ली, सांप आदि इसे अपना भोजन बना देते हैं।

गौरैया का प्रजाति

गौरैया एक ऐसी प्रजाति का पक्षी है, जो विश्व के हर कोने में पाई जाती है। यह अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर विश्व के हर कोने में पाई जाती है।

जैसा कि पहले बताया इसे बर्फीले और पहाड़ी जगहों पर रहना पसंद नहीं होता है। डेड सी स्पैरो, रसेट स्पैरो, स्पेनिश स्पैरो, सिंड स्पैरो, हाउस स्पैरो, ट्री स्पैरो आदि गौरैया की कुछ प्रजातियों के नाम है।

यह सभी प्रजातियां विश्व के अलग-अलग जगहों पर पाई जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार गौरैया की कुल 43 प्रजातियां खोजी जा चुकी है।

रहन-सहन और निवास

गौरैया को अक्सर हम अपने घरों की छतों और आस पास के पेड़-पौधों पर देखते हैं। यह वातावरण का एक मुख्य भाग है। यह इंसानों के घरों और पेड़-पौधों पर अपना घोसला बनाकर रहती है। यह अधिकतर इंसानों के बीच में भी रहती है।

भारत में यह अधिकतर ग्रामीण इलाकों में अधिक पाई जाती है और शहरों में कम देखने को मिलती है। गौरैया को झुण्ड में रहना अधिक पसंद होता है। यह सभी मौसम को आसानी से सहन कर लेती है।

प्रजनन काल के दौरान मादा गौरैया एक बार में 2 से 4 अंडे देती है, जो छोटे और सफेद रंग के होते है। यह अंडे 20 दिन होने बाद बाहर निकल आते है। गौरैया की चीं-चीं की आवाज सुनने में मधुर होती है।

विलुप्त के कगार पर

शहरीकरण, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, आधुनिकीकरण, हानिकारक कीटनाशक छिड़काव, बदलती जलवायु, बढ़ते प्रदुषण आदि के कारण आज के समय में यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। जंगल और कच्चे घर नहीं होने के कारण इसकी संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है।

खेतों में फसलों के बचाने के लिए उपयोग में आने वाले हानिकारक कीटनाशक से अधिकतर गौरैया की मृत्यु हो जाती है। बिजली के बैठने से भी कई सारी गौरैया अपनी जान गंवा बैठती है।

गौरैया के बचाव के उपाय

इसके बचाना हमारी प्रकति के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके लिए हमें अपने घरों में के छोटा सा बगीचा जरूर बनाना चाहिए और समय समय अपने घरों की छत पर अनाज के दाने और इनके पीने के लिए पानी की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए। घरों में उपयोग होने वाली कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग भी कम करना चाहिए।

गोरैया पक्षी दिखने में सुंदर, छोटी सी और आकर्षक होती है। इसका वातावरण के पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें इसकी सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए।

गोरैया के विलुप्त होने से बचाने और इसके प्रति जागरूकता के लिए विश्व में 20 मार्च को गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों के इसे बचाने के प्रति जागरूक किया जाता है।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर की गई यह चिड़िया के बारे में जानकारी हिंदी में (sparrow information in hindi) आपको पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबंध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Sparrow essay in hindi language स्कूल के विद्यार्थियों के लिए उनकी परीक्षा में लिखने के लिए यहां से जानकारी लेने के लिए लिखा गया है हमारे आज के इस निबंध में आप जानेंगे गौरैया चिड़िया के बारे में जो अक्सर घरों में पाई जाती हैं जो आज विलुप्त होने के कगार पर है.नन्ही सी चिड़िया के ऊपर लिखा गया यह निबंध हर किसी को अपने बचपन के दिनों की याद दिला देगा चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध को

Sparrow essay in hindi language

चिड़िया सफेद और हल्के भूरे रंग की होती है यह अक्सर अनाज, फूल,पत्ती खाना पसंद करती हैं यह बहुत ही फुर्तीली होती हैं है ये बड़ी मुश्किल से ही मनुष्य के हाथ आ पाती है चिड़िया लोगों के घरों की छत पर अपना घर बनाती है लेकिन बदलते जमाने के साथ आज कल हम पक्के मकानों में रहने लगे हैं जिस वजह से इस चिड़िया के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है और यह दिनों दिन लुप्त होती जा रही है.

चिड़िया पहाड़ी इलाकों में बहुत ही कम रहती है वह मनुष्य के चारों और मनुष्य के रहने वाली जगहों पर, घर की छतों पर अक्सर आती जाती रहती है घर के आंगन में भी चिड़ियों का झुंड देखकर बच्चे,बूढ़े, नौजवान सभी खुश होते हैं इसकी आवाज ची ची ची हर किसी का मन मोह ले लेती हैं यह चिड़िया आजकल बहुत ही कम देखने को मिलती हैं.पुराने जमाने में या आज से लगभग 10 से 15 साल पहले की बात करें तो अक्सर हम देखते थे कि हमारे आंगन में चिड़ियों का झुंड दाना चुकता था और हम जैसे ही उनके करीब जाते थे तो वह एकदम से ही उड़ जाती थी लेकिन आजकल तो बहुत ही कम देखने को मिलती हैं.

ये छोटी सी होती है मगर बहुत ही फुर्तीली होती है यह अपने भोजन के लिए कभी-कभी मीलों की दूरी तय करती है आजकल हमारे इस आधुनिक जमाने में मकान भी पक्के हो गए हैं जंगलों की कटाई भी दिना दिन हो रही है जिस वजह से पक्षियों को,जानवरों को रहने के लिए जगह ही नहीं मिल पा रही है और वह लुप्त होते जा रहे हैं इस गौरैया चिड़िया के साथ भी ऐसा ही होता है हमें इस जैसे पक्षियों को लुप्त होने से बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए उन्हें रहने के लिए कुछ उचित स्थान बनाने चाहिए इससे हमारे सुंदर पक्षी लुप्त ना हो.

इस चिड़िया के लुप्त होने के कई कारण हो सकते हैं ये चिड़िया कच्चे मकानों की छतों पर कूड़े करकट से अपना घर बनाती थी लेकिन आजकल शहरीकरण के कारण कच्चे मकान केवल गांव में ही बचे हैं जिस वजह से चिड़िया लुप्त हो रही है दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि हमारा पर्यावरण बहुत ही प्रदूषित हो गया है जिस वजह से चिड़िया की प्रजाति लुप्त हो रही हैं और इसी के साथ एक कारण यह भी हो सकता है कि जल भोजन की पर्याप्त व्यवस्था चिड़िया को ना मिल पाने के कारण भी इसकी प्रजाति लुप्त हो रही है.

जंगलों की कटाई होने की वजह से जंगलों में पेड़ पौधे भी कम बचे हैं चिड़िया के साथ में और भी पशु पक्षियों की प्रजातियां दिनोंदिन लुप्त होती जा रही हैं हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि चिड़िया की प्रजाति लुप्त ना हो.

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चिड़िया की प्रजाति लुप्त होने की एक वजह यह भी है कि हमारे वातावरण प्रदूषण के कारण वातावरण बहुत ही असंतुलित हो गया है जिस वजह से तापमान कभी-कभी अत्याधिक हो जाता है और इसी वजह से चिड़िया जैसे पक्षियों की संख्या दिन प्रतिदिन लुप्त होती जा रही है हम सभी को अपने वातावरण को प्रदूषित होने से बचाना होगा जिससे इस तरह के पक्षी हमेशा सुरक्षित रह सके.

चिड़िया की प्रजाति लुप्त होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि आजकल हम देखे हैं तो बरसात बहुत ही कम होती है जिस वजह से नदी,नाला,तालाब सभी सूखते जा रहे हैं अब नलों में भी पानी नहीं रह गया है जिस वजह से मनुष्य को भी पानी की समस्या से बहुत ज्यादा जूझना पड़ता है उसको भी पानी की समस्या को सॉल्व करने के लिए बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसी के साथ में पक्षियों को भी पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है. कभी-कभी प्यास की वजह से भी कई पक्षियों की मौत हो जाती है.

शहर के इलाकों में रहने वाले पक्षियों का भी ऐसा ही हाल होता है दूर-दूर तक पानी नहीं मिलने के कारण इस चिड़िया की प्रजाति लुप्त होती जा रही है और आने वाले समय में भी अगर हमने अपने पर्यावरण को प्रदूषित किया तो हमें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इस चिड़िया की प्रजाति भी दिन प्रतिदिन इन्हीं समस्याओं के कारण लुप्त होती जा रही है

ये चिड़िया बहुत ही आकर्षक होती है और इसकी आवाज बच्चों का मन मोह लेती है बच्चे चिड़ियों का झुंड देखकर बहुत ही खुश होते हैं इसी के साथ में चिड़ियों की प्रजाति की वजह से प्रकृति बहुत ही सुंदर लगती है अगर प्रकृति में इसी तरह से पक्षियों की प्रजाति लुप्त होती गई तो प्रकृति की सुंदरता गायब हो जाएगी जिस वजह से हमें चिड़िया की प्रजाति बचाना चाहिए.

चिड़िया हमको बहुत कुछ सीख भी देती है कि हमें हमेशा एक साथ एक झुंड में रहना चाहिए और प्रेम से रहना चाहिए ये चिड़िया जो भी करती है एक साथ ही करती हैं.

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  3. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध- Essay on Zoo in Hindi

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  4. Hindi Essay on "Chidiyaghar ki Sair", "चिड़ियाघर की सैर", for Class 5

    चिड़ियाघर की सैर Chidiyaghar ki Sair. 5 Hindi Essay on " Chidiyaghar Ki Sair" निबंध नंबर:- 01. सरदी के दिनों में पाठशाला में पिकनिक के कई कार्यक्रम बनते हैं। हमारी कक्षा के हिस्से चिड़ियाघर ...

  5. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on Visit to A Zoo in Hindi And English

    December 28, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. Essay on Visit to A Zoo in Hindi And English चिड़ियाघर की सैर पर निबंध: Zoo Essay For Students and children in various length, 100, 150, 200, 250, 300, 350, 400, 500 words essay giving blow. how I spent my last Sunday (visit to zoo essay) describe zoo trip ...

  6. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

    चिड़ियाघर की सैर पर निबंध (Essay On Zoo Visit In Hindi): भारतीय पौराणिक मतानुसार चौरासी लाख प्रकार के जीव जंतु इस पृथ्वी पर रहते हैं. ... chidiya ghar ki sair par nibandh.

  7. चिड़ियाघर पर निबंध लेखन

    चिड़ियाघर पर निबंध लेखन Essay On Zoo In Hindi Language. गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को चिड़ियाघर की सैर पर ले जाना एक अच्छा विचार है। इससे उनमें प्रकृति और पशु प्रेम ...

  8. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

    चिड़ियाघर की सैर पर निबंध | Essay for Kids on Zoo in Hindi! गत रविवार को आकाश में बादल छाये थे । मौसम बहुत सुहावना था । मैंने अपने मित्रों से चिड़ियाघर चलने ...

  9. Chidiyaghar ki sair nibandh

    Hello friends! In this video, we will learn how to write "Chidiyaghar ki sair nibandh" or A visit to a zoo essay in Hindi. This essay writing video is writte...

  10. चिड़ियाघर की सैर

    ज्ञानवर्धक सैर. चिड़ियाघर से बहार आने से पहले हमने वहाँ ड्यूटी पर तैनात एक चौकीदार से भी बात की .चिड़ियाघर साफ़ -सुथरा था और एक आस -पास का ...

  11. चिड़ियाघर की सैर पर अनुच्छेद

    चिड़ियाघर की सैर पर अनुच्छेद | Paragraph on Visiting a Zoo in Hindi! गर्मी की छुट्‌टियाँ चल रही थीं । मैंने तथा मेरे कुछ मित्रों ने चिड़ियाघर की सैर का ...

  12. Hindi Essay on "Chidiya Ghar ki Sair", "चिड़िया घर सैर", for Class 5, 6

    चिड़िया घर सैर . Chidiya Ghar ki Sair . चिडिया घर जो कि बच्चों का एक पसंद का स्थान है। यह ऐसा स्थान है। जहाँ जाना प्रत्येक बच्चे को अच्छा लगता है क्योंकि यहाँ विभिन्न ...

  13. 10 Lines on Zoo in Hindi। चिड़ियाघर पर 10 लाइन निबंध

    Zoo Essay in Hindi अक्सर विद्यालयों में निबंध के रूप में आता है। आज आर्टिकल में आप "चिड़ियाघर पर 10 लाइन निबंध" या "10 Lines on Zoo in Hindi" में पढ़ेंगे।

  14. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay About Zoo Park Visit in Hindi

    इस लेख में आप चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay about zoo park visit in hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। चिड़ियाघर एक ऐसी जगह है जहां सब पशु पक्षियों को ... # Chidiya Ghar Ki Sair ...

  15. चिड़ियाघर की सैर पर निबंध-Essay for Kids on Zoo in Hindi

    समय के महत्व पर निबंध-Value Of Time Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-Environmental Pollution Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

  16. Hindi Essay on "Chidiya Ghar ki Sair", "चिड़ियाघर की सैर", Hindi Essay

    चिड़ियाघर की सैर . Chidiya Ghar ki Sair. सरदी की खिली धूप और छुट्टी का दिन, हमारी चिड़ियाघर की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त था। अपनी पानी की बोतल टाँगे मैं अपनी मम्मी और ...

  17. A visit to a zoo essay in hindi || चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

    A visit to a zoo essay in hindi If you like my video don't forget to like, share and subscribe Thank you😊

  18. चिड़िया पर निबंध- Essay on Sparrow in Hindi

    In this article, we are providing information about Sparrow in Hindi- Short Essay on Sparrow in Hindi Language. चिड़िया / गौरैया पर निबंध, Chidiya par Nibandh for class 1,2,3,4,5,7,8,9,10 Students.

  19. गौरैया (चिड़िया) पर निबंध

    10/09/2023 Rahul Singh Tanwar. Essay on Sparrow in Hindi: पर्यावरण में विभिन्न प्रजाति की पशु-पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें गौरैया भी मुख्य रूप से पाई जाने वाली प्रजाति है ...

  20. चिड़िया घर (धारावाहिक)

    चिड़िया घर. सीजन की सं. चिड़िया घर भारतीय हिन्दी स्थितिजन्य-हास्य धारावाहिक है। [1] इसका प्रसारण सब टीवी पर 28 नवम्बर 2011 से शुरू हुआ। [2]

  21. Chidiya Ghar

    Chidiya Ghar (Hindi pronunciation: [t͡ʃɪ.ɽɪ.jɑː ɡʱəɾ]; transl. Zoo) is a sitcom which aired on Sony SAB from 28 November 2011 to 2 October 2017. The series was produced by Ashwni Dhir under the banner of Garima Productions. The show gets its name "Chidiya Ghar" because Chidiya Ghar means "zoo" in Hindi as all the characters in this show have animal names of the hindi language.

  22. चिड़िया पर निबंध Sparrow essay in hindi language

    चिड़ियाघर की सैर पर निबंध Essay on visit to a zoo in hindi. गौरैया पर कविता Poem on sparrow in hindi. दोस्तों हमें कमेंटस के जरिए बताएं की आपको हमारा यह आर्टिकल Essay on chidiya in ...

  23. Watch Chidiya Ghar Online

    Hindi 2011 U/A 7+ 1 Seasons 1515 Episodes Comedy. Chidiya Ghar is a house named after Mrs. Chidiya Kesari Narayan, late wife of retired principal, Shri Kesari Narayan. The story is about Kesari and his family. Their names resemble animals and each individual bears some animal's characteristic.